दीदी की टाइट चूत और मेरा मोटा लंड

एक गर्म, उमस भरी जुलाई की रात थी। गाँव की पुरानी हवेली में बिजली गुल थी, और पंखे की जगह सिर्फ गर्म हवा के झोंके थे। मैं, रवि, 22 साल का जवान, तगड़ा लड़का, अपनी दीदी रीना के साथ हवेली में अकेला था। रीना, 26 साल की गोरी, गदराई औरत, जिसकी चूचियां उसकी टाइट कुरती में कैद होने को तड़प रही थीं, और उसकी मटकती गांड हर कदम पर ललचा रही थी। उसकी गहरी नाभि और सांवली चूतड़ों की उभरी लकीरें मुझे रातों-रात पागल कर रही थीं। रीना शादीशुदा थी, मगर उसका पति विदेश में नौकरी करता था, और वो पिछले छह महीने से गाँव में मायके आई हुई थी।

रीना दीदी को देखकर मेरा लंड हमेशा तन जाता था। उसकी काजल वाली आंखें, गुलाबी होंठ, और वो शरारती मुस्कान मेरे दिल में आग लगा देती थी। मैं जानता था कि ये गलत है, मगर मेरे मोटे लंड को दीदी की टाइट चूत की प्यास थी। उस रात, जब बिजली गई, रीना दीदी और मैं छत पर चारपाई डालकर सोने चले गए। चांदनी रात थी, और दीदी की गोरी देह चांदनी में चमक रही थी। उसने एक पतली, टाइट कुरती और लहंगा पहना था, जो उसकी मोटी चूचियों और गोल गांड को बमुश्किल छुपा रहा था।

मैं चारपाई पर लेटा था, मगर नींद नहीं आ रही थी। मेरा लंड मेरे पायजामे में फड़फड़ा रहा था, और मेरी नजरें दीदी की चूचियों पर टिकी थीं। रीना दीदी भी करवटें बदल रही थी, और उसकी कुरती का गला हल्का सा सरक गया था, जिससे उसकी गहरी क्लीवेज चांदनी में चमक रही थी। “रवि, नींद नहीं आ रही? इतनी गर्मी है,” दीदी ने शरारती लहजे में कहा, और अपनी कुरती को हल्का सा ऊपर उठाकर अपनी नंगी कमर दिखाई। मेरे लंड में आग लग गई।

“हां, दीदी, गर्मी तो बहुत है, मगर तुम्हारे पास लेटने से और बढ़ रही है,” मैंने हिम्मत जुटाकर कहा, और दीदी की ओर सरक गया। रीना दीदी ने मेरी ओर देखा, और उसकी आंखों में वासना की चमक थी। “अच्छा, तू इतना गर्म हो रहा है? तो कुछ ठंडा कर ना,” उसने कहा, और अपनी चूड़ियों को खनकाते हुए मेरी जांघ पर उंगलियां फिराईं। मेरा लंड अब पायजामे में तनकर सख्त हो गया था।

“दीदी, तुम ये आग लगाकर मुझे जलाने का इरादा रखती हो?” मैंने कहा, और दीदी का हाथ पकड़कर उसे अपनी ओर खींच लिया। दीदी की मोटी चूचियां मेरी छाती से टकराईं, और उसकी सांसें गर्म हो गईं। “रवि, ये गलत है, मैं तेरी दीदी हूँ,” उसने सिसकते हुए कहा, मगर उसकी आंखें मेरे लंड की ओर ताक रही थीं। मैंने दीदी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए, और उसे चूमने लगा। उसका चूमन इतना गहरा था कि मेरी चूत में आग लग गई। मैंने दीदी की जीभ को चूसा, और उसके होंठों को काट लिया। “उफ्फ, रवि, तू तो पागल कर देगा,” दीदी ने सिसकिया, और मेरे बालों में उंगलियां फंसाईं।

