मेरा नाम प्रीति है, और मैं 29 साल की एक हॉट, चुदास भरी औरत हूँ। मेरा गोरा, भरा हुआ बदन, बड़ी-बड़ी चूचियाँ, गोल गांड, और पतली कमर किसी भी मर्द के लंड में आग लगा देता है। मेरे रसीले होंठ, गुलाबी निप्पल, और गीली चूत चुदाई का खुला न्योता देते हैं। मेरी मादक आँखें और मटकती चाल मर्दों को पागल कर देती है। मेरा पति, राहुल, 35 साल का है, लेकिन उसका बिजनेस उसे इतना व्यस्त रखता है कि वह मेरी चूत की भूख मिटाने में नाकाम रहता है। हर सुबह, जब दूध वाला सूरज हमारे घर दूध देने आता, उसकी भूखी नजरें मेरे चूचों और गांड पर टिक जाती थीं। सूरज, 27 साल का एक गठीला, काला-कलूटा लड़का था, जिसका 9 इंच का मोटा, काला लंड मेरी चूत में चुदास की सिहरन पैदा करता था। ये कहानी उस सुबह की है, जब सूरज ने मेरी चूत को अपने मोटे लंड से फाड़ दिया, और मुझे चरम सुख की आग में झोंक दिया।
मेरे पति राहुल हर सुबह जल्दी ऑफिस चले जाते थे, और मैं घर पर अकेली रहती थी। सूरज हर सुबह 6 बजे दूध देने आता, और मैं जानबूझकर एक पतली, पारदर्शी नाइटी पहनकर दरवाजा खोलती। नाइटी मेरी चूचियों और गांड के उभारों को उजागर करती थी, और मेरे गुलाबी निप्पल साफ दिखते थे। सूरज की नजरें मेरे बदन को चाटती थीं, और उसकी पैंट में उसके मोटे लंड का उभार मेरी चूत को गीला कर देता था। एक दिन, जब मैंने दरवाजा खोला, सूरज ने मेरी चूचियों को घूरते हुए कहा, “प्रीति भाभी, आपकी चूचियाँ तो मेरे लंड को तड़पा रही हैं।” मैंने मादक मुस्कान दी और बोली, “सूरज, मेरी चूत भी तेरे लंड की भूखी है।” मेरी बात ने उसकी आँखों में चुदास की आग जला दी, और मैं जान गई कि मेरी चूत की भूख जल्दी मिटने वाली है।
अगली सुबह, राहुल 5 बजे ही ऑफिस के लिए निकल गए। मैंने जानबूझकर एक काली, पारदर्शी नाइटी पहनी, जो मेरी चूचियों और गांड को पूरी तरह उजागर कर रही थी। मैंने अंदर ब्रा और पैंटी नहीं पहनी थी, ताकि मेरे सख्त निप्पल और गीली चूत साफ दिखें। मेरी चूत में पहले से ही चुदास की आग सुलग रही थी। सुबह 6 बजे, जब सूरज ने दरवाजे की घंटी बजाई, मैंने दरवाजा खोला और उसे अंदर बुलाया। सूरज ने एक टाइट बनियान और पतली पैंट पहनी थी, और उसकी पैंट में उसके 9 इंच के मोटे लंड का उभार मेरी चूत को बेकरार कर रहा था। मैंने दूध का बर्तन लिया और जानबूझकर झुककर अपनी चूचियाँ दिखाईं। सूरज की साँसें तेज हो गईं, और उसकी आँखें मेरी चूत पर अटक गईं।
“प्रीति भाभी, तुम्हारी चूत मेरे लंड को बुला रही है,” सूरज ने गुर्राते हुए कहा, और मुझे अपनी बाहों में खींच लिया। मैंने उसके सीने पर हाथ रखा और बोली, “सूरज, मेरी चूत तेरे मोटे लंड के लिए तड़प रही है। इसे सुबह-सुबह फाड़ दे।” मेरी बात ने उसके लंड को तना दिया, और उसने मेरे रसीले होंठों पर एक गहरा, अश्लील चुंबन छोड़ दिया। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और उसका मोटा लंड मेरी जाँघों से टकरा रहा था। मैंने उसकी बनियान फाड़ दी, और उसका गठीला, काला सीना मेरे सामने था। उसने मेरी नाइटी को फाड़कर उतार दिया, और मेरी बड़ी, नंगी चूचियाँ उसके सामने उछल पड़ीं। मेरे निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और मेरी चिकनी, गीली चूत और गोल गांड उसके सामने नंगी थी। मेरा चूत का रस मेरी जाँघों पर टपक रहा था।
