उत्तराखंड के एक छोटे से गाँव, रुद्रपुर, में, जहाँ खेतों की हरियाली और रातों की सन्नाटे में जुनून की आग सुलगती थी, वहाँ एक पुरानी हवेली थी। इस हवेली में हर गर्मियों में आती थी अनन्या, एक 24 साल की शहर की लड़की। दिल्ली में पली-बढ़ी अनन्या का जिस्म ऐसा था कि गाँव के हर मर्द का लंड उसे देखकर तन जाता था। उसकी टाइट जीन्स में ढली लंबी टाँगें, टॉप में उभरे रसीले बूब्स, और वो गुलाबी होंठ जैसे चूमने की खुली दावत दे रहे हों। उसकी काली आँखों में एक शरारत थी, जो गाँव के सादे माहौल में आग लगा देती थी।
इस बार अनन्या अपने नाना के गाँव आई थी, जहाँ उसकी मुलाकात हुई रवि से। रवि, 28 साल का गाँव का जवान, जिसका देसी मस्कुलर जिस्म और साँवली त्वचा गाँव की लड़कियों को बेचैन कर देती थी। रवि खेतों में काम करता था, और उसका मोटा लंड और गहरी आवाज किसी भी लड़की की चूत में हलचल मचा सकती थी। अनन्या की नजरें रवि के पसीने से तर शर्टलेस जिस्म पर अटक गई थीं, जब वह खेत में ट्रैक्टर चला रहा था। और रवि? उसका लंड अनन्या की टाइट जीन्स और उभरे बूब्स को देखकर बेकाबू हो रहा था।
खेतों में शुरू हुआ जुनून
वो एक जून की गर्म शाम थी। अनन्या खेतों की ओर टहलने निकली थी, अपनी टाइट व्हाइट टॉप और शॉर्ट्स में। सूरज ढल रहा था, और खेतों में हल्की ठंडी हवा चल रही थी। रवि खेत में पानी की मोटर चला रहा था, उसका पसीना उसकी चौड़ी छाती पर चमक रहा था। अनन्या ने उसे देखा और पास जाकर बोली, “रवि भैया, इतना पसीना बह रहा है, पानी पिओगे?” उसकी आवाज में एक शरारत थी, और उसने अपनी टॉप का गला थोड़ा नीचे खींचा, जिससे उसके बूब्स का क्लीवेज साफ़ दिखने लगा।
रवि ने अनन्या की ओर देखा, और उसका मोटा लंड उसकी धोती में तन गया। “पानी तो ठीक है, अनन्या जी, मगर तुम्हारी ये अदा मुझे प्यासा कर रही है,” उसने देसी लहजे में कहा, और अपनी धोती के ऊपर से अपने लंड को हल्के से सहलाया। अनन्या ने हँसते हुए कहा, “तो प्यास बुझाने के लिए कुछ करो ना, रवि भैया। मेरी चूत में भी गर्मी बढ़ रही है।”
रवि की साँसें तेज हो गईं। उसने मोटर बंद की और अनन्या को खेत के एक सुनसान कोने में ले गया, जहाँ गन्ने के पौधे उनकी हरकतों को छुपाने के लिए तैयार थे। “तू शहर की लड़की है, मगर तेरी चूत गाँव के लंड के लिए बनी है,” रवि ने फुसफुसाया, और अनन्या को अपनी बाहों में खींच लिया।
गन्ने के खेत में वासना का नाच
रवि ने अनन्या को गन्ने के पौधों के बीच बिछी घास पर लिटाया और उसके होंठों को अपने होंठों से चूस लिया। वो किस इतना तीव्र था कि अनन्या की चूत गीली हो गई। उसने रवि की धोती खोल दी, और उसका मोटा लंड बाहर निकल आया। “ये लंड तो मेरी चूत को फाड़ देगा,” अनन्या ने शरारत से कहा, और अपने घुटनों पर बैठकर रवि के लंड को अपने मुँह में लिया। उसकी जीभ रवि के मोटे लंड पर लपलपाती रही, और रवि की सिसकारियाँ खेतों में गूँज उठीं। “अनन्या, तेरा मुँह मेरे लंड को पागल कर रहा है,” उसने कहा, और अनन्या के बालों को कसकर पकड़ लिया।
अनन्या ने अपनी टॉप उतार दी, और उसकी ब्लैक लेस ब्रा में कैद बूब्स रवि की आँखों के सामने थे। रवि ने उसकी ब्रा खोल दी और अनन्या के रसीле बूब्स को अपने हाथों में लिया, धीरे-धीरे दबाते हुए। “तेरे ये बूब्स कितने टाइट हैं,” उसने कहा, और अनन्या के निप्पल्स को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। अनन्या की सिसकारियाँ तेज हो गईं। “हाँ, रवि… और जोर से चूस… मेरे बूब्स को दबा,” उसने चिल्लाते हुए कहा।
