हिमाचल के एक छोटे से हिल स्टेशन, मनाली, में सर्द रातें और घना कोहरा हर किसी को अपनी आगोश में ले लेता था। अनन्या, 25 साल की, गोरी, लंबे रेशमी बालों वाली, और कातिलाना फिगर वाली हॉट लड़की, अपने दोस्तों के साथ छुट्टियाँ मनाने आई थी। उसकी टाइट स्वेटर और जीन्स उसके भरे हुए बूब्स और गोल गांड को उभार रहे थे, और उसकी गहरी आँखों में शरारत और कामुकता की चमक थी। एक रात, जब वह अकेली थी, रात के अंधेरे में एक अजनबी ने उसकी चूत और गांड की चुदाई कर दी, और उसकी वासना की आग को हमेशा के लिए भड़का दिया।
उस रात अनन्या का मूड कुछ अलग था। उसके दोस्त होटल के बार में मस्ती कर रहे थे, लेकिन वह अकेले टहलने का मन बना कर बाहर निकल गई। सड़कें सुनसान थीं, और कोहरे ने सब कुछ धुंधला कर रखा था। अनन्या ने अपनी जैकेट कस के लपेटी और एक छोटी सी गली में चलने लगी। तभी, एक लंबा-चौड़ा मर्द, जिसका चेहरा कोहरे में साफ़ नहीं दिख रहा था, उसके पास आया। उसकी गहरी आवाज़ ने अनन्या को चौंका दिया। “इतनी रात को अकेली कहाँ जा रही हो, हसीना?” उसने पूछा। अनन्या ने हल्की मुस्कान दी और बोली, “बस, मूड थोड़ा रंगीन है। कोई मेरी चूत की आग बुझाएगा?” उसकी बोल्ड बात ने उस अजनबी के लंड को तुरंत सख्त कर दिया।
अजनबी ने अनन्या को पास खींचा और उसके होंठों को चूम लिया, पहले धीरे, फिर गहराई से, उसकी जीभ को चूसते हुए। अनन्या की चूत में सिहरन दौड़ गई, और उसने अजनबी की जैकेट में उंगलियाँ डालकर उसे और करीब खींच लिया। “तेरे होंठ कितने गर्म हैं,” अनन्या ने सिसकते हुए कहा। अजनबी ने जवाब दिया, “तो तेरी चूत का स्वाद भी लूँगा।” उसकी बात ने अनन्या की चूत को गीला कर दिया। उसने अनन्या को एक सुनसान कोने में ले जाकर दीवार से सटा दिया। कोहरे और अंधेरे ने उनके इस कामुक खेल को और रहस्यमयी बना दिया था।
अजनबी ने अनन्या का स्वेटर ऊपर उठाया और उसकी काली ब्रा में कैद चूचियाँ देखकर उसका लंड जीन्स में उछलने लगा। उसने ब्रा का हुक खोला, और अनन्या के भारी बूब्स आज़ाद हो गए। उसने उन्हें कस के दबाया, निप्पल्स को चूसा, और हल्के से काटा। “तेरी चूचियाँ कितनी रसभरी हैं,” अजनबी ने कराहते हुए कहा, और अनन्या की सिसकियाँ रात के सन्नाटे में गूंजने लगीं। उसने अपनी जांघें चौड़ी कीं, और अजनबी ने उसकी जीन्स के ऊपर से उसकी चूत को सहलाया, जो पहले ही गीली हो चुकी थी। “तेरी चूत तो मेरे लंड के लिए तरस रही है,” उसने कहा, और अनन्या ने सिसकते हुए जवाब दिया, “तो चोद दे, मेरी चूत को।”
अनन्या ने अजनबी की जीन्स खोली, और उसका मोटा लंड बाहर आया। “वाह, तेरा लंड तो बहुत मोटा है,” अनन्या ने सेक्सी अंदाज़ में कहा, और उसे अपने हाथों में लेकर सहलाया। उसने अजनबी के लंड को अपने होंठों से चूमा, फिर धीरे-धीरे चूसना शुरू किया। अजनबी की सिसकियाँ निकलने लगीं, और उसने अनन्या के बाल पकड़कर उसे और गहरे तक चूसने को कहा। अनन्या की जीभ उसके लंड पर नाच रही थी, और उसकी चूत में चुदाई की प्यास बढ़ रही थी। “रंडी, तू तो मेरे लंड की दीवानी हो गई,” अजनबी ने गाली देते हुए कहा, और अनन्या ने कामुक मुस्कान के साथ जवाब दिया, “तो चोद दे, मेरी चूत को।”
