Chacha Bhatiji Sex Story – मेरा नाम पूजा है, और मैं 22 साल की एक हॉट, चुदास भरी लड़की हूँ। मेरा गोरा, भरा हुआ बदन, टाइट चूचियाँ, गोल गांड, और पतली कमर किसी भी मर्द के लंड में आग लगा देता है। मेरे रसीले होंठ, गुलाबी निप्पल, और गीली चूत चुदाई का खुला न्योता देते हैं। मेरी मादक आँखें और मटकती चाल मर्दों को पागल कर देती है। मेरे मम्मी-पापा गाँव में रहते हैं, और मैं अपने चाचा, राकेश, के साथ शहर में उनके घर पर रहती हूँ, क्योंकि मैं कॉलेज में पढ़ती हूँ। चाचा 45 साल के एक गठीले, भूखे मर्द हैं, जिनका 9 इंच का मोटा, काला लंड मेरी चूत में चुदास की सिहरन पैदा करता था। ये कहानी उस वक्त की है, जब चाचा ने मेरी चूचियाँ दबा-दबाकर बड़ा कर दिया और मेरी चूत को अपने लंड से फाड़ दिया।
चाचा की नजरें हमेशा मेरे चूचों और गांड पर रहती थीं। मैं जानबूझकर टाइट टॉप और शॉर्ट स्कर्ट पहनती, ताकि मेरे चूचे और गांड उन्हें ललचाएँ। एक बार, जब मैं उनके लिए चाय बना रही थी, मैंने अपना टॉप नीचे खींचा, और मेरे चूचों की गहरी रेखा उनके सामने आ गई। उनकी आँखें मेरे चूचों पर अटक गईं, और उनकी पैंट में उनके मोटे लंड का उभार साफ दिख रहा था। “पूजा, तेरे चूचे तो किसी की चूत में आग लगा दें,” उन्होंने मादक आवाज में कहा। मैंने शरारत से जवाब दिया, “चाचा, मेरी चूत भी आपके लंड की भूखी है।” मेरी बात ने उनकी चुदास को और भड़का दिया।
एक दिन, मम्मी-पापा गाँव में किसी शादी में गए थे, और मैं और चाचा घर पर अकेले थे। मैंने मौके का फायदा उठाने का फैसला किया। उस शाम, मैंने एक पतली, पारदर्शी नाइटी पहनी, जिसमें मेरे सख्त निप्पल और गीली चूत साफ दिख रहे थे। मैंने चाचा को अपने कमरे में बुलाया और कहा, “चाचा, मेरी पीठ में दर्द है, जरा मालिश कर दो।” चाचा की आँखें चुदास से चमक उठीं, और वे मेरे कमरे में आ गए। मैंने नाइटी उतार दी, और मेरी टाइट, नंगी चूचियाँ उनके सामने उछल पड़ीं। मेरे निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और मेरी चिकनी, गीली चूत और गोल गांड उनके सामने नंगी थी। मेरा चूत का रस मेरी जाँघों पर टपक रहा था।
चाचा ने मेरे चूचों को देखा और बोले, “पूजा, तेरे चूचे तो मेरे लंड को बेकरार कर रहे हैं।” मैंने मादक आवाज में कहा, “चाचा, मेरी चूचियों को दबा-दबाकर बड़ा कर दो, और मेरी चूत को अपने लंड से चोद दो।” चाचा ने मेरे रसीले होंठों पर एक गहरा, अश्लील चुंबन छोड़ दिया। उनकी जीभ मेरे मुँह में थी, और उनका मोटा लंड मेरी जाँघों से टकरा रहा था। मैंने उनकी पैंट उतार दी, और उनका 9 इंच का मोटा, काला लंड मेरे सामने तन गया। उसकी नसें फूली हुई थीं, और मेरी चूत ने उसे देखकर और रस छोड़ा। मैं चाचा के लंड की दीवानी हो गई।
चाचा ने मेरे चूचों को दोनों हाथों से पकड़ा और जोर-जोर से दबाने लगा। उनकी उंगलियाँ मेरे निप्पलों को मसल रही थीं, और मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “पूजा, तेरे चूचे तो इतने टाइट हैं, इन्हें दबाकर मैं इन्हें और बड़ा कर दूँगा,” उन्होंने गुर्राते हुए कहा। मैंने चुदास में चीखते हुए कहा, “चाचा, मेरी चूचियों को दबा-दबाकर फाड़ दो, और मेरी चूत को अपने लंड से चोद दो।” चाचा ने मेरे एक चूचे को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा, जैसे कोई भूखा शेर अपनी शिकार को चबा रहा हो। उनकी जीभ मेरे निप्पल को चाट रही थी, और मेरी चीखें निकल रही थीं। उन्होंने मेरे दूसरे चूचे को अपनी उंगलियों से मसला, और मेरे गुलाबी निप्पल को खींचकर मेरी सिसकारियाँ और तेज कर दीं।
