मेरा नाम नेहा है, मैं 30 साल की हूँ, और दिल्ली में अपने पति के साथ रहती हूँ। मेरा पति, 35 साल का, प्यार करने वाला और केयरिंग है, लेकिन उसका छोटा लंड मेरी कामुक भूख को कभी संतुष्ट नहीं कर पाया। हर रात उसका लंड मेरी चूत में कुछ पल भी नहीं टिकता था, और मैं सुख के लिए तरसती रहती थी। आखिरकार, तंग आकर मैंने एक निषिद्ध कदम उठाया—मैंने अपने पति के दोस्त, राहुल, के साथ चुदाई की। उस रात की चुदाई ने मेरी जिंदगी बदल दी, और मैं राहुल के लंड की गुलाम बन गई। उसकी ताकत और मेरी चूत की प्यास ने मुझे एक नई दुनिया दिखाई।
उस रात मेरे पति ऑफिस के काम से बाहर थे। मैं अकेली थी, और मेरी चूत सुख के लिए तड़प रही थी। राहुल, जो मेरे पति का सबसे करीबी दोस्त है, उस रात हमारे घर आया। उसने एक टाइट टी-शर्ट और जीन्स पहनी थी, जिसमें उसका मस्कुलर शरीर साफ दिख रहा था। “नेहा, अकेली हो? कुछ चाहिए तो बता देना,” उसने हंसते हुए कहा और सोफे पर बैठ गया। मैंने एक पतला नाइटी पहना था, जिसमें मेरी चूचियाँ और गांड साफ झलक रही थी। मैं उसके बगल में बैठी, और मेरा दिल तेजी से धड़कने लगा। मेरी चूत पहले से ही गीली हो रही थी।
“राहुल, तुम्हें मेरे पति का लंड कैसा लगता है?” मैंने हिम्मत करके पूछा, और वो हंस पड़ा। “नेहा, ये क्या सवाल है? लेकिन तू बता, तुझे क्या परेशानी है?” उसने मेरी आँखों में देखते हुए कहा। मैंने शर्म छोड़ दी और कहा, “उसका लंड छोटा है, और मैं सुख के लिए तरस रही हूँ।” राहुल की आँखों में चमक आ गई। “तो फिर मैं तेरी मदद करूँ?” उसने मेरी जांघ पर हल्के से हाथ रखा। उसका स्पर्श मेरे शरीर में आग लगा गया। मैंने हाँ में सिर हिलाया, और उसने मेरे होंठों पर चुंबन ले लिया।
राहुल के होंठ गर्म और मजबूत थे। उसकी जीभ मेरी जीभ से खेल रही थी, और मैं उसके चुंबन में खो गई। उसके हाथ मेरी नाइटी में घुसे, और उसने मेरी चूचियाँ जोर से दबाईं। मैं सिसकारी, “आह, राहुल, और कर!” उसने मेरी नाइटी उतार दी, और मेरी गोरी चूचियाँ उसके सामने थीं। उसने मेरे निप्पल्स को चूसा, और मैं सुख से सिसकने लगी। “नेहा, तेरी चूचियाँ कमाल की हैं,” उसने कहा और मेरे निप्पल्स को हल्के से काटा। मैंने उसकी जीन्स खोली, और उसका लंड बाहर आया—लंबा, मोटा, और तना हुआ।
मैंने राहुल का लंड अपने हाथ में लिया और उसे सहलाने लगी। “राहुल, ये तो बहुत बड़ा है,” मैंने सिसकते हुए कहा। उसने मेरे सिर को नीचे दबाया, और मैंने उसका लंड मुँह में लिया। उसका लंड मेरे गले तक जा रहा था, और मैं उसे चूसने में मस्त हो गई। “नेहा, तू तो कमाल चूसती है,” उसने मेरे बाल पकड़कर कहा। मैंने उसका लंड गहराई तक चूसा, और मेरी चूत और गीली हो गई। उसने मुझे सोफे पर लिटाया और मेरी पैंटी उतार दी। मेरी चूत उसके सामने थी, गीली और तैयार।
राहुल ने मेरी चूत पर अपनी जीभ फिराई, और मैं सुख से चिल्ला उठी। “आह, राहुल, चाट, और चाट!” उसका जीभ मेरी चूत की गहराई में जा रही थी, और मैं सुख से तड़प रही थी। उसने मेरी चूत में दो उंगलियाँ डालीं और तेजी से अंदर-बाहर करने लगा। मैं सिसकारी, “राहुल, मुझे तेरा लंड चाहिए!” उसने अपना लंड मेरी चूत पर रखा और धीरे से अंदर डाला। उसका लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर गया, और मैं सुख से चीख पड़ी। “आह, कितना बड़ा है!”
