Chachi ki Chudai Sex Story – जवान और तगड़े रवि ने अपनी हॉट चाची ममता की गर्म चूत की आग को अपने मोटे लंड से बुझाया। चूचियां, गांड, और तीखी चुदाई से भरी ये देसी सेक्स कहानी आपके दिल में जुनून की चिंगारी जगा देगी। चाची और भतीजे के बीच की इस गर्म चुदाई की कहानी पढ़ें और मस्ती में डूब जाएं!
मैं रवि, 23 साल का जवान और मस्तमौला लड़का, जिसका सांवला रंग, तगड़ा जिस्म, और शरारती मुस्कान गाँव की औरतों को बेकरार कर देती थी। मेरा मोटा लंड हमेशा नई चूत की तलाश में रहता था। गर्मियों की छुट्टियों में मैं अपने चाचा के गाँव गया, जहाँ मेरी चाची, ममता, रहती थी। चाची, 35 साल की, गोरी-चिट्टी, भारी चूचियां, पतली कमर, और मटकती गांड वाली औरत थी। उनकी टाइट साड़ी में उभरी चूचियां और गहरी नाभि मुझे हर बार तड़पाती थीं।
चाचा ज्यादातर शहर में रहते थे, और गाँव के घर में मैं और चाची अकेले थे। चाची मेरे साथ खुलकर हंसती-बोलती, कभी मेरी जांघ पर चिकोटी काटती, तो कभी अपनी चूचियों को मेरे सामने झुकाकर दिखाती। उनकी शरारती नजरें मेरे लंड को ललचाती थीं। मैं उनकी चूचियों को निहारता, और मेरी चूत उनकी जवानी की भूखी थी। मगर मैं रिश्ते की मर्यादा में बंधा था। फिर आई वो रात, जब चाची ने सारी हदें तोड़ दीं।
कल रात गाँव में बिजली गुल थी। घर में सिर्फ लालटेन की रोशनी थी, और बाहर हल्की बारिश की फुहारें पड़ रही थीं। चाची ने एक पतली, गीली साड़ी पहनी थी, जो उनके जिस्म से चिपककर उनकी चूचियों और गांड को नंगा कर रही थी। मैं छत पर चारपाई बिछाकर लेटा था, जब चाची मेरे पास आईं। “रवि, गर्मी में नींद नहीं आ रही?” उन्होंने रसीली आवाज में कहा, और मेरे पास चारपाई पर बैठ गईं। उनकी साड़ी का पल्लू सरक गया, और उनकी गहरी दरार लालटेन की रोशनी में चमक उठी।
“चाची, आप इतनी हसीन हैं, नींद कैसे आए?” मैंने हिम्मत करके कहा, और उनकी जांघ पर हाथ रख दिया। चाची की सांसें तेज हो गईं। “रवि, तू शरारती है, मगर मेरी चूत तेरी शरारतों से बेकरार है,” उन्होंने सिसकते हुए कहा, और मेरे लंड को पायजामे के ऊपर से सहलाया। मेरा लंड तन गया। “चाची, ये गलत है,” मैंने सिसकते हुए कहा, मगर मेरी नजरें उनकी चूचियों पर थीं। “रवि, चाची भी औरत है, और मेरी चूत की गर्मी तुझे बुला रही है,” उन्होंने कामुक लहजे में कहा, और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
उनका चूमन एक तूफान था, जिसमें मैं बह गया। उनकी जीभ मेरी जीभ से उलझी, और उन्होंने मेरे होंठों को चूस लिया। “उफ्फ, रवि, तेरे होंठ मेरी चूत में आग लगा रहे हैं,” चाची ने सिसकिया, और मेरी कमर को जकड़ लिया। मैंने चाची की साड़ी को एक झटके में खींच लिया। उनकी गोरी चूचियां पतले ब्लाउज में कैद थीं, और उनकी नाभि चमक रही थी। “चाची, तेरी चूचियां तो रसभरी हैं,” मैंने ललचाते हुए कहा, और उनका ब्लाउज फाड़ दिया। उनकी चूचियां नंगी हो गईं, गुलाबी निप्पल्स तनकर खड़े थे।
