देवर ने मुझे वो सुख दिया जो पति नहीं दे पाया: एक हॉट हिंदी सेक्स कहानी : पढ़िए एक जलती हुई हिंदी सेक्स कहानी, जिसमें रानी अपने पति से अधूरी रह गई वासना को अपने जवान देवर रवि के साथ पूरा करती है। चूचियां, गांड, चूत, लंड जैसे बोल्ड शब्दों से सजी ये देसी चुदाई की कहानी तुम्हें रात भर की सैर कराएगी। वासना का तड़का लें!
मेरा नाम रानी है, 28 साल की गोरी, गदराई, और हर मर्द की नजरों को ललचाने वाली औरत। मेरी शादी को तीन साल हो चुके थे, मगर मेरे पति, 35 साल के राजेश, मेरी जवानी की आग को बुझाने में नाकाम रहे। राजेश एक बिजनेसमैन थे, जो दिन-रात काम में डूबे रहते। उनकी कमजोर मर्दानगी और जल्दबाजी मेरी चूत की प्यास को और बढ़ा देती थी। मेरी मोटी चूचियां, मटकती गांड, और गहरी नाभि हर रात प्यार की भूखी रहती थीं। मैं अपने टाइट ब्लाउज और साड़ी में सजती, मगर राजेश की नजरें मेरे जिस्म पर कम ही पड़ती थीं।
हमारी हवेली में राजेश का छोटा भाई, रवि, भी रहता था। रवि 24 साल का था, जवान, तगड़ा, और ऐसा मर्द जिसकी एक नजर मेरी चूत में आग लगा देती थी। उसकी चौड़ी छाती, मांसल बाहें, और शरारती मुस्कान मेरे दिल में हलचल मचाती थी। रवि अक्सर मुझे चिढ़ाता, मेरी चूचियों और गांड पर मजाक करता, और उसकी नजरें मेरे जिस्म को चाटती थीं। मैं जानती थी कि ये गलत है, मगर मेरी चूत की भूख मुझे बेकाबू कर रही थी।
एक रात, जब राजेश शहर से बाहर गए थे, हवेली में सिर्फ मैं और रवि थे। बिजली गुल थी, और गर्मी से मेरा जिस्म पसीने से तर-बतर था। मैंने एक पतली, पारदर्शी साड़ी पहनी थी, जो मेरी चूचियों और चूतड़ों को बमुश्किल छुपा रही थी। रवि छत पर चारपाई डालकर लेटा हुआ था, उसका कुरता खुला था, और उसकी चौड़ी छाती चांदनी में चमक रही थी। मैं छत पर गई, मेरी चूड़ियां खनक रही थीं, और मेरी चूत में वासना की आग सुलग रही थी।
“भाभी, इतनी रात को छत पर? नींद नहीं आ रही?” रवि ने शरारती लहजे में कहा, उसकी नजरें मेरी चूचियों पर टिकी थीं। मैंने अपने होंठ चाटे, और बोली, “नींद तो आएगी, देवर जी, मगर ये गर्मी पहले तो ठंडी करो।” मैंने अपनी साड़ी का पल्लू हल्का सा सरकाया, और मेरी गोरी चूचियां ब्लाउज में उभर आईं। रवि का लंड उसके पायजामे में तन गया। “भाभी, तुम ये आग लगाकर मुझे जलाने का इरादा रखती हो?” उसने गुर्राया, और मेरे पास सरक आया।
मेरी सांसें तेज हो गईं। “अगर जल रहे हो, तो बुझा क्यों नहीं देते?” मैंने शरारती मुस्कान के साथ कहा, और उसकी जांघ पर अपनी उंगलियां फिराईं। रवि का लंड अब पायजामे में फटने को तैयार था। “भाभी, तुम ये खेल खेलोगी, तो मैं तुम्हें नहीं छोड़ूंगा,” उसने गुर्राया, और मेरा हाथ पकड़कर मुझे अपनी ओर खींच लिया। मेरी मोटी चूचियां उसकी छाती से टकराईं, और मेरी चूत में रस बहने लगा। “रवि, ये गलत है… मैं तेरी भाभी हूं,” मैंने सिसकते हुए कहा, मगर मेरी नजरें उसके लंड पर थीं।
“भाभी, भाई तुम्हारी चूत की प्यास नहीं बुझा पाए, अब मैं बुझाऊंगा,” उसने कहा, और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसका चूमन इतना गहरा था कि मेरी चूत में आग लग गई। उसने मेरी जीभ को चूसा, और मेरे होंठों को काट लिया। “उफ्फ, रवि, तू तो मेरी चूत में तूफान ला देगा,” मैंने सिसकिया, और उसकी कमर को जकड़ लिया।
