लखनऊ की एक तंग गली में, जहाँ पुराने मकानों की छतें एक-दूसरे से सटी थीं और रात को चाँदनी का जादू बिखरता था, मैं, रीना, अपने मम्मी-पापा के साथ रहती थी। मैं 22 साल की थी, गोरी, लंबे काले बालों वाली, और ऐसी फिगर वाली कि मोहल्ले के लड़के मेरी एक झलक के लिए बेकरार रहते। मेरी टाइट टॉप और जीन्स मेरे भरे हुए बूब्स और गोल चूतड़ को और उभारते थे। पड़ोस में रहने वाला राहुल, 24 साल का, लंबा, गठीला, और सोशल मीडिया पर रील्स बनाने का शौकीन लड़का था। उसकी शरारती मुस्कान और चिकनी बातें मुझे हमेशा लुभाती थीं। एक रात, उसने रील बनाने के बहाने मुझे छत पर ले जाकर मेरी चूत और गांड की चुदाई कर दी।
उस रात मोहल्ले में बिजली गुल थी, और गर्मी से हर कोई परेशान था। मैं अपनी छत पर टहल रही थी, एक पतली स्लीवलेस टॉप और शॉर्ट्स में, जिससे मेरी चूचियाँ और जांघें साफ झलक रही थीं। राहुल अपनी छत पर मोबाइल में रील्स देख रहा था। उसने मुझे देखा और आवाज़ दी, “रीना, इधर आ ना, एक रील बनाते हैं। तू तो वैसे भी हॉट लग रही है, वायरल हो जाएगी!” उसकी बात में मज़ाक था, लेकिन उसकी नज़रें मेरी चूचियों पर टिकी थीं। मैंने हँसते हुए कहा, “राहुल, मेरी चूत को तो तू पहले से वायरल करना चाहता है।” मेरी बोल्ड बात सुनकर उसकी आँखें चमक उठीं, और उसने मुझे अपनी छत पर बुला लिया।
राहुल ने अपनी छत पर एक छोटा सा सेटअप बनाया था—एक स्टैंड पर मोबाइल, कुछ रंगीन लाइटें, और एक ब्लूटूथ स्पीकर। उसने एक ट्रेंडिंग गाना चलाया और बोला, “रीना, बस थोड़ा डांस कर, मैं रील शूट करता हूँ।” मैंने हल्का सा डांस शुरू किया, मेरी कमर मटक रही थी, और मेरी चूचियाँ टॉप में उछल रही थीं। राहुल की नज़रें मेरे जिस्म पर रेंग रही थीं। “रीना, तू तो आग लगा रही है,” उसने फुसफुसाया और मेरे करीब आ गया। उसकी गर्म साँसें मेरे गालों को छू रही थीं। मैंने शरारत से कहा, “राहुल, रील बनाएगा या मेरी चूत की आग बुझाएगा?”
राहुल ने मोबाइल का कैमरा बंद किया और मुझे अपनी बाहों में खींच लिया। उसने मेरे होंठों को चूम लिया, पहले धीरे, फिर इतनी गहराई से कि मेरी साँसें रुक गईं। उसकी जीभ मेरे होंठों से खेल रही थी, और मैंने उसकी कमर को कस के पकड़ लिया। “तेरे होंठ तो शहद जैसे हैं,” राहुल ने कहा, और मैंने सिसकते हुए जवाब दिया, “तो मेरी चूत का स्वाद भी ले ले।” उसकी बात ने मेरे लंड को और सख्त कर दिया। उसने मेरी टॉप के स्ट्रैप्स नीचे खींचे, और मेरी काली ब्रा में कैद चूचियाँ देखकर उसकी साँसें तेज़ हो गईं।
राहुल ने मेरी ब्रा का हुक खोला, और मेरे भरे हुए बूब्स आज़ाद हो गए। उसने उन्हें दोनों हाथों से दबाया, निप्पल्स को चूसा, और धीरे से काटा। “रीना, तेरी चूचियाँ कितनी मस्त हैं,” उसने कराहते हुए कहा। मेरी सिसकियाँ छत पर गूंजने लगीं। मैंने अपनी जांघें चौड़ी कीं, और राहुल ने मेरे शॉर्ट्स के ऊपर से मेरी चूत को सहलाया। मेरी चूत पहले ही गीली थी, और उसकी उंगलियों ने मेरी वासना को और भड़का दिया। “तेरी चूत तो मेरे लंड के लिए तड़प रही है,” उसने कहा, और मैंने जवाब दिया, “राहुल, रील छोड़, मेरी चूत चोद दे।”
