मेरा नाम राधिका है, उम्र 28 साल, और मैं एक ऐसी देसी भाभी हूँ जिसका हुस्न हर मर्द को पागल कर दे। मेरा गोरा रंग चाँदनी सा चमकता है, मेरी चूचियाँ भारी, रसीली और टाइट, जो हर नज़र को अपनी ओर खींच लेती हैं। मेरी गांड मोटी, गोल और मटकती हुई, हर कदम पर लहराती है, और मेरी कमर इतनी पतली कि मर्दों के हाथ उस पर सांप की तरह लिपटने को बेताब हो जाएँ। मेरे गुलाबी होंठ रस से भरे हैं, और मेरी आँखों में वो मादकता है जो किसी को भी दीवाना बना दे। मैं दिल्ली में अपने पति, राजेश, और उनके छोटे भाई, राहुल, जो मेरा देवर है, के साथ रहती हूँ। पति बिज़नेस में व्यस्त रहते हैं, और राहुल, उम्र 24 साल, एक जवान, साँवला, मज़बूत और हॉट लड़का है। ये कहानी उस गर्मी की रात की है जब राहुल ने मेरी चूत और गांड को अपनी हवस का शिकार बनाया।
गर्मी का मौसम था, और दिल्ली की तपिश ने जीना मुहाल कर रखा था। मई का महीना था, और रात में भी पंखे और कूलर से राहत नहीं मिल रही थी। मैंने एक पतली सी नाइटी पहनी थी, जो मेरे जिस्म से चिपक रही थी। मेरी चूचियाँ नाइटी से बाहर आने को बेताब थीं, और मेरी गांड हर कदम पर लचक रही थी। पति टूर पर थे, और घर में सिर्फ़ मैं और राहुल थे। राहुल ने एक टाइट बनियान और शॉर्ट्स पहने थे, जिसमें उसकी चौड़ी छाती और मोटी बाँहें साफ़ दिख रही थीं। उसकी आँखों में एक भूख थी, जो मैं कई बार नोटिस कर चुकी थी। वो मुझे चोरी-छिपे घूरता था, और मैं भी उसे ताने मारकर तड़पाती थी।
उस रात करीब 11 बजे थे। मैं अपने कमरे में लेटी थी, लेकिन गर्मी की वजह से नींद नहीं आ रही थी। मेरी नाइटी पसीने से गीली हो चुकी थी, और मेरी चूचियाँ साफ़ दिख रही थीं। मैंने सोचा, थोड़ा पानी पी लूँ। मैं किचन में गई, और वहाँ राहुल पहले से था। वो पानी पी रहा था, और उसकी बनियान पसीने से चिपक रही थी। उसकी छाती चमक रही थी, और मैं उसकी मर्दाना बॉडी को देखकर थोड़ा गीली हो गई। मैंने मज़ाक में कहा, “क्या राहुल, गर्मी में भी इतना हॉट दिख रहा है?” वो हँसा और बोला, “भाभी, तुम तो गर्मी में भी आग लगा रही हो। ये नाइटी तो कुछ छिपा ही नहीं रही!”
उसकी बात ने मेरी चूत में हलचल मचा दी। मैंने जानबूझकर अपनी चूचियाँ हिलाईं और बोली, “अच्छा, देवर जी? तो तुम्हें क्या दिख रहा है?” वो मेरे करीब आया, और उसकी साँसें मेरे चेहरे पर टकराने लगीं। उसने मेरे कंधे पर हाथ रखा और बोला, “भाभी, तुम्हारा ये मस्त जिस्म देखकर मेरा लंड बेकाबू हो रहा है।” मैं शरमाई, लेकिन मेरी चूत गीली हो चुकी थी। मैंने कहा, “राहुल, ये गलत है। मैं तुम्हारी भाभी हूँ!” लेकिन मेरे जिस्म ने मेरे दिमाग को धोखा देना शुरू कर दिया था।
उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए, और मैं उसके चुम्बन में डूब गई। उसका चुम्बन जंगली और गर्म था, और मैं उसकी जीभ चूसने लगी। मैं सिसक उठी, “आह्ह… राहुल, ये क्या कर रहा है?” उसने मेरी नाइटी फाड़ दी, और मेरी नंगी चूचियाँ चमक उठीं। मेरे निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और उसने एक चूची को अपने रूखे हाथों में लिया। मैं चीख पड़ी, “उफ्फ… धीरे, मेरी चूचियाँ जल रही हैं!” उसकी जीभ मेरे निप्पल पर नाच रही थी, और उसका दूसरा हाथ मेरी दूसरी चूची को मसल रहा था। मेरी चूत से रस टपकने लगा था, और मैं तड़प रही थी।
उसने मुझे किचन स्लैब पर बिठाया और मेरी पैंटी खींचकर फेंक दी। मेरी चिकनी, गीली चूत उसके सामने थी। वो बोला, “भाभी, तेरी चूत तो शहद की तरह है!” उसने मेरी चूत पर अपनी जीभ रखी, और मैं चीख पड़ी, “आह्ह… चाट, मेरी चूत प्यासी है!” उसकी जीभ मेरी चूत की गहराइयों में उतर गई, और मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… और ज़ोर से चाट, राहुल!” मेरा रस उसके मुँह में बह रहा था, और मेरी सिसकियाँ किचन में गूँज रही थीं। मैंने उसका सिर पकड़ा और अपनी चूत पर दबा दिया। मैं चीख रही थी, “आह्ह… चूस डाल इसे!”
