Namard Pati Sex Story : शादीशुदा माया अपने नपुंसक पति से तड़प रही थी, जब उसके जवान देवर राकेश ने उसकी गर्म चूत की प्यास को अपने तगड़े लंड से बुझाया। चूचियां, गांड, और जोशीली चुदाई से भरी ये देसी कहानी आपके जिस्म में आग लगा देगी। माया और राकेश की वासना और संतुष्टि की कहानी पढ़ें और जुनून में डूब जाएं!
मैं माया, 28 साल की शादीशुदा औरत, जिसका गोरा रंग, भारी चूचियां, और मटकती गांड गाँव में सबके दिलों की धड़कन थी। मेरी शादी को दो साल हो चुके थे, लेकिन मेरा पति, सुरेश, नपुंसक था। वो मुझे प्यार तो करता था, लेकिन मेरी जवानी की आग को बुझाने में नाकाम था। मेरी चूत हर रात तड़पती थी, और मैं चुपके-चुपके अपनी उंगलियों से खुद को शांत करती थी। लेकिन ये आग उंगलियों से नहीं बुझने वाली थी।
हमारी हवेली में सुरेश के साथ उसका छोटा भाई, राकेश, भी रहता था। राकेश, 24 साल का जवान और तगड़ा लड़का था। उसका सांवला रंग, मांसल जिस्म, और शरारती मुस्कान मेरी चूत में सनसनी जगा देती थी। राकेश की नजरें अक्सर मेरी चूचियों और गांड पर ठहरती थीं, और मैं उसकी मर्दानगी को भांप लेती थी। मैं जानबूझकर टाइट साड़ी पहनती, जिसमें मेरी चूचियां और गांड उभरकर सामने आतीं। मेरी चूत उसकी जवानी की भूखी थी, लेकिन मैं रिश्ते की मर्यादा में बंधी थी। फिर वो रात आई, जब राकेश ने मेरी सारी प्यास बुझा दी।
उस रात गाँव में बिजली गुल थी। हवेली में सिर्फ लालटेन की मद्धम रोशनी थी, और बाहर बारिश की बूंदें टपक रही थीं। सुरेश शहर में किसी काम से गया था, और हवेली में सिर्फ मैं और राकेश थे। मैंने एक पतली, गीली साड़ी पहनी थी, जो मेरे जिस्म से चिपककर मेरी चूचियां और गांड को उघाड़ रही थी। मैं रसोई में थी, जब राकेश पीछे से आए और मेरी कमर को जकड़ लिया। “भाभी, तू आज आग सी जल रही है,” उसकी गहरी आवाज मेरे कानों में गूंजी, और मेरी चूत में करंट सा दौड़ा।
“राकेश, ये गलत है,” मैंने शर्माते हुए कहा, लेकिन मेरी आवाज में वासना की पुकार थी। “भाभी, भैया तुम्हारी जवानी को बर्बाद कर रहे हैं। मैं तेरी चूत की आग बुझा दूंगा,” उसने गुर्राते हुए कहा और मेरे कंधे पर अपने होंठ रख दिए। उसकी गर्म सांसें मेरी गर्दन पर पड़ीं, और मैं कांप उठी। मैंने विरोध नहीं किया। उसकी बाहों में मैं पिघल रही थी। राकेश ने मुझे गोद में उठाया और अपने कमरे में ले गया, जहाँ खटिया पर मोटा गद्दा बिछा था।
उसने मेरी साड़ी को एक झटके में खींच लिया। मेरी गोरी चूचियां ब्लाउज में कैद थीं, और मेरी नाभि लालटेन की रोशनी में चमक रही थी। “भाभी, तेरी चूचियां तो रस की कटोरी हैं,” राकेश ने ललचाई नजरों से कहा और मेरा ब्लाउज फाड़ डाला। मेरी चूचियां नंगी हो गईं, उनके भूरे निप्पल्स तनकर खड़े थे। उसने मेरी चूचियों को अपने रूखे हाथों में लिया और जोर-जोर से मसलने लगा। मेरी सिसकियां कमरे में गूंज उठीं। “हाय, राकेश, मेरी चूचियां दुख रही हैं!” मैंने सिसकते हुए कहा, लेकिन मेरी चूत रस से गीली हो रही थी।