हॉट और सेक्सी सेक्स कहानियां  मुझे मेरे पोते ने चोदा - दादी पोता सेक्स स्टोरी

मैंने दीदी की कुरती को एक झटके में उतार दिया। उसकी गोरी चूचियां ब्रा में कैद थीं, और उनके गुलाबी निप्पल्स ब्रा के ऊपर से उभर रहे थे। “दीदी, तेरी चूचियां तो दूध की कटोरी हैं,” मैंने गुर्राया, और दीदी की ब्रा खींचकर फेंक दी। उसकी मोटी, नरम चूचियां मेरे सामने थीं, और मैंने उन्हें अपने हाथों में भरा। मैंने दीदी के निप्पल्स को अपनी उंगलियों से मसला, और फिर उन्हें अपनी जीभ से चाटा। दीदी की सिसकियां चांदनी रात में गूंज उठीं। “हाय, रवि, मेरी चूचियां चूस, और जोर से!” उसने चिल्लाया, और उसकी चूत अब गीली हो रही थी।

मैंने दीदी का लहंगा भी उतार दिया। वो अब सिर्फ अपनी काली पैंटी में थी, और उसकी सांवली चूत पैंटी के ऊपर से चमक रही थी। “दीदी, तेरी चूत तो रसभरी है,” मैंने कहा, और दीदी की पैंटी को खींचकर फेंक दिया। उसकी टाइट, गीली चूत मेरे सामने थी, और उसका दाना तनकर खड़ा था। मैंने अपनी उंगलियां दीदी की चूत में डालीं, और उसे सहलाने लगा। दीदी की चूत इतनी गर्म थी कि मेरा लंड फटने को तैयार था। “हाय, रवि, मेरी चूत में आग लग रही है!” दीदी ने चीखा, और उसकी मोटी गांड उछलने लगी।

मैंने दीदी को चारपाई पर लिटाया, और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा। मेरी जीभ दीदी की चूत के दाने को सहला रही थी, और उसकी चूत रस टपका रही थी। “रवि, मेरी चूत चाट! मुझे चोद दे!” दीदी चिल्ला रही थी, और उसकी चीखें छत पर गूंज रही थीं। मैंने अपनी दो उंगलियां दीदी की चूत में डालीं, और उसे जोर-जोर से चोदा। दीदी की चूत रस से लबालब हो गई, और उसकी सिसकियां चरम सुख में बदल गईं।

अब मैंने अपना पायजामा उतारा। मेरा मोटा, 8 इंच का लंड चांदनी में चमक उठा, और उसकी नसें फूल रही थीं। दीदी ने मेरे लंड को देखा, और उसकी आंखें चमक उठीं। “उफ्फ, रवि, तेरा लंड तो मेरी चूत का काल है,” उसने कहा, और मेरे लंड को अपने हाथों में लिया। उसने मेरे लंड को जोर-जोर से हिलाया, और फिर अपने होंठों से उसे चूसने लगी। उसकी जीभ मेरे लंड के टिप पर घूम रही थी, और मेरी सांसें रुक रही थीं। “दीदी, तू तो रंडी से भी गजब चूसती है,” मैंने गुर्राया, और दीदी के बालों को जकड़कर उसके मुंह में अपना लंड और गहरा ठूंस दिया।

हॉट और सेक्सी सेक्स कहानियां  रात के अंधेरे में मौसा जी ने मुझे चोद दिया

दीदी ने मेरे लंड को चूसकर गीला कर दिया, और फिर चारपाई पर उल्टा लेट गई। उसकी मोटी, गोल गांड मेरे सामने थी, और उसकी चूत रस टपका रही थी। “रवि, मेरी चूत में अपना मोटा लंड डाल, और मुझे चोद!” दीदी ने चिल्लाया, और अपनी गांड को और ऊपर उठा दिया। मैंने दीदी की चूतड़ों पर थप्पड़ मारे, और अपनी उंगलियां उसकी चूत में डालकर उसे और गीला किया। “दीदी, तेरी टाइट चूत मेरे लंड की प्यासी है,” मैंने कहा, और अपना मोटा लंड दीदी की चूत में एक झटके में डाल दिया।

दीदी की चीख रात को चीर गई। “हाय मर गई! तेरा लंड मेरी चूत फाड़ देगा!” उसने चिल्लाया, मगर उसकी चूत अब मेरे लंड को लय में ले रही थी। मैंने दीदी की चूचियों को पीछे से पकड़ा, और उसकी चूत को जोर-जोर से चोदने लगा। हर धक्के के साथ दीदी की चूत रस छोड़ रही थी, और उसकी चीखें छत पर गूंज रही थीं। “चोद मुझे, रवि! मेरी चूत फाड़ दे! मेरी गांड मार!” दीदी चिल्ला रही थी, और मेरा लंड उसकी चूत में तूफान मचा रहा था।

