आप यह कहानी Meri Sex Story Dot Com पर पढ़ रहे हैं, जहाँ हर कामुक सीन आपके दिल की धड़कनों को तेज़ कर देता है। जयपुर की एक रंगीन बस्ती में, जहाँ रात को बाजारों की चमक और गलियों की हलचल एक अलग ही माहौल बनाती थी, मैं, राहुल, 25 साल का, अपने दोस्त विक्की के साथ समय बिताता था। मैं गठीला, चिकनी बातें करने वाला, और थोड़ा शरारती था। विक्की, 27 साल का, मज़बूत जिस्म और मस्तमौला स्वभाव वाला मेरा जिगरी दोस्त था। उसकी गर्लफ्रेंड, रितिका, 24 साल की, गोरी, भरे हुए बूब्स और गोल चूतड़ वाली ऐसी हसीना थी, जिसे वह प्यार से “भाभी” कहता था। रितिका की टाइट सलवार-कुर्ती में उभरती चूचियाँ और मटकती गांड देखकर मेरा लंड हमेशा तन जाता था। एक रात, विक्की ने मुझे बुलाया और रितिका की चूत और गांड की चुदाई में शामिल होने का मौका दे दिया।
उस रात जयपुर में हल्की ठंड थी, और विक्की ने मुझे अपने फ्लैट पर बुलाया। मैं वहाँ पहुँचा तो देखा कि रितिका एक पतली सिल्क की नाइटी में बैठी थी, जिसके नीचे उसकी काली ब्रा और पैंटी साफ झलक रही थी। विक्की ने हँसते हुए कहा, “राहुल, भाभी आज मूड में है, तू भी मज़ा ले ले।” रितिका ने शरारती मुस्कान दी और बोली, “राहुल, मेरी चूत को दो-दो लंड चाहिए, तैयार है?” उसकी बोल्ड बात ने मेरे लंड को तुरंत सख्त कर दिया। मैंने हँसते हुए जवाब दिया, “भाभी, तेरा भाई तुझे जन्नत दिखाएगा।” विक्की ने रूम की लाइट्स मद्धम कीं, और माहौल कामुक हो गया।
आप यह कहानी Meri Sex Story Dot Com पर पढ़ रहे हैं, जहाँ हर पल की वासना आपको बेकरार कर देती है। विक्की ने रितिका को अपनी गोद में खींच लिया और उसके होंठों को चूम लिया। उनका चुंबन इतना गहरा था कि मेरी साँसें तेज़ हो गईं। विक्की की जीभ रितिका के होंठों से खेल रही थी, और रितिका ने उसकी शर्ट पकड़कर उसे और करीब खींच लिया। “भाभी, तेरे होंठ तो शहद हैं,” विक्की ने फुसफुसाया। रितिका ने सिसकते हुए जवाब दिया, “तो मेरी चूत का स्वाद भी ले लो।” मैं उनके पास गया, और रितिका ने मुझे एक सेक्सी नज़र दी। उसने मेरे चेहरे को पकड़ा और मेरे होंठों को चूम लिया। उसका चुंबन इतना गर्म था कि मेरा लंड शॉर्ट्स में उछलने लगा।
विक्की ने रितिका की नाइटी का स्ट्रैप नीचे खींचा, और उसकी काली ब्रा में कैद चूचियाँ सामने आईं। उसने ब्रा का हुक खोला, और रितिका के भरे हुए बूब्स आज़ाद हो गए। विक्की ने उसकी चूचियाँ दबाईं, निप्पल्स को चूसा, और हल्के से काटा। “भाभी, तेरी चूचियाँ कितनी रसीली हैं,” उसने कराहते हुए कहा। रितिका की सिसकियाँ रूम में गूंजने लगीं। मैंने रितिका की जांघें सहलाईं और उसकी नाइटी ऊपर उठाकर उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को रगड़ा। उसकी चूत पहले ही गीली थी, और मेरी उंगलियों ने उसकी हवस को और भड़का दिया। “राहुल, मेरी चूत को चोद दे,” रितिका ने सिसकते हुए कहा।
आप यह कहानी Meri Sex Story Dot Com पर पढ़ रहे हैं, जहाँ हर सीन आपकी हवस को चरम पर ले जाता है। मैंने रितिका की पैंटी उतारी, और उसकी गोरी, गीली चूत देखकर मेरा लंड बेकरार हो गया। विक्की ने अपनी शर्ट और पैंट उतारी, और उसका मोटा लंड बाहर आया। रितिका ने विक्की के लंड को अपने हाथों में लिया और सहलाने लगी। “विक्की, तेरा लंड तो मेरी चूत के लिए बना है,” उसने सेक्सी अंदाज़ में कहा। उसने विक्की के लंड को अपने होंठों से चूमा और चूसना शुरू किया। मैंने रितिका की चूत पर अपनी जीभ फेरी, और उसकी सिसकियाँ और तेज़ हो गईं। “राहुल, मेरी चूत को और चाट,” उसने कराहते हुए कहा।
मैंने अपनी पैंट उतारी, और मेरा मोटा लंड रितिका के सामने था। उसने मेरे लंड को देखा और बोली, “राहुल, तेरा लंड भी कम नहीं है।” उसने मेरे लंड को चूसना शुरू किया, उसकी जीभ मेरे सिरे पर नाच रही थी। विक्की ने रितिका को सोफे पर लिटाया और उसकी जांघें चौड़ी कीं। उसने अपने लंड को रितिका की चूत पर रगड़ा और धीरे से अंदर डाला। रितिका की एक हल्की चीख निकली, और उसने विक्की की कमर पकड़ ली। “विक्की, मेरी चूत चोद दे,” उसने सिसकते हुए कहा। विक्की ने धीरे-धीरे चुदाई शुरू की, और रितिका की चूचियाँ हर धक्के के साथ उछल रही थीं।