सूरज ने मेरे एक चूचे को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा, जैसे कोई भूखा शेर अपनी शिकार को चबा रहा हो। उसकी जीभ मेरे निप्पल को चाट रही थी, और मेरी सिसकारी रसोई में गूँज रही थी। उसने मेरे दूसरे चूचे को अपनी उंगलियों से मसला, और मेरे गुलाबी निप्पल को खींचकर मेरी चीखें निकाल दीं। मैंने उसकी पैंट उतार दी, और उसका 9 इंच का मोटा, काला लंड मेरे सामने तन गया। उसकी नसें फूली हुई थीं, और मेरी चूत ने उसे देखकर और रस छोड़ा। “सूरज, तेरा काला लंड मेरी ชूत को चोदने के लिए बना है,” मैंने मादहोश होकर कहा, और उसके लंड को अपने रसीले होंठों में लिया। मैं उसके लंड को गहराई तक चूस रही थी, और उसकी सिसकारियाँ निकल रही थीं। सूरज ने मेरे बाल पकड़कर मेरा मुँह अपने लंड पर और जोर से दबाया, और मैं उसके लंड को चाट रही थी।
सूरज ने मुझे रसोई के काउंटर पर लिटाया और मेरी जाँघें चौड़ी कीं। उसने अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटना शुरू किया, और उसकी जीभ मेरी चूत के दाने को चूस रही थी। मैं अपनी गांड को हिलाकर उसका मुँह अपनी चूत में और गहरा दबा रही थी। उसने मेरी गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाया, और मेरी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और मैं चुदास में चीख रही थी। “सूरज… मेरी चूत को चोद… इसे फाड़ दे,” मैंने सिसकारी के साथ कहा। सूरज ने अपना मोटा, काला लंड मेरी गीली चूत में डाल दिया, और मैं चीख पड़ी। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था, लेकिन दर्द जल्दी ही मादक सुख में बदल गया। वह जोर-जोर से धक्के मारने लगा, और मेरे चूचे हर धक्के के साथ उछल रहे थे।
मैं अपनी गांड को हिलाकर उसका लंड और गहरा ले रही थी, और मेरी सिसकारियाँ रसोई में गूँज रही थीं। सूरज ने मेरे चूचियों को मसला, मेरे निप्पलों को चूसा, और मेरी चूत को अपने लंड से रगड़ने लगा। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। “सूरज… मेरी चूत को और जोर से चोद… इसे सुजा दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। सूरज ने मुझे काउंटर पर घोड़ी बनाया और मेरी गोल गांड को थप्पड़ मारते हुए अपना लंड मेरी चूत में फिर से डाल दिया। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था, और मैं चुदास में चीख रही थी। उसने मेरी गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाया, और फिर धीरे-धीरे अपना मोटा लंड मेरी गांड में डाल दिया। मैं दर्द और सुख में चीख पड़ी, लेकिन मेरी गांड ने जल्दी ही उसके लंड को गले लगा लिया।
