नोएडा की एक पॉश कॉलोनी में, जहाँ रातें शांत थीं मगर दिलों में वासना की आग सुलगती थी, वहाँ एक छोटा सा कोचिंग सेंटर था। वहाँ पढ़ाती थीं 19 साल की रिया, एक कॉलेज स्टूडेंट, जिसका हुस्न किसी को भी पागल कर सकता था। रिया का गोरा जिस्म, टाइट जीन्स में ढली जाँघें, और उसकी टॉप में उभरे बूब्स हर लड़के के लंड में हलचल मचा देते थे। उसकी कजरारी आँखें और गुलाबी होंठ जैसे चूमने की दावत दे रहे हों। मगर रिया की नजरें थीं अपने ट्यूशन टीचर, सरजी—अखिल सर—पर।
अखिल सर, 32 साल के थे, लंबे, चौड़े कंधों वाले, और उनकी गहरी आवाज किसी भी लड़की की चूत को गीला कर सकती थी। वह मैथ्स के टीचर थे, और उनकी सख्ती के साथ-साथ वो शरारती मुस्कान रिया को रात-रात भर बेचैन रखती थी। अखिल की नजरें भी रिया के जिस्म पर अटकती थीं, खासकर जब वह टाइट टॉप में क्लास में बैठती और अपने बूब्स को हल्के से दबाकर सर को तड़पाती थी।
क्लासरूम में कामुक शुरुआत
वो एक सितंबर की बारिश भरी शाम थी। कोचिंग सेंटर में आखिरी क्लास थी, और बाकी स्टूडेंट्स जल्दी निकल गए थे। रिया ने जानबूझकर अपनी कॉपी में कुछ गलतियाँ छोड़ दी थीं, ताकि अखिल सर उसे रुकने को कहें। “रिया, तुम्हारी कॉपी में फिर गलतियाँ हैं। रुकना पड़ेगा,” अखिल ने सख्त लहजे में कहा, मगर उनकी आँखों में एक शरारत थी।
रिया ने अपनी टॉप का गला थोड़ा नीचे खींचा, जिससे उसके बूब्स का क्लीवेज साफ़ दिखने लगा। “सर, मुझे सजा दे दो, लेकिन प्यार से,” उसने शरारत भरे लहजे में कहा, और अपनी जीभ अपने होंठों पर फिराई। अखिल का लंड उनकी पैंट में तन गया। वह रिया के पास आए और बोले, “तू बहुत नटखट है, रिया। तेरी ये अदा मेरे लंड को बेकरार कर रही है।”
रिया ने हँसते हुए कहा, “तो बेकरारी को छूकर देखो, सर। मेरी टाइट चूत तुम्हारा इंतज़ार कर रही है।” अखिल की साँसें तेज हो गईं। उन्होंने क्लासरूम का दरवाजा लॉक किया और रिया को अपनी ओर खींच लिया।
डेस्क पर वासना का खेल
अखिल ने रिया को डेस्क पर बिठाया और उसके होंठों को अपने होंठों से चूस लिया। वो किस इतना गहरा और गर्म था कि रिया की चूत में आग सी लग गई। उसने अखिल की शर्ट के बटन खोले और उनकी चौड़ी छाती पर अपनी उंगलियाँ फिराईं। “सर, आपका सीना कितना सख्त है,” उसने फुसफुसाया, और अखिल के निप्पल्स को हल्के से चाटा।
अखिल ने रिया की टॉप उतार दी, और उसकी ब्लैक लेस ब्रा में कैद बूब्स को देखकर उनका लंड और सख्त हो गया। “तेरे ये बूब्स मुझे पागल कर रहे हैं,” उन्होंने कहा, और रिया की ब्रा खोलकर उसके निप्पल्स को अपने मुँह में लिया। रिया की सिसकारियाँ क्लासरूम में गूँज उठीं। “हाँ, सर… और जोर से चूसो… मेरे बूब्स को दबाओ,” उसने चिल्लाते हुए कहा।
रिया ने अखिल की पैंट का बटन खोला और उनका मोटा लंड बाहर निकाला। “सर, ये लंड तो मेरी चूत को फाड़ देगा,” उसने शरारत से कहा, और अपने घुटनों पर बैठकर अखिल के लंड को अपने मुँह में लिया। उसकी जीभ अखिल के लंड पर लपलपाती रही, और अखिल की सिसकारियाँ तेज हो गईं। “रिया, तेरा मुँह मेरे लंड को निचोड़ रहा है,” उन्होंने कहा, और रिया के बालों को कसकर पकड़ लिया।
बेडरूम में चुदाई की रात
अखिल ने रिया को अपनी कार में बिठाया और अपने अपार्टमेंट ले गए। वहाँ का बेडरूम मद्धम नीली रोशनी से नहाया हुआ था, और बेड पर मखमली चादरें रिया की टाइट चूत और अखिल के मोटे लंड की गवाही देने को तैयार थीं। रिया ने अपनी जीन्स उतार दी, और उसकी गुलाबी पैंटी उसकी गीली चूत को ढक रही थी। “मुझे चोद दो, सर,” रिया ने सिसकारी भरे लहजे में कहा, और अपनी पैंटी उतारकर बेड पर लेट गई।
