मेरा नाम रवि है, 22 साल का हूँ, और दिल्ली में कॉलेज में पढ़ता हूँ। ये कहानी मेरी और मेरी मामी रीना की है, जो 32 साल की हैं, लेकिन देखने में 25 की माल लगती हैं। गोरी, भरे-भरे चुचे, पतली कमर, और मोटी गांड – वो ऐसी हॉट औरत हैं कि कोई भी लंड खड़ा हो जाए। मेरे मामा बिजनेस के सिलसिले में अक्सर बाहर रहते हैं, और मैं छुट्टियों में उनके घर जाता हूँ। इस बार गर्मियों की छुट्टियों में जो हुआ, वो मेरी जिंदगी की सबसे मसालेदार चुदाई थी – छत पर, रात के अंधेरे में, मामी की चूत और गांड की धमाकेदार चुदाई। सारे हॉट हिंदी शब्द – लंड, चूत, गांड, चूसना, चोदना – सब इसमें हैं। असली वाली स्टोरी, कोई बनावटी फील नहीं।
गर्मियों की छुट्टियाँ थीं। मैं मामा के घर गया था, जो दिल्ली के एक पॉश इलाके में है। मामी हमेशा मुझे तंग करती थीं, मजाक करती थीं, लेकिन इस बार उनकी नजरें कुछ और कह रही थीं। एक रात, मामा बाहर गए थे, और घर में सिर्फ मैं और मामी थे। रात को गर्मी ज्यादा थी, तो मामी बोली, “रवि, छत पर सोते हैं। वहाँ ठंडक मिलेगी।” मैंने हामी भरी। हमने छत पर बिस्तर डाला, चारपाई बिछाई, और लेट गए। मामी ने पतली सी नाइटी पहनी थी, जिसमें उनके चुचे और गांड साफ दिख रहे थे। मेरी नजर बार-बार उनकी तरफ जा रही थी।
रात के 11 बजे, चारों तरफ सन्नाटा। चाँद की रोशनी में मामी और सेक्सी लग रही थीं। वो बोली, “रवि, नींद नहीं आ रही। तू बता, कोई गर्लफ्रेंड है?” मैं हँसा, “नहीं मामी, लेकिन आप जैसी हॉट औरत मिले तो बनाऊँ।” वो हँसी, “बदमाश, अपनी मामी को छेड़ता है!” लेकिन उनकी आँखों में चमक थी। वो मेरे करीब आई, और मेरे सीने पर हाथ रखा। “तू जवान हो गया है, रवि। लंड भी बड़ा होगा ना?” मैं चौंक गया। मेरे लंड में हलचल होने लगी। मैंने हिम्मत की, “मामी, देख लो ना।” वो हँसी, “दिखा दे।”
मैंने पजामा उतारा। मेरा 7 इंच का लंड खड़ा था, सुपारा चमक रहा था। “वाह, रवि, क्या मस्त लंड है तेरा!” मामी ने उसे हाथ में लिया, सहलाने लगी। “मामी, आप भी तो कुछ दिखाओ,” मैंने कहा। उन्होंने नाइटी उतारी। अंदर काली ब्रा और पैंटी। मैंने ब्रा खींचकर उतारी। उनके बड़े-बड़े चुचे बाहर, निप्पल पिंक और हार्ड। “क्या मस्त चुचे हैं मामी!” मैंने एक चूची मुँह में ली, चूसने लगा। जीभ से निप्पल घुमाया, दांत से हल्का काटा। वो सिसकारी, “आह… रवि… चूस… जोर से चूस मेरे चुचे… निप्पल काट…” मैंने दोनों चुचे दबाए, मसले, चूसे। वो मेरे सिर को दबा रही थी, “उफ्फ… तू तो प्रो है… मेरे चुचे तेरे लिए हैं…”
मैंने उनकी पैंटी उतारी। उनकी चूत – गोरी, क्लीन शेव्ड, गीली। “मामी, आपकी चूत तो माल है!” मैं घुटनों पर बैठा, चूत चाटने लगा। जीभ से लंबी चाट दी, क्लिट को चूसा। “आह… रवि… चाट… जीभ अंदर डाल… मेरी चूत का रस पी…” मैंने जीभ चूत में घुसाई, चोदने जैसे घुमाई। दो उंगलियाँ डालीं, क्लिट चूसते हुए उंगलियों से चोदा। वो कमर हिलाने लगी, “उफ्फ… रवि… मैं झड़ रही हूँ…” और उनका रस निकला, मैंने सब चाट लिया। स्वाद नमकीन, गर्म।
