मेरा नाम विक्की है, 27 साल का, और मैं नोएडा में अपने बड़े भाई और उनकी पत्नी, प्रिया भाभी, के साथ रहता हूँ। मैं जिम जाता हूँ, मेरा जिस्म गठीला है, और मेरा 8 इंच का मोटा लंड मोहल्ले की लड़कियों की नजरों में हमेशा रहता है। लेकिन मेरी नजरें हमेशा प्रिया भाभी पर टिकी रहती थीं। प्रिया भाभी, 29 साल की, एक ऐसी औरत थीं, जिनका गदराया जिस्म किसी को भी दीवाना कर दे। उनकी गोरी त्वचा, बड़ी-बड़ी रसीली चूचियाँ, पतली कमर और गोल-मटोल गांड उनकी साड़ी में उभरकर मेरे लंड में आग लगा देती थी। उनकी गहरी भूरी आँखें और गुलाबी होंठ जैसे चूमने की खुली दावत दे रहे हों।
प्रिया भाभी की शादी को तीन साल हो चुके थे, लेकिन उनका कोई बच्चा नहीं था। मेरा भाई, अजय, एक बिजनेसमैन था और अक्सर टूर पर रहता था। भाभी घर में अकेली रहती थीं, और मैं उनके साथ वक्त बिताने का कोई मौका नहीं छोड़ता था। मैंने कई बार नोटिस किया कि जब भाभी रसोई में काम करतीं, तो उनकी साड़ी का पल्लू सरक जाता, और उनकी चूचियाँ ब्लाउज में उभरकर मुझे ललचा देती थीं। उनकी वो शरारती मुस्कान और मेरे जिस्म को घूरने वाली नजरें मेरे मन में वासना जगा देती थीं। मुझे यकीन था कि भाभी की टाइट चूत मेरे मोटे लंड की भूखी थी।
वो 18 सितंबर 2025 की ठंडी रात थी। नोएडा में हल्की बारिश हो रही थी, और घर का माहौल गर्माहट से भरा था। मेरा भाई एक हफ्ते के लिए मुंबई गया था, और घर में सिर्फ मैं और भाभी थे। मैं अपने कमरे में मोबाइल पर मूवी देख रहा था, और भाभी रसोई में खाना बना रही थीं। उन्होंने एक पतली सी पिंक नाइटी पहनी थी, जो उनके गदराए जिस्म से चिपक रही थी। उनकी चूचियाँ नाइटी में साफ उभर रही थीं, और उनकी गोल गांड हर कदम पर हिल रही थी। मैं रसोई में गया और बोला, “भाभी, कुछ खाने को मिल जाए? भूख लगी है।”
भाभी ने पलटकर देखा और एक मादक मुस्कान दी। “विक्की, खाना तो मिलेगा, लेकिन तेरी भूख तो कुछ और के लिए लग रही है,” उन्होंने शरारत भरे लहजे में कहा। मेरी साँसें रुक गईं। मैंने हिम्मत जुटाई और कहा, “भाभी, अगर तुम अपनी चूत की भूख मिटाने को तैयार हो, तो मेरा लंड हाजिर है।” भाभी की आँखें चमक उठीं। “विक्की, तेरा लंड मेरी चूत को तड़पा रहा है। आज रात कोई नहीं है, चल कुछ करते हैं,” उन्होंने फुसफुसाते हुए कहा।
मैंने भाभी को अपनी बाहों में खींच लिया और उनके रसीले होंठों को अपने होंठों से चूस लिया। वो चुंबन इतना गहरा और गर्म था कि मेरे जिस्म में बिजली सी दौड़ गई। भाभी ने मेरी टी-शर्ट उतार दी और मेरे मस्कुलर सीने पर अपने नाखून फिराए। “विक्की, तेरा जिस्म तो पत्थर जैसा है,” उन्होंने फुसफुसाया। मैंने उनकी नाइटी का स्ट्रैप नीचे खींचा, और उनकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ उनकी काली लेस ब्रा में कैद थीं। मैंने ब्रा उतार दी, और भाभी की रसीली चूचियाँ मेरे सामने थीं—गोल, टाइट और निप्पल्स तने हुए।
मैंने हौले-हौले उनकी चूचियों को अपने हाथों में लिया और दबाना शुरू किया। उनकी सिसकारियाँ रसोई में गूँज उठीं। “विक्की, मेरी चूचियों को और दबा… कितना मजा आ रहा है,” उन्होंने सिसकारी भरे लहजे में कहा। मैंने उनके निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें चूसते और हल्के से काटते हुए। भाभी की चूत गीली हो चुकी थी, और उनकी साँसें तेज हो रही थीं। मैंने उनकी नाइटी और पैंटी उतार दी, और उनकी टाइट चूत मेरे सामने थी—गुलाबी, गीली और बिना बालों की।
मैंने घुटनों के बल बैठकर अपनी जीभ भाभी की चूत पर फिराई। उनकी चीखें रसोई की दीवारों से टकराने लगीं। “विक्की, मेरी चूत को चाट… और गहरा,” उन्होंने चिल्लाया। मैंने अपनी जीभ उनकी चूत की गहराइयों में डाली, और उनका रस मेरे मुँह में बहने लगा। मैंने उनके क्लिट को चूसा, और भाभी की कमर उछलने लगी। “विक्की, तू मेरी चूत को पागल कर रहा है,” वो सिसक रही थीं।