मैंने चाचा के लंड को अपने रसीले होंठों में लिया और गहराई तक चूसने लगी। उनकी सिसकारियाँ निकल रही थीं, और उन्होंने मेरे बाल पकड़कर मेरा मुँह अपने लंड पर और जोर से दबाया। मैं उनके लंड को चाट रही थी, और उनकी चुदास मेरे मुँह में साफ महसूस हो रही थी। चाचा ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरी जाँघें चौड़ी कीं। उन्होंने अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटना शुरू किया, और उनकी जीभ मेरी चूत के दाने को चूस रही थी। मैं अपनी गांड को हिलाकर उनका मुँह अपनी चूत में और गहरा दबा रही थी। मेरी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं, और मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “चाचा… मेरी चूत को चोद… इसे फाड़ दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा।
चाचा ने अपना मोटा, काला लंड मेरी गीली चूत में डाल दिया, और मैं चीख पड़ी। उनका लंड मेरी चूत को चीर रहा था, लेकिन दर्द जल्दी ही मादक सुख में बदल गया। वे जोर-जोर से धक्के मारने लगे, और मेरे चूचे हर धक्के के साथ उछल रहे थे। मैं अपनी गांड को हिलाकर उनका लंड और गहरा ले रही थी, और मेरी सिसकारियाँ पूरे घर में गूँज रही थीं। चाचा ने मेरे चूचियों को फिर से पकड़ा और उन्हें दबाते हुए मेरी चूत को अपने लंड से रगड़ने लगे। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और उनका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। “पूजा, तेरी चूत तो मेरे लंड की गुलाम है,” उन्होंने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, चाचा… मेरी चूत को और जोर से चोद… इसे सुजा दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा।
चाचा ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गोल गांड को थप्पड़ मारते हुए अपना लंड मेरी चूत में फिर से डाल दिया। उनका लंड मेरी चूत को चीर रहा था, और मैं चुदास में चीख रही थी। उन्होंने मेरी गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाया, और फिर धीरे-धीरे अपना मोटा लंड मेरी गांड में डाल दिया। मैं दर्द और सुख में चीख पड़ी, लेकिन मेरी गांड ने उनके लंड को गले लगा लिया। चाचा मेरी गांड को जमकर चोद रहे थे, और मेरे चूचे हवा में उछल रहे थे। “चाचा… मेरी गांड को चोद… मेरी चूत को फाड़ दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उन्होंने मेरे चूचियों को फिर से दबाया, मेरी गांड को थप्पड़ मारे, और मेरी चूत और गांड को बारी-बारी चोदा। मेरी चूत बार-बार झड़ रही थी, और मेरा रस उनकी जाँघों पर टपक रहा था।