सूरज मेरी गांड को जमकर चोद रहा था, और मेरे चूचे हवा में उछल रहे थे। “सूरज… मेरी गांड को चोद… मेरी चूत को फाड़ दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उसने मेरे चूचियों को मसला, मेरी गांड को थप्पड़ मारे, और मेरी चूत और गांड को बारी-बारी चोदा। मेरी चूत बार-बार झड़ रही थी, और मेरा रस उसकी जाँघों पर टपक रहा था। चुदाई का दौर एक घंटे तक चला। सूरज ने मुझे अलग-अलग पोजीशन में चोदा। एक बार उसने मुझे अपनी गोद में बिठाया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से उछाला। मेरे चूचे उसके चेहरे पर उछल रहे थे, और वह मेरे निप्पलों को चूस रहा था। फिर उसने मुझे रसोई की टेबल पर लिटाया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से धक्के मारे। मेरी चीखें और सिसकारियाँ पूरे घर में गूँज रही थीं।
“प्रीति, मैं तेरी चूत में झड़ने वाला हूँ,” सूरज ने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, सूरज… मेरी चूत को अपने वीर्य से भर दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उसने अपने धक्के और तेज किए, और फिर अपने गर्म, गाढ़े वीर्य की पिचकारी मेरी चूत में मारी। मैं सुख से चीख पड़ी, और मेरी चूत उसके वीर्य से लबालब भर गई। उसने मेरे चूचियों, रसीले होंठों, और पूरे बदन पर अपना वीर्य छोड़ा, और मैंने उसे अपनी जीभ से चाट लिया। मेरा बदन उसके वीर्य से गीला और चिपचिपा हो गया था। हम दोनों हाँफ रहे थे, और मेरी चूत और गांड चुदाई से सुज गई थी।
उस सुबह के बाद, सूरज मेरी चुदास का नियमित साथी बन गया। हर सुबह, जब राहुल ऑफिस चले जाते, सूरज दूध देने के बहाने मेरी चूत को चोदने आता। एक बार उसने मुझे बाथरूम में चोदा। उसने मुझे शावर के नीचे खड़ा किया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से चोदा। पानी मेरे चूचों पर टपक रहा था, और मेरी चीखें बाथरूम में गूँज रही थीं। उसने मेरी गांड में भी अपना लंड डाला, और मेरी गांड उसके वीर्य से भर गई। दूसरी बार, उसने मुझे बेडरूम में चोदा। मैंने एक पारदर्शी नाइटी पहनी थी, और उसने मुझे बिस्तर पर लिटाकर मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया। मैं चुदास में सिसकार रही थी, “सूरज… मेरी चूत को चोद… इसे हर सुबह फाड़ दे!” उसने मेरे चूचियों को मसला, मेरी गांड को थप्पड़ मारे, और मेरी चूत को अपने वीर्य से भर दिया।
राहुल को कभी शक नहीं हुआ, क्योंकि वह अपने बिजनेस में डूबा रहता था। एक सुबह, जब सूरज मेरी चूत को चोद रहा था, राहुल ने अचानक फोन किया। मैंने फोन उठाया, और सूरज ने मेरी चूत में अपना लंड और तेजी से डाला। मैं सिसकारियों को दबाते हुए राहुल से बात कर रही थी, और मेरी चूत सूरज के वीर्य से भर रही थी। “प्रीति, तुम ठीक हो ना?” राहुल ने पूछा। मैंने हाँफते हुए कहा, “हाँ, राहुल… मैं बहुत खुश हूँ।” फोन रखते ही सूरज ने मेरी गांड में अपना लंड डाला, और मेरी चीखें फिर से गूँज उठीं।
सूरज की चुदाई ने मेरी चुदास को चरम सुख दिया। हर सुबह, जब वह मेरी चूत और गांड को चोदता, मेरी सिसकारियाँ घर में गूँजती थीं। मैंने सोचा कि राहुल भले ही मेरी चूत की भूख न मिटा सके, लेकिन सूरज का मोटा, काला लंड मेरी हर सुबह को चरम सुख से भर देता है। मेरी चूत अब सूरज के लंड की गुलाम बन चुकी थी, और उसका हर धक्का मुझे चरम सुख की दुनिया में ले जाता था।