चुदाई की लत लग गई है मुझे मैं ससुर देवर नौकर सब से चुद रही हूँ।

Sex Habit, Sex Addiction, चुदाई की लत सेक्स कहानी : मेरा नाम रेखा है मुझे चुदाईकी लत लग गई है आजकल मैं घर के हर एक सदस्य से 14 रही हूं। मेरे कामवासना इतनी ज्यादा जाग गई है दोस्तों के बिना चोदे रह नहीं पा रहे हु आज मैं आपको एक अपनी कहानी जो कि मेरी सच्ची कहानी है वही यहां पर यानी कि मेरे सेक्स कहानी डॉट कॉम पर लिखने जा रही हूं मेरी पहली कहानी है इस वेबसाइट पर।

पर शायद आपने ऐसी कहानी इसके पहले कभी नहीं पढ़ी होगी। एक औरत जिसको चुदाई की लत लग जाती है जिसको सेक्स करने में मजा आता है और अपने परिवार में ही ससुर से देवर से नौकर से पति से सबसे सेक्स संबंध बना रहे हैं। क्या आपने पढ़ा नहीं पढ़ा होगा मैं गारंटी देकर कहती हूं। राज आपको यह कहानी सुनने को मिलेगी।

मैं इस वेबसाइट की बहुत बड़ी फैन हूं। रोजाना आती हूं एक से बढ़कर एक सेक्स कहानियां पढ़ती हूं। यहां पर जो भी कहानियां है वह लड़की या महिलाओं के द्वारा ही भेजी गई सेक्स कहानियां है। इसीलिए आज मैं भी आपको अपनी कहानी बताकर में चैन की सांस लूंगी। क्योंकि जब तक मैं बोलूंगी नहीं तब तक मेरे मन में यह बातें घर कब जाएगी इसलिए मुझे बताना बहुत जरूरी है। आपने एक बात तो सुना होगा कि औरत के पेट में बात नहीं पचता है वैसा ही है दोस्तों मेरे पेट में भी बात नहीं पचता है।

मैं 26 साल की महिला हूं। बहुत हॉट और सेक्सी औरत हूं। जवानी में भी मैं जब मेरी शादी नहीं हुई थी उस समय भी मैं सेक्स की दीवानी थी। स्कूल में भी मैं कई टीचर से सेक्स कर चुकी हूं। यहां तक की स्कूल की चपरासी से भी मैंने अपने वासना की आग को बुझाई थी जब भी मुझे मौका मिलता है जहां भी मुझे मौका मिलता है बस मुझे यही लगता है कि कोई मुझे चोद दे। जब मेरी शादी हो गई मैं ससुराल आ गई पर यहां पर सिर्फ पति के साथ संबंध बनाने में मुझे मजा नहीं आ रहा था। इसलिए मैंने यहां पर आकर भी पहले अपने देवर से फिर अपने ससुर से फिर अपने नौकर से संबंध बना रही हूं।

यह सब कैसे हुआ अब मैं आपको बताने जा रही हूं। मेरे पति का जो जॉब है वह टूरिंग जॉब है वह घर से बाहर ही ज्यादा रहते हैं। खानदानी बिजनेस है जब पति जाते हैं तो देवर यहां रहते हैं जब देवर यहां रहते हैं तो ससुर जाते हैं। पर जो भी जाते हैं तीन-चार दिन के लिए जाते हैं। इस बीच में अकेली हो जाती हैं इसी का फायदा मैं उठाती हूं। कई बार दो-दो लोग कहीं चले जाते हैं। कई बार मैं और ससुर जी ही घर पर रहते हैं। कई बार देवर के साथ ही मुझे रहना होता है। और कई बार पति के साथ ही रहती हो मैं।

चोदने लगा। जब रात को मैं सोती हूं जब सेक्स कहानियां पढ़ती हूं तो मेरे अंदर की वासना जाग जाती है। जब तक मैं किसी से सेक्स संबंध नहीं बनाती हूं तब तक मुझे चैन नहीं आता है। आज मैं पहले आपको देवर से सेक्स संबंध पहले दिन कैसे बनाई थी वह बताने जा रही हो। 1 दिन की बात है मेरे ससुर और पति दोनों बेंगलुरु गए हुए थे। मैं और देवर जी दोनों घर पर थे। रात को जैसे मैंने सेक्स कहानियां पड़े मेरी वासना जाग उठी मैं तुरंत उठकर देवर के कमरे में गई। और उसके ऊपर चढ़ गई मैंने अपनी नाइटी उतार दी। और बुरा क्यों को खोल दिया उसके ऊपर बैठ गई जैसे कि कोई भूतनी बैठ गई हो।

देवर जी बोले भी की भाभी क्या कर रही हो। मैंने कहा था उस दिन जो कर रही हूं मुझे करने दो। और मैं अपने देवर को चूमने लगी किस करने लगी। आप किसी मर्द के ऊपर नंगी बैठ जाओ तो उस मर्द को क्या होगा ऐसा तो नहीं कि वह पूजा करने बैठ जाएगा। मेरे देवर का लंड खड़ा हो गया और मेरे बगल से उसने फिर मोटा लंड चूत के बीचो बीच रखकर कस के मारा और पूरा लंड पेल दिया भी जोर जोर से चचुदवाने लगी और मुझे जोर जोर से चूचियां मसलते हुए मुझे।