आप यह कहानी Meri Sex Story Dot Com पर पढ़ रहे हैं, जहाँ कामुकता की हर हद पार होती है। मैंने रितिका के मुँह में अपना लंड डाला, और वह उसे चूसने लगी। उसकी जीभ मेरे लंड पर रगड़ रही थी, और मैं सिसकियाँ ले रहा था। विक्की की चुदाई तेज़ हो गई, और रितिका की चूत उसके लंड को गहरे तक निगल रही थी। “भाभी, तेरी चूत कितनी टाइट है,” विक्की ने कराहते हुए कहा। रितिका ने मेरे लंड को मुँह से निकाला और बोली, “राहुल, मेरी गांड भी चोद दे।” मैंने रितिका को घोड़ी बनाया और उसकी गांड को सहलाया। उसकी गांड इतनी रसभरी थी कि मेरा लंड बेकरार हो गया। मैंने अपने लंड को उसकी गांड पर रगड़ा और धीरे से अंदर डाला।
रितिका की ज़ोरदार चीख निकली, “राहुल, धीरे, मेरी गांड फट जाएगी।” मैंने धीरे-धीरे धक्के शुरू किए, और उसकी गांड मेरे लंड को निगल रही थी। विक्की ने रितिका की चूत में और तेज़ी से चोदना शुरू किया, और रितिका की सिसकियाँ चीखों में बदल गईं। “हाँ, मेरी चूत और गांड को चोदो,” उसने सिसकते हुए कहा। उसकी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं, और मैंने उन्हें कस के दबाया। विक्की ने रितिका के होंठों को चूमा, उसकी जीभ को चूसते हुए। मेरा लंड रितिका की गांड को गहरे तक चोद रहा था, और उसकी सिसकियाँ रूम में गूंज रही थीं।
आप यह कहानी Meri Sex Story Dot Com पर पढ़ रहे हैं, जहाँ हर पल की कामुकता आपको पागल कर देती है। तभी विक्की का दोस्त, करण, 26 साल का, मज़बूत और शरारती, फ्लैट में आ गया। उसने हमें देखा और हँसते हुए बोला, “विक्की, भाभी को चोदने में मज़ा आ रहा है? मुझे भी शामिल कर।” रितिका ने उसे सेक्सी नज़र दी और बोली, “करण, मेरे मुँह में जगह है।” करण ने अपनी पैंट उतारी, और उसका मोटा लंड रितिका के सामने था। उसने करण के लंड को अपने मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। करण की सिसकियाँ निकलने लगीं, और उसने रितिका के बाल पकड़ लिए। “भाभी, तू तो मेरे लंड की रानी है,” उसने कराहते हुए कहा।
विक्की अब रितिका की चूत को ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था, उसका लंड हर धक्के में उसकी चूत की गहराई को छू रहा था। मैं रितिका की गांड में अपने लंड को और तेज़ी से चला रहा था, और उसकी चीखें रूम में गूंज रही थीं। करण ने रितिका के मुँह में अपने लंड को और गहरे तक डाला, और वह उसे चूसते हुए सिसक रही थी। रितिका का जिस्म तीनों के लंड से भरा था—चूत, गांड, और मुँह में। उसकी चूचियाँ उछल रही थीं, और उसका जिस्म पसीने से गीला हो चुका था। “हाँ, मुझे और चोदो, मेरी चूत और गांड को तृप्त कर दो,” रितिका ने चीखते हुए कहा।
हमारी चुदाई रातभर चली। विक्की ने रितिका की चूत में अपनी गर्मी छोड़ दी, मैंने उसकी गांड में अपने रस बिखेरे, और करण ने उसके मुँह से लंड निकालकर उसकी चूचियों पर अपनी गर्मी छीट दी। रितिका का जिस्म पसीने और तृप्ती से भरा था, और उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी। सुबह होने से पहले हमने कपड़े ठीक किए और चुपके से अपने-अपने कोनों में चले गए। रितिका ने मेरी ओर देखा और शरारती मुस्कान दी, “राहुल, तू सचमुच मेरा भाई है, मेरी चूत को तृप्त कर दिया।” मैंने हँसते हुए जवाब दिया, “भाभी, तेरी चूत और गांड मेरे लंड की गुलाम बन गई।”
आप यह कहानी Meri Sex Story Dot Com पर पढ़ रहे हैं, जहाँ हर कहानी आपकी हवस को नया जुनून देती है। अगली सुबह जब मैं विक्की और रितिका से मिला, तो उनकी आँखों में वही शरारत थी। रितिका के जिस्म पर चुदाई के हल्के निशान थे—उसकी चूचियों पर मेरे दाँतों के निशान और उसकी गांड पर मेरे थप्पड़ों के लाल निशान। विक्की ने मुझे कनखियों से देखा और बोला, “राहुल, भाई हो तो ऐसा, भाभी को फिर बुलाएँ?” मैंने हँसते हुए कहा, “विक्की, भाभी की चूत के लिए मैं हमेशा तैयार हूँ।”
रितिका ने हमें एक चोर नज़र दी, और उसकी मुस्कान ने बता दिया कि ये चुदाई का सिलसिला अभी रुकने वाला नहीं था। उस रात की गर्मी मेरे जिस्म में बसी थी, और मैं जानता था कि विक्की और रितिका के साथ ऐसी रातें फिर आएँगी।