भाभी ने मेरी पैंट खींची और मेरा मोटा लंड बाहर निकाला। “विक्की, तेरा लंड तो हथौड़ा है,” उन्होंने शरारत से कहा, और मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगीं। फिर उन्होंने उसे अपने मुँह में लिया। उनकी जीभ मेरे लंड पर लपलपाती रही, और मेरी सिसकारियाँ तेज हो गईं। “भाभी, तेरा मुँह मेरे लंड को निचोड़ रहा है,” मैंने सिसकते हुए कहा। भाभी ने मेरे लंड को गहराई तक चूसा, और मैंने उनके बाल पकड़ लिए।
मैंने भाभी को रसोई के स्लैब पर बिठाया और उनकी टाँगें फैलाकर अपना मोटा लंड उनकी टाइट चूत में डाला। भाभी चीख पड़ीं, “विक्की, तेरा लंड मेरी चूत को चीर रहा है!” मैंने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया, और उनकी सिसकारियाँ तेज हो गईं। “और जोर से, विक्की… मेरी चूत को फाड़ दे,” उन्होंने चीखते हुए कहा। मैंने अपनी रफ्तार बढ़ाई, और हर धक्के के साथ उनकी चूचियाँ उछल रही थीं। मैंने उनके निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें चूसते और काटते हुए, और भाभी की चीखें और तेज हो गईं।
मैंने भाभी को रसोई से उठाया और बेडरूम में ले गया। हमारा बेडरूम मंद रोशनी और मखमली चादरों से सजा था, और बारिश की फुहारें माहौल को और गर्म बना रही थीं। मैंने भाभी को बेड पर लिटाया और उनकी टाँगें अपने कंधों पर रखीं। मैंने फिर से अपने लंड को उनकी चूत में डाला और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। “विक्की, मेरी चूत को और चोद… तेरा लंड मेरे जिस्म में आग लगा रहा है,” भाभी चिल्ला रही थीं। मैंने उनके नितंबों को थपथपाया, और उनकी चीखें और तेज हो गईं।
मैंने भाभी को पलट दिया और डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू किया। मेरा लंड उनकी टाइट चूत में इतनी गहराई तक जा रहा था कि हमारे जिस्म एक-दूसरे में घुल गए। “हाँ, विक्की… और गहरा… मेरी चूत को रगड़ दे,” भाभी चिल्ला रही थीं। मैंने उनके बाल पकड़े और उन्हें और जोर से चोदा, जैसे मेरी सारी वासना उनकी चूत में उतर रही हो। उनकी चूचियाँ उछल रही थीं, और मैंने फिर से उन्हें चूसा, उनके निप्पल्स को काटते हुए।
पूरी रात, हमने एक-दूसरे के जिस्म को चखा। मैंने भाभी को बेड के हर कोने में चोदा—कभी उनकी चूत को, कभी उनकी चूचियों को चूसते हुए, और कभी उनके नितंबों को सहलाते हुए। भाभी ने मेरे मोटे लंड को बार-बार अपने मुँह में लिया, और उनकी जीभ ने मुझे पागल कर दिया। “विक्की, तेरा लंड मेरी चूत का राजा है,” उन्होंने सिसकारी भरे लहजे में कहा। हमने बेडरूम से बाथरूम तक चुदाई की, जहाँ शावर के नीचे मैंने भाभी को दीवार से सटाकर चोदा। पानी की फुहारें और उनकी चीखें एक-दूसरे में मिल रही थीं।
रात के तीन बजे, जब बारिश और तेज हो गई, भाभी ने मेरे लंड को फिर से अपने हाथ में लिया। “ये अभी भी तना हुआ है,” उन्होंने शरारत से कहा, और उसे फिर से चूसने लगीं। मैंने भाभी को अपनी गोद में बिठाया और फिर से चोदना शुरू किया। इस बार, भाभी ऊपर थीं, और उनकी कमर हर धक्के के साथ लय में हिल रही थी। उनकी चूचियाँ मेरे चेहरे के सामने उछल रही थीं, और मैंने उन्हें चूसते हुए भाभी को और जोर से चोदा। “विक्की, तेरी टाइट चूत मेरे लंड को निचोड़ रही है,” मैंने कहा, और उन्होंने अपनी रफ्तार और बढ़ा दी।
जब सुबह की पहली किरण खिड़की से छनकर आई, हम दोनों नंगे, पसीने से लथपथ, एक-दूसरे की बाहों में लिपटे थे। भाभी ने मेरे सीने पर सिर रखा और फुसफुसाया, “विक्की, तूने मेरी चूत को रात भर रंगीन कर दिया।” मैंने उनकी आँखों में देखा और कहा, “भाभी, तेरी रसीली चूचियाँ और टाइट चूत ने मेरे लंड को दीवाना बना दिया।”
भाभी ने मेरे होंठों पर एक गहरा चुंबन लिया, अपनी नाइटी पहनी, और एक मादक मुस्कान के साथ बोलीं, “विक्की, जब भी भैया बाहर जाएँगे, मेरी चूत तेरा लंड माँगेगी।” मैंने उनकी कमर पकड़ी और कहा, “भाभी, मेरा लंड हर बार हाजिर रहेगा।”
जैसे ही भाभी बेडरूम से बाहर निकलीं, उन्होंने पलटकर देखा और एक शरारती पलक झपकी। “ये रात हमारी थी, विक्की। लेकिन ये जुनून कभी खत्म नहीं होगा।” मैं जानता था, प्रिया भाभी की टाइट चूत और रसीली चूचियाँ मेरे लंड की आग को हर रात सुलगाती रहेंगी, और हमारे घर की दीवारें इस जुनून की गवाह बनेंगी।