रवि ने मेरी साड़ी को एक झटके में खींचकर फेंक दिया। मेरी गोरी चूचियां टाइट ब्लाउज में कैद थीं, और मेरी नंगी कमर चांदनी में चमक रही थी। “भाभी, तेरी चूचियां तो रस की कटोरी हैं,” उसने गुर्राया, और मेरे ब्लाउज के बटन खोल दिए। मेरी मोटी, नरम चूचियां आजाद हो गईं, उनके गुलाबी निप्पल्स तनकर खड़े थे। रवि ने मेरी चूचियों को अपने बड़े हाथों में भरा, और उन्हें जोर-जोर से मसला। “हाय, रवि, मेरी चूचियां दुख रही हैं,” मैंने सिसकिया, मगर मेरी चूत अब रस टपका रही थी।
उसने मेरे निप्पल्स को अपनी जीभ से चाटा, और उन्हें चूसने लगा। मेरी सिसकियां अब चीखों में बदल गईं। “उफ्फ, रवि, मेरी चूचियां चूस, और जोर से!” मैंने चिल्लाया, और मेरी उंगलियां उसके बालों में उलझ गईं। रवि ने मेरा पेटीकोट उतार दिया, और मेरी काली पैंटी को खींचकर फेंक दिया। मेरी सांवली, गीली चूत चांदनी में चमक रही थी। “भाभी, तेरी चूत तो रसभरी है,” उसने कहा, और अपनी उंगलियां मेरी चूत में डाल दीं।
मेरी चूत इतनी गर्म थी कि मैं चीख पड़ी। “हाय, रवि, मेरी चूत में आग लग रही है!” मैंने चिल्लाया, और मेरी मोटी गांड पीछे की ओर उछलने लगी। रवि ने मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटा, उसकी जीभ मेरे चूत के दाने को सहला रही थी। मेरी चीखें हवेली में गूंज रही थीं। “रवि, मेरी चूत चाट! मुझे चोद दो!” मैं चिल्ला रही थी, और मेरी चूत रस से लबालब हो गई थी।
रवि ने अपना कुरता और पायजामा उतार दिया। उसका मोटा, 9 इंच का लंड चांदनी में चमक उठा, उसकी नसें फूल रही थीं। मैंने उसके लंड को देखा, और मेरी आंखें चमक उठीं। “उफ्फ, रवि, तेरा लंड तो मेरी चूत का काल है,” मैंने कहा, और उसके लंड को अपने नाजुक हाथों में लिया। मैंने उसके लंड को जोर-जोर से हिलाया, और फिर अपने होंठों से उसे चूसने लगी। मेरी जीभ उसके लंड के टिप पर घूम रही थी, और रवि की सांसें रुक रही थीं। “भाभी, तू तो रंडी से भी गजब चूसती है,” उसने गुर्राया, और मेरे बालों को जकड़कर मेरे मुंह में अपना लंड और गहरा ठूंस दिया।
मैंने उसके लंड को चूसकर गीला कर दिया, और फिर चारपाई पर लेट गई। मेरी चूत रस टपका रही थी, और मेरी गांड रवि के सामने थी। “रवि, मेरी चूत में अपना लंड डाल, और मुझे चोद!” मैंने चिल्लाया, और अपनी गांड को और ऊपर उठा दिया। रवि ने मेरी चूतड़ों पर थप्पड़ मारे, और अपनी उंगलियां मेरी चूत में डालकर उसे और गीला किया। “भाभी, तेरी चूत मेरे लंड की प्यासी है,” उसने कहा, और अपना मोटा लंड मेरी चूत में एक झटके में डाल दिया।
मेरी चीख रात को चीर गई। “हाय मर गई! तेरा लंड मेरी चूत फाड़ देगा!” मैंने चिल्लाया, मगर मेरी चूत अब उसके लंड को लय में ले रही थी। रवि ने मेरी चूचियों को पकड़ा, और मेरी चूत को जोर-जोर से चोदने लगा। हर धक्के के साथ मेरी चूत रस छोड़ रही थी, और मेरी चीखें छत पर गूंज रही थीं। “चोद मुझे, रवि! मेरी चूत फाड़ दो! मेरी गांड मारो!” मैं चिल्ला रही थी, और उसका लंड मेरी चूत में तूफान मचा रहा था।
