देवर को अपने साथ सुलाती हूँ और पति को छत पर

Bhabhi Devar Sex Story – मेरा नाम मंजू है, और मैं 28 साल की एक हॉट, चुदास भरी औरत हूँ। मेरा गोरा, भरा हुआ बदन, बड़ी-बड़ी चूचियाँ, गोल गांड, और पतली कमर किसी भी मर्द के लंड में आग लगा देता है। मेरे रसीले होंठ, गुलाबी निप्पल, और गीली चूत चुदाई का खुला न्योता देते हैं। मेरी मादक आँखें और मटकती चाल मर्दों को पागल कर देती है। मेरा पति, अजय, 34 साल का है, लेकिन उसका छोटा लंड और जल्दी झड़ने की आदत मेरी चूत की भूख को मिटाने में नाकाम रहती थी। मेरा देवर, विकास, 25 साल का एक जवान, गठीला लड़का था, जिसका 8 इंच का मोटा, काला लंड मेरी चूत में चुदास की सिहरन पैदा करता था। ये कहानी उस रात की है, जब मैंने अजय को छत पर सुलाया और विकास को अपने साथ बिस्तर पर चुदाई के लिए बुलाया।

हम एक बड़े घर में रहते थे, जहाँ मैं, अजय, और विकास एक साथ रहते थे। मेरी सास-ससुर गाँव में रहते थे, और अजय को गर्मी की वजह से छत पर सोने की आदत थी। विकास की भूखी नजरें मेरे चूचों और गांड पर टिकती थीं, और मैं जानबूझकर टाइट साड़ी या नाइटी पहनती, ताकि मेरे चूचे और गांड उसे ललचाएँ। एक बार, जब मैं रसोई में खाना बना रही थी, मैंने अपनी साड़ी का पल्लू गिराया, और मेरे चूचों की गहरी रेखा विकास के सामने आ गई। उसकी आँखें मेरे चूचों पर अटक गईं, और उसकी पैंट में उसके मोटे लंड का उभार साफ दिख रहा था। “भाभी, तुम तो किसी की चूत में आग लगा दो,” उसने मादक आवाज में कहा। मैंने शरारत से जवाब दिया, “विकास, मेरी चूत भी तेरे लंड की भूखी है।” मेरी बात ने उसकी चुदास को और भड़का दिया।

एक रात, गर्मी इतनी थी कि अजय ने छत पर सोने का फैसला किया। मैंने मौके का फायदा उठाने का सोचा। मैंने एक पतली, पारदर्शी नाइटी पहनी, जिसमें मेरे सख्त निप्पल और गीली चूत साफ दिख रहे थे। मैंने अजय को छत पर बिस्तर लगाने में मदद की और उसे जल्दी सुला दिया। फिर मैं नीचे अपने कमरे में आई और विकास को बुलाया। “विकास, आज रात मेरे साथ सो, मुझे डर लग रहा है,” मैंने मादक आवाज में कहा। विकास की आँखें चुदास से चमक उठीं, और वह मेरे कमरे में आ गया। मैंने दरवाजा बंद किया और उसे अपनी बाहों में खींच लिया। “विकास, मेरी चूत को तेरे लंड से चोद… इसे फाड़ दे,” मैंने फुसफुसाते हुए कहा।

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विकास ने मेरे रसीले होंठों पर एक गहरा, अश्लील चुंबन छोड़ दिया। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और उसका मोटा लंड मेरी जाँघों से टकरा रहा था। मैंने उसकी पैंट उतार दी, और उसका 8 इंच का मोटा, काला लंड मेरे सामने तन गया। उसकी नसें फूली हुई थीं, और मेरी चूत ने उसे देखकर और रस छोड़ा। मैंने अपनी नाइटी उतार दी, और मेरी बड़ी, नंगी चूचियाँ उसके सामने उछल पड़ीं। मेरे निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और मेरी चिकनी, गीली चूत और गोल गांड उसके सामने नंगी थी। मेरा चूत का रस मेरी जाँघों पर टपक रहा था। “भाभी, तेरी चूत तो मेरे लंड की गुलाम है,” विकास ने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, विकास… मेरी चूत को चोद… इसे सुजा दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा।

विकास ने मेरे एक चूचे को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा, जैसे कोई भूखा शेर अपनी शिकार को चबा रहा हो। उसकी जीभ मेरे निप्पल को चाट रही थी, और मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। उसने मेरे दूसरे चूचे को अपनी उंगलियों से मसला, और मेरे गुलाबी निप्पल को खींचकर मेरी चीखें निकाल दीं। मैंने उसके लंड को अपने रसीले होंठों में लिया और गहराई तक चूसने लगी। विकास की सिसकारियाँ निकल रही थीं, और उसने मेरे बाल पकड़कर मेरा मुँह अपने लंड पर और जोर से दबाया। मैं उसके लंड को चाट रही थी, और उसकी चुदास मेरे मुँह में साफ महसूस हो रही थी।

विकास ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरी जाँघें चौड़ी कीं। उसने अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटना शुरू किया, और उसकी जीभ मेरी चूत के दाने को चूस रही थी। मैं अपनी गांड को हिलाकर उसका मुँह अपनी चूत में और गहरा दबा रही थी। मेरी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं, और मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “विकास… मेरी चूत को चोद… इसे फाड़ दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। विकास ने अपना मोटा, काला लंड मेरी गीली चूत में डाल दिया, और मैं चीख पड़ी। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था, लेकिन दर्द जल्दी ही मादक सुख में बदल गया। वह जोर-जोर से धक्के मारने लगा, और मेरे चूचे हर धक्के के साथ उछल रहे थे।

