मुझे गांड मरवाना अच्छा लगता है वो भी बेटे से

Mother Son Sex Story – मेरा नाम राधा है, और मैं 42 साल की एक हॉट, चुदास भरी औरत हूँ। मेरा गोरा, भरा हुआ बदन, बड़ी-बड़ी चूचियाँ, गोल गांड, और पतली कमर किसी भी मर्द के लंड में आग लगा देता है। मेरे रसीले होंठ, गुलाबी निप्पल, और गीली चूत चुदाई का खुला न्योता देते हैं। मेरी मादक आँखें और मटकती चाल मर्दों को पागल कर देती है। मेरा पति, सुरेश, 48 साल का है, लेकिन उसका छोटा लंड और जल्दी झड़ने की आदत मेरी चूत और गांड की भूख को मिटाने में नाकाम रहती थी। मेरा बेटा, रोहन, 22 साल का एक जवान, गठीला लड़का था, जिसका 9 इंच का मोटा, काला लंड मेरी गांड में चुदास की सिहरन पैदा करता था। ये कहानी उस रात की है, जब मैंने रोहन से अपनी गांड मरवाई और उसकी चुदाई की दीवानी हो गई।

हम एक बड़े घर में रहते थे, जहाँ मैं, सुरेश, और रोहन एक साथ रहते थे। सुरेश को रात में देर तक ऑफिस में रहने की आदत थी, और मैं अक्सर घर पर अकेली होती थी। रोहन की भूखी नजरें मेरे चूचों और गांड पर टिकती थीं, और मैं जानबूझकर टाइट साड़ी या नाइटी पहनती, ताकि मेरे चूचे और गांड उसे ललचाएँ। एक बार, जब मैं बाथरूम से नहाकर निकली, मैंने सिर्फ एक पतली तौलिया लपेटा था। मेरी चूचियाँ और गांड तौलिये से बाहर झाँक रही थीं। रोहन ने मुझे देखा और बोला, “मम्मी, आपकी गांड तो किसी की चूत में आग लगा दे।” मैंने शरारत से जवाब दिया, “रोहन, मेरी गांड भी तेरे लंड की भूखी है।” मेरी बात ने उसकी चुदास को भड़का दिया।

एक रात, सुरेश को ऑफिस के काम से मुंबई जाना पड़ा। मैं और रोहन घर पर अकेले थे। मैंने मौके का फायदा उठाने का फैसला किया। मैंने एक पतली, पारदर्शी नाइटी पहनी, जिसमें मेरे सख्त निप्पल और गीली चूत साफ दिख रहे थे। मैंने रोहन को अपने कमरे में बुलाया और कहा, “रोहन, आज रात मेरे साथ सो, मुझे डर लग रहा है।” उसकी आँखें चुदास से चमक उठीं, और वह मेरे कमरे में आ गया। मैंने दरवाजा बंद किया और उसे अपनी बाहों में खींच लिया। “रोहन, मेरी गांड को तेरे लंड से चोद… मुझे गांड मरवाना अच्छा लगता है,” मैंने मादक आवाज में कहा। उसने मेरे रसीले होंठों पर एक गहरा, अश्लील चुंबन छोड़ दिया।

उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और उसका मोटा लंड मेरी जाँघों से टकरा रहा था। मैंने उसकी पैंट उतार दी, और उसका 9 इंच का मोटा, काला लंड मेरे सामने तन गया। उसकी नसें फूली हुई थीं, और मेरी गांड ने उसे देखकर और रस छोड़ा। मैंने अपनी नाइटी उतार दी, और मेरी बड़ी, नंगी चूचियाँ उसके सामने उछल पड़ीं। मेरे निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और मेरी चिकनी, गीली चूत और गोल गांड उसके सामने नंगी थी। मेरा चूत का रस मेरी जाँघों पर टपक रहा था। “मम्मी, तेरी गांड तो मेरे लंड की गुलाम है,” रोहन ने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, रोहन… मेरी गांड को चोद… इसे फाड़ दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा।

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रोहन ने मेरे चूचों को दोनों हाथों से पकड़ा और जोर-जोर से दबाने लगा। उसकी उंगलियाँ मेरे निप्पलों को मसल रही थीं, और मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। उसने मेरे एक चूचे को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा, जैसे कोई भूखा शेर अपनी शिकार को चबा रहा हो। उसकी जीभ मेरे निप्पल को चाट रही थी, और मेरी चीखें निकल रही थीं। मैंने उसके लंड को अपने रसीले होंठों में लिया और गहराई तक चूसने लगी। उसकी सिसकारियाँ निकल रही थीं, और उसने मेरे बाल पकड़कर मेरा मुँह अपने लंड पर और जोर से दबाया। मैं उसके लंड को चाट रही थी, और उसकी चुदास मेरे मुँह में साफ महसूस हो रही थी।

रोहन ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरी जाँघें चौड़ी कीं। उसने अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटना शुरू किया, और उसकी जीभ मेरी चूत के दाने को चूस रही थी। मैं अपनी गांड को हिलाकर उसका मुँह अपनी चूत में और गहरा दबा रही थी। मेरी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं, और मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “रोहन… मेरी गांड को चोद… मुझे गांड मरवाना अच्छा लगता है,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उसने मेरी चूत में अपना मोटा, काला लंड डाला और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। मेरा चूत का रस टपक रहा था, और उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। लेकिन मैंने कहा, “रोहन, मेरी चूत नहीं, मेरी गांड चोद।”

