Family Sex Story – मेरा नाम रवि है, और मैं 24 साल का एक जवान, गठीला लड़का हूँ। मेरा 9 इंच का मोटा, काला लंड किसी भी औरत की चूत में आग लगा देता है। हमारा परिवार बड़ा और संयुक्त है, जहाँ मैं, मेरे मम्मी-पापा, मेरी बड़ी बहन रिया (28 साल), और मेरी चचेरी बहन नेहा (26 साल) एक साथ रहते हैं। मेरी मम्मी, सुनीता, 45 साल की एक हॉट, चुदास भरी औरत हैं, जिनका गोरा, भरा हुआ बदन, बड़ी-बड़ी चूचियाँ, और गोल गांड मेरे लंड को तड़पा देता था। रिया और नेहा भी कम नहीं थीं; उनकी टाइट चूचियाँ, रसीली चूत, और मटकती गांड मेरी चुदास को बढ़ा देती थीं। ये कहानी उस परिवार की है, जहाँ चुदाई का खेल खुलेआम खेला जाता था, और मैंने अपनी मम्मी, रिया, और नेहा की चूत को अपने लंड से फाड़ दिया।
हमारे घर में चुदास का माहौल हमेशा गर्म रहता था। मम्मी जानबूझकर टाइट साड़ी पहनतीं, जिसमें उनके चूचे और गांड साफ दिखते। रिया और नेहा कॉलेज से लौटकर शॉर्ट ड्रेस में घूमतीं, और उनकी नंगी जाँघें और सख्त निप्पल मेरे लंड को तना देते। पापा ज्यादातर बिजनेस के सिलसिले में बाहर रहते थे, और घर में चुदाई की भूख खुलकर जागती थी। एक बार, जब मैं रात में पानी पीने रसोई गया, मम्मी सिर्फ नाइटी में थीं, और उनकी चूचियाँ और गीली चूत साफ दिख रही थीं। “रवि, तेरा लंड तो मेरी चूत में आग लगा रहा है,” मम्मी ने मादक आवाज में कहा। मैंने जवाब दिया, “मम्मी, मेरी चूत तेरे लंड की भूखी है।” उस रात से हमारे परिवार में चुदाई का खेल शुरू हो गया।
एक रात, जब पापा मुंबई गए थे, मम्मी ने मुझे अपने कमरे में बुलाया। उन्होंने एक पतली, पारदर्शी नाइटी पहनी थी, जिसमें उनके सख्त निप्पल और गीली चूत चमक रहे थे। मैंने दरवाजा बंद किया और मम्मी को अपनी बाहों में खींच लिया। “रवि, मेरी चूत को तेरे लंड से चोद… इसे फाड़ दे,” मम्मी ने सिसकारी के साथ कहा। मैंने उनके रसीले होंठों पर एक गहरा, अश्लील चुंबन छोड़ दिया। मेरी जीभ उनके मुँह में थी, और मेरा मोटा लंड उनकी जाँघों से टकरा रहा था। मैंने उनकी नाइटी फाड़ दी, और उनकी बड़ी, नंगी चूचियाँ मेरे सामने उछल पड़ीं। उनके निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और उनकी चिकनी, गीली चूत और गोल गांड मेरे सामने नंगी थी।
मैंने मम्मी के चूचों को दोनों हाथों से पकड़ा और जोर-जोर से दबाने लगा। मेरी उंगलियाँ उनके निप्पलों को मसल रही थीं, और उनकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “रवि, तेरे हाथ मेरी चूचियों को जन्नत दे रहे हैं,” मम्मी ने मादहोश होकर कहा। मैंने उनके एक चूचे को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा, जैसे कोई भूखा शेर अपनी शिकार को चबा रहा हो। मेरी जीभ उनके निप्पल को चाट रही थी, और उनकी चीखें निकल रही थीं। मम्मी ने मेरी पैंट उतार दी, और मेरा 9 इंच का मोटा, काला लंड उनके सामने तन गया। उनकी आँखें चुदास से चमक उठीं। “रवि, तेरा लंड मेरी चूत को चोदने के लिए बना है,” उन्होंने कहा, और मेरे लंड को अपने रसीले होंठों में लिया।
मम्मी मेरे लंड को गहराई तक चूस रही थीं, और मेरी सिसकारियाँ निकल रही थीं। मैंने उनके बाल पकड़कर उनका मुँह अपने लंड पर और जोर से दबाया। मैंने मम्मी को बिस्तर पर लिटाया और उनकी जाँघें चौड़ी कीं। मैंने अपनी जीभ से उनकी चूत को चाटना शुरू किया, और मेरी जीभ उनकी चूत के दाने को चूस रही थी। मम्मी अपनी गांड को हिलाकर मेरा मुँह अपनी चूत में और गहरा दबा रही थीं। उनकी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं, और उनकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “रवि… मेरी चूत को चोद… इसे फाड़ दे,” मम्मी ने चुदास में चीखते हुए कहा। मैंने अपना मोटा, काला लंड उनकी गीली चूत में डाल दिया, और मम्मी चीख पड़ी। मेरा लंड उनकी चूत को चीर रहा था, और मैं जोर-जोर से धक्के मारने लगा।
