मेरा नाम शालिनी है, 26 साल की, और मैं दिल्ली में अपने किराए के फ्लैट में अकेली रहती हूँ। मेरा जिस्म ऐसा है कि मोहल्ले के लड़के मेरी एक झलक के लिए तरसते हैं। मेरी बड़ी-बड़ी रसीली चूचियाँ, पतली कमर और गोल-मटोल गांड मेरी टाइट ड्रेस में उभरकर हर मर्द के लंड में आग लगा देती है। मेरी गहरी आँखें और गुलाबी होंठ जैसे चूमने की खुली दावत दे रहे हों। मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती हूँ, और मेरे ऑफिस में एक लड़का, करण, मेरा सीनियर है। करण, 32 साल का, लंबा-चौड़ा, साँवला और मस्कुलर। उसकी गहरी आवाज और भारी-भरकम जिस्म मुझे हमेशा बेचैन कर देता था।
मैंने कई बार नोटिस किया कि जब मैं ऑफिस में टाइट कुर्ती या साड़ी में जाती, तो करण की नजरें मेरे बूब्स और गांड पर ठहर जाती थीं। उसकी वो भूखी नजरें मेरी चूत को गीला कर देती थीं। मुझे यकीन था कि करण का मोटा लंड मेरी टाइट चूत की भूख मिटाने को बेताब था। मैं भी उसे चाहती थी, और बस एक सही मौके की तलाश में थी।
वो एक सितंबर की उमस भरी रात थी। दिल्ली में हल्की बारिश हो रही थी, और ऑफिस में देर तक काम चल रहा था। मैं और करण एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे, और बाकी स्टाफ जा चुका था। ऑफिस का माहौल शांत था, सिर्फ बारिश की आवाज और हमारे बीच का तनाव हवा में तैर रहा था। मैंने उस दिन एक टाइट ब्लैक साड़ी पहनी थी, जो मेरे कर्व्स को और उभार रही थी। मेरे बूब्स साड़ी में साफ उभर रहे थे, और मेरी पतली कमर करण की नजरों को ललचा रही थी।
“शालिनी, ये प्रोजेक्ट थकानेवाला है। थोड़ा ब्रेक ले लें?” करण ने अपनी गहरी आवाज में कहा, और उसकी आँखें मेरे बूब्स पर टिक गईं। मैंने शरारत भरी मुस्कान दी और बोली, “करण, ब्रेक तो ठीक है, लेकिन तेरा लंड मेरी चूत को और थकाने वाला लग रहा है।” मेरी बात सुनकर उसकी आँखें चमक उठीं। “शालिनी, तेरी चूत मेरे मोटे लंड की भूखी है, तो आज रात उसे पूरा मजा दूँगा,” उसने फुसफुसाते हुए कहा।
मैंने हिम्मत जुटाई और करण के पास जाकर खड़ी हो गई। उसने मुझे अपनी बाहों में खींच लिया और मेरे रसीले होंठों को अपने होंठों से चूस लिया। वो चुंबन इतना गहरा और गर्म था कि मेरे जिस्म में बिजली सी दौड़ गई। करण ने मेरी साड़ी का पल्लू सरका दिया, और मेरे बूब्स मेरे टाइट ब्लाउज में उभर आए। उसने मेरे ब्लाउज के बटन खोले, और मेरी काली लेस ब्रा में मेरी बड़ी-बड़ी चूचियाँ कैद थीं। उसने ब्रा उतार दी, और मेरे रसीले बूब्स उसके सामने थे—गोल, टाइट और निप्पल्स तने हुए।
करण ने हौले-हौले मेरी चूचियों को अपने बड़े-बड़े हाथों में लिया और दबाना शुरू किया। उसकी उंगलियाँ मेरे निप्पल्स पर रगड़ रही थीं, और मेरी सिसकारियाँ ऑफिस में गूँज उठीं। “करण, मेरी चूचियों को और दबा… कितना मजा आ रहा है,” मैंने सिसकारी भरे लहजे में कहा। उसने मेरे निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें चूसते और हल्के से काटते हुए। मेरी चूत गीली हो चुकी थी, और मेरी साँसें तेज हो रही थीं। मैंने करण की शर्ट उतार दी और उसके मस्कुलर सीने पर अपने नाखून फिराए। “करण, तेरा जिस्म तो पत्थर जैसा है,” मैंने फुसफुसाया।
मैंने उसकी पैंट का बटन खोला, और उसका मोटा लंड बाहर निकला। “करण, तेरा लंड तो हथौड़ा है,” मैंने शरारत से कहा, और उसके लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी। फिर मैंने उसे अपने मुँह में लिया। मेरी जीभ उसके लंड पर लपलपाती रही, और करण की सिसकारियाँ तेज हो गईं। “शालिनी, तेरा मुँह मेरे लंड को पागल कर रहा है,” उसने सिसकते हुए कहा। मैंने उसके लंड को गहराई तक चूसा, और उसकी टिप को अपनी जीभ से चाटा।