अखिल ने रिया की टाँगें चौड़ी कीं और उसकी टाइट चूत पर अपनी जीभ फिराई। रिया की चीखें कमरे में गूँज उठीं। “और तेज, सर… मेरी चूत को चाटो,” उसने चिल्लाया, और अपनी कमर उछालने लगी। अखिल ने अपनी जीभ को रिया की चूत की गहराइयों में डाला, और रिया की सिसकारियाँ और तेज हो गईं। “बस… अब चोद दो मुझे,” रिया ने चीखते हुए कहा।
अखिल ने अपने मोटे लंड को रिया की टाइट चूत में डाला, और धीरे-धीरे धक्के मारने लगे। रिया की सिसकारियाँ और तेज हो गईं, और उसने अपनी टाँगें अखिल की कमर के चारों ओर लपेट लीं। “और जोर से, सर… मेरी चूत को फैला दो,” उसने चीखते हुए कहा। अखिल ने अपनी रफ्तार बढ़ाई, और हर धक्के के साथ रिया के बूब्स उछल रहे थे। उन्होंने रिया के निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें काटते हुए, और रिया की चीखें और तेज हो गईं।
पूरी रात की वासना
अखिल ने रिया को पलट दिया और उसे डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू किया। उनका मोटा लंड रिया की टाइट चूत में इतनी गहराई तक जा रहा था कि दोनों के जिस्म एक-दूसरे में पूरी तरह घुल गए। “हाँ, सर… और गहरा… मेरी चूत को रगड़ दो,” रिया चिल्ला रही थी। अखिल ने रिया के नितंबों को थपथपाया, और उसकी चीखें और तेज हो गईं।
पूरी रात, दोनों ने एक-दूसरे के जिस्म को चखा। अखिल ने रिया को बेड के हर कोने में चोदा—कभी उसकी चूत को, कभी उसके बूब्स को चूसते हुए, और कभी उसके नितंबों को सहलाते हुए। रिया ने अखिल के मोटे लंड को बार-बार अपने मुँह में लिया, और उसकी जीभ ने अखिल को पागल कर दिया। “तेरा लंड मेरी चूत का राजा है, सर,” उसने सिसकारी भरे लहजे में कहा, और अखिल को और जोर से चोदने के लिए उकसाया।
कमरे में सिर्फ़ उनकी सिसकारियाँ, बेड की चरमराहट और चुदाई की आवाजें गूँज रही थीं। रिया के नाखून अखिल की पीठ पर गहरे निशान छोड़ रहे थे, और अखिल के दाँत रिया के बूब्स पर हल्के-हल्के काट रहे थे। रात के दो बजे, जब दोनों थककर बेड पर लेटे, रिया ने अखिल के लंड को फिर से अपने हाथ में लिया। “ये अभी भी तना हुआ है, सर,” उसने शरारत से कहा, और उसे फिर से चूसने लगी।
अखिल ने रिया को अपनी गोद में बिठाया और उसे फिर से चोदना शुरू किया। इस बार, रिया ऊपर थी, और उसकी कमर हर धक्के के साथ लय में हिल रही थी। “तेरी टाइट चूत मेरे लंड को निचोड़ रही है, रिया,” अखिल ने कहा, और रिया ने अपनी रफ्तार और बढ़ा दी। दोनों ने एक-दूसरे को तब तक चोदा, जब तक सुबह की पहली किरण खिड़की से झाँकने लगी।
सुबह का वादा
जब सुबह की धूप बेडरूम में फैली, रिया और अखिल नंगे एक-दूसरे की बाहों में लेटे थे। रिया ने अखिल के सीने पर सिर रखा और फुसफुसाया, “सर, आपने मेरी चूत को सचमुच फैला दिया। ये चुदाई मेरे जिस्म में हमेशा रहेगी।” अखिल ने उसकी आँखों में देखा और कहा, “तेरी टाइट चूत मेरे मोटे लंड की गुलाम बन गई है, रिया।”
रिया ने एक आखिरी बार अखिल के होंठों को चूमा, अपने कपड़े पहने, और एक कामुक मुस्कान के साथ बोली, “अगली क्लास में फिर सजा देना, सर। मेरी चूत आपका इंतज़ार करेगी।” अखिल ने उसकी कमर पकड़ी और कहा, “तो मेरा मोटा लंड हाजिर रहेगा।”
जैसे ही रिया दरवाजे की ओर बढ़ी, उसने पलटकर देखा और कहा, “ये रात हमारी थी, सर। लेकिन ये खेल अभी खत्म नहीं हुआ।” अखिल जानता था, रिया की टाइट चूत की आग उसके लंड में हमेशा सुलगती रहेगी।