Dadi Sex Story : मैं सुशीला, 65 साल की बुजुर्ग औरत, जिसका बदन अब ढल चुका था, लेकिन जवानी की आग अभी भी मेरी चूत में सुलग रही थी। मेरे सिल्वर बाल, झुर्रियों भरा चेहरा, और ढीली चूचियां उम्र की गवाही देती थीं, लेकिन मेरी मटकती गांड और रसीली मुस्कान अभी भी मर्दों को ललचाती थी। मेरा पति कई साल पहले गुजर चुका था, और मैं गाँव की पुरानी हवेली में अकेली रहती थी। मेरी चूत सालों से प्यासी थी, और मैं अकेले में अपनी उंगलियों से खुद को तृप्त करती थी। लेकिन ये आग अब उंगलियों से नहीं बुझने वाली थी।
पिछले साल, मेरे पड़ोस में एक जवान लड़का, रवि, किराए पर रहने आया। रवि, 22 साल का तगड़ा और मस्तमौला लड़का था। उसका सांवला रंग, चौड़ा सीना, और शरारती आँखें मेरी चूत में सनसनी जगा देती थीं। रवि कॉलेज का स्टूडेंट था और मेरे घर अक्सर आता-जाता था। कभी मेरे लिए राशन लाता, तो कभी मेरे साथ गप्पे मारता। उसकी नजरें मेरी चूचियों और गांड पर टिकती थीं, और मैं उसकी मर्दानगी को भांप लेती थी। मैं जानबूझकर ढीली साड़ी पहनती, जिसमें मेरी चूचियां और गांड झलकती थीं। मेरी चूत उसकी जवानी की भूखी थी, लेकिन उम्र का फासला मुझे रोकता था। फिर वो रात आई, जब रवि ने मेरी सारी प्यास बुझा दी।
उस रात गाँव में बिजली गुल थी। हवेली में सिर्फ दीयों की मद्धम रोशनी थी, और बाहर बारिश की फुहारें पड़ रही थीं। मैंने एक पतली, गीली साड़ी पहनी थी, जो मेरे ढीले जिस्म से चिपककर मेरी चूचियों और गांड को उभार रही थी। रवि मेरे घर राशन देने आया और बोला, “दादी, बारिश में भी आप इतनी हसीन लगती हैं।” उसकी बात ने मेरी चूत में आग सी लगा दी। “रवि, तू भी तो जवान मर्द है, तेरी बातें मेरे दिल को छूती हैं,” मैंने शरारती लहजे में कहा और उसकी जांघ पर हल्का सा हाथ रख दिया।
“दादी, आपकी जवानी अभी भी कायम है,” उसने गुर्राते हुए कहा और मेरी कमर को जकड़ लिया। “रवि, मैं बूढ़ी हूँ, ये ठीक नहीं,” मैंने सिसकते हुए कहा, लेकिन मेरी चूत गीली हो रही थी। “दादी, प्यार में उम्र नहीं देखी जाती, आपकी चूत मेरे लंड को बुला रही है,” उसने बेशर्मी से कहा और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसका चुम्बन जवान आग सा था, जिसमें मैं पिघल गई। उसकी जीभ मेरी जीभ से उलझी, और उसने मेरे होंठों को चूस लिया। “रवि, तेरे होंठ मेरी चूत में तड़प मचा रहे हैं,” मैंने सिसकारी भरे अंदाज में कहा और उसकी छाती को जकड़ लिया।
रवि ने मेरी साड़ी को एक झटके में खींच लिया। मेरी ढीली चूचियां बिना ब्लाउज के नंगी हो गईं, उनके भूरे निप्पल्स अभी भी तनाव में थे। “दादी, तेरी चूचियां तो अमृत की थैली हैं,” रवि ने ललचाते हुए कहा और मेरी चूचियों को अपने मजबूत हाथों में लिया। उसने उन्हें हल्के-हल्के दबाया, और मेरी सिसकियां कमरे में गूंज उठीं। “हाय, रवि, मेरी चूचियां तेरे हाथों में जी उठीं!” मैंने सिसकते हुए कहा, और मेरी चूत रस से तर हो गई।
