आप यह कहानी Meri Sex Kahani Dot Com पर पढ़ रहे हैं, जहाँ हर कामुक पल आपकी हवस को नई उड़ान देता है। मैं, प्रिया, 25 साल की, मुंबई की एक मॉडर्न लड़की, अपने जिस्म की आग और लंड की दीवानगी के लिए जानी जाती थी। मेरी गोरी त्वचा, काले घने बाल, और टाइट ड्रेस में उभरती चूचियाँ और मटकती गांड हर मर्द की नज़रों का शिकार थी। मेरा फिगर 34-28-36 था, और मेरी चूत हमेशा सख्त और मोटे लंड की तलाश में रहती थी। मेरे बॉयफ्रेंड, राहुल, 28 साल के, गठीले और शरारती, का लंड मुझे तृप्त करता था, लेकिन मेरी हवस की भूख उससे कहीं ज़्यादा थी। एक रात, राहुल ने अपने दोस्तों, अर्जुन और सिद्धार्थ, को बुलाया, और मेरी लंड की दीवानगी ने तीनों के साथ चुदाई का तूफान मचा दिया।
उस रात मुंबई में ज़ोरदार बारिश हो रही थी। मैंने एक पतली ब्लैक ड्रेस पहनी थी, जो मेरी चूचियों और जांघों को मुश्किल से ढक रही थी। राहुल ने मुझे अपने फ्लैट पर बुलाया, और जब मैं पहुँची, तो अर्जुन (30 साल, लंबा और मज़बूत) और सिद्धार्थ (27 साल, चालाक और गठीला) वहाँ मौजूद थे। शराब के गिलास हाथों में थे, और उनकी नज़रें मेरे बूब्स पर टिकी थीं। “प्रिया, तू तो बारिश में और हॉट लग रही है,” अर्जुन ने शरारत से कहा। मैंने होंठ चाटे और जवाब दिया, “अर्जुन, मेरी चूत में बारिश से ज़्यादा गर्मी है, कोई बुझाएगा?” मेरी बोल्ड बात सुनकर राहुल हँस पड़ा और बोला, “प्रिया, आज तेरी लंड की दीवानगी को पूरा करेंगे।”
राहुल ने म्यूज़िक चालू किया, और माहौल गर्म होने लगा। मैंने थोड़ा व्हिस्की पिया, और मेरे जिस्म में आग सी दौड़ने लगी। राहुल ने मुझे अपनी गोद में खींचा और मेरे होंठों को चूम लिया। उसका चुंबन इतना गहरा था कि मेरी साँसें रुक गईं। उसकी जीभ मेरे होंठों से खेल रही थी, और मैंने उसकी शर्ट पकड़कर उसे और करीब खींच लिया। “प्रिया, तेरे होंठ तो आग हैं,” राहुल ने फुसफुसाया। मैंने सिसकते हुए जवाब दिया, “तो मेरी चूत की आग भी बुझा दे।” अर्जुन और सिद्धार्थ हमें देख रहे थे, और उनकी आँखों में हवस साफ झलक रही थी। “राहुल, प्रिया को हमारे साथ शेयर कर,” सिद्धार्थ ने मज़ाक में कहा, लेकिन उसकी आवाज़ में भूख थी।
राहुल ने मेरी ड्रेस का स्ट्रैप नीचे खींचा, और मेरी काली ब्रा में कैद चूचियाँ सामने आईं। उसने ब्रा का हुक खोला, और मेरे भरे हुए बूब्स आज़ाद हो गए। अर्जुन मेरे पास आया और मेरी चूचियाँ दबाने लगा। “प्रिया, तेरी चूचियाँ तो दूध से भरी हैं,” उसने कराहते हुए कहा। उसने मेरे निप्पल्स को चूसा और हल्के से काटा, जिससे मेरी सिसकियाँ निकलने लगीं। सिद्धार्थ ने मेरी ड्रेस पूरी तरह उतार दी, और मेरी काली पैंटी मेरी गीली चूत से चिपक चुकी थी। उसने पैंटी के ऊपर से मेरी चूत को सहलाया, और मेरी सिसकियाँ और तेज़ हो गईं। “प्रिया, तेरी चूत तो मेरे लंड के लिए तड़प रही है,” सिद्धार्थ ने कहा।