मैंने चाची की चूचियों को अपने मजबूत हाथों में भरा और जोर-जोर से मसलने लगा। उनकी सिसकियां चीखों में बदल गईं। “हाय, रवि, मेरी चूचियां तेरे हाथों में पिघल रही हैं!” चाची ने चिल्लाया, और मेरी पीठ को नाखूनों से खरोंचा। मैंने उनके निप्पल्स को अपनी जीभ से चाटा, और उन्हें चूसने लगा। उनकी चीखें छत पर गूंज रही थीं। “रवि, मेरी चूचियां चूस, और जोर से!” चाची ने चिल्लाया, और मेरे बालों में उंगलियां फंसाईं। मैंने उनकी पेटीकोट को फाड़कर फेंक दिया। उनकी सांवली, गीली चूत मेरे सामने थी, उसका रस टपक रहा था।
“चाची, तेरी चूत तो आग का गोला है,” मैंने कहा, और अपनी उंगलियां उनकी चूत में डाल दीं। उनकी चूत इतनी गर्म थी कि मैं सिहर उठा। “हाय, रवि, मेरी चूत तेरे लिए जल रही है!” चाची ने चिल्लाया, और उनकी गांड उछलने लगी। मैंने उनकी चूत को अपनी जीभ से चाटा, मेरी जीभ उनके चूत के दाने को रगड़ रही थी। उनकी चीखें घर में गूंज रही थीं। “रवि, मेरी चूत चाट, इसे अपने प्यार से भिगो दे!” चाची चिल्ला रही थीं, और उनकी चूत रस से तर-बतर हो गई। मैंने दो उंगलियां उनकी चूत में डालीं, और उन्हें जोर-जोर से चोदा। उनकी सिसकियां सुख की चीखों में बदल गईं।
मैंने अपना पायजामा उतार दिया। मेरा मोटा, 8 इंच का लंड उनके सामने तनकर खड़ा था, उसकी नसें फूल रही थीं। चाची ने मेरे लंड को देखा, और उनकी आँखें वासना से चमक उठीं। “उफ्फ, रवि, तेरा लंड तो मेरी चूत का राजा है!” उन्होंने कहा, और मेरे लंड को अपने नाजुक हाथों में लिया। उन्होंने मेरे लंड को प्यार से सहलाया, और फिर अपने होंठों से उसे चूसने लगीं। उनकी जीभ मेरे लंड के टिप पर घूम रही थी, और मेरी सांसें रुक रही थीं। “चाची, तू मेरे लंड को जन्नत दिखा रही है,” मैंने गुर्राया, और उनके बालों को जकड़ लिया।
चाची ने मेरे लंड को चूसकर गीला कर दिया, और फिर चारपाई पर लेट गईं। उनकी चूत रस टपका रही थी, और उनकी मोटी गांड मेरे सामने थी। “रवि, मेरी गर्म चूत में अपना मोटा लंड डाल, और मुझे जमकर चोद!” उन्होंने चिल्लाया, और अपनी टांगें फैला दीं। मैंने चाची की चूतड़ों पर थप्पड़ मारे, और अपनी उंगलियां उनकी चूत में डालकर उसे और गीला किया। “चाची, तेरी चूत मेरे लंड की मालकिन है,” मैंने कहा, और अपना मोटा लंड उनकी चूत में एक झटके में डाल दिया।
चाची की चीख रात को चीर गई। “हाय मर गई! तेरा लंड मेरी चूत फाड़ देगा!” उन्होंने चिल्लाया, मगर उनकी चूत अब मेरे लंड को लय में ले रही थी। मैंने चाची की चूचियों को पकड़ा, और उनकी चूत को जोर-जोर से चोदने लगा। हर धक्के के साथ उनकी चूत रस छोड़ रही थी, और उनकी चीखें छत पर गूंज रही थीं। “चोद मुझे, रवि! मेरी चूत को अपने मोटे लंड का गुलाम बना दे!” चाची चिल्ला रही थीं, और मेरा लंड उनकी चूत में तूफान मचा रहा था।
मैंने चाची को चारपाई से उठाया, और छत की रेलिंग के सहारे खड़ा किया। मैंने उनकी एक टांग उठाई, और उनकी चूत में फिर से अपना लंड डाला। उनकी चूचियां उछल रही थीं, और उनकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। “रवि, तेरा लंड मेरी चूत की जिंदगी है!” उन्होंने चीखा, और मेरे होंठों को चूसने लगीं। मैंने उनकी चूत में गहरे धक्के मारे, और उनकी चूतड़ों को जोर-जोर से दबाया। “चाची, तेरी चूत मेरे लंड की जन्नत है,” मैंने गुर्राया, और उनकी चूत में और गहरा धक्का मारा।