उसने मेरे निप्पल्स को अपनी जीभ से चाटा और उन्हें चूसने लगा। मेरी चीखें हवेली में गूंज रही थीं। “रवि, मेरी चूचियां चूस, और जोर से!” मैंने चिल्लाया और उसके बालों को खींच लिया। रवि ने मेरी पेटीकोट को फाड़कर फेंक दिया। मेरी झुर्रियों वाली, गीली चूत उसके सामने थी, उसका रस टपक रहा था। “दादी, तेरी चूत तो जवान फूल है,” उसने मादक अंदाज में कहा और अपनी उंगलियां मेरी चूत में डाल दीं। मेरी चूत अभी भी गर्म थी, और वो सिहर उठा।
“हाय, रवि, मेरी चूत तेरे लिए तड़प रही है!” मैंने चीखा और मेरी गांड उछलने लगी। रवि ने मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटा, उसकी जीभ मेरे चूत के दाने को सहला रही थी। मेरी चीखें हवेली में गूंज रही थीं। “रवि, मेरी चूत चाट, इसे अपने प्यार से भिगो दे!” मैं चिल्ला रही थी, और मेरी चूत रस से लबालब हो गई। उसने दो उंगलियां मेरी चूत में डालीं और मुझे जोर-जोर से चोदने लगा। मेरी सिसकियां सुख की चीखों में बदल गईं।
रवि ने अपनी जींस और शर्ट उतार दी। उसका मोटा, 8 इंच का लंड मेरे सामने तनकर खड़ा था, उसकी नसें उभरी हुई थीं। मैंने इतने सालों बाद इतना तगड़ा लंड देखा, और मेरी आँखें वासना से चमक उठीं। “रवि, तेरा लंड तो मेरी चूत का राजा है!” मैंने सिसकते हुए कहा। “दादी, ये लंड तेरी जवानी के लिए बना है,” उसने रूमानी लहजे में कहा और मेरे हाथों में अपना लंड थमा दिया। मैंने डरते-डरते उसे सहलाया और फिर अपने होंठों से उसे चूसा। मेरी जीभ उसके लंड के सिरे पर घूम रही थी, और रवि की सांसें रुक रही थीं।
“दादी, तू मेरे लंड को स्वर्ग दिखा रही है,” उसने गुर्राया और मेरे सिल्वर बालों को जकड़ लिया। मैंने उसके लंड को चूसकर गीला कर दिया और फिर खटिया पर लेट गई। मेरी चूत रस टपका रही थी, और मेरी ढीली गांड उसके सामने थी। “रवि, मेरी प्यासी चूत में अपना तगड़ा लंड डाल और मुझे जवान कर दे!” मैंने चीखा और अपनी टांगें चौड़ी कर दीं। रवि ने मेरी चूतड़ों पर हल्के से थप्पड़ मारे और अपनी उंगलियां मेरी चूत में डालकर उसे और गीला किया। “दादी, तेरी चूत मेरे लंड की मालकिन है,” उसने कहा और अपना मोटा लंड मेरी चूत में धीरे से पेल दिया।
मेरी चीख रात के सन्नाटे को चीर गई। “हाय मर गई! तेरा लंड मेरी चूत को जगा देगा!” मैंने चिल्लाया, लेकिन मेरी चूत उसके लंड को लय में समा रही थी। रवि ने मेरी चूचियों को थामा और मेरी चूत को जोर-जोर से चोदने लगा। हर धक्के के साथ मेरी चूत रस छोड़ रही थी, और मेरी चीखें हवेली में गूंज रही थीं। “चोद मुझे, रवि! मेरी चूत को अपने लंड का दीवाना बना दे!” मैं चिल्ला रही थी, और उसका लंड मेरी चूत में तहलका मचा रहा था।
रवि ने मुझे खटिया से उठाया और दीवार के सहारे खड़ा किया। उसने मेरी एक टांग उठाई और मेरी चूत में फिर से अपना लंड ठूंस दिया। मेरी ढीली चूचियां उछल रही थीं, और मेरी चूत उसके लंड को जकड़ रही थी। “रवि, तेरा लंड मेरी जवानी लौटा रहा है!” मैंने चीखा और उसके होंठों को चूसने लगी। उसने मेरी चूत में गहरे धक्के मारे और मेरी चूतड़ों को जोर-जोर से मसला। “दादी, तेरी चूत मेरे लंड की जन्नत है,” उसने गुर्राया और मेरी चूत में और गहरा धक्का मारा।
