मैं खुद चुदी और बेटी को भी चुदवाई रमेश बाबू से

Ma Beti Sex Story, Ek mard ne ma aur beti ko choda – क्यों चुदवाई अपनी बेटी को और खुद भी चुदी पति के दोस्त से उनका नाम है रमेश बाबू। आज मैं आपको अपनी सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ। ये कहानी की शुरआत आज से मात्र एक महीने पहले से हुई है। मैं तो पहले चुदती ही थी पर अपनी बेटी को भी सौंप दी उसको उसका लैंड नौ इंच का है और चुदाई बेदर्दी से करता है।

और मेरी बेटी जब पहली बार चुदी थी रमेश बाबू से तो मैं खुद गरम पानी कर के अपनी बेटी की चुत की शिकाई की ताकि दर्द काम हो। आप खुद सोचिये उन्होंने मेरी बेटी को कैसे बेदर्दी से चोदा। ये सब कैसे हुआ और मैं अपनी बेटी का सौदा क्यों की। ये सब आपको मैं इस वेबसाइट मेरी सेक्स कहानी डॉट कॉम पर सूना रही हूँ।

मेरी उम्र 36 साल है और मेरी एक बेटी है वो भी जवान है। मैं माँ बेटी एक जैसी लगती हूँ। हॉट और सेक्सी, मैं अपने बॉडी पर विशेष ध्यान देती हूँ ताकि मैं हॉट और सेक्सी दिखू। पर चुदाई करने वाला पति नहीं मिला। साला जब भी वो अपना लंड निकालता है उसका वीर्य मेरी नाभि में ही गिर जाता है। मादरचोद वो मुझे चोद नहीं पाता है।

आप खुद सोचिये मैं प्यासी की प्यासी ही रह जाती हूँ। वो सिर्फ चाहता है की वो अपना ऊँगली मेरी चुत में करे और वो मेरी चूचियों को पिए पर इससे क्या होगा मेरा? वो तो सिर्फ मेरी तन बदन में आग लगा देता है। और फिर छोड़ देता है वो खुद ही वीर्य निकाल देता है पर मुझे तड़पता हुआ छोड़ देता है।

मेरे पति के दोस्त हैं रमेश बाबू बहुत ही भले इंसान है। उनका मेरे घर आना जाना है।

रमेश बाबू मेरे पति के कंपनी में मैनेजर के पद पर हैं.  मेरे पति से काफी ज्यादा लगाव है जब भी कोई बात समझाने की होती है कहना की होती है तो मेरे पति को बहुत अच्छे तरीके से समझाते भी हैं हम लोगों को भी जब भी कोई दिक्कत आए वह मेरे घर आए और हम लोग को समझा कर गए जब हम पति पत्नी में भी झगड़ा हुआ तो वह घर पर आकर समझा कर दे.  किसी चीज की कमी उन्होंने नहीं होनी थी .

 जब भी हम लोग मुसीबत में रहे उन्होंने हम लोगों की मदद  हमेशा करते रहते थे.  पर मेरा पति सही इंसान नहीं निकला वह जुआरी हो गया वो शराबी हो गया। और धीरे-धीरे करके मेरे घर का वातावरण खराब करते हैं रोज रात को  लेकर आता है सो जाता है क्या कमी है घर में क्या नहीं है कुछ नहीं सोचता है। 

 फिर मैंने रमेश बाबू को बुलाया कि आप ही समझाइए घर में एक जवान देती है कैसे चलेगा इंसान घर को देखता ही नहीं।  पर मेरा पति यह सब बात सुनकर घर से बाहर चला गया।  और आज 4 महीने हो गए नहीं आया अब आप बताइए दोस्तों मैं क्या करती। 

एक ही कमाने वाला था भले रोटी ही चलता था मेरे घर में वो भी सहारा उठ गया। उसके बाद मैं परेशान हो गयी। धन्य है रमेश बाबू का उन्होंने ही मेरे घर को संभाला और मेरे खर्चे उठा रहे हैं। रमेश बाबू की पत्नी नहीं है। शादी के दस दिन बाद ही किसी लड़के के साथ भाग गयी. रमेश बाबू उम्र में मेरे से छोटे है। 

अब मैं ही उनका खाना बनाने लगी रात का। उनका घर बगल में ही था। हमलोग फ्लैट में रहते हैं तो किसी को कोई मतलब भी नहीं है किसी को की कौन आ रहा है जा रहा है। धीरे धीरे रमेश बाबू ऑफिस से यही आ जाते थे और फिर सब्जी दूध वगैरह रोजाना ले आते। यही चाय पीते फिर खाना खाकर जाते।

वो अब ऐसे आने लगे और रहने लगे जैसे कोई खाश हो। और थे भी। पर रात को वो घर चले जाते थे। एक दिन की बात है। मैंने उनको कहा की मुझे अच्छा नहीं लगता है। आप हम दोनों माँ बेटी के लिए इतना करते हैं। आप मेरी नौकरी दीजिये ताकि घर का खर्च उठा सकूँ। पर उनको मेरी ये बात अच्छी नहीं लगी उन्होंने कहा क्या आप मुझे पराया समझते है। तो मैं बोली पराया सा लगता है रमेश बाबू आप रोजाना आते हैं कहते पीते है और वापस चले जाते हैं।