मैंने राहुल की शर्ट उतारी और उसकी पैंट के ऊपर से उसके लंड को सहलाया। “राहुल, तेरा लंड तो मेरी चूत का राजा है,” मैंने सेक्सी अंदाज़ में कहा। मैंने उसकी पैंट उतारी, और उसका 7 इंच का मोटा लंड मेरे सामने था। मैंने उसे अपने हाथों में लिया, धीरे-धीरे सहलाया, और फिर अपने होंठों से चूम लिया। मैंने राहुल के लंड को चूसना शुरू किया, मेरी जीभ उसके सिरे पर नाच रही थी। राहुल की सिसकियाँ निकलने लगीं, और उसने मेरे बाल पकड़कर मुझे और गहरे तक चूसने को कहा। अर्जुन ने मेरी पैंटी उतारी और अपनी उंगलियाँ मेरी चूत में डालीं, धीरे-धीरे रगड़ते हुए। “प्रिया, तेरी चूत कितनी गीली है,” उसने फुसफुसाया।
सिद्धार्थ ने अपनी पैंट उतारी, और उसका मोटा लंड मेरे सामने था। मैंने राहुल का लंड मुँह से निकाला और सिद्धार्थ के लंड को चूसना शुरू किया। “प्रिया, तू तो लंड की दीवानी है,” सिद्धार्थ ने कराहते हुए कहा। मैंने जवाब दिया, “हाँ, मैं हर मोटे लंड की दीवानी हूँ।” राहुल ने मुझे सोफे पर लिटाया और मेरी जांघें चौड़ी कीं। उसने अपने लंड को मेरी चूत पर रगड़ा और धीरे से अंदर डाला। मेरी एक हल्की चीख निकली, क्योंकि उसका लंड मेरी चूत को पूरा भर रहा था। “राहुल, मेरी चूत चोद दे,” मैंने सिसकते हुए कहा। उसने धीरे-धीरे चुदाई शुरू की, और मेरी चूचियाँ हर धक्के के साथ उछल रही थीं।
अर्जुन ने मेरे मुँह में अपना लंड डाला, और मैं उसे चूसने लगी। उसकी सिसकियाँ तेज़ हो गईं, और उसने मेरे बाल पकड़ लिए। सिद्धार्थ मेरी चूचियाँ दबा रहा था, और उसकी उंगलियाँ मेरे निप्पल्स को मसल रही थीं। राहुल की चुदाई तेज़ हो गई, और उसका लंड मेरी चूत की गहराई को छू रहा था। “प्रिया, तेरी चूत चोदने का मज़ा ही अलग है,” उसने कराहते हुए कहा। मैंने सिसकते हुए जवाब दिया, “राहुल, मेरी चूत को और चोद, इसे तृप्त कर दे।” सिद्धार्थ ने मेरी गांड को सहलाया और बोला, “प्रिया, तेरी गांड भी चोदेंगे।” मैंने कराहते हुए कहा, “सिद्धार्थ, मेरी गांड भी ले लो, बस मेरी लंड की भूख मिटा दो।”
सिद्धार्थ ने मुझे घोड़ी बनाया और अपने लंड को मेरी गांड पर रगड़ा। उसने धीरे से लंड अंदर डाला, और मेरी ज़ोरदार चीख निकली। “सिद्धार्थ, धीरे, मेरी गांड फट जाएगी,” मैंने सिसकते हुए कहा। उसने धीरे-धीरे धक्के शुरू किए, और मेरी गांड उसके लंड को निगल रही थी। राहुल ने मेरी चूत में अपने लंड को और तेज़ी से चलाया, और अर्जुन ने मेरे मुँह में अपना लंड डाला। मेरे जिस्म में तीनों छेद भरे थे—चूत, गांड, और मुँह। मेरी सिसकियाँ चीखों में बदल गई थीं, और मेरा जिस्म पसीने से गीला हो चुका था। “हाँ, मेरी चूत और गांड को चोदो,” मैंने चीखते हुए कहा।
राहुल की चुदाई इतनी ज़ोरदार थी कि सोफा हिल रहा था। सिद्धार्थ का लंड मेरी गांड को गहरे तक चोद रहा था, और अर्जुन का लंड मेरे मुँह में था। मेरी चूचियाँ उछल रही थीं, और अर्जुन ने उन्हें कस के दबाया। “प्रिया, तू तो रंडी बन गई,” अर्जुन ने कराहते हुए कहा। मैंने जवाब दिया, “हाँ, मैं तुम सबके लंड की रंडी हूँ, मेरी चूत और गांड को चोद डालो।” राहुल ने मेरे होंठों को चूमा, मेरी जीभ को चूसते हुए, और सिद्धार्थ ने मेरी गांड को थप्पड़ मारा। मेरा जिस्म तीन मर्दों की भूख का शिकार बन चुका था, और मेरी लंड की दीवानगी चरम पर थी।