अब उसकी नजर मेरी ढीली गांड पर थी। उसने मुझे खटिया पर उल्टा लिटाया और मेरी गांड को देखकर पागल हो गया। “दादी, तेरी गांड तो रस का खजाना है,” उसने मस्ती भरे अंदाज में कहा और मेरी गांड पर थप्पड़ जड़ दिए। उसने मेरी चूत का रस अपनी उंगलियों से लिया और मेरी टाइट गांड के छेद को गीला किया। “रवि, मेरी गांड में मत डाल, मैं टूट जाऊंगी!” मैंने सिसकते हुए कहा, लेकिन मेरी गांड उसके लंड की भूखी थी।
रवि ने अपने लंड को मेरी चूत के रस से चिकना किया और धीरे से मेरी टाइट गांड में डाला। मेरी चीख सितारों तक पहुंच गई। “हाय राम! तेरा लंड मेरी गांड चीर देगा!” मैंने चिल्लाया, लेकिन मेरी गांड अब उसके लंड को लय में ले रही थी। उसने मेरी चूचियों को पीछे से पकड़ा और मेरी गांड को जोर-जोर से चोदा। हर धक्के के साथ मेरी चूत रस टपका रही थी, और मेरी गांड उसके लंड को निगल रही थी। “चोद मेरी गांड, रवि! मेरी चूत और गांड दोनों तेरे लंड की दीवानी हैं!” मैं चिल्ला रही थी।
रात के 2 बजे थे, और बारिश की बूंदें हमारी चुदाई का संगीत बनी थीं। रवि ने मुझे अपनी गोद में उठाया और खटिया के किनारे चोदने लगा। मेरी चूचियां उछल रही थीं, और मेरी चूत उसके लंड को जकड़ रही थी। “रवि, तू मेरी जवानी का सुल्तान है,” मैंने सिसकते हुए कहा और उसके होंठों को चूसने लगी। उसका लंड अब फटने को था। रवि ने मेरी चूत में आखिरी धक्का मारा और कंडोम में अपना गर्म माल उड़ेल दिया। मेरी चूत रस से लबालब हो गई, और मेरी सिसकियां सुख की लहरों में डूब गईं।
हम दोनों पसीने से भीगे खटिया पर ढेर हो गए, हमारी सांसें एक-दूसरे में उलझी थीं। मैंने रवि की छाती को सहलाया और बोली, “रवि, तूने मेरी बुझी जवानी को फिर से जगा दिया।” उसने मेरी चूचियों को चूमा और बोला, “दादी, जब तक मैं यहाँ हूँ, तेरी चूत और गांड की प्यास बुझाऊंगा।”
एक चटपटा ट्विस्ट
कुछ हफ्तों बाद, रवि की एक दोस्त, शीला, जो 30 साल की थी, मेरे घर आई। एक रात, जब मैं और रवि चुदाई में डूबे थे, शीला ने हमें देख लिया। मैं घबरा गई, लेकिन रवि ने हंसते हुए कहा, “दादी, शीला भी मजे लेना चाहती है!” शीला ने अपनी सलवार उतार दी, और रवि ने उसकी चूत में अपना लंड डाला, जबकि मैंने शीला की चूचियां चूसीं। हम तीनों ने मिलकर ऐसी चुदाई की कि हवेली की दीवारें कांप उठीं। “चोदो हमें, रवि! हमारी चूत और गांड दोनों ले लो!” हम चिल्ला रही थीं। उस रात, हमने वो सुख पाया जो अनजाना था।
गाँव की रातों का नशा
अब रवि और शीला मेरे साथ हर रात चुदाई का उत्सव मनाते। एक बार, गाँव का एक और जवान लड़का, मोहन, जो रवि का दोस्त था, हमारी चुदाई में शामिल हो गया। रवि ने मेरी चूत चोदी, और मोहन ने शीला की गांड। हम चारों ने मिलकर ऐसी चुदाई की कि खटिया चरमरा उठी। “चोदो हमें, रवि! हमारी चूत और गांड तेरे तगड़े लंड की भूखी हैं!” हम चिल्ला रही थीं।
रवि ने मेरी 65 साल की जवानी को फिर से जगा दिया। मैं दिन में गाँव की दादी थी, और रात में उसकी रानी। मेरी चूत और गांड की प्यास हर रात बुझती थी, और मैं अपनी उम्र को भूलकर जवानी का पूरा मजा ले रही थी।