Baap Beti Sex Story : मेरा नाम संजय है, उम्र 45 साल। मैं एक साधारण मिडिल-क्लास आदमी हूँ—मज़बूत जिस्म, चौड़ी छाती, और अभी भी जवानी की गर्मी से भरा हुआ। मेरी पत्नी का देहांत पाँच साल पहले हो गया था, और तब से मैं अपनी बेटी प्रीति के साथ अकेला रहता हूँ। प्रीति अब 22 साल की हो गई थी—गोरी, भरी हुई चूचियाँ, पतली कमर, मोटी जाँघें, और एक ऐसी गांड जो उसके टाइट कपड़ों में मटकती थी। वो मेरी लाडली थी, लेकिन पिछले कुछ महीनों से उसका व्यवहार बदल गया था। वो मुझे अजीब नज़रों से देखती, मेरे पास ज़्यादा वक्त बिताती, और उसकी हर हरकत में एक अनकही हवस झलकती थी।
एक रात बारिश हो रही थी। मैं अपने कमरे में लेटा था, सिर्फ़ लुंगी पहने हुए। मेरा लंड गर्मी से तन रहा था। दरवाजे पर दस्तक हुई। “पापा, मैं अंदर आ जाऊँ?” प्रीति की आवाज़ थी। “आ जा, बेटी,” मैंने कहा। वो अंदर आई, उसने टाइट नाइटी पहनी थी, जो उसके जिस्म से चिपक रही थी। उसकी चूचियाँ साफ़ उभर रही थीं, और उसकी जाँघें बारिश के पानी से चमक रही थीं। वो मेरे पास बिस्तर पर बैठ गई, उसकी गर्म साँसें मेरे चेहरे पर टकराईं। “पापा, मुझे डर लग रहा है,” उसने फुसफुसाया, लेकिन उसकी आँखों में डर नहीं, एक भूख थी।
मैंने उसकी कमर पर हाथ रखा, “डरने की क्या बात है, बेटी?” वो मेरे और करीब सरक आई, और उसकी चूचियाँ मेरे सीने से टकराईं। “पापा, आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो,” उसने कहा, और उसकी उंगलियाँ मेरी छाती पर फिसलने लगीं। मेरे जिस्म में एक सिहरन दौड़ गई। मैंने उसके गुलाबी होंठों को देखा, और मेरा लंड लुंगी में तन गया। उसने मेरी नज़र पकड़ ली और मुस्कुराई। अचानक उसने मेरे होंठों पर एक गहरा किस कर दिया। उसकी जीभ मेरे मुँह में घुस गई, और वो मेरे होंठों को चूसने लगी। उसका किस इतना गर्म था कि मेरा लंड पागल हो गया। “प्रीति, ये क्या कर रही है?” मैंने हड़बड़ाते हुए कहा, लेकिन मेरा हाथ उसकी कमर से नहीं हटा।
“पापा, मैं आपके प्यार में पागल हूँ,” उसने सिसकते हुए कहा। उसने मेरी लुंगी खींच दी, और मेरा मोटा लंड उसके सामने नंगा हो गया। “पापा, आपका लंड कितना मस्त है,” उसने फुसफुसाया। उसने मेरे लंड को अपने नरम हाथों में लिया और उसे सहलाने लगी। मेरे जिस्म में आग लग गई। मैंने उसकी नाइटी ऊपर उठाई, और उसकी गोरी चूचियाँ मेरे सामने नंगी हो गईं। “प्रीति, तेरी चूचियाँ कितनी रसीली हैं,” मैंने गुर्राया। मैंने उसकी एक चूची को अपने मुँह में लिया और उसे ज़ोर से चूसने लगा। मेरी जीभ उसके निप्पल पर नाच रही थी, और मेरा दूसरा हाथ उसकी दूसरी चूची को मसल रहा था। वो सिसकारियाँ भर रही थी, “पापा, मेरी चूचियाँ चूसो!” उसकी चूत गीली होकर टपक रही थी।