तभी राहुल का एक और दोस्त, विक्रम, 29 साल का, मज़बूत और शरारती, फ्लैट में आ गया। उसने हमें देखा और हँसते हुए बोला, “प्रिया, लंड की दीवानी को और मज़ा चाहिए?” मैंने उसे सेक्सी नज़र दी और बोली, “विक्रम, मेरे मुँह में जगह है।” विक्रम ने अपनी पैंट उतारी, और उसका मोटा लंड मेरे सामने था। उसने मेरे मुँह में अपना लंड डाला, और मैं उसे चूसने लगी। विक्रम की सिसकियाँ निकलने लगीं, और उसने मेरे बाल पकड़ लिए। “प्रिया, तू तो मेरे लंड की दीवानी है,” उसने कराहते हुए कहा। मैंने सिसकते हुए जवाब दिया, “हाँ, मैं हर लंड की दीवानी हूँ।”
राहुल अब मेरी चूत को ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था, उसका लंड हर धक्के में मेरी चूत की गहराई को छू रहा था। सिद्धार्थ ने मेरी गांड में अपने लंड को और तेज़ी से चलाया, और मेरी सिसकियाँ चीखों में बदल गईं। विक्रम ने मेरे मुँह में अपने लंड को और गहरे तक डाला, और मैं उसे चूसते हुए सिसक रही थी। मेरे जिस्म में तीन लंड थे—चूत, गांड, और मुँह में। मेरी चूचियाँ उछल रही थीं, और अर्जुन ने उन्हें फिर से दबाया। “प्रिया, तेरी चूत और गांड ने हमें पागल कर दिया,” राहुल ने कराहते हुए कहा। मैंने चीखते हुए जवाब दिया, “मेरी चूत और गांड तुम सबके लंड की गुलाम हैं।”
हमारी चुदाई रातभर चली। राहुल ने मेरी चूत में अपनी गर्मी छोड़ दी, सिद्धार्थ ने मेरी गांड में अपने रस बिखेरे, और विक्रम ने मेरे मुँह से लंड निकालकर मेरी चूचियों पर अपनी गर्मी छीट दी। अर्जुन ने मेरे मुँह में अपना लंड डाला और मेरे चेहरे पर अपनी गर्मी छोड़ दी। मेरा जिस्म पसीने और तृप्ती से गीला था, और मेरी लंड की दीवानगी आखिरकार तृप्त हो चुकी थी। सुबह होने से पहले हमने कपड़े ठीक किए और अपने-अपने कोनों में चले गए। राहुल ने मुझे अपनी बाहों में लिया और फुसफुसाया, “प्रिया, तू सचमुच लंड की दीवानी है।” मैंने शरारती मुस्कान के साथ जवाब दिया, “राहुल, मेरी चूत और गांड हमेशा तुम सबके लंड की भूखी रहेगी।”
अगली सुबह जब मैं राहुल, अर्जुन, और सिद्धार्थ से मिली, तो उनकी आँखों में वही हवस थी। मेरे जिस्म पर चुदाई के निशान थे—मेरी चूचियों पर अर्जुन के दाँतों के निशान, मेरी गांड पर सिद्धार्थ के थप्पड़ों के लाल निशान, और मेरे होंठों पर राहुल की चोंचों की गर्मी। विक्रम ने मुझे एक चोर नज़र से देखा और बोला, “प्रिया, अगली बार फिर से लंड का जादू दिखाना।” मैंने हँसते हुए जवाब दिया, “विक्रम, मेरी चूत और गांड तुम सब तुम्हारे लंड के लिए तैयार हैं।” मेरी लंड की दीवानगी ने उस रात को यादगार बना दिया, और मैं जानती थी कि ये चुदाई का सिलसिला रुकने वाला नहीं था।