मैंने दीदी को चारपाई से उठाया, और उसे छत की रेलिंग के सहारे खड़ा किया। मैंने दीदी की एक टांग उठाई, और उसकी चूत में फिर से अपना लंड डाला। दीदी की चूचियां उछल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। “रवि, तेरा लंड मेरी चूत को तबाह कर देगा!” दीदी ने चीखा, और मेरे होंठों को चूसने लगी। मैंने दीदी की चूत में गहरे धक्के मारे, और उसकी चूतड़ों को जोर-जोर से दबाया। “दीदी, तेरी चूत तो स्वर्ग है,” मैंने गुर्राया, और दीदी की चूत में और गहरा धक्का मारा।

अब मेरी नजर दीदी की मोटी गांड पर थी। मैंने दीदी को चारपाई पर उल्टा लिटाया, और उसकी गांड को अपने सामने देखकर पागल हो गया। “दीदी, तेरी गांड तो जन्नत का दरवाजा है,” मैंने कहा, और दीदी की गांड पर थप्पड़ मारे। मैंने दीदी की चूत का रस अपनी उंगलियों से लिया, और उसकी टाइट गांड के छेद को गीला किया। “रवि, मेरी गांड में मत डाल, मैं मर जाऊँगी!” दीदी ने सिसकते हुए कहा, मगर उसकी गांड अब मेरे लंड की प्यासी थी।

हॉट और सेक्सी सेक्स कहानियां  बेटे ने मुझे चोदा छत पर एक हॉट सेक्स कहानी

मैंने अपने लंड को दीदी की चूत के रस से गीला किया, और धीरे से उसकी टाइट गांड में डाला। दीदी की चीख रात को चीर गई। “हाय राम! तेरा लंड मेरी गांड फाड़ देगा!” उसने चिल्लाया, मगर उसकी गांड अब मेरे लंड को लय में ले रही थी। मैंने दीदी की चूचियों को पीछे से पकड़ा, और उसकी गांड को जोर-जोर से चोदा। हर धक्के के साथ दीदी की चूत रस टपका रही थी, और उसकी गांड मेरे लंड को निगल रही थी। “चोद मुझे, रवि! मेरी गांड और चूत दोनों तबाह कर दे!” दीदी चिल्ला रही थी, और मेरा लंड उसकी गांड में आंधी मचा रहा था।

रात के 2 बज चुके थे, और चांदनी अब भी हमारी चुदाई का गवाह थी। मैंने दीदी को अपनी गोद में उठाया, और उसे चारपाई के किनारे चोदने लगा। दीदी की चूचियां उछल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। “रवि, तू तो मेरा मालिक है,” दीदी ने सिसकते हुए कहा, और मेरे होंठों को चूसने लगी। मेरा लंड अब फटने को था। मैंने दीदी की चूत में आखिरी धक्का मारा, और अपना गर्म माल उसकी चूत में उड़ेल दिया। दीदी की चूत रस और माल से लबालब हो गई, और उसकी सिसकियां चरम सुख में बदल गईं।

हम दोनों पसीने से तर-बतर चारपाई पर गिर पड़े, हमारी सांसें एक-दूसरे में उलझी हुई थीं। दीदी ने मेरे लंड को फिर से सहलाया, और बोली, “रवि, ये रात मैं कभी नहीं भूलूँगी।” मैंने दीदी की चूचियों को चूमा, और कहा, “दीदी, जब तक तू यहाँ है, मैं तेरी चूत और गांड रोज चोदूंगा।”

उस रात की चुदाई की गर्मी छत पर बसी रही। दीदी की कुरती, उसकी चूड़ियां, और हमारी चुदाई का रस चारपाई पर बिखरा पड़ा था। अगली सुबह, जब बिजली आई, दीदी ने मुझे देखकर एक शरारती मुस्कान दी, और मैं समझ गया कि ये सिर्फ शुरुआत थी।