मैंने राहुल की टी-शर्ट उतारी और उसकी जीन्स का बटन खोला। उसका मोटा लंड बाहर आया, सख्त और गर्म। “वाह, तेरा लंड तो मेरी चूत के लिए बना है,” मैंने सेक्सी अंदाज़ में कहा और उसे अपने हाथों में लेकर सहलाया। मैंने उसके लंड को अपने होंठों से चूमा और धीरे-धीरे चूसना शुरू किया। राहुल की सिसकियाँ निकलने लगीं, और उसने मेरे बाल पकड़कर मुझे और गहरे तक चूसने को कहा। उसकी गर्मी मेरे मुँह में फैल रही थी, और मेरी चूत चुदाई के लिए बेकरार थी। “रीना, तू तो मेरे लंड की रानी है,” उसने कहा।
राहुल ने मेरे शॉर्ट्स और पैंटी उतार दी और मुझे छत पर बिछी चटाई पर लिटाया। उसने मेरी जांघें चौड़ी कीं, और मेरी गीली चूत को देखकर उसका लंड और तन गया। उसने अपने लंड को मेरी चूत पर रगड़ा, और मैं सिसकियाँ लेने लगी। “राहुल, चोद दे, मेरी चूत को,” मैंने कराहते हुए कहा। उसने धीरे से लंड अंदर डाला, और मेरी एक हल्की चीख निकली। उसका लंड मेरी चूत को पूरा भर रहा था। “रीना, तेरी चूत कितनी टाइट है,” उसने सिसकते हुए कहा। उसने धीरे-धीरे चुदाई शुरू की, और मेरी चूचियाँ हर धक्के के साथ उछल रही थीं।
मेरी सिसकियाँ अब कामुक कराह में बदल गई थीं। राहुल ने रफ्तार बढ़ा दी, और उसका लंड मेरी चूत की गहराई को छू रहा था। मेरी गांड चटाई पर रगड़ रही थी, और मैंने अपनी जांघें और चौड़ी कर दीं। “राहुल, और ज़ोर से चोद,” मैंने कराहते हुए कहा। उसने मेरी चूचियाँ फिर से दबाईं और उन्हें चूसने लगा, जिससे मेरी चूत और गीली हो गई। “साली, तेरी चूत चोदने का मज़ा ही अलग है,” उसने कहा, और मैंने जवाब दिया, “राहुल, मेरी चूत तेरे लंड की गुलाम हो गई।”
तभी राहुल का दोस्त, करण, 25 साल का, मज़बूत और शरारती, उसकी छत पर आ गया। उसने हमें देखा और हँसते हुए बोला, “रीना, मुझे भी मज़ा चाहिए।” मैं पहले झिझकी, लेकिन मेरी चूत की भूख ने मुझे बोल्ड बना दिया। “आ जा, करण, मेरी गांड और मुँह बाकी हैं,” मैंने सेक्सी अंदाज़ में कहा। राहुल ने करण को पास बुलाया, और दोनों ने मुझे अपनी वासना का शिकार बनाया। करण ने मेरी गांड को सहलाया और उसे थप्पड़ मारा। “तेरी गांड कितनी रसभरी है,” उसने कहा, और अपनी उंगली मेरी गांड में डाली।
मेरी सिसकियाँ और तेज़ हो गईं। “करण, मेरी गांड भी चोद,” मैंने कराहते हुए कहा। राहुल मेरी चूत में अपने लंड को और तेज़ी से चला रहा था, जबकि करण ने अपनी पैंट उतारी और अपने लंड को मेरी गांड पर रगड़ा। उसने धीरे से लंड अंदर डाला, और मेरी ज़ोरदार चीख निकली। “आह, धीरे,” मैंने सिसकते हुए कहा, लेकिन करण ने और ज़ोर से धक्का मारा। “रंडी, तेरी गांड मेरे लंड की गुलाम है,” उसने कहा, और मैंने जवाब दिया, “तो चोद दे, मेरी गांड को।”