राकेश ने मेरे निप्पल्स को अपनी जीभ से चाटा, और उसकी मूंछें मेरी चूचियों पर गुदगुदी कर रही थीं। मैं चीख उठी। “राकेश, मेरी चूचियां चूस, और जोर से!” मैंने चिल्लाया और उसके बालों को जकड़ लिया। उसने मेरी पेटीकोट को फाड़कर फेंक दिया। मेरी चिकनी, गीली चूत उसके सामने थी, उसका रस टपक रहा था। “भाभी, तेरी चूत तो शहद का कुआं है,” उसने मादक अंदाज में कहा और अपनी उंगलियां मेरी चूत में डाल दीं। मेरी चूत इतनी गर्म थी कि वो सिहर उठा।
“हाय, राकेश, मेरी चूत में आग लग रही है!” मैंने चीखा और मेरी गांड उछलने लगी। राकेश ने मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटा, उसकी जीभ मेरे चूत के दाने को रगड़ रही थी। मेरी चीखें हवेली में गूंज रही थीं। “राकेश, मेरी चूत चाट, इसे अपने प्यार से तर कर दे!” मैं चिल्ला रही थी, और मेरी चूत रस से लबालब हो गई। उसने दो उंगलियां मेरी चूत में डालीं और मुझे जोर-जोर से चोदने लगा। मेरी सिसकियां सुख की चीखों में बदल गईं।
राकेश ने अपनी लुंगी उतार दी। उसका मोटा, 9 इंच का लंड मेरे सामने तनकर खड़ा था, उसकी नसें उभरी हुई थीं। मैंने उसके लंड को देखा, और मेरी आँखें वासना से चमक उठीं। “राकेश, तेरा लंड तो मेरी चूत का सुल्तान है!” मैंने सिसकते हुए कहा। “भाभी, ये लंड तेरी जवानी का हकदार है,” उसने रूमानी लहजे में कहा और मेरे हाथों में अपना लंड थमा दिया। मैंने उसके लंड को प्यार से सहलाया और फिर अपने होंठों से उसे चूसा। मेरी जीभ उसके लंड के सिरे पर घूम रही थी, और राकेश की सांसें रुक रही थीं।
“भाभी, तू मेरे लंड को जन्नत दिखा रही है,” उसने गुर्राया और मेरे बालों को जकड़ लिया। मैंने उसके लंड को चूसकर गीला कर दिया और फिर खटिया पर लेट गई। मेरी चूत रस टपका रही थी, और मेरी मोटी गांड उसके सामने थी। “राकेश, मेरी प्यासी चूत में अपना तगड़ा लंड डाल और मुझे संतुष्ट कर!” मैंने चीखा और अपनी टांगें चौड़ी कर दीं। राकेश ने मेरी चूतड़ों पर चटाक-चटाक थप्पड़ मारे और अपनी उंगलियां मेरी चूत में डालकर उसे और गीला किया। “भाभी, तेरी चूत मेरे लंड की रानी है,” उसने कहा और अपना मोटा लंड मेरी चूत में एक धक्के से पेल दिया।
मेरी चीख रात के सन्नाटे को चीर गई। “हाय मर गई! तेरा लंड मेरी चूत चीर देगा!” मैंने चिल्लाया, लेकिन मेरी चूत उसके लंड को लय में समा रही थी। राकेश ने मेरी चूचियों को थामा और मेरी चूत को जोर-जोर से चोदने लगा। हर धक्के के साथ मेरी चूत रस छोड़ रही थी, और मेरी चीखें हवेली में गूंज रही थीं। “चोद मुझे, राकेश! मेरी चूत को अपने लंड का दीवाना बना दे!” मैं चिल्ला रही थी, और उसका लंड मेरी चूत में तहलका मचा रहा था।
राकेश ने मुझे खटिया से उठाया और दीवार के सहारे खड़ा किया। उसने मेरी एक टांग उठाई और मेरी चूत में फिर से अपना लंड ठूंस दिया। मेरी चूचियां उछल रही थीं, और मेरी चूत उसके लंड को जकड़ रही थी। “राकेश, तेरा लंड मेरी चूत का जादू है!” मैंने चीखा और उसके होंठों को चूसने लगी। उसने मेरी चूत में गहरे धक्के मारे और मेरी चूतड़ों को जोर-जोर से मसला। “भाभी, तेरी चूत मेरे लंड का मंदिर है,” उसने गुर्राया और मेरी चूत में और गहरा धक्का मारा।