रवि ने अनन्या की शॉर्ट्स और पैंटी उतार दी। उसकी टाइट चूत गीली और गुलाबी थी, जैसे कोई नशीला फूल। रवि ने अपनी जीभ अनन्या की चूत पर फिराई, और अनन्या की चीखें खेतों में गूँज उठीं। “और तेज, रवि… मेरी चूत को चाट,” उसने चिल्लाया, और अपनी टाँगें और चौड़ी कर दीं। रवि ने अपनी जीभ को अनन्या की चूत की गहराइयों में डाला, और अनन्या की कमर उछलने लगी।
हवेली में चुदाई की रात
अनन्या ने रवि को अपनी हवेली के बेडरूम में खींच लिया। रात का सन्नाटा और मद्धम चाँदनी उनके जुनून को और भड़का रही थी। हवेली का बेडरूम मखमली चादरों से सजा था, और अनन्या ने अपनी पैंटी उतारकर बेड पर लेट गई। “मुझे चोद दो, रवि,” उसने सिसकारी भरे लहजे में कहा।
रवि ने अपने मोटे लंड को अनन्या की टाइट चूत में डाला और धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। अनन्या की सिसकारियाँ और तेज हो गईं, और उसने अपनी टाँगें रवि की कमर के चारों ओर लपेट लीं। “और जोर से, रवि… मेरी चूत को फाड़ दो,” उसने चीखते हुए कहा। रवि ने अपनी रफ्तार बढ़ाई, और हर धक्के के साथ अनन्या के बूब्स उछल रहे थे। उसने अनन्या के निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें काटते हुए, और अनन्या की चीखें और तेज हो गईं।
रवि ने अनन्या को पलट दिया और उसे डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू किया। उसका मोटा लंड अनन्या की टाइट चूत में इतनी गहराई तक जा रहा था कि दोनों के जिस्म एक-दूसरे में पूरी तरह घुल गए। “हाँ, रवि… और गहरा… मेरी चूत को रगड़ दे,” अनन्या चिल्ला रही थी। रवि ने अनन्या के नितंबों को थपथपाया, और उसकी चीखें और तेज हो गईं।
पूरी रात की आग
पूरी रात, रवि और अनन्या ने एक-दूसरे के जिस्म को चखा। रवि ने अनन्या को बेड के हर कोने में चोदा—कभी उसकी चूत को, कभी उसके बूब्स को चूसते हुए, और कभी उसके नितंबों को सहलाते हुए। अनन्या ने रवि के मोटे लंड को बार-बार अपने मुँह में लिया, और उसकी जीभ ने रवि को पागल कर दिया। “तेरा लंड मेरी चूत का बादशाह है,” उसने सिसकारी भरे लहजे में कहा, और रवि को और जोर से चोदने के लिए उकसाया।
कमरे में सिर्फ़ उनकी सिसकारियाँ, बेड की चरमराहट और चुदाई की आवाजें गूँज रही थीं। अनन्या के नाखून रवि की पीठ पर गहरे निशान छोड़ रहे थे, और रवि के दाँत अनन्या के बूब्स पर हल्के-हल्के काट रहे थे। रात के तीन बजे, जब दोनों थककर बेड पर लेटे, अनन्या ने रवि के लंड को फिर से अपने हाथ में लिया। “ये अभी भी तना हुआ है,” उसने शरारत से कहा, और उसे फिर से चूसने लगी।
रवि ने अनन्या को अपनी गोद में बिठाया और उसे फिर से चोदना शुरू किया। इस बार, अनन्या ऊपर थी, और उसकी कमर हर धक्के के साथ लय में हिल रही थी। “तेरी टाइट चूत मेरे लंड को निचोड़ रही है,” रवि ने कहा, और अनन्या ने अपनी रफ्तार और बढ़ा दी। दोनों ने एक-दूसरे को तब तक चोदा, जब तक सुबह की पहली किरण खिड़की से झाँकने लगी।
सुबह की सिसकारी
जब सुबह की धूप हवेली में फैली, अनन्या और रवि नंगे एक-दूसरे की बाहों में लेटे थे। अनन्या ने रवि के सीने पर सिर रखा और फुसफुसाया, “रवि, तूने मेरी चूत को सचमुच फाड़ दिया। ये चुदाई मेरे जिस्म में हमेशा रहेगी।” रवि ने उसकी आँखों में देखा और कहा, “तेरी टाइट चूत मेरे मोटे लंड की गुलाम बन गई है, अनन्या।”
अनन्या ने एक आखिरी बार रवि के होंठों को चूमा, अपने कपड़े पहने, और एक कामुक मुस्कान के साथ बोली, “अगली गर्मियों में फिर आऊँगी, रवि। मेरी चूत तेरा इंतज़ार करेगी।” रवि ने उसकी कमर पकड़ी और कहा, “तो मेरा मोटा लंड हाजिर रहेगा।”
जैसे ही अनन्या हवेली के दरवाजे की ओर बढ़ी, उसने पलटकर देखा और कहा, “ये रात हमारी थी, रवि। लेकिन ये खेल अभी खत्म नहीं हुआ।” रवि जानता था, शहर की इस लड़की की टाइट चूत की आग उसके लंड में हमेशा सुलगती रहेगी।