मम्मी की चुदाई के दौरान रिया ने कमरे में प्रवेश किया। वह नाइटी में थी, और उसकी चूचियाँ और गीली चूत साफ दिख रही थीं। “रवि, मम्मी को अकेले चोद रहा है? मेरी चूत को भी तो चोद,” रिया ने मादक आवाज में कहा। मैंने रिया को बिस्तर पर खींच लिया और उसकी नाइटी उतार दी। उसकी टाइट चूचियाँ और रसीली चूत मेरे सामने थी। मैंने रिया के चूचों को चूसना शुरू किया, और मम्मी मेरे लंड को चाट रही थीं। रिया की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। मैंने रिया की चूत में अपना लंड डाला और जोर-जोर से चोदने लगा। मम्मी ने रिया के चूचों को मसला और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटा। हम तीनों चुदाई के नशे में डूब गए।
नेहा भी उस रात हमारे चुदाई के खेल में शामिल हो गई। वह रात में पानी पीने आई थी, और हमारी सिसकारियाँ सुनकर कमरे में चली आई। “रवि, मम्मी और रिया को चोद रहा है? मेरी चूत को भी चोद,” नेहा ने चुदास में कहा। मैंने नेहा की ड्रेस उतार दी, और उसकी गोल गांड और टाइट चूत मेरे सामने थी। मैंने नेहा को घोड़ी बनाया और उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया। मम्मी और रिया नेहा के चूचों को चूस रही थीं, और नेहा की चीखें कमरे में गूँज रही थीं। मैंने नेहा की गांड में अपनी उंगली डाली और फिर अपना लंड उसकी गांड में घुसा दिया। नेहा दर्द और सुख में चीख पड़ी, लेकिन उसकी गांड मेरे लंड को गले लगाने लगी।
मैंने मम्मी, रिया, और नेहा को बारी-बारी चोदा। मम्मी की चूत को चोदते हुए मैंने रिया की गांड में उंगली डाली, और नेहा मेरे लंड को चूस रही थी। हमारी चुदाई का खेल घंटों चला। मैंने मम्मी को अपनी गोद में बिठाया और उनकी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से उछाला। उनके चूचे मेरे चेहरे पर उछल रहे थे, और मैं उनके निप्पलों को चूस रहा था। फिर मैंने रिया को दीवार के सहारे खड़ा किया और उसकी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से धक्के मारे। नेहा ने मेरे लंड को चाटा और मेरी गांड को सहलाया। हमारी सिसकारियाँ और चीखें पूरे घर में गूँज रही थीं।
“रवि, हमारी चूत में झड़ जा,” मम्मी, रिया, और नेहा ने एक साथ चुदास में चीखा। मैंने अपने धक्के और तेज किए और पहले मम्मी की चूत में अपने गर्म, गाढ़े वीर्य की पिचकारी मारी। फिर मैंने रिया की चूत को अपने वीर्य से भरा, और आखिर में नेहा की गांड में झड़ गया। उनकी चूत और गांड मेरे वीर्य से लबालब भर गईं। मैंने उनके चूचियों, रसीले होंठों, और पूरे बदन पर अपना वीर्य छोड़ा, और उन्होंने उसे अपनी जीभ से चाट लिया। हम चारों हाँफ रहे थे, और उनकी चूत और गांड चुदाई से सुज गई थी। हम नंगे ही एक-दूसरे की बाहों में सो गए।
उस रात के बाद, हमारे परिवार में चुदाई का खेल नियमित हो गया। जब भी पापा घर पर नहीं होते, मैं मम्मी, रिया, और नेहा को चोदता। एक बार मैंने रसोई में मम्मी को चोदा। उन्होंने एक टाइट साड़ी पहनी थी, और मैंने उन्हें काउंटर पर झुकाकर उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया। रिया और नेहा ने मम्मी के चूचों को चूसा, और उनकी चीखें रसोई में गूँज रही थीं। दूसरी बार, हमने बाथरूम में चुदाई की। मैंने नेहा को शावर के नीचे चोदा, जबकि मम्मी और रिया एक-दूसरे की चूत चाट रही थीं। पानी उनके चूचों पर टपक रहा था, और उनकी सिसकारियाँ बाथरूम में गूँज रही थीं।
कभी-कभी, हम रात में मेरे कमरे में चुदाई करते। एक रात, मैंने रिया को अपने लंड पर बिठाया और उसकी चूत को जोर-जोर से चोदा। मम्मी ने मेरे लंड को चूसकर मुझे और उत्तेजित किया, और नेहा ने रिया की गांड में उंगली डाली। हमारी चीखें और सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। पापा को कभी शक नहीं हुआ, क्योंकि हम चुपके से अपनी चुदाई का खेल खेलते थे। एक बार, जब मैं मम्मी की चूत चोद रहा था, पापा ने फोन किया। मैंने फोन उठाया, और मम्मी ने मेरे लंड को अपनी चूत में और गहरा लिया। मैं सिसकारियों को दबाते हुए पापा से बात कर रहा था, और मम्मी की चूत मेरे वीर्य से भर रही थी।
हमारे परिवार में चुदाई का खेल एक सच्चा और मादक अनुभव था। मम्मी, रिया, और नेहा की चूत मेरे लंड की दीवानी थीं, और मेरा लंड उनकी चूत का गुलाम। हर रात, जब मैं उनकी चूत और गांड को चोदता, उनकी सिसकारियाँ मेरे कानों में संगीत की तरह बजती थीं। मैंने सोचा कि परिवार में चुदाई का खेल मेरी जिंदगी का सबसे मादक सुख था। उनकी चूत मेरे लंड की गुलाम बन चुकी थी, और हमारी चुदाई की आग कभी ठंडी नहीं हुई।