रोहन ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गोल गांड को थप्पड़ मारते हुए अपनी उंगली मेरी गांड के छेद में डाली। मैं सुख से सिसकारी उठी। फिर उसने अपना मोटा, काला लंड मेरी गांड के मुहाने पर रखा और धीरे-धीरे धक्का मारा। मेरी गांड टाइट थी, और उसका लंड अंदर जाने में मुश्किल हो रहा था। उसने मेरी कमर पकड़ी और जोर का धक्का मारा। मैं दर्द से चीख पड़ी, लेकिन उसका लंड मेरी गांड को चीरता हुआ अंदर घुस गया। दर्द जल्दी ही मादक सुख में बदल गया, और वह जोर-जोर से मेरी गांड चोदने लगा। मेरे चूचे हवा में उछल रहे थे, और मेरी सिसकारियाँ पूरे घर में गूँज रही थीं।

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रोहन ने मेरे चूचियों को मसला, मेरे निप्पलों को चूसा, और मेरी गांड को अपने लंड से रगड़ने लगा। “मम्मी, तेरी गांड तो मेरे लंड की दीवानी है,” उसने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, रोहन… मेरी गांड को और जोर से चोद… इसे सुजा दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उसने मेरी गांड को थप्पड़ मारे और अपने धक्के और तेज कर दिए। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और मेरी गांड उसके लंड की गुलाम बन चुकी थी। उसने मेरी चूत में अपनी उंगलियाँ डालीं और मेरी गांड को चोदते हुए मेरी चूत को भी सहलाने लगा। मैं सुख से पागल हो रही थी।

चुदाई का दौर घंटों चला। रोहन ने मुझे अलग-अलग पोजीशन में चोदा। एक बार उसने मुझे अपनी गोद में बि�ठाया और मेरी गांड में अपना लंड डालकर जोर-जोर से उछाला। मेरे चूचे उसके चेहरे पर उछल रहे थे, और वह मेरे निप्पलों को चूस रहा था। फिर उसने मुझे दीवार के सहारे खड़ा किया और मेरी गांड में अपना लंड डालकर जोर-जोर से धक्के मारे। मेरी चीखें और सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “रोहन… मेरी गांड को चोद… मुझे और सुख दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उसने मेरी गांड को और जोर से चोदा, और मेरी चूत बार-बार झड़ रही थी।

“मम्मी, मैं तेरी गांड में झड़ने वाला हूँ,” रोहन ने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, रोहन… मेरी गांड को अपने वीर्य से भर दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उसने अपने धक्के और तेज किए, और फिर अपने गर्म, गाढ़े वीर्य की पिचकारी मेरी गांड में मारी। मैं सुख से चीख पड़ी, और मेरी गांड उसके वीर्य से लबालब भर गई। उसने मेरे चूचियों, रसीले होंठों, और पूरे बदन पर अपना वीर्य छोड़ा, और मैंने उसे अपनी जीभ से चाट लिया। मेरा बदन उसके वीर्य से गीला और चिपचिपा हो गया था। हम दोनों हाँफ रहे थे, और मेरी गांड और चूत चुदाई से सुज गई थी।

उस रात के बाद, रोहन मेरी चुदास का नियमित साथी बन गया। हर बार जब सुरेश घर पर नहीं होता, मैं रोहन को अपने कमरे में बुलाती। एक बार मैंने उसे रसोई में चुदाई के लिए बुलाया। मैंने एक टाइट साड़ी पहनी थी, और उसने मेरी साड़ी ऊपर उठाकर मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया। मैं काउंटर पर झुकी थी, और वह मेरी गांड को थप्पड़ मारते हुए चोद रहा था। मेरी चीखें रसोई में गूँज रही थीं, और मेरी गांड उसके वीर्य से भर गई। दूसरी बार, मैंने उसे बाथरूम में बुलाया। मैंने उसे शावर के नीचे खड़ा किया और उसके लंड को अपने मुँह में लिया। फिर उसने मुझे दीवार के सहारे खड़ा किया और मेरी गांड में अपना लंड डालकर जोर-जोर से चोदा। पानी मेरे चूचों पर टपक रहा था, और मेरी सिसकारियाँ बाथरूम में गूँज रही थीं।

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कभी-कभी, मैं रात में उसके कमरे में चली जाती। एक रात, उसने मुझे अपने बिस्तर पर लिटाया और मेरी गांड को अपनी जीभ से चाटा। मैंने उसके लंड को चूसकर उसे और उत्तेजित किया। फिर उसने मेरी गांड को बारी-बारी चोदा, और मेरी चूत उसके वीर्य से चमक रही थी। सुरेश को कभी शक नहीं हुआ, क्योंकि मैं और रोहन चुपके से अपनी चुदाई का खेल खेलते थे। एक रात, जब रोहन मेरी गांड को चोद रहा था, सुरेश ने अचानक फोन किया। मैंने फोन उठाया, और रोहन ने मेरी गांड में अपना लंड और तेजी से डाला। मैं सिसकारियों को दबाते हुए सुरेश से बात कर रही थी, और मेरी गांड रोहन के वीर्य से भर रही थी। “राधा, तुम ठीक हो ना?” सुरेश ने पूछा। मैंने हाँफते हुए कहा, “हाँ, सुरेश… मैं बहुत खुश हूँ।”

रोहन का मोटा, काला लंड मेरी गांड की हर भूख मिटा देता था। उसकी चुदाई ने मुझे उसकी दीवानी बना दिया। हर रात, जब वह मेरी गांड को चोदता, मेरी सिसकारियाँ घर में गूँजती थीं। मुझे गांड मरवाना अच्छा लगता था, और वो भी अपने बेटे से। रोहन का लंड मेरी गांड का राजा बन गया, और उसकी चुदाई मेरी चुदास का सबसे बड़ा सुख थी। मेरी गांड अब उसके लंड की गुलाम बन चुकी थी, और हमारी चुदाई की आग कभी ठंडी नहीं हुई।