दिन के बाद से देवर भी मेरा दीवाना हो गया और बस वह इसी ताक में लगा रहता है कि कब लोग टूर पर जाएं और वह मेरे साथ सोए और संबंध बनाए रात भर रंगरेलियां मनाए। उस दिन के बाद से जब भी कोई बाहर जाता है तो मैं देवर के साथ सोती हूं वह मुझे रात भर चोदता है।

अब बात करूंगी ससुर के साथ मैंने कैसे सेक्स संबंध बनाए थे। 1 दिन की बात है मेरे पति और देवर दोनों ही नहीं थे ससुर जी थे और मैं उस दिन एक बैगन लेकर अपने चूत में डाल कर अपनी वासना की आग को बुझा रही थी। अचानक से ससुर जी कमरे में आ गए और उन्होंने मुझे ऐसा करते हुए देख लिया। उन्होंने कहा क्या कर रही हो बहू क्या बात है। मैंने कहा क्या करूं जब किसी चीज की पूर्ति ना हो तो यही सब करना होता है।

उन्होंने कहा क्या तुम्हारा पति इस में सक्षम नहीं है क्या। मैंने कहा सक्षम तो है जितना चाहिए उतना दे नहीं पाता। इतना कहते हैं ससुर ने मुझे पकड़ लिया और पलंग पर चढ़कर मेरे दोनों पैरों को अलग अलग किया तकिया मेरे दांत के नीचे लगाया और अपना मोटा लंड मेरी चूत में घुसा दिया। उस दिन के बाद से ससुर जी भी इसी इंतज़ार में रहते हैं जब कोई टूर पर जायेगा और वो मेरे साथ रंगरेलियां मनाएंगे।

अब एक दिन मैंने रामू नौकर से भी अपनी चूत की आग को शांत करवाई थी हुआ यूं था कि मैं बाथरूम में कपड़े धो रही थी वाशिंग मशीन लगाकर और कुछ कपड़े हाथ से भी मुझे धोने थे। इसलिए मैं बैठकर वह कपड़े धो रही थी और वह पूरे घर में पोछा लगा कर बाथरूम में आया था। अब वह मेरे सामने बैठ गया और कहने लगा भाभी मैं अभी कपड़े धो देता हूं। वह मेरे सामने बैठकर कपड़े धोने लगा पर कपड़े पर उसकी नजर कम थी मेरे ब्लाउज के ऊपर जो मेरी चूचियां बाहर निकल रही थी उस पर उसके नजर ज्यादा थी।

घर में कोई नहीं था वह अकेला था मैं अकेली थी। वह पहाड़ी लड़का बड़ा ही सेक्सी मुझे हमेशा से लगता था। पर उम्र में छोटा था इस वजह से मैंने कभी उसको ऐसे निगाहों से नहीं देखी थी। उस समय में यह बात सोच ही रही थी कि काश यह लड़के को भी मैं ट्राई कर लेते तो मजा आ जाता। तभी उसने कह दिया कि भाभी आप बहुत सुंदर हो। मैंने कहा कहां से सुंदर हूं। उसने कुछ बोला तो नहीं पर मेरी चुचियों पर उसकी नजर थे। मैंने कहा अच्छा तो मेरी चूचियां सुंदर है। इतना कहते वह हैरान हो गया क्या फिर मैंने ऐसी बात क्यों कह दी।

उसने कहा सारे कुछ आपका बहुत अच्छा है। मैं देखने देखने का मन कर रहा है तुम्हें। वह चुप रहा मैं समझ गई यह लड़का आगे तक जाना चाहता है मैंने अपना ब्लाउज खोल दिया और ब्रा खोल दी। उसके बाद मैंने उसको बोला कि देख ले जितना देखना है देख ले। एक तक से मेरे चुचियों को निहारने लगा। मैंने उसको वहीं पर पटक कर उसका पैंट खोलकर नीचे कर दे और अपना पेटिकोट और पैंट्री खोल कर उसके ऊपर बैठ गई उसका लंड पकड़ कर।

उसका लंड तुरंत ही मोटा और लंबा हो गया। अंदर तक जा रहा था ऊपर से मैं जैसे-जैसे धक्के देती नीचे से धक्के देता था बाथरूम में ही मैंने उसको पटक कर उसके लंड को अपनी चूत के अंदर ले ली थी। मेरा नौकर बड़ा हारामी निकला। वह तो मुझे गोरी बना बना कर चोदा। उसने वह सारे तरीके आधे घंटे में अपना लिए जितना मैंने कभी ट्राई नहीं की थी पर हां दोस्तों उसने मुझे खुश कर दिया।

उस दिन के बाद से जब मुझे मौका मिलता जिससे मौका मिलता। राते रंगीन करते रहती हूं। सबको यही लगता है कि मेरा संबंध सिर्फ उसी के साथ हैं। पर यहां पर उल्टा है दोस्तों मेरा संबंध सभी के साथ है जो फ्री है उसके साथ ही मेरा संबंध है। मैं जल्द ही अपनी दूसरी कहानी मेरी सेक्स कहानी डॉट कॉम पर लिखने वाली हूँ।