उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव में, जहाँ खेतों की हरियाली और नदी की ठंडक माहौल को ताज़ा रखती थी, माया रहती थी। माया, 27 साल की, गोरी, लंबे काले बालों वाली, और कातिलाना फिगर वाली देसी भाभी थी। उसकी टाइट सलवार-कमीज़ उसके भरे हुए बूब्स और गोल गांड को उभारती थी, और उसकी गहरी आँखों में एक कामुक चमक थी। माया गाँव की सबसे हॉट भाभी थी, जो इंस्टाग्राम पर अपनी सेक्सी रील्स बनाकर सबके होश उड़ाती थी। उसका देवर, रोहन, 25 साल का, मज़बूत जिस्म और शरारती मुस्कान वाला लड़का था, जिसका लंड माया की रील्स देखकर हर रात तन जाता था।
एक गर्मी की रात थी, जब गाँव में बिजली चली गई। माया अपने घर के आँगन में बैठी थी, अपने फोन पर नई रील बनाने की तैयारी कर रही थी। उसकी टाइट लाल कुर्ती उसके बूब्स को और उभार रही थी, और शॉर्ट्स में उसकी गोरी जांघें चमक रही थीं। रोहन पास में बैठा अपनी भाभी को निहार रहा था, और उसका लंड उसकी शॉर्ट्स में बेकरार हो रहा था। “भाभी, तुम्हारी रील्स इतनी हॉट क्यों होती हैं?” रोहन ने हँसते हुए पूछा। माया ने अपने होंठ चाटे और जवाब दिया, “क्यों, मेरी चूचियाँ और गांड देखकर तेरा लंड बेकरार हो रहा है?” उसकी बात ने रोहन के लंड को और सख्त कर दिया।
माया ने रोहन को अपने पास बुलाया और कहा, “चल, मेरी रील में तू भी आ जा।” रोहन ने हँसते हुए फोन पकड़ा, लेकिन उसकी नज़रें माया की चूचियों पर टिक गईं। माया ने जानबूझकर अपनी कुर्ती का गला नीचे खींचा, जिससे उसके बूब्स की गहरी लकीर दिखने लगी। “क्या देख रहा है, रोहन?” माया ने सेक्सी अंदाज़ में पूछा। रोहन ने फोन साइड में रखा और करीब आते हुए कहा, “तेरी चूत और चूचियाँ देखकर मेरा लंड काबू में नहीं है, भाभी।” माया की हँसी हवा में गूंजी, और उसने रोहन का हाथ पकड़कर उसे घर के अंदर खींच लिया।
घर के अंदर, मद्धम लालटेन की रोशनी में माया ने रोहन को दीवार से सटा लिया। उसने रोहन के होंठों को चूमा, पहले धीरे, फिर गहराई से, उसकी जीभ को चूसते हुए। रोहन की चूत में एक सिहरन दौड़ गई, और उसने माया की कमर को कस के पकड़ लिया। “तेरे होंठ कितने रसीले हैं, भाभी,” रोहन ने फुसफुसाया, और माया ने जवाब दिया, “तो मेरी चूत का स्वाद भी ले लो।” उसकी बात ने रोहन के लंड को और बेकरार कर दिया। उसने माया की कुर्ती उतारी, और उसकी काली ब्रा में कैद भारी चूचियाँ देखकर उसका लंड शॉर्ट्स में उछलने लगा।
रोहन ने माया की ब्रा का हुक खोला, और उसके बूब्स आज़ाद हो गए। उसने उन्हें कस के दबाया, उनके निप्पल्स को चूसा, और हल्के से काटा। “तेरी चूचियाँ कितनी मस्त हैं, भाभी,” रोहन ने कराहते हुए कहा, और माया की सिसकियाँ कमरे में गूंजने लगीं। उसने अपनी जांघें चौड़ी कीं, और रोहन ने उसकी शॉर्ट्स के ऊपर से उसकी चूत को सहलाया, जो पहले ही गीली हो चुकी थी। “तेरी चूत कितनी गर्म है,” उसने कहा, और माया ने सिसकते हुए जवाब दिया, “तो अपने लंड से इसे और गर्म कर दे।”
माया ने रोहन की शॉर्ट्स खोली, और उसका सख्त लंड बाहर आया। “वाह, तेरा लंड तो मोटा है,” माया ने सेक्सी अंदाज़ में कहा, और उसे अपने हाथों में लेकर सहलाया। उसने रोहन के लंड को अपने होंठों से चूमा, फिर धीरे-धीरे चूसना शुरू किया। रोहन की सिसकियाँ निकलने लगीं, और उसने माया के बाल पकड़कर उसे और गहरे तक चूसने को कहा। माया की जीभ उसके लंड पर नाच रही थी, और उसकी चूत में चुदाई की प्यास बढ़ रही थी।
रोहन ने माया को बिस्तर पर लिटाया और उसकी शॉर्ट्स उतारी। उसकी गीली पैंटी देखकर उसका लंड और बेकरार हो गया। उसने पैंटी उतारी और अपनी उंगलियाँ माया की चूत में डालीं, उसे धीरे-धीरे रगड़ते हुए। “तेरी चूत कितनी टाइट है,” रोहन ने फुसफुसाया, और माया ने कराहते हुए कहा, “तो अपने मोटे लंड से इसे चोद दे।” रोहन ने अपने लंड को माया की चूत पर रगड़ा और धीरे से अंदर डाल दिया। माया की एक हल्की सी चीख निकली, क्योंकि रोहन का लंड उसकी चूत को पूरा भर रहा था।