“अब तू मेरा लंड चूस,” मैंने कहा। वो घुटनों पर बैठी, मेरा लंड मुँह में लिया। “कितना मोटा है तेरा लंड, रवि!” वो जीभ से सुपारा चाटी, लंड की नसों पर जीभ फेरी। गले तक लिया, थूक से गीला करके चूसा। मैंने उसके बाल पकड़े, “चूस… मामी… रंडी जैसे चूस…” वो बॉल्स चाटी, लंड को हाथ से हिलाते हुए चूसा। मैं पागल हो रहा था, “मामी, तू तो रंडी से बेहतर चूस रही…”
फिर मैंने उन्हें चारपाई पर लिटाया। पैर फैलाए, चूत खुली थी। मैंने लंड रगड़ा, “तैयार हो?” वो बोली, “चोद दे… फाड़ दे मेरी चूत…” मैंने एक झटके में लंड घुसाया। “आआआ… रवि… कितना मोटा है…” वो चिल्लाई। मैंने धक्के शुरू किए। “ले मामी, ले मेरा लंड… तेरी चूत कितनी गर्म है…” थप-थप की आवाज छत पर गूँज रही थी। उनके चुचे उछल रहे थे, मैंने उन्हें दबाया, निप्पल पिंच किए। वो चिल्ला रही थी, “जोर से… चोद… मेरी चूत फाड़ दे… तेरा लंड गहरा जा रहा…” मैंने स्पीड बढ़ाई, लंड बाहर निकालकर फिर घुसाया। उनकी चूत रस से गीली, लंड पर चिपक रही थी।
पोजिशन बदली। डॉगी स्टाइल। वो घुटनों पर, गांड ऊपर। “मामी, क्या मस्त गांड है!” मैंने पीछे से लंड चूत में घुसाया। कमर पकड़ी, धक्के मारे। “हाँ… पीछे से चोद… मेरी चूत तेरी है…” मैंने बाल पकड़े, सिर पीछे खींचा। फिर गांड पर थप्पड़ मारे, “अब गांड मारूं?” वो बोली, “हाँ… गांड भी चोद…” मैंने उंगली थूक से गीली की, गांड में डाली। “टाइट है मामी तेरी गांड!” लंड चूत से निकाला, गांड पर रगड़ा। धीरे से सुपारा अंदर। “आह… दर्द… लेकिन चोद…” मैंने पूरा लंड घुसाया, गांड चोदने लगा। टाइट गांड लंड को निचोड़ रही थी। “उफ्फ… तेरी गांड गर्म है… रंडी बन गई तू…” मैंने धक्के मारे, हाथ से चूत रगड़ा। वो चिल्लाई, “हाँ… गांड फाड़… चूत में उंगली… मैं झड़ रही…”
फिर काउगर्ल। वो मेरे ऊपर बैठी, लंड चूत में लिया। “अब मैं तुझे चोदूंगी।” वो उछलने लगी, लंड पर ऊपर-नीचे। उसके चुचे मेरे चेहरे पर, मैंने चूसे। “तेरा लंड मेरी चूत का राजा है…” मैं नीचे से धक्के मारता। फिर रिवर्स काउगर्ल – वो उल्टी होकर उछली, गांड मेरी तरफ। मैं गांड दबाता, थप्पड़ मारे। “उछल… जोर से… तेरी गांड कमाल…”
आखिर में 69। मैं नीचे, वो ऊपर। मैंने उनकी चूत चाटी, जीभ अंदर, क्लिट चूसी। वो मेरा लंड चूसती, बॉल्स चाटती। “उफ्फ… 69 में मजा… तेरी चूत का रस… तू मेरा लंड चूस…” हम दोनों पागल, रस बह रहा। फिर मिशनरी। मैं ऊपर, धक्के मारे। “मामी, झड़ने वाला हूँ।” वो बोली, “चूत में डाल… माल अंदर…” मैं झड़ गया, गर्म वीर्य चूत में। वो भी झड़ी, पैर काँप रहे।
सुबह तक हमने तीन राउंड किए। छत पर, चाँद की रोशनी में, मामी की चुदाई – लंड, चूत, गांड, सब कुछ। मामा को कुछ नहीं पता, लेकिन मामी और मैं अब हर छुट्टी में चुदाई करते हैं। वो रात मेरी जिंदगी की सबसे हॉट थी।