अब उसकी नजर मेरी मटकती गांड पर थी। उसने मुझे खटिया पर उल्टा लिटाया और मेरी गांड को देखकर पागल हो गया। “भाभी, तेरी गांड तो चांदनी रात है,” उसने मस्ती भरे अंदाज में कहा और मेरी गांड पर थप्पड़ जड़ दिए। उसने मेरी चूत का रस अपनी उंगलियों से लिया और मेरी टाइट गांड के छेद को गीला किया। “राकेश, मेरी गांड में मत डाल, मैं बिखर जाऊंगी!” मैंने सिसकते हुए कहा, लेकिन मेरी गांड उसके लंड की भूखी थी।
राकेश ने अपने लंड को मेरी चूत के रस से चिकना किया और धीरे से मेरी टाइट गांड में डाला। मेरी चीख सितारों तक पहुंच गई। “हाय राम! तेरा लंड मेरी गांड फाड़ देगा!” मैंने चिल्लाया, लेकिन मेरी गांड अब उसके लंड को लय में ले रही थी। उसने मेरी चूचियों को पीछे से पकड़ा और मेरी गांड को जोर-जोर से चोदा। हर धक्के के साथ मेरी चूत रस टपका रही थी, और मेरी गांड उसके लंड को निगल रही थी। “चोद मेरी गांड, राकेश! मेरी चूत और गांड दोनों तेरे लंड की दीवानी हैं!” मैं चिल्ला रही थी।
रात के 3 बजे थे, और बारिश की बूंदें हमारी चुदाई का संगीत बनी थीं। राकेश ने मुझे अपनी गोद में उठाया और खटिया के किनारे चोदने लगा। मेरी चूचियां उछल रही थीं, और मेरी चूत उसके लंड को जकड़ रही थी। “राकेश, तू मेरी चूत और गांड का सुल्तान है,” मैंने सिसकते हुए कहा और उसके होंठों को चूसने लगी। उसका लंड अब फटने को था। राकेश ने मेरी चूत में आखिरी धक्का मारा और कंडोम में अपना गर्म माल उड़ेल दिया। मेरी चूत रस से लबालब हो गई, और मेरी सिसकियां सुख की लहरों में डूब गईं।
हम दोनों पसीने से भीगे खटिया पर ढेर हो गए, हमारी सांसें एक-दूसरे में उलझी थीं। मैंने राकेश की छाती को सहलाया और बोली, “राकेश, तूने मेरी जवानी को जन्नत दिखा दी।” उसने मेरी चूचियों को चूमा और बोला, “भाभी, जब तक मैं हूँ, तेरी चूत और गांड की प्यास बुझाऊंगा।”
एक तड़कता ट्विस्ट
कुछ हफ्तों बाद, सुरेश को हमारे रिश्ते का पता चला। मैं डर गई, लेकिन सुरेश ने शांति से कहा, “माया, मैं तुम्हें सुख नहीं दे पाया। अगर राकेश तुम्हें खुश रखता है, तो मुझे कोई ऐतराज नहीं।” उसने राकेश को बुलाया और कहा, “माया की जवानी का ख्याल रखना।” उस रात, सुरेश हमारे सामने बैठा और राकेश ने मेरी चूत और गांड को फिर से चोदा। मेरी चीखें हवेली में गूंज रही थीं। “चोद मुझे, राकेश! मेरी चूत और गांड तेरे लंड की भूखी हैं!” मैं चिल्ला रही थी। उस रात, मुझे वो सुख मिला जो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था।
हवेली की रातों का जादू
अब राकेश हर रात मेरी प्यास बुझाता। एक बार, गाँव की एक और औरत, कमला, जो मेरी सहेली थी, ने हमारी चुदाई देख ली। राकेश ने उसे भी शामिल कर लिया, और उस रात हम तीनों ने मिलकर कमला और मेरी चूत और गांड को चोदा। उनकी चीखें और सिसकियां हवेली में गूंज रही थीं। “चोदो हमें, राकेश! हमारी चूत और गांड तेरे तगड़े लंड की भूखी हैं!” हम चिल्ला रही थीं।
राकेश ने मेरी तड़पती जवानी को संतुष्ट कर दिया। मैं दिन में सुरेश की पत्नी थी, और रात में राकेश की रानी। मेरी चूत और गांड की प्यास हर रात बुझती थी, और मैं अपनी जवानी का पूरा रस पी रही थी।