मैं अपनी गांड को हिलाकर उसका लंड और गहरा ले रही थी, और मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। विकास ने मेरे चूचियों को मसला, मेरे निप्पलों को चूसा, और मेरी चूत को अपने लंड से रगड़ने लगा। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। “मंजू भाभी, तेरी चूत तो मेरे लंड की दीवानी है,” उसने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, विकास… मेरी चूत को और जोर से चोद… इसे सुजा दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। विकास ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गोल गांड को थप्पड़ मारते हुए अपना लंड मेरी चूत में फिर से डाल दिया। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था, और मैं चुदास में चीख रही थी।

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उसने मेरी गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाया, और फिर धीरे-धीरे अपना मोटा लंड मेरी गांड में डाल दिया। मैं दर्द और सुख में चीख पड़ी, लेकिन मेरी गांड ने उसके लंड को गले लगा लिया। विकास मेरी गांड को जमकर चोद रहा था, और मेरे चूचे हवा में उछल रहे थे। “विकास… मेरी गांड को चोद… मेरी चूत को फाड़ दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उसने मेरे चूचियों को मसला, मेरी गांड को थप्पड़ मारे, और मेरी चूत और गांड को बारी-बारी चोदा। मेरी चूत बार-बार झड़ रही थी, और मेरा रस उसकी जाँघों पर टपक रहा था।

चुदाई का दौर घंटों चला। विकास ने मुझे अलग-अलग पोजीशन में चोदा। एक बार उसने मुझे अपनी गोद में बिठाया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से उछाला। मेरे चूचे उसके चेहरे पर उछल रहे थे, और वह मेरे निप्पलों को चूस रहा था। फिर उसने मुझे दीवार के सहारे खड़ा किया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से धक्के मारे। मेरी चीखें और सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “मंजू भाभी, मैं तेरी चूत में झड़ने वाला हूँ,” विकास ने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, विकास… मेरी चूत को अपने वीर्य से भर दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उसने अपने धक्के और तेज किए, और फिर अपने गर्म, गाढ़े वीर्य की पिचकारी मेरी चूत में मारी। मैं सुख से चीख पड़ी, और मेरी चूत उसके वीर्य से लबालब भर गई।

उसने मेरे चूचियों, रसीले होंठों, और पूरे बदन पर अपना वीर्य छोड़ा, और मैंने उसे अपनी जीभ से चाट लिया। मेरा बदन उसके वीर्य से गीला और चिपचिपा हो गया था। हम दोनों हाँफ रहे थे, और मेरी चूत और गांड चुदाई से सुज गई थी। उस रात के बाद, विकास मेरी चुदास का नियमित साथी बन गया। हर बार जब अजय छत पर सोता, मैं विकास को अपने बिस्तर पर बुलाती। एक बार मैंने उसे रसोई में चुदाई के लिए बुलाया। मैंने एक टाइट साड़ी पहनी थी, और उसने मेरी साड़ी ऊपर उठाकर मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया। मैं काउंटर पर झुकी थी, और वह मेरी गांड को थप्पड़ मारते हुए मेरी चूत को चोद रहा था। मेरी चीखें रसोई में गूँज रही थीं, और मेरी चूत उसके वीर्य से भर गई।

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दूसरी बार, मैंने उसे बाथरूम में बुलाया। मैंने उसे शावर के नीचे खड़ा किया और उसके लंड को अपने मुँह में लिया। फिर उसने मुझे दीवार के सहारे खड़ा किया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से चोदा। पानी मेरे चूचों पर टपक रहा था, और मेरी सिसकारियाँ बाथरूम में गूँज रही थीं। एक रात, जब अजय छत पर सो रहा था, मैंने विकास को अपने कमरे में बुलाया। उसने मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटा, और मैंने उसके लंड को चूसकर उसे और उत्तेजित किया। फिर उसने मेरी चूत और गांड को बारी-बारी चोदा, और मेरी चूत उसके वीर्य से चमक रही थी।

अजय को कभी शक नहीं हुआ, क्योंकि मैं और विकास चुपके से अपनी चुदाई का खेल खेलते थे। एक रात, जब विकास मेरी चूत को चोद रहा था, अजय ने अचानक फोन किया। मैंने फोन उठाया, और विकास ने मेरी चूत में अपना लंड और तेजी से डाला। मैं सिसकारियों को दबाते हुए अजय से बात कर रही थी, और मेरी चूत विकास के वीर्य से भर रही थी। “मंजू, तुम ठीक हो ना?” अजय ने पूछा। मैंने हाँफते हुए कहा, “हाँ, अजय… मैं बहुत खुश हूँ।” फोन रखते ही विकास ने मेरी गांड में अपना लंड डाला, और मेरी चीखें फिर से गूँज उठीं।

विकास का मोटा, काला लंड मेरी चूत की हर भूख मिटा देता था। उसकी चुदाई ने मुझे उसकी दीवानी बना दिया। हर रात, जब मैं अजय को छत पर सुलाती और विकास को अपने बिस्तर पर बुलाती, मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँजती थीं। मैंने सोचा कि देवर को अपने साथ सुलाना और पति को छत पर सुलाना मेरी जिंदगी का सबसे मादक फैसला था। विकास का लंड मेरी चूत का राजा बन गया, और उसकी चुदाई मेरी चुदास का सबसे बड़ा सुख थी। मेरी चूत अब विकास के लंड की गुलाम बन चुकी थी, और हमारी चुदाई की आग कभी ठंडी नहीं हुई।