रोहन ने माया की चूत में अपने लंड को धीरे-धीरे अंदर-बाहर करना शुरू किया। हर धक्के के साथ माया की चूचियाँ उछल रही थीं, और उसकी सिसकियाँ कमरे में गूंज रही थीं। “हाँ, मेरी चूत को चोद,” माया ने फुसफुसाया, और रोहन ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी। उसका लंड माया की चूत की गहराई को छू रहा था, और उसकी गांड हर धक्के के साथ बिस्तर पर रगड़ रही थी। माया ने अपनी जांघें और चौड़ी कीं, जैसे रोहन के लंड को और गहरे तक बुला रही हो।
तभी दरवाज़ा खुला, और माया का पड़ोसी, विक्की, 28 साल का, मज़बूत जिस्म और शरारती मुस्कान वाला मर्द, अंदर आया। उसने माया की नंगी चूचियाँ और चुदाई देखकर अपना लंड पकड़ लिया। “माया, मुझे भी मज़ा चाहिए,” विक्की ने हँसते हुए कहा, और माया ने एक सेक्सी मुस्कान के साथ कहा, “आ जा, मेरी चूत और गांड दोनों तैयार हैं।” रोहन ने हँसते हुए विक्की को पास बुलाया, और दोनों ने माया को अपनी भूख का शिकार बनाया।
विक्की ने माया की गांड को कस के पकड़ा और उसे थप्पड़ मारा। “तेरी गांड कितनी मस्त है,” उसने कहा, और अपनी उंगलियाँ माया की गांड के छेद पर फेरी। उसने धीरे से अपनी उंगली अंदर डाली, और माया की सिसकी और तेज़ हो गई। “मेरी गांड भी चोद,” उसने कराहते हुए कहा। रोहन ने माया की चूत में अपने लंड को और तेज़ी से चलाया, जबकि विक्की ने अपने लंड को माया की गांड पर रगड़ा और धीरे से अंदर डाला। माया की चीख अब एक कामुक संगीत बन चुकी थी।
माया के जिस्म में दो लंड एक साथ थे—रोहन का लंड उसकी चूत चोद रहा था, और विक्की का लंड उसकी गांड। उसकी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं, और उसने दोनों को कस के पकड़ लिया। “हाँ, मेरी चूत और गांड को चोदो,” उसने सिसकते हुए कहा। रोहन ने माया के होंठों को फिर से चूमा, उसकी जीभ को चूसते हुए, जबकि विक्की ने उसकी चूचियाँ दबाईं और उन्हें चूसा। माया का जिस्म पसीने और चुदाई की गर्मी से गीला हो चुका था।
तभी माया का एक और पड़ोसी, रमेश, 38 साल का, अनुभवी और मज़बूत मर्द, कमरे में आया। उसने माया की चुदाई देखकर अपना मोटा लंड पकड़ लिया। “माया, मुझे भी बुला ले,” उसने गहरी आवाज़ में कहा, और माया ने उसे एक सेक्सी नज़र दी। “रमेश, मेरे बूब्स और मुँह बाकी हैं,” उसने कहा। रमेश ने अपनी पैंट उतारी और अपना मोटा लंड माया के मुँह में डाल दिया। माया ने उसे चूसना शुरू किया, उसकी जीभ से उसके मोटे लंड को सहलाते हुए।
रोहन अब माया की चूत को ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था, उसका लंड हर धक्के में उसकी चूत की गहराई को छू रहा था। विक्की ने उसकी गांड में अपने लंड को और गहरे तक धकेला, और माया की सिसकियाँ चीखों में बदल गईं। रमेश ने माया के बाल पकड़कर अपने मोटे लंड को उसके मुँह में और गहरे तक डाला, और माया ने उसे चूसते हुए सिसकियाँ भरीं। “तेरे मुँह में मेरा मोटा लंड कितना अच्छा लग रहा है,” रमेश ने कराहते हुए कहा।
चुदाई का ये खेल घंटों चला। माया की चूत, गांड, और मुँह तीनों मर्दों के लंड से भरे थे। रोहन ने माया की चूत में अपने लंड को और तेज़ी से चलाया, और आखिरकार उसकी चूत में अपनी गर्मी छोड़ दी। विक्की ने उसकी गांड को चोदते हुए अपने लंड का रस उसकी गांड में छोड़ा। रमेश ने माया के मुँह से अपना मोटा लंड निकाला और उसकी चूचियों पर अपनी गर्मी बिखेर दी। माया का जिस्म पसीने, चुदाई, और तृप्ति से गीला था।
उस रात माया ने तीनों को एक सेक्सी मुस्कान दी और फुसफुसाया, “तुम्हारे लंडों ने मेरी चूत और गांड को यादगार बना दिया। अगली रील में तुम तीनों को क्रेडिट दूँगी।” रोहन, विक्की, और रमेश ने उसे अपनी बाहों में लिया, और गाँव की ठंडी रात में उनकी चुदाई की गर्मी सुबह तक बाकी थी।