अपना कोई वापस नहीं जाता। पता नहीं ये मैं कैसे बोल दी। क्यों की मेरा भी लगाव धीरे धीरे उनके ऊपर होने लगा था। तो उन्होंने भी कह दिया ठीक है आज से यही रह जाते हैं। और फिर उस रात को यही रह गए। मैं अंदर कमरे में मेरी बेटी दूसरे कमरे में और वो हॉल रूम में सोने चले गए।

मुझे नींद नहीं आई रात के करीब १ बजे गए थे। मैं बाहर भी झांक कर देखि तो वो भी सोये नहीं करवट बदलते रहे। तभी पता नहीं मुझे क्या हुआ। मैं उनके पास गयी और उनका हाथ पकड़ कर अंदर अपने कमरे में ले आई। वो भी आराम से आ गए। मैं अपने कमरे का दरवाजा बंद कर दी। और उनको चूमने लगी। वो भी धीरे धीरे चूमने लगे और फिर मेरी चूचियों को यानी बूब्स को दबाना शुरू कर दिया। फिर वो मेरी चूतड़ को दबाने लगे।

मैं धीरे धीरे उनकी बाहो में आ गयी। और एक दूसरे को किश करते हुए लिप को लॉक कर लिए। फिर क्या था दोस्तों उन्होंने मेरी ब्लाउज खोल दी। मैं पेटीकोट और ब्रा निकाल दी। और वो मेरी चूचियों को दबाते हुए बेड पे लिटा दिए।

हाय उनका लंड पकड़ते ही मेरे शरीर में करंट दौड़ गया और मैं अपने आप को रोक नहीं पाई। उनका लंड मुँह में लेने से। मैं आह आह आह करते हुए बार बार उनके लंड लंड को चूस रही थी. तभी उन्होंने मेरी चूत को सहलाते हुए पैरों को अलग अलग किया और फिर अपना जीभ मेरी चुत में डालने लगे। मैं पागल हो गयी। मेरी चुत गीली हो गयी।

मैं अपने आप को रोक नहीं पाई और उन होठ को काट ली। फिर उन्होंने अपना लण्ड मेरी चुत पर लगाया और जोर से घुसा दिया। आआह्ह्ह्ह गजब। कब से इंतज़ार था इस लंड का पति सुख दिया नहीं। आज पहली बार लगा की किसी मर्द का लंड गया मेरे जिस्म के अंदर।

मैं गांड उठा उठा पर चुदवाने लगी। वो मेरी चूतड़ के निचे हाथ करके अपना ऊँगली मेरी गांड में डाल दिया। अब तो मैं और भी पागल हो गयी. वो जोर जोर से झटके देते और मैं गांड घुमा घुमा कर लंड अंदर लेती। ओह्ह्ह्ह फिर कभी वो निचे कभी मैं ऊपर। पूरी रात मेरी चुदाई। आज मेरी जोड़ी सही रही।

सुबह यही नहाये धोए मैं उनके लिए लंच बना कर दी वो लंच बॉक्स लेकर ऑफिस गए। फिर वो रोजाना आने जाने लगे यही रहने लगे। उन्होंने खूब मेरी चुदाई की पंद्रह दिन तक। फिर एक दिन की बात है मेरी बेटी इंजीनियरिंग की परीक्षा पास कर ली। पर मेरे पास उसको दाखिला दिलवाने का पैसा नहीं था।

उन्होंने तुरंत ही अपने अकाउंट से पैसे निकलवाए और फिर एडमिशन करवा दिया। धीरे धीरे हमलोगों में घनिष्ठता बढ़ती गयी। एक दिन उन्होंने कहा। की आपका पति आया नहीं और मुझे ठीक नहीं लगता है आपलोग इतने छोटे फ्लैट में रहो। तो आपके लिए ३ बैडरूम का फ्लैट देखा हूँ। आपलोग चाहो वो वही रहो।

मैं बोली आप मुझे खरीद कर दे रहे हैं। उन्होंने कहा हां मुझे तो कुछ करना ही पडेगा जब आपलोग इतना कर रहे हो। मैंने उनको कहा अगर आप मेरे लिए इतना कर सकते हो तो मैं आपके लिए कुछ भी कर सकती हूँ। आप जो बोलोगे करुँगी। तो उन्होंने तुरंत कह दिया। मैं प्रियंका के साथ सेक्स करना चाहता हूँ। यानी मेरी बेटी के साथ।

मैंने भी हां कर दिया। मुझे पता है वो जवान हो गयी है अगर ये नहीं चोड़ेंगे तो कोई और चोदेगा। तो उनसे मैं तीन दिन का टाइम ले ली। और इस बिच मैं प्रियंका को सब बातें बता दी और मना लिया।

फिर क्या था दोस्तों एक रात मैं अपनी बेटी के साथ सुला दिया। रात भर आह आह आह ओह्ह्ह हूह दर्द हो रहा है यही सुनी सुबह मेरी बेटी चल नहीं पा रही थी। मोटा लंड जब छोटी चुत में जाये तो यही होगा। प्रियंका की पहली चुदाई थी।

फिर क्या था अब एक ही मर्द से माँ बेटी की चुदाई रोजाना होने लगी। अब खुश है नए फ्लैट में भी है रानी की ज़िंदगी जी रहे है। मेरा पति अभी तक नहीं आया पता नहीं मर गया होगा शायद। पर मैं खुश हूँ। किसी को भी नहीं पता अब हमलोग कहा है किसी कोनहीं बताई नया एड्रेस।

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