मैंने उसकी नाइटी पूरी तरह फाड़ डाली। उसकी मोटी जाँघें नंगी हो गईं, और उसकी गांड मेरे सामने थी। मैंने उसकी पैंटी उतारी, और उसकी गुलाबी चूत मेरे सामने चमक रही थी। “प्रीति, तेरी चूत और गांड देखकर मेरा लंड तड़प रहा है,” मैंने कहा। मेरी उंगलियाँ उसकी चूत को रगड़ने लगीं, और वो चीख उठी। मैंने उसके चूतड़ों को जकड़ा और उन्हें ज़ोर से दबाया। उसकी कमर मचल रही थी। “पापा, मेरी चूत को चाटो,” उसने सिसकते हुए कहा। मैंने उसकी जाँघें फैलाईं और उसकी चूत को अपनी जीभ से चूम लिया। मेरी जीभ उसकी चूत में घुस गई, और वो चीख रही थी। मैंने उसकी चूत को चाटा, उसका गर्म रस मेरे होंठों पर फैल गया। उसने मेरे बाल जकड़े और मुझे और गहराई में खींच लिया।
मैंने उसे बिस्तर पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़ गया। मेरी जाँघें उसकी जाँघों को कुचल रही थीं, और मेरा लंड उसकी चूत से टकरा रहा था। मैंने उसके चूतड़ उठाए और उसे अपनी ओर खींच लिया। “प्रीति, अब तेरी चूत की चुदाई होगी,” मैंने गुर्राया। मैंने उसके होंठों पर एक जंगली किस किया, मेरी जीभ उसकी चूचियों तक सरकी, और मैंने उसके निप्पल को काट लिया। मेरा हाथ उसकी कमर को मसल रहा था, और मेरी उंगलियाँ उसकी चूत को रगड़ रही थीं। मैंने अपने लंड को उसकी चूत में सटा दिया और एक ज़ोरदार धक्का मारा। उसकी चीख कमरे में गूँज उठी, “पापा, आपका लंड मेरी चूत को फाड़ देगा!” मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया। मैंने उसकी कमर जकड़ी और उसे चोदना शुरू कर दिया। मेरे हर धक्के से उसकी चूचियाँ उछल रही थीं, और उसकी गांड मेरे लंड से टकरा रही थी।
“पापा, और ज़ोर से चोदो!” उसने चीखकर कहा। मैंने उसकी चूत में अपने लंड को और गहराई तक ठूँसा, और उसे पूरी ताकत से चोदा। उसकी चूत की गर्मी मेरे लंड को जला रही थी। मैंने उसकी चूचियों को पीछे से पकड़ा और उन्हें मसल दिया। मेरी उंगलियाँ उसके निप्पल को नोच रही थीं, और वो मेरे लंड की हर रगड़ का मज़ा ले रही थी। उसकी गांड मेरे धक्कों से लाल हो गई थी। मैंने उसे उल्टा किया, उसकी गांड ऊँची हुई, और उसके चूतड़ मेरे सामने थिरक रहे थे। मैंने उसकी जाँघें फैलाईं और उसकी चूत में पीछे से अपना लंड घुसा दिया। “प्रीति, तेरी गांड मस्त है,” मैंने कहा और उसकी चुदाई शुरू कर दी। उसकी चीखें तेज़ हो गईं, और मैंने उसके चूतड़ों पर थप्पड़ मारे।
मैंने उसे बाथरूम में ले जाकर शॉवर के नीचे चोदा। पानी उसकी चूचियों से टपक रहा था, और उसकी गांड चमक रही थी। मैंने उसे दीवार से सटाया और उसकी चूत में अपना लंड डाला। मेरे धक्कों से उसकी चूचियाँ हिल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को निगल रही थी। उसने मेरी कमर जकड़ ली और चीखी, “पापा, मेरी चूत फाड़ दो!” मैंने उसकी गांड को मसला और उसे और ज़ोर से चोदा। उसकी चूत मेरे लंड से टकरा रही थी, और उसकी सिसकारियाँ बाथरूम में गूँज रही थीं। मैंने उसे फिर से बिस्तर पर लिटाया, उसकी जाँघें फैलाईं, और उसकी चूत में अपना लंड ठूँस दिया। मेरे हर धक्के से उसकी चूचियाँ उछल रही थीं, और उसकी गांड बिस्तर से टकरा रही थी। वो मेरे होंठों को चूस रही थी, और मैं उसकी चूत को चोद रहा था।
उस रात, प्रीति मेरे प्यार में पागल हो गई। उसकी चूत, गांड, चूचियाँ, जाँघें, चूतड़ मेरे लंड की गर्मी से भर गए। वो मेरे नीचे तड़पती रही, और उसकी चीखें मेरे कानों में गूँजती रहीं।