Brother Sister Sex Story मेरा नाम पूजा है, उम्र 22 साल, और मैं एक ऐसी जवान लड़की हूँ जिसका जिस्म हर मर्द को तड़पा दे। मेरा गोरा रंग चाँदनी सा चमकता है, मेरी चूचियाँ टाइट, रसीली और भारी, जो हर नज़र को अपनी ओर खींच लेती हैं। मेरी गांड मोटी, गोल और लचकती हुई, हर कदम पर मटकती है, और मेरी पतली कमर मर्दों के दिल में आग लगा देती है। मेरे गुलाबी होंठ रस से भरे हैं, और मेरी बड़ी-बड़ी आँखों में वो मादकता है जो किसी को भी दीवाना बना दे। मैं दिल्ली में अपने मम्मी-पापा और बड़े भाई, राहुल, के साथ रहती हूँ। राहुल, उम्र 25 साल, साँवला, मज़बूत और हॉट लड़का है। उसकी चौड़ी छाती, मोटी बाँहें और गहरी आँखें मुझे हमेशा बेकरार कर देती थीं। ये कहानी उस रात की है जब मेरी हवस ने मुझे पागल कर दिया था, और राहुल ने मेरी चूत और गांड को अपनी हवस से शांत किया।
गर्मी का मौसम था, और दिल्ली की तपिश ने सबको परेशान कर रखा था। जून का महीना था, और रात में भी गर्मी से हालत खराब थी। मैं अपने कमरे में एक पतली सी नाइटी पहने लेटी थी, जो मेरे जिस्म से चिपक रही थी। मेरी चूचियाँ नाइटी से बाहर आने को बेताब थीं, और मेरी गांड हर बार करवट लेने पर उभर रही थी। मम्मी-पापा अपने कमरे में सो रहे थे, और राहुल अपने कमरे में था। मैं रात के 12 बजे तक बिस्तर पर करवटें बदल रही थी, लेकिन नींद नहीं आ रही थी। मेरी चूत में एक अजीब सी गुदगुदी हो रही थी, और मेरे दिमाग में गंदे-गंदे ख्याल आने लगे। मैंने अपनी नाइटी ऊपर की और अपनी चूत को सहलाने लगी। मेरा रस बहने लगा, लेकिन मेरी हवस शांत नहीं हो रही थी।
मैं उठी और राहुल के कमरे की ओर चली गई। उसका दरवाजा हल्का सा खुला था, और मैंने देखा कि वो सिर्फ़ शॉर्ट्स में लेटा है। उसकी छाती पसीने से चमक रही थी, और उसकी बाँहें इतनी मज़बूत लग रही थीं कि मैं तड़प उठी। मैंने हल्के से आवाज़ दी, “भैया, सो गए क्या?” वो चौंककर उठा और बोला, “पूजा, इतनी रात को यहाँ? क्या हुआ?” मैंने शरमाते हुए कहा, “भैया, गर्मी की वजह से नींद नहीं आ रही। तुम्हारे पास बैठूँ?” वो हँसा और बोला, “आ जा, लेकिन इतनी हॉट लग रही है तू, गर्मी और बढ़ जाएगी।”
उसकी बात ने मेरी चूत में आग लगा दी। मैं उसके बिस्तर पर बैठ गई, और मेरी नाइटी मेरी जाँघों तक सरक गई। मेरी गोरी जाँघें चमक रही थीं, और मेरी चूचियाँ नाइटी से बाहर झाँक रही थीं। राहुल मुझे घूर रहा था, और मैंने देखा कि उसकी शॉर्ट्स में उभार बढ़ रहा था। मैंने मज़ाक में कहा, “भैया, क्या देख रहे हो? कुछ चाहिए?” वो मेरे करीब आया और बोला, “पूजा, तू इतनी मस्त है कि मेरा लंड बेकाबू हो रहा है।” मैं शरमाई, लेकिन मेरी चूत गीली हो चुकी थी। मैंने कहा, “भैया, ये गलत है। हम भाई-बहन हैं!” लेकिन मेरी हवस ने मेरे दिमाग को धोखा देना शुरू कर दिया।
उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए, और मैं उसके चुम्बन में डूब गई। उसका चुम्बन गर्म और जंगली था, और मैं उसकी जीभ चूसने लगी। मैं सिसक उठी, “आह्ह… भैया, ये क्या कर रहे हो?” उसने मेरी नाइटी फाड़ दी, और मेरी नंगी चूचियाँ चमक उठीं। मेरे निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और उसने एक चूची को अपने मुँह में लिया। मैं चीख पड़ी, “उफ्फ… भैया, चूसो, मेरी चूचियाँ जल रही हैं!” उसकी जीभ मेरे निप्पल पर नाच रही थी, और उसका दूसरा हाथ मेरी दूसरी चूची को मसल रहा था। मेरी चूत से रस टपकने लगा, और मैं तड़प रही थी।
उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरी पैंटी खींचकर फेंक दी। मेरी चिकनी, गीली चूत उसके सामने थी। वो बोला, “पूजा, तेरी चूत तो जन्नत है!” उसने मेरी चूत पर अपनी जीभ रखी, और मैं चीख पड़ी, “आह्ह… चाटो, मेरी चूत प्यासी है!” उसकी जीभ मेरी चूत की गहराइयों में उतर गई, और मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… और ज़ोर से चाट, भैया!” मेरा रस उसके मुँह में बह रहा था, और मेरी सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थीं। मैंने उसका सिर पकड़ा और अपनी चूत पर दबा दिया। मैं चीख रही थी, “आह्ह… चूस डाल इसे!”