रवि ने मुझे चारपाई से उठाया, और छत की रेलिंग के सहारे खड़ा किया। उसने मेरी एक टांग उठाई, और मेरी चूत में फिर से अपना लंड डाला। मेरी चूचियां उछल रही थीं, और मेरी चूत उसके लंड को जकड़ रही थी। “रवि, तेरा लंड मेरी चूत को तबाह कर देगा!” मैंने चीखा, और उसके होंठों को चूसने लगी। रवि ने मेरी चूत में गहरे धक्के मारे, और मेरी चूतड़ों को जोर-जोर से दबाया। “भाभी, तेरी चूत तो स्वर्ग है,” उसने गुर्राया, और मेरी चूत में और गहरा धक्का मारा।
अब उसकी नजर मेरी मोटी गांड पर थी। उसने मुझे चारपाई पर उल्टा लिटाया, और मेरी गांड को अपने सामने देखकर पागल हो गया। “भाभी, तेरी गांड तो जन्नत का दरवाजा है,” उसने कहा, और मेरी गांड पर थप्पड़ मारे। उसने मेरी चूत का रस अपनी उंगलियों से लिया, और मेरी टाइट गांड के छेद को गीला किया। “रवि, मेरी गांड में मत डाल, मैं मर जाऊंगी!” मैंने सिसकते हुए कहा, मगर मेरी गांड अब उसके लंड की प्यासी थी।
रवि ने अपने लंड को मेरी चूत के रस से गीला किया, और धीरे से मेरी टाइट गांड में डाला। मेरी चीख रात को चीर गई। “हाय राम! तेरा लंड मेरी गांड फाड़ देगा!” मैंने चिल्लाया, मगर मेरी गांड अब उसके लंड को लय में ले रही थी। रवि ने मेरी चूचियों को पीछे से पकड़ा, और मेरी गांड को जोर-जोर से चोदा। हर धक्के के साथ मेरी चूत रस टपका रही थी, और मेरी गांड उसके लंड को निगल रही थी। “चोद मुझे, रवि! मेरी गांड और चूत दोनों तबाह कर दो!” मैं चिल्ला रही थी, और उसका लंड मेरी गांड में आंधी मचा रहा था।
रात के 3 बज चुके थे, और चांदनी अब भी हमारी चुदाई का गवाह थी। रवि ने मुझे अपनी गोद में उठाया, और चारपाई के किनारे चोदने लगा। मेरी चूचियां उछल रही थीं, और मेरी चूत उसके लंड को जकड़ रही थी। “रवि, तू मेरा मालिक है,” मैंने सिसकते हुए कहा, और उसके होंठों को चूसने लगी। उसका लंड अब फटने को था। उसने मेरी चूत में आखिरी धक्का मारा, और अपना गर्म माल मेरी चूत में उड़ेल दिया। मेरी चूत रस और माल से लबालब हो गई, और मेरी सिसकियां चरम सुख में बदल गईं।
हम दोनों पसीने से तर-बतर चारपाई पर गिर पड़े, हमारी सांसें एक-दूसरे में उलझी हुई थीं। मैंने रवि के लंड को फिर से सहलाया, और बोली, “रवि, तूने मुझे वो सुख दिया जो राजेश कभी नहीं दे पाया।” रवि ने मेरी चूचियों को चूमा, और कहा, “भाभी, अब तू मेरी रानी है। जब तक मैं हूं, तेरी चूत और गांड की प्यास बुझाऊंगा।”
एक नया ट्विस्ट
कुछ दिन बाद, राजेश को हमारे रिश्ते का शक हो गया। एक रात, जब मैं और रवि छत पर चुदाई कर रहे थे, राजेश ने हमें देख लिया। मैं डर गई, मगर राजेश ने कुछ ऐसा किया जो मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। वो हमारे पास आया, और बोला, “रानी, अगर रवि तुम्हें सुख दे सकता है, तो मैं भी कोशिश करूंगा।” उसने अपना लंड निकाला, और मेरी चूत में डाल दिया। रवि ने मेरी गांड में अपना लंड डाला, और दोनों भाइयों ने मुझे एक साथ चोदा। मेरी चीखें और सिसकियां रात में गूंज रही थीं। “चोदो मुझे, दोनों! मेरी चूत और गांड दोनों ले लो!” मैं चिल्ला रही थी। उस रात, मैंने वो सुख पाया जो मैंने कभी नहीं सोचा था।
अब मैं दिन में राजेश की बीवी थी, और रात में रवि की रानी। मेरी चूत और गांड दोनों की प्यास हर रात बुझती थी, और मैं अपनी जवानी का पूरा मजा ले रही थी।