करण ने मेरी साड़ी और पेटीकोट उतार दिए, और मेरी काली पैंटी में मेरी टाइट चूत की शेप साफ दिख रही थी। पैंटी गीली हो चुकी थी। उसने पैंटी नीचे सरकाई, और मेरी चूत उसके सामने थी—गुलाबी, गीली और बिना बालों की। करण ने घुटनों के बल बैठकर अपनी जीभ मेरी चूत पर फिराई, और मेरी चीखें ऑफिस में गूँज उठीं। “करण, मेरी चूत को चाट… और गहरा,” मैंने चिल्लाया। उसने अपनी जीभ मेरी चूत की गहराइयों में डाली, और मेरा रस उसके मुँह में बहने लगा। मैंने उसका सिर पकड़कर अपनी चूत पर दबाया, और मेरी सिसकारियाँ बारिश की आवाज को दबाने लगीं।
करण ने मुझे ऑफिस की टेबल पर बिठाया और मेरी टाँगें फैलाकर अपने मोटे लंड को मेरी टाइट चूत में डाला। मैं चीख पड़ी, “करण, तेरा लंड मेरी चूत को चीर रहा है!” उसने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया, और मेरी सिसकारियाँ तेज हो गईं। “और जोर से, करण… मेरी चूत को फाड़ दे,” मैंने चीखते हुए कहा। उसने अपनी रफ्तार बढ़ाई, और हर धक्के के साथ मेरे बूब्स उछल रहे थे। करण ने मेरे निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें चूसते और काटते हुए, और मेरी चीखें और तेज हो गईं। मैंने उसके कंधों पर अपने नाखून गड़ा दिए, और उसकी पीठ पर गहरे निशान छोड़ दिए।
करण ने मुझे टेबल से उतारा और डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू किया। उसका मोटा लंड मेरी टाइट चूत में इतनी गहराई तक जा रहा था कि मेरे जिस्म में बिजली सी दौड़ रही थी। “हाँ, करण… और गहरा… मेरी चूत को रगड़ दे,” मैं चिल्ला रही थी। उसने मेरे नितंबों को थपथपाया, और मेरी चीखें और तेज हो गईं। उसने मेरे बाल पकड़े और मुझे और जोर से चोदा, जैसे उसकी सारी वासना मेरी चूत में उतर रही हो। मैंने अपनी कमर को उसकी रफ्तार के साथ मिलाया, और हम दोनों की सिसकारियाँ ऑफिस में गूँज रही थीं।
पूरी रात, हमने एक-दूसरे के जिस्म को चखा। करण ने मुझे ऑफिस के हर कोने में चोदा—टेबल पर, सोफे पर, और फिर फर्श पर भी। मैंने उसके मोटे लंड को बार-बार अपने मुँह में लिया, और मेरी जीभ ने उसे पागल कर दिया। “करण, तेरा लंड मेरी चूत का राजा है,” मैंने सिसकारी भरे लहजे में कहा, और उसे और जोर से चोदने के लिए उकसाया। हमने ऑफिस की कैंटीन तक चुदाई की, जहाँ उसने मुझे काउंटर पर बिठाकर मेरी चूत को चोदा। बारिश की आवाज और हमारी चीखें एक-दूसरे में मिल रही थीं।
रात के तीन बजे, जब बारिश और तेज हो गई, मैंने करण के लंड को फिर से अपने हाथ में लिया। “ये अभी भी तना हुआ है,” मैंने शरारत से कहा, और उसे फिर से चूसने लगी। करण ने मुझे अपनी गोद में बिठाया और फिर से चोदना शुरू किया। इस बार, मैं ऊपर थी, और मेरी कमर हर धक्के के साथ लय में हिल रही थी। मेरे बूब्स उसके चेहरे के सामने उछल रहे थे, और उसने उन्हें चूसते हुए मुझे और जोर से चोदा। “शालिनी, तेरी टाइट चूत मेरे लंड को निचोड़ रही है,” उसने कहा, और मैंने अपनी रफ्तार और बढ़ा दी।
जब सुबह की पहली किरण ऑफिस की खिड़की से छनकर आई, हम दोनों नंगे, पसीने से लथपथ, एक-दूसरे की बाहों में लिपटे थे। मैंने करण के सीने पर सिर रखा और फुसफुसाया, “करण, तेरे मोटे लंड ने मेरी चूत को पूरी रात रंगीन कर दिया।” उसने मेरी आँखों में देखा और कहा, “शालिनी, तेरी टाइट चूत ने मेरे लंड को अपना दीवाना बना लिया।”
मैंने उसके होंठों पर एक गहरा चुंबन लिया, अपनी साड़ी ठीक की, और एक मादक मुस्कान के साथ बोली, “करण, जब भी ऑफिस में देर रात काम होगा, मेरी चूत तेरा मोटा लंड माँगेगी।” उसने मेरी कमर पकड़ी और कहा, “शालिनी, मेरा लंड हर रात हाजिर रहेगा।”
जैसे ही मैं ऑफिस से बाहर निकली, मैंने पलटकर देखा और एक शरारती पलक झपकी। “ये रात हमारी थी, करण। लेकिन ये जुनून कभी खत्म नहीं होगा।” मैं जानती थी, करण का मोटा लंड मेरी टाइट चूत की आग को हर रात सुलगाता रहेगा, और ऑफिस की वो दीवारें हमारी वासना की गवाह बनेंगी।