उसने अपनी शॉर्ट्स उतारी, और उसका काला, मोटा लंड मेरे सामने था। वो इतना बड़ा था कि मेरी आँखें फटी रह गईं। मैंने उसे सहलाया, और वो सिसक उठा, “भाभी, तू तो रंडी है!” मैंने उसका लंड अपने मुँह में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। उसका मोटा टोपा मेरे गले तक जा रहा था, और मैं उसकी गर्मी को महसूस कर रही थी। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… तेरा लंड रसीला है!” उसने मेरे बाल पकड़े और मेरा मुँह चोदने लगा। मैं चीख रही थी, “आह्ह… और ज़ोर से!”
उसने मुझे स्लैब से उतारा और घोड़ी बनाया। मेरी मोटी गांड उसके सामने थी, और उसने उस पर एक ज़ोरदार थप्पड़ मारा। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… और मार!” उसने मेरी गांड पर और थप्पड़ मारे, और मेरी गांड लाल हो गई। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… मेरी गांड जल रही है!” उसने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरी चूत में डाल दिया। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… राहुल, मेरी चूत फट गई!” वो ज़ोर-ज़ोर से ठाप मारने लगा, और मेरी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… और ज़ोर से चोद, मेरी चूत को फाड़ दे!”
उसकी ठापों से किचन स्लैब हिल रहा था, और मेरी चूत से रस की धार बह रही थी। वो मेरी चूचियाँ मसल रहा था, और मैं चीख रही थी, “आह्ह… मेरी चूचियाँ नोच डाल!” उसने मेरे निप्पल काटे, और मैं तड़प रही थी, “उफ्फ… और काट!” फिर उसने मुझे अपनी गोद में उठाया और मेरी चूत में ठाप मारने लगा। मैं उसके कंधों पर थी, और मेरी चूचियाँ उसके मुँह में थीं। वो मेरे निप्पल चूस रहा था, और मैं चीख रही थी, “आह्ह… और चूस!” उसकी ठापें इतनी तेज़ थीं कि मेरा जिस्म काँप रहा था। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… तेरा लंड मेरी चूत को जन्नत दिखा रहा है!”
उसने मुझे ज़मीन पर लिटाया और मेरी गांड में लंड डालने की कोशिश की। मैं डर गई और बोली, “राहुल, मेरी गांड मत मार!” वो हँसा और बोला, “भाभी, आज तेरी गांड भी चोद दूँगा।” उसने मेरी गांड पर तेल डाला और धीरे-धीरे अपना लंड डाला। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… मेरी गांड फट गई!” वो धीरे-धीरे ठाप मारने लगा, और दर्द धीरे-धीरे मज़े में बदल गया। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… और ज़ोर से, मेरी गांड को रगड़ डाल!” उसकी ठापों से मेरी गांड जल रही थी, और मेरी चूत से रस टपक रहा था।
फिर उसने मुझे फिर से लिटाया और मेरी चूत में ठाप मारने लगा। मैं चीख रही थी, “राहुल, मेरी चूत को फाड़ डाल!” वो ज़ोर-ज़ोर से ठाप मार रहा था, और मेरी सिसकियाँ घर में गूँज रही थीं। मैंने कहा, “राहुल, मेरे मुँह में डाल!” उसने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया, और मैं उसे ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… तेरा लंड रस से भरा है!” उसकी गर्मी मेरे मुँह में फैल रही थी, और मैं पागल हो रही थी।
वो फिर से मेरी चूत में ठाप मारने लगा। मैं चीख रही थी, “राहुल, मेरी चूत को रगड़ डाल!” वो सिसक रहा था, “भाभी, तेरी चूत मेरे लंड की रानी है!” उसने तेज़-तेज़ ठाप मारी, और मैं काँप रही थी। मैं चीख रही थी, “आह्ह… और ज़ोर से!” उसकी ठापों से मेरा जिस्म थरथरा रहा था, और मेरी चूत रस से लबालब थी। उसने कहा, “भाभी, मैं झड़ने वाला हूँ!” मैं चीख पड़ी, “राहुल, मेरी चूत में झड़ जा!” उसने एक ज़ोरदार धक्का मारा, और उसका गर्म माल मेरी चूत में फव्वारे की तरह छूट गया।
मैं काँपते हुए ज़मीन पर पड़ी थी, और मेरा जिस्म पसीने और रस से तर-बतर था। राहुल हाँफ रहा था, और उसका माल मेरी चूत से बह रहा था। उसने मेरे माथे पर चूमा और बोला, “भाभी, तू मस्त माल है।” मैं हँसते हुए बोली, “राहुल, तेरा लंड जादुई है।” उस रात हमने फिर दो बार चुदाई की—एक बार मेरी गांड में, और एक बार मेरे मुँह में। सुबह तक मेरा जिस्म थक चुका था, लेकिन मेरी चूत राहुल के लंड की दीवानी हो गई थी।
पति के आने के बाद भी राहुल और मेरी चुदाई का सिलसिला चला। जब भी मौका मिलता, वो मेरी चूत और गांड को चोदता। गर्मी की वो रात मेरे लिए एक नई हवस की शुरुआत थी। मैं अब भी राहुल के लंड को याद करती हूँ, और मेरी चूत उसकी ठापों के लिए तरसती है।