मेरा देवर मुझे चोदकर संतुष्ट कर गया

Devar Bhabhi Sex Story – मेरा नाम रीता है। 29 साल की हूँ, और शादी को चार साल हो चुके हैं। भैया – मतलब मेरा पति – एक सॉफ्टवेयर कंपनी में मैनेजर हैं, हमेशा मीटिंग्स और ट्रिप्स में उलझे रहते हैं। घर में तो ठीक है, लेकिन रातें… उफ्फ, वो तो बस औपचारिकता बन गई हैं। संतुष्टि का नामोनिशान नहीं। फिर आया मेरा देवर, अजय। 22 साल का, कॉलेज का लौंडा, लेकिन देखने में इतना हैंडसम कि दिल धक से हो जाए। लंबा, मस्कुलर बॉडी, और वो मुस्कान जो आँखों में उतर जाती है। अजय छुट्टियों में आता है, और इस बार भैया की तीन हफ्ते की फॉरेन ट्रिप पर वो घर आ धमका। “भाभी, अकेले मत रहना, मैं हूँ ना।” उसकी ये बातें… जैसे दिल को छू जातीं। शुरू में सब नॉर्मल था, लेकिन धीरे-धीरे वो नजरें, वो हल्के स्पर्श… और फिर वो रात आई जब अजय ने मुझे चोदकर संतुष्ट कर दिया। वो चुदाई इतनी जंगली और अलग-अलग स्टाइल वाली थी कि आज भी रात को सोचकर चूत गीली हो जाती है। ये मेरी वो कहानी है, जो मैं कभी किसी को न बताऊँगी, लेकिन मन की गहराई से निकली। भावनाएँ हैं, शरम है, और वो बेकाबू वासना जो रिश्तों की सीमाओं को तोड़ देती है। देसी घर की, सच्ची-सी, बिना किसी बनावटी ड्रामा के।

पहली हफ्ते तो बस बातें हुईं। अजय सुबह उठता, जिम जाता, और शाम को मेरे साथ चाय पीता। “भाभी, भैया कब लौट रहे हैं? घर सूना लगता है।” वो कहता, और मैं हँसकर टाल देती। लेकिन एक शाम, किचन में खड़ी मैं रोटियाँ बेल रही थी, अजय पीछे से आया। “भाभी, मदद करूँ?” उसका हाथ मेरी कमर से रगड़ गया। मैं सिहर गई। “अजय, क्या कर रहे हो?” लेकिन मेरी आवाज में वो जोश था। वो करीब आया, साँसें मेरी गर्दन पर। “भाभी, तू बहुत सुंदर है। भैया को छोड़कर जाता हूँ तो सोचता हूँ, तू अकेली कैसे रहेगी।” मैं मुड़ी, उसकी आँखों में वो आग। “अजय, ये गलत है। मैं तेरी भाभी हूँ।” लेकिन मेरा हाथ उसके सीने पर चला गया। मस्कुलर चेस्ट, दिल की धड़कन महसूस हो रही। वो मुस्कुराया, “भाभी, प्यार गलत नहीं होता।” और फिर वो मुझे दीवार से सटा दिया। होंठ उसके होंठों पर। किस इतना गहरा, जीभ अंदर घुस गई। मैं पिघल रही थी। “अजय… मत… कोई देख लेगा।” लेकिन मेरी चूत में सिहरन दौड़ गई। वो बोला, “रात को आना मेरे कमरे में।”

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रात के 1 बजे, घर में सन्नाटा। मैं चुपके से उसके कमरे में घुसी। अजय बेड पर लेटा था, शर्टलेस, सिर्फ शॉर्ट्स में। “भाभी… आ गई।” वो उठा, मुझे बाहों में भर लिया। फिर से किस – इस बार जंगली। जीभें लड़ रही, हाथ मेरी पीठ पर। उसने मेरी नाइट गाउन ऊपर की। अंदर ब्रा-पैंटी। “भाभी, तेरी बॉडी… उफ्फ।” ब्रा उतारी। मेरी चूचियाँ बाहर – 36 का साइज, भरी हुईं, निप्पल हार्ड। अजय ने एक चूची मुँह में ली। “आह… अजय… चूस… मेरी चूचियाँ चूस…” मैं सिसकारी भर रही थी। वो जीभ से निप्पल घुमा रहा था, दांत से काट रहा। दूसरी चूची दबा रहा, मसल रहा। “भाभी, तेरी चूचियाँ कितनी रसीली… भैया खुशकिस्मत हैं।” मैं उसके सिर को दबा रही, कमर हिल रही। “उफ्फ… अजय… जोर से चूस… काट निप्पल… हाय… तेरी जीभ जादू कर रही…”