अब मेरी नजर चाची की मटकती गांड पर थी। मैंने उन्हें चारपाई पर उल्टा लिटाया, और उनकी गांड को अपने सामने देखकर पागल हो गया। “चाची, तेरी गांड तो चांद का टुकड़ा है,” मैंने रूमानी लहजे में कहा, और उनकी गांड पर थप्पड़ मारे। मैंने उनकी चूत का रस अपनी उंगलियों से लिया, और उनकी टाइट गांड के छेद को गीला किया। “रवि, मेरी गांड में मत डाल, मैं टूट जाऊंगी!” चाची ने सिसकते हुए कहा, मगर उनकी गांड अब मेरे लंड की प्यासी थी।
मैंने अपने लंड को चाची की चूत के रस से गीला किया, और धीरे से उनकी टाइट गांड में डाला। चाची की चीख रात को चीर गई। “हाय राम! तेरा लंड मेरी गांड चीर देगा!” उन्होंने चिल्लाया, मगर उनकी गांड अब मेरे लंड को लय में ले रही थी। मैंने चाची की चूचियों को पीछे से पकड़ा, और उनकी गांड को जोर-जोर से चोदा। हर धक्के के साथ उनकी चूत रस टपका रही थी, और उनकी गांड मेरे लंड को निगल रही थी। “चोद मेरी गांड, रवि! मेरी चूत और गांड दोनों तेरे मोटे लंड की गुलाम हैं!” चाची चिल्ला रही थीं।
रात के 3 बज चुके थे, और बारिश की फुहारें हमारी चुदाई का संगीत बन रही थीं। मैंने चाची को अपनी गोद में उठाया, और चारपाई के किनारे चोदने लगा। उनकी चूचियां उछल रही थीं, और उनकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। “रवि, तू मेरी चूत और गांड का राजा है,” चाची ने सिसकते हुए कहा, और मेरे होंठों को चूसने लगीं। मेरा लंड अब फटने को था। मैंने उनकी चूत में आखिरी धक्का मारा, और अपना गर्म माल उनकी चूत में उड़ेल दिया। चाची की चूत रस और माल से लबालब हो गई, और उनकी सिसकियां चरम सुख में बदल गईं।
हम दोनों पसीने से तर-बतर चारपाई पर गिर पड़े, हमारी सांसें एक-दूसरे में उलझी हुई थीं। मैंने चाची की चूचियों को फिर से सहलाया, और बोला, “चाची, तेरी गर्म चूत ने मुझे जन्नत दिखा दी।” चाची ने मेरे लंड को चूमा, और कहा, “रवि, तू मेरा असली मर्द है। जब तक तू गाँव में है, मेरी चूत और गांड की प्यास बुझाएगा।”
एक तीखा ट्विस्ट
कुछ दिन बाद, चाचा गाँव लौटे। एक रात, जब मैं और चाची चुदाई कर रहे थे, चाचा ने हमें देख लिया। मैं डर गया, मगर चाचा ने हंसते हुए कहा, “रवि, अगर तू ममता को सुख दे सकता है, तो मैं भी कोशिश करूंगा।” उन्होंने अपना लंड निकाला, और चाची की चूत में डाल दिया। मैंने चाची की गांड में अपना मोटा लंड डाला, और हम दोनों ने उन्हें एक साथ चोदा। चाची की चीखें घर में गूंज रही थीं। “चोदो मुझे, तुम दोनों! मेरी चूत और गांड दोनों ले लो!” चाची चिल्ला रही थीं। उस रात, चाची ने वो सुख पाया जो उन्होंने कभी नहीं सोचा था।
गाँव की रातों का नशा
अब चाची, चाचा, और मैं हर रात चुदाई का मेला लगाते। एक बार, चाची की सहेली, राधा, ने हमारी चुदाई देख ली। चाची ने उसे भी शामिल कर लिया, और उस रात हम चारों ने मिलकर राधा और चाची की चूत और गांड को चोदा। उनकी चीखें और सिसकियां घर में गूंज रही थीं। “चोदो हमें, रवि! हमारी चूत और गांड तेरे मोटे लंड की भूखी हैं!” वे चिल्ला रही थीं।
चाची की गर्म चूत की चुदाई ने मुझे गाँव की हर रात जन्नत बनाई। मैं दिन में उनका भतीजा था, और रात में उनका मालिक। उनकी चूत और गांड की प्यास हर रात बुझती थी, और मैं अपनी जवानी का पूरा मजा ले रहा था।