राहुल ने मुझे जोर-जोर से चोदा, उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। मेरी चूचियाँ हर धक्के के साथ उछल रही थीं। “नेहा, तेरी चूत कितनी टाइट है!” उसने सिसकते हुए कहा। मैं चिल्लाई, “राहुल, और जोर से चोद, मेरी चूत फाड़ दे!” उसने मेरी टाँगें उठाईं और गहरा चोदा। मेरी सिसकियाँ और उसकी सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थीं। उसने मुझे उल्टा किया, और मेरी गांड उसके सामने थी। “नेहा, तेरी गांड भी चोदूँ?” उसने पूछा, और मैंने हाँ में सिर हिलाया।
राहुल ने कुछ तेल लिया और अपना लंड मेरी गांड में डाला। मेरी गांड टाइट थी, और मैं सिसकारी, “आह, धीरे, मगर अच्छा लग रहा है!” उसने धीरे-धीरे मेरी गांड चोदी, फिर जोर-जोर से धक्के मारने लगा। मैं सुख से चिल्ला रही थी, “राहुल, तू मुझे पागल कर देगा!” उसने मेरी गांड में गहरे धक्के मारे, और मैं सुख से काँप रही थी। मेरी गांड उसके लंड को जकड़ रही थी, और मैंने उसके चूतड़ों को दबाते हुए और तेज चोदने को कहा। उसकी चीखें मुझे और उत्तेजित कर रही थीं।
राहुल ने मुझे फिर से सीधा किया और मेरी चूत में लंड डाला। इस बार उसने मेरे होंठों को चूमा, उसकी जीभ मेरी जीभ से लिपट रही थी। “नेहा, तू मेरी रानी है, तेरा सुख मेरा सुख है,” उसने कहा। मैंने चिल्लाया, “राहुल, तेरा लंड मेरा सब कुछ है!” उसने और जोर से चोदा, मेरी चूत उसके लंड को चूस रही थी। मैं चिल्लाई, “मैं झड़ने वाली हूँ!” मेरी चूत ने रस छोड़ा, और राहुल ने भी मेरी चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया। हम दोनों सुख के समंदर में डूब गए, हमारी साँसें तेज थीं, और हमारे शरीर एक-दूसरे से चिपके थे।
हम हाँफते हुए सोफे पर लेट गए। “राहुल, ये सुख मैंने कभी नहीं पाया,” मैंने सिसकते हुए कहा। उसने मुझे बाहों में लिया और कहा, “नेहा, ये हमारा राज है।” मैंने मुस्कुराकर उसका लंड फिर से सहलाया। “मैं तेरे लंड की गुलाम हूँ,” मैंने कहा और उसका लंड चूसने लगी। उसकी गर्म जीभ मेरे लंड पर थी, और मैं फिर से तन गया। उसने मेरे मुँह में धक्के मारे, और मैं उसका लंड गले तक ले रही थी।
राहुल ने मुझे फिर चोदा, इस बार मुझे अपने ऊपर बिठाया। मैं उसके लंड पर उछल रही थी, मेरी चूचियाँ उसके सामने नाच रही थीं। “राहुल, तेरा लंड मेरे लिए बना है,” मैं सिसक रही थी। उसने मेरी चूचियाँ पकड़ीं और जोर-जोर से धक्के मारे। मैं फिर से झड़ी, और उसने मेरी चूचियों पर अपना वीर्य छोड़ा। मैं हाँफते हुए उसके ऊपर गिर पड़ी, और हम दोनों सुख से थरथरा रहे थे। मैंने उसके होंठों को चूमा, और वो मेरी बाहों में सिमट गया।
हमने उस रात कई बार चुदाई की। मैंने उसकी चूत, गांड, और मुँह को बार-बार चोदा। “राहुल, तू मेरा मालिक है,” मैं बार-बार बोल रही थी। उसने मेरी चूत चाटी, मेरी चूचियाँ चूसीं, और हर बार मुझे सुख के शिखर पर पहुँचाया। हमारी सिसकियाँ और चीखें कमरे में गूँज रही थीं। मैंने उसे अलग-अलग पोजीशन में चोदा—उसे दीवार के सहारे, बेड के किनारे, और यहाँ तक कि फर्श पर। हर बार वो मेरे लंड की दीवानी होती गई।
रात ढलने तक हम थक गए, लेकिन हमारी भूख नहीं मिटी। “राहुल, ये हमारा गुप्त खेल है,” मैंने कहा, और उसने मेरे होंठों को चूमा। “हाँ, नेहा, सिर्फ हमारा,” उसने कहा। हम एक-दूसरे की बाहों में सो गए, हमारे शरीर अभी भी उस चुदाई की गर्मी में तप रहे थे। मैंने उसकी चूत को फिर से सहलाया, और वो सिसकारी, “राहुल, तू मुझे कभी छोड़ना मत।” मैंने उसे गले लगाया और वादा किया कि ये सुख हमेशा हमारा रहेगा।
अगली सुबह हमने सामान्य व्यवहार किया। जब मेरा पति लौटा, हम वही पति-पत्नी थे, लेकिन मेरी नजरें उस रात का राज छुपाए थीं। जब भी मौका मिलता है, मैं राहुल के पास जाती हूँ, और वो मेरी चूत को अपने लंड से संतुष्ट करता है। मैं उसके लंड की गुलाम बन चुकी हूँ, और हमारा रिश्ता अब एक नई आग में जलता है। मेरे पति का छोटा लंड अब मेरे लिए मायने नहीं रखता, क्योंकि राहुल का लंड मेरी हर प्यास बुझाता है।