उसका हाथ नीचे गया। पैंटी में उंगली। “भाभी, तेरी चूत गीली हो गई। रस टपक रहा।” मैं शरमाई, “अजय… तेरी वजह से।” पैंटी उतारी। चूत नंगी – गोरी, थोड़े बाल, क्लिट उभरी। अजय घुटनों पर बैठा, जीभ लगाई। “आह… चाट अजय… मेरी चूत चाट… क्लिट चूस…” वो जीभ से चोद रहा था, क्लिट मुंह में लेकर चूस रहा। दो उंगलियाँ अंदर डालीं, घुमाईं। मैं चिल्लाई, “हाय… फिंगर फक… और जोर से… मैं झड़ रही हूँ…” रस निकला, गर्म। अजय ने पी लिया। “भाभी, तेरा रस… स्वादिष्ट।”

अब मेरी बारी। अजय खड़ा हुआ। शॉर्ट्स उतारे। लंड बाहर – 7 इंच, मोटा, सुपारा लाल। “अजय, तेरा लंड… कितना बड़ा!” मैं घुटनों पर बैठी, हाथ में लिया। सहलाया, फिर मुँह में। जीभ से सुपारा चाटा, गले तक लिया। “भाभी… चूस… जोर से चूस मेरा लंड…” अजय मेरे बाल पकड़ रहा। मैं थूक से गीला करके चूस रही, बॉल्स चाटी। “तेरा लंड… भाभी का मुंह भर देगा… चूसूँगी सारी रात।” वो सिसकारा, “भाभी… तू तो प्रो है… गले तक ले…”

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अजय ने मुझे बेड पर लिटाया। पैर फैलाए। चूत खुली। लंड रगड़ा। “भाभी, पहली बार?” मैं बोली, “भैया के अलावा… हाँ। लेकिन तू संतुष्ट कर।” सुपारा अंदर। “आआआ… अजय… धीरे…” पूरा घुसाया। चूत टाइट हो गई। धक्के शुरू – मिशनरी में। “ले भाभी… ले मेरा लंड… तेरी चूत कितनी गर्म…” थप-थप, चूचियाँ उछल रही। मैं दबा रही। “जोर से अजय… चोद… भाभी की चूत फाड़… लंड पूरा अंदर…” वो तेज धक्के मार रहा, पसीना टपक रहा।

पोजिशन बदली – डॉगी। मैं घुटनों पर। अजय पीछे से घुसाया। “क्या गांड है भाभी!” कमर पकड़ी, धक्के। “हाय… पीछे से… बाल खींच…” थप्पड़ मारा। “गांड मारूँ?” “हाँ… गांड चोद…” लंड निकाला, थूक लगाया, गांड में। “आह… दर्द… चोद…” टाइट गांड निचोड़ रही। धक्के, उंगली चूत में। मैं झड़ी।

काउगर्ल। मैं ऊपर, लंड चूत में। उछली। “अब भाभी तुझे चोदेगी।” चूचियाँ उसके चेहरे पर। रिवर्स – गांड दिखी। 69 – चूत चाटी, लंड चूसा। आखिर मिशनरी। “झड़ने वाला हूँ।” “अंदर… चूत में…” झड़ गया। मैं भी।

तीन रातें वैसी ही। रसोई में स्टैंडिंग, बालकनी में। अजय ने संतुष्ट कर दिया। भैया लौटे, लेकिन राज हमारा। मेरा देवर – मेरा संतुष्टिकर्ता।