चुदाई का दौर घंटों चला। चाचा ने मुझे अलग-अलग पोजीशन में चोदा। एक बार उन्होंने मुझे अपनी गोद में बिठाया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से उछाला। मेरे चूचे उनके चेहरे पर उछल रहे थे, और वे मेरे निप्पलों को चूस रहे थे। फिर उन्होंने मुझे दीवार के सहारे खड़ा किया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से धक्के मारे। मेरी चीखें और सिसकारियाँ पूरे घर में गूँज रही थीं। “पूजा, मैं तेरी चूत में झड़ने वाला हूँ,” चाचा ने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, चाचा… मेरी चूत को अपने वीर्य से भर दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उन्होंने अपने धक्के और तेज किए, और फिर अपने गर्म, गाढ़े वीर्य की पिचकारी मेरी चूत में मारी। मैं सुख से चीख पड़ी, और मेरी चूत उनके वीर्य से लबालब भर गई।
उन्होंने मेरे चूचियों, रसीले होंठों, और पूरे बदन पर अपना वीर्य छोड़ा, और मैंने उसे अपनी जीभ से चाट लिया। मेरा बदन उनके वीर्य से गीला और चिपचिपा हो गया था। हम दोनों हाँफ रहे थे, और मेरी चूत और गांड चुदाई से सुज गई थी। मेरी चूचियाँ चाचा के दबाने से और बड़ी और टाइट हो गई थीं। उस दिन के बाद, चाचा मेरी चुदास का नियमित साथी बन गए। हर बार जब मम्मी-पापा घर पर नहीं होते, मैं चाचा को अपने कमरे में बुलाती। एक बार मैंने उन्हें रसोई में चुदाई के लिए बुलाया। मैंने एक टाइट टॉप पहना था, और उन्होंने मेरा टॉप फाड़कर मेरी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया। फिर उन्होंने मुझे काउंटर पर झुकाया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से चोदा। मेरी चीखें रसोई में गूँज रही थीं, और मेरी चूत उनके वीर्य से भर गई।
दूसरी बार, मैंने उन्हें बाथरूम में बुलाया। मैंने उन्हें शावर के नीचे खड़ा किया और उनके लंड को अपने मुँह में लिया। फिर उन्होंने मुझे दीवार के सहारे खड़ा किया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से चोदा। पानी मेरे चूचों पर टपक रहा था, और मेरी सिसकारियाँ बाथरूम में गूँज रही थीं। एक रात, जब मम्मी-पापा गाँव में थे, मैंने चाचा को अपने कमरे में बुलाया। उन्होंने मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटा, और मैंने उनके लंड को चूसकर उन्हें और उत्तेजित किया। फिर उन्होंने मेरी चूचियों को दबा-दबाकर और बड़ा किया और मेरी चूत और गांड को बारी-बारी चोदा। मेरी चूत उनके वीर्य से चमक रही थी।
मम्मी-पापा को कभी शक नहीं हुआ, क्योंकि मैं और चाचा चुपके से अपनी चुदाई का खेल खेलते थे। एक रात, जब चाचा मेरी चूचियों को दबा रहे थे और मेरी चूत को चोद रहे थे, मम्मी ने अचानक फोन किया। मैंने फोन उठाया, और चाचा ने मेरी चूत में अपना लंड और तेजी से डाला। मैं सिसकारियों को दबाते हुए मम्मी से बात कर रही थी, और मेरी चूत चाचा के वीर्य से भर रही थी। “पूजा, तुम ठीक हो ना?” मम्मी ने पूछा। मैंने हाँफते हुए कहा, “हाँ, मम्मी… मैं बहुत खुश हूँ।” फोन रखते ही चाचा ने मेरी गांड में अपना लंड डाला, और मेरी चीखें फिर से गूँज उठीं।
चाचा का मोटा, काला लंड मेरी चूत की हर भूख मिटा देता था। उनकी चुदाई ने मेरी चूचियों को दबा-दबाकर और बड़ा और टाइट कर दिया। हर रात, जब वे मेरी चूत और गांड को चोदते, मेरी सिसकारियाँ घर में गूँजती थीं। मैंने सोचा कि चाचा का मेरी चूचियों को दबाना और मेरी चूत को चोदना मेरी जिंदगी का सबसे मादक अनुभव था। उनका लंड मेरी चूत का राजा बन गया, और मेरी चूचियाँ उनकी चुदास का इनाम। चाचा की चुदाई ने मेरी चुदास को चरम सुख की दुनिया में पहुँचा दिया, और मेरी चूत उनके लंड की गुलाम बन चुकी थी।