तीनो देवर मुझे बारी बारी से चोदता है और ससुर चुदवाता है

Group sex story, pariwarik sex story, rishton me sex story : आज मैं भी अपनी चुदाई की आपबीती सूना रही हूँ। मेरी सेक्स कहानी डॉट कॉम के बारे में मुझे कल ही पता चलता था एक सहेली के द्वारा इसलिए मैं भी अपनी चुदाई की कहानी इस वेबसाइट पर लिख रही हूँ. इस सेक्स कहानी में मैं आपको बताउंगी की कैसे मेरे तीन तीन देवर मेरी चुदाई बारी बारी से करता है और इसमें उन तीनो की मदद मेरा ससुर करता है।

आप खुद सोचिये मेरा क्या हाल होता होगा। पर अब तो आदत हो गयी है और मुझे अब ख़राब भी नहीं लगता है। मान ली हूँ ये लोग अब मुझे छोड़ेंगे नहीं और सामूहिक चुदाई करंगे या अकेले अकेले तो सोचना। मैं आपको अपनी पूरी कहानी सूना रही हूँ।

सच पूछिए तो जो चीज पहले ख़राब लगता था अब वही चीज अच्छा लगने लगा था। पहले मुझे डर लगता था पर अब डर नहीं लगता है। पहले लगता था तीन तीन मिलकर मेरी चुत फाड़ देंगे पर अब मुझे भी मजा आने लगा है अलग अलग साइज की लंड को जब चुत में लेती हूँ तो और भी मजा आता है। कैसे क्या हुआ आइये अब जानते हैं।

मैं झारखण्ड की रहने वाली हूँ। मैं 24 साल की खूबसूरत हूँ। मैं जब धनबाद से पानीपत आई शादी कर के तो मुझे हरयाणा का कुछ भी ठीक नहीं लगता था। क्यों की यहाँ का रहन सहन बोली सब कुछ अलग था पर सिचुएशन ही ऐसा बन गया था की मेरी शादी एक हरयाणवी फौजी के साथ हो गया। घर में मेरे पति के अलावा तीन देवर और ससुर रहते हैं। मेरे पति अक्सर जॉब पर ही रहते है।

जवान औरत या लड़की को चुदाई होना ज़िंदगी का एक अहम् हिस्सा होता है। पर जब पति ही साथ नहीं हो तो क्या किया जाये। मैं अपने ससुर को बोली की मैं वापस अपने गाँव जाना चाहती हूँ जब पति ही नहीं है मेरे साथ तो चार मर्दों के बिच में क्या रहना। सास भी नहीं है। तो ससुर जी रोने लगे बोले नहीं बेटी मैं हूँ जो तुम कहेगी वो करेंगे। मेरे बेटे की शादी नहीं हो रही थी इसलिए तुमसे व्याह करवाया। अब गाँव वाले क्या कहंगे तो मत जा। मैं वो सब कुछ दूंगा जो तुम्हे चाहिए।

सच पूछिए तो मुझे अपने छोटे देवर से लगाव था पर मैं कुछ कह नहीं पाई मुझे अपने देवर से चुदने का मन करता था। अब मुझे लगा की है रहकर अपनी ज़िंदगी को ठीक करना है। तो दूसरे दिन से मैं अपने देवर पर डोरे डालने लगी। और तीन से चार दिन में ही पटा ली पर दो तीन दिन की चुदाई की बाद ही मुझे चुड़ते हुए पकड़ लिया ससुर जी ने और देवर ने।

फिर वो लोग उस दिन के बाद से अलग अलग तरीके से मुझे कहने लगे की मैं भी उनके साथ सोऊँ। फिर ससुर जी भी मेरे से प्यार प्यार से बात करने लगे ताकि मैं अपना चुत बाकी के देवर से भी मरवाऊँ। मुझे डर लगने लगा था की एक के साथ तो चुदना आसान था पर सभी के साथ चुदना मेरे लिए डर की बात थी।

पर धीरे धीरे मुझे तीनो ने अपनी आगोश में ले लिया और फिर चुदाई। रात दिन जब भी किसी को मौक़ा मिलता मुझे चोद देता। रात में दो के साथ कभी तीनों के साथ। दिन में कभी किसी के साथ कभी किसी के साथ। यानी उनलोगों का जब भी लंड खड़ा हो जाता मेरी चूत का सत्यानाश हो जाता।

कभी वो चुत चुदाई करते तो कभी मेरी गांड मार लेते। और ये सब करने में मेरे ससुर जी का भी हाथ था। वो चाहते थे मैं उनके सभी बेटों की बीवी बन जाऊं क्यों की किसी की शादी हो नहीं रही थी। तो दोस्तों आप खुद ही सोचिये मेरा क्या हाल होता होगा.

सबसे बड़ा देवर का लैंड पुरे नौ इंच का है जब वो मुझे चोदता है तो ऐसा लगता है जानवर चोद रहा है। वो मेरी चूचियों को मसलते हुए मेरी गांड में पीछे से ऊँगली डाल देता है और निचे से खींच पर अपने लंड के करीब चूत का लता है। मेरी दोनों पैरों को कहता है फैलाने को और फिर जोर जोर से धक्के देता है।

मेरा बिच बाला देवर वो निचे लेटता है और मुझे ऊपर रखता है। निचे से वो मेरी चूचियों को थामता है और मोटा को मेरी चुत में डाल कर मुझे ऊपर निचे कहता है करने को। पूरा का पूरा लंड मेरी पेट तक पहुंच जाता है। और फिर चूचियों को मसलते हुए कभी गांड में कभी चुत में देते रहता है।

छोटा देवर बड़े आराम आराम से चोदता है। वो आगे से पीछे से ऊपर से निचे से हरेक तरीके से चुदाई करता है और मुझे खुश भी करता है।

तो दोस्तों अब तो मुझे डर नहीः लगता है अब मुझे आदत हो गयी है कभी कभी तो वो ग्रुप में भी सेक्स करने लगता है कभी कभी अकेले अकेले। पर अब मजे ले रही हूँ। जब जिस लंड की भूख होती है चुद लेती हूँ। चुदाई से अब डर नहीं लगता है मजे लेती हूँ अलग अलग तरीके से चुदाई का और लंड का।

अगर आप भी दिल्ली के आसपास रहते हैं और पानीपत आ सकते हैं तो मुझे चोद सकते हैं। आपको ये कहानी कैसी लगी प्लीज बताएं।

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