अब मेरे जिस्म में दो लंड थे—राहुल का लंड मेरी चूत को चोद रहा था, और करण का लंड मेरी गांड को। मेरी चूचियाँ उछल रही थीं, और मैंने दोनों को कस के पकड़ लिया। “हाँ, मेरी चूत और गांड को चोदो,” मैंने सिसकते हुए कहा। राहुल ने मेरे होंठों को फिर से चूमा, मेरी जीभ को चूसते हुए, और करण ने मेरी चूचियाँ दबाईं। मेरा जिस्म पसीने और चुदाई की गर्मी से गीला हो चुका था। मेरी सिसकियाँ छत पर गूंज रही थीं, और चाँदनी हमारी इस कामुकता का गवाह बन रही थी।
तभी मोहल्ले का एक और लड़का, विकास, 23 साल का, मज़बूत और चालाक, राहुल की छत पर आया। उसने मेरी चुदाई देखकर अपना लंड पकड़ लिया। “रीना, मुझे भी मज़ा दे,” उसने गहरी आवाज़ में कहा। मैंने उसे एक सेक्सी नज़र दी और बोली, “विकास, मेरे मुँह में जगह है।” विकास ने अपनी पैंट उतारी और अपना मोटा लंड मेरे मुँह में डाल दिया। मैंने उसे चूसना शुरू किया, मेरी जीभ से उसके लंड को सहलाते हुए। विकास की सिसकियाँ निकलने लगीं, और उसने मेरे बाल पकड़कर मुझे और तेज़ी से चूसने को कहा। “साली, तू तो मेरे लंड की दीवानी है,” उसने बोला।
राहुल अब मेरी चूत को ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था, उसका लंड हर धक्के में मेरी चूत की गहराई को छू रहा था। करण ने मेरी गांड में अपने लंड को और तेज़ी से चलाया, और मेरी सिसकियाँ चीखों में बदल गईं। विकास ने मेरे मुँह में अपने लंड को और गहरे तक डाला, और मैंने उसे चूसते हुए सिसकियाँ भरीं। “तेरे मुँह में मेरा लंड कितना मस्त लग रहा है,” विकास ने कराहते हुए कहा। मेरा जिस्म तीन मर्दों की भूख का शिकार बन चुका था, और मेरी चुदाई चरम पर थी।
हमारी चुदाई रातभर चली। मेरी चूत, गांड, और मुँह तीनों उनके लंड से भरे थे। राहुल ने मेरी चूत में अपने लंड को और तेज़ी से चलाया, और आखिरकार मेरी चूत में अपनी गर्मी छोड़ दी। करण ने मेरी गांड में अपने रस छोड़े, और विकास ने मेरे मुँह से लंड निकालकर मेरी चूचियों पर अपनी गर्मी बिखेर दी। मेरा जिस्म पसीने और तृप्ति से गीला था, और मेरी वासना की आग पूरी तरह बुझ चुकी थी।
सुबह होने से पहले हमने कपड़े ठीक किए और चुपके से अपनी-अपनी छतों पर चले गए। राहुल ने मुझे एक शरारती मुस्कान दी और फुसफुसाया, “रीना, रील तो नहीं बनी, लेकिन तेरी चूत चोदने का मज़ा ले लिया।” मैंने हँसते हुए जवाब दिया, “राहुल, मेरी चूत और गांड अब तेरे लंड की गुलाम हैं।” अगली सुबह जब मैं उससे मिली, तो उसकी आँखों में वही भूख थी, और मेरी चूत फिर से सुलगने लगी।
सुबह के नाश्ते पर मेरे जिस्म पर चुदाई के हल्के निशान थे—मेरी चूचियों और चूतड़ पर लाल निशान उस रात की कहानी बयान कर रहे थे। मैंने राहुल को एक चोर नज़र से देखा, और उसकी मुस्कान ने बता दिया कि ये चुदाई का सिलसिला अभी खत्म नहीं हुआ था।