मैं अपने दोनों भाइयों के लंड की दीवानी हो गई

मेरा नाम नेहा है। मैं 26 साल की हूँ, और दिल्ली में अपने दो भाइयों—अजय और विजय—के साथ रहती हूँ। अजय 28 साल का है, और विजय 24 साल का। दोनों भाई हट्टे-कट्टे और हैंडसम हैं। मैं भी कम नहीं हूँ—मेरी चूची भारी और गोल हैं, मेरा गांड रसीला और लचकदार है, और मेरी चूत हमेशा कामुकता से भरी रहती है। मेरी कमर की लचक और हसीन चेहरा किसी का भी लंड सख्त कर सकता है। लेकिन मुझे क्या पता था कि मैं अपने दोनों भाइयों के लंड की दीवानी हो जाऊँगी।

पिछले महीने की बात है। मम्मी-पापा गाँव गए थे, और घर पर सिर्फ हम तीनों थे। मैंने उस दिन एक टाइट नाइटी पहनी थी, जो मेरे चूची और गांड को साफ दिखा रही थी। रात को मैं पानी लेने किचन में गई, तभी अजय और विजय वहाँ आए। “नेहा, इतनी रात को क्या कर रही हो?” अजय ने पूछा, उसकी नजर मेरे चूची पर टिकी थी। “बस पानी लेने आई हूँ,” मैंने कहा, और जानबूझकर झुक गई, ताकि मेरी चूची का उभार साफ दिखे। दोनों भाइयों की आँखों में कामुकता की चमक थी, और उनके लंड उनकी पैंट में सख्त हो रहे थे।

“नेहा, तू बहुत सेक्सी लग रही है,” विजय ने कहा, और मेरी चूत गीली हो गई। मैंने मुस्कुराकर कहा, “अच्छा? तो तुम दोनों क्या करोगे?” अजय मेरे पास आया, और उसने मेरे होंठों को चूमना शुरू किया। उसके होंठ मेरे होंठों को चूस रहे थे, और उसकी जीभ मेरे मुँह में खेल रही थी। विजय ने पीछे से मेरा गांड पकड़ा, और उसे सहलाने लगा। “नेहा, तेरा गांड बहुत रसीला है,” उसने कहा। मैं सिसकारियाँ लेने लगी, और मेरी चूत में आग लग गई।

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अजय ने मेरी नाइटी उतार दी, और मेरा नंगा बदन उनके सामने था। मेरी चूची सख्त हो गई थी, और मेरा गांड लचक रहा था। विजय ने मेरी चूची को अपने मुँह में लिया, और चूसना शुरू किया। “अहह… विजय, और चूसो,” मैं सिसकारी लेते हुए बोली। अजय ने मेरी टाँगें फैलाईं, और मेरी चूत पर अपनी जीभ रखी। “नेहा, तेरी चूत बहुत गर्म है,” उसने कहा, और जोर-जोर से चाटने लगा। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, और मेरा शरीर काँप रहा था।

“भैया, मुझे तुम दोनों के लंड चाहिए,” मैंने सिसकारी लेते हुए कहा। अजय और विजय ने अपनी पैंट उतारी, और उनके लंड मेरे सामने थे—लंबे, सख्त, और गर्म। “नेहा, ले हमारे लंड,” अजय ने कहा। मैंने अजय का लंड अपने मुँह में लिया, और चूसना शुरू किया। उसका लंड मेरे मुँह में अंदर-बाहर हो रहा था, और मैं सिसकारियाँ ले रही थी। विजय ने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा, और धीरे-धीरे अंदर डाल दिया। “अहह… विजय, और जोर से चुदाई करो,” मैंने कहा।

विजय ने मेरी चूत में जोर-जोर से चुदाई शुरू की, और अजय का लंड मेरे मुँह में था। मेरी चूची विजय के हर धक्के से उछल रही थी, और मेरा गांड हिल रहा था। “नेहा, तू बहुत सेक्सी है,” अजय ने कहा, और मेरे मुँह में जोर-जोर से चुदाई की। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, और मेरी चूत गीली होकर चिकनी हो गई थी। विजय ने मेरे गांड को पकड़ा, और जोर-जोर से चुदाई की। “नेहा, तेरी चूत स्वर्ग है,” उसने कहा।

कुछ देर बाद, अजय और विजय ने अपनी पोजीशन बदली। अजय ने मुझे सोफे पर लिटाया, और मेरी चूत में अपना लंड डाला। विजय ने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया। अजय ने जोर-जोर से चुदाई शुरू की, और मेरी चूची हवा में उछल रही थी। “भैया, और जोर से चुदाई करो,” मैंने चिल्लाते हुए कहा। विजय ने मेरे मुँह में जोर-जोर से चुदाई की, और मैं सिसकारियाँ ले रही थी। मेरा शरीर काँप रहा था, और मेरी चूत में आग लगी हुई थी।

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अजय ने मुझे पलटा, और मेरा गांड ऊपर कर दिया। उसने मेरे गांड को चाटा, और उसकी जीभ मेरे गांड के छेद पर नाचने लगी। “अहह… भैया, ये क्या कर रहे हो?” मैं सिसकारी लेते हुए बोली। “नेहा, तेरा गांड बहुत रसीला है,” उसने कहा, और अपने लंड को मेरी चूत में डालकर फिर से चुदाई शुरू की। विजय ने मेरे सामने आकर अपना लंड मेरे मुँह में डाला, और मैं उसे चूसने लगी। अजय की चुदाई से मेरा गांड हिल रहा था, और विजय का लंड मेरे मुँह में अंदर-बाहर हो रहा था।

“नेहा, हम दोनों तेरी चूत को शांत करेंगे,” अजय ने कहा। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, और मेरा शरीर काँप रहा था। “भैया, और जोर से चुदाई करो,” मैंने चिल्लाते हुए कहा। अजय ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी, और मेरी चूत झड़ गई। मैंने पानी छोड़ दिया, और विजय ने मेरे मुँह में अपना पानी छोड़ दिया। अजय ने भी अपने लंड को बाहर निकालकर मेरे गांड पर अपना पानी छोड़ दिया।

हम तीनों हाँफते हुए सोफे पर लेट गए। मेरी चूची अजय की छाती पर दबी हुई थी, और विजय मेरे गांड को सहला रहा था। “नेहा, तूने हमें पागल कर दिया,” अजय ने कहा। “भैया, मैं तुम दोनों के लंड की दीवानी हो गई हूँ,” मैंने मुस्कुराते हुए कहा। विजय ने मेरे होंठों को चूमना शुरू किया, और अजय ने मेरी चूची को सहलाया। “फिर से करें?” विजय ने पूछा। मैंने हँसते हुए कहा, “हाँ, मेरे प्यारे भैया।”

अगली सुबह, मैंने एक टाइट ड्रेस पहनी। मेरी चूची और गांड फिर से उन्हें ललचा रहे थे। अजय और विजय ने मुझे रसोई में पकड़ा। “नेहा, तेरी कामुकता हमें फिर से बुला रही है,” अजय ने कहा। मैंने उनके होंठों को चूमना शुरू किया, और हम फिर से कामुकता की दुनिया में खो गए। अजय ने मुझे काउंटर पर बिठाया, और मेरी चूत में अपना लंड डाला। विजय ने मेरे मुँह में अपना लंड डाल दिया। दोनों ने फिर से मेरी चुदाई की, और मैं फिर से झड़ गई।