उसने अपनी शॉर्ट्स उतारी, और उसका मोटा, काला लंड मेरे सामने था। वो इतना बड़ा था कि मेरी आँखें फटी रह गईं। मैंने उसे सहलाया, और वो सिसक उठा, “पूजा, तू तो रंडी है!” मैंने उसका लंड अपने मुँह में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। उसका मोटा टोपा मेरे गले तक जा रहा था, और मैं उसकी गर्मी को महसूस कर रही थी। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… तेरा लंड रसीला है!” उसने मेरे बाल पकड़े और मेरा मुँह चोदने लगा। मैं चीख रही थी, “आह्ह… और ज़ोर से!”
उसने मुझे बिस्तर पर घोड़ी बनाया। मेरी मोटी गांड उसके सामने थी, और उसने उस पर एक ज़ोरदार थप्पड़ मारा। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… और मार!” उसने मेरी गांड पर और थप्पड़ मारे, और मेरी गांड लाल हो गई। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… मेरी गांड जल रही है!” उसने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरी चूत में डाल दिया। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… भैया, मेरी चूत फट गई!” वो ज़ोर-ज़ोर से ठाप मारने लगा, और मेरी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… और ज़ोर से चोद, मेरी चूत को फाड़ दे!”
उसकी ठापों से बिस्तर हिल रहा था, और मेरी चूत से रस की धार बह रही थी। वो मेरी चूचियाँ मसल रहा था, और मैं चीख रही थी, “आह्ह… मेरी चूचियाँ नोच डाल!” उसने मेरे निप्पल काटे, और मैं तड़प रही थी, “उफ्फ… और काट!” फिर उसने मुझे अपनी गोद में उठाया और मेरी चूत में ठाप मारने लगा। मैं उसके कंधों पर थी, और मेरी चूचियाँ उसके मुँह में थीं। वो मेरे निप्पल चूस रहा था, और मैं चीख रही थी, “आह्ह… और चूस!” उसकी ठापें इतनी तेज थीं कि मेरा जिस्म काँप रहा था। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… तेरा लंड मेरी चूत को जन्नत दिखा रहा है!”
उसने मुझे बिस्तर पर पटका और मेरी गांड में लंड डालने की कोशिश की। मैं डर गई और बोली, “भैया, मेरी गांड मत मार!” वो हँसा और बोला, “पूजा, आज तेरी गांड भी चोद दूँगा।” उसने मेरी गांड पर तेल डाला और धीरे-धीरे अपना लंड डाला। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… मेरी गांड फट गई!” वो धीरे-धीरे ठाप मारने लगा, और दर्द धीरे-धीरे मज़े में बदल गया। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… और ज़ोर से, मेरी गांड को रगड़ डाल!” उसकी ठापों से मेरी गांड जल रही थी, और मेरी चूत से रस टपक रहा था।
फिर उसने मुझे फिर से लिटाया और मेरी चूत में ठाप मारने लगा। मैं चीख रही थी, “भैya, मेरी चूत को फाड़ डाल!” वो ज़ोर-ज़ोर से ठाप मार रहा था, और मेरी सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थीं। मैंने कहा, “भैया, मेरे मुँह में डाल!” उसने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया, और मैं उसे ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… तेरा लंड रस से भरा है!” उसकी गर्मी मेरे मुँह में फैल रही थी, और मैं पागल हो रही थी।
वो फिर से मेरी चूत में ठाप मारने लगा। मैं चीख रही थी, “भैया, मेरी चूत को रगड़ डाल!” वो सिसक रहा था, “पूजा, तेरी चूत मेरे लंड की रानी है!” उसने तेज-तेज ठाप मारी, और मैं काँप रही थी। मैं चीख रही थी, “आह्ह… और ज़ोर से!” उसकी ठापों से मेरा जिस्म थरथरा रहा था, और मेरी चूत रस से लबालब थी। उसने कहा, “पूजा, मैं झड़ने वाला हूँ!” मैं चीख पड़ी, “भैया, मेरी चूत में झड़ जा!” उसने एक ज़ोरदार धक्का मारा, और उसका गर्म माल मेरी चूत में फव्वारे की तरह छूट गया।
मैं काँपते हुए बिस्तर पर पड़ी थी, और मेरा जिस्म पसीने और रस से तर-बतर था। राहुल हाँफ रहा था, और उसका माल मेरी चूत से बह रहा था। उसने मेरे माथे पर चूमा और बोला, “पूजा, तू मस्त माल है।” मैं हँसते हुए बोली, “भैया, तेरा लंड जादुई है।” उस रात हमने फिर दो बार चुदाई की—एक बार मेरी गांड में, और एक बार मेरे मुँह में। सुबह तक मेरा जिस्म थक चुका था, लेकिन मेरी चूत राहुल के लंड की दीवानी हो गई थी।
उसके बाद हमारा रिश्ता बदल गया। जब भी मम्मी-पापा घर पर नहीं होते, राहुल मेरी चूत और गांड को चोदता। हर बार वो मुझे नई जन्नत दिखाता, और मैं उसकी हवस में डूब जाती। गर्मी की वो रात मेरे लिए एक नई शुरुआत थी। मैं अब भी राहुल के लंड को याद करती हूँ, और मेरी चूत उसकी ठापों के लिए तरसती है।