अजनबी ने अनन्या की जीन्स और पैंटी उतार दी और उसे दीवार के सहारे खड़ा किया। उसने अपने मोटे लंड को अनन्या की चूत पर रगड़ा और धीरे से अंदर डाल दिया। अनन्या की एक ज़ोरदार चीख निकली, क्योंकि अजनबी का लंड उसकी टाइट चूत को भर रहा था। “आह, तेरा लंड मेरी चूत को चीर देगा,” अनन्या ने सिसकते हुए कहा। अजनबी ने हँसकर जवाब दिया, “रंडी, रात के अंधेरे में तेरी चूत मेरे लंड की गुलाम है।” उसने धीरे-धीरे चुदाई शुरू की, और हर धक्के के साथ अनन्या की चूचियाँ उछल रही थीं। उसकी सिसकियाँ और कराहना कोहरे में गूंज रहा था।
अजनबी ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी, और उसका लंड अनन्या की चूत की गहराई को छू रहा था। अनन्या की गांड हर धक्के के साथ दीवार से टकरा रही थी, और उसने अपनी जांघें और चौड़ी कर दीं। “हाँ, मेरी चूत को और चोद,” अनन्या ने कराहते हुए कहा। अजनबी ने अनन्या की चूचियाँ फिर से दबाईं और उन्हें चूसने लगा, जिससे अनन्या की चूत और गीली हो गई। “साला, तेरी चूत चोदने का मज़ा ही अलग है,” अजनबी ने गाली देते हुए कहा, और अनन्या ने कामुक अंदाज़ में जवाब दिया, “तो चोद, मेरी चूत को तृप्त कर दे।”
तभी एक और अजनबी, जिसकी उम्र करीब 30 साल थी, मज़बूत जिस्म और गहरी आवाज़ वाला, कोहरे से निकलकर उनके पास आया। उसने अनन्या की चुदाई देखकर अपना लंड पकड़ लिया। “हसीना, मुझे भी मज़ा चाहिए,” उसने कहा। अनन्या ने एक सेक्सी मुस्कान दी और बोली, “आ जा, मेरी गांड और मुँह बाकी हैं।” पहले अजनबी ने हँसते हुए उसे पास बुलाया, और दोनों ने अनन्या को अपनी भूख का शिकार बनाया। दूसरा अजनबी ने अनन्या की गांड को कस के पकड़ा और उसे थप्पड़ मारा। “तेरी गांड कितनी रसभरी है,” उसने कहा, और अपनी उंगलियाँ अनन्या की गांड के छेद पर फेरी।
दूसरे अजनबी ने अपनी उंगली अनन्या की गांड में डाली, और अनन्या की सिसकी और तेज़ हो गई। “मेरी गांड भी चोद,” उसने कराहते हुए कहा। पहले अजनबी ने अनन्या की चूत में अपने लंड को और तेज़ी से चलाया, जबकि दूसरे ने अपने लंड को अनन्या की गांड पर रगड़ा और धीरे से अंदर डाला। अनन्या की एक ज़ोरदार चीख निकली, क्योंकि उसका लंड उसकी गांड को दर्द दे रहा था। “आह, धीरे,” उसने सिसकते हुए कहा, लेकिन उसने और ज़ोर से धक्का मारा। “रंडी, तेरी गांड मेरे लंड की गुलाम है,” उसने गाली देते हुए कहा, और अनन्या ने कामुक अंदाज़ में जवाब दिया, “तो चोद दे, मेरी गांड को।”
अनन्या के जिस्म में दो लंड एक साथ थे—पहले अजनबी का लंड उसकी चूत को चोद रहा था, और दूसरे का लंड उसकी गांड को। उसकी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं, और उसने दोनों को कस के पकड़ लिया। “हाँ, मेरी चूत और गांड को चोदो,” अनन्या ने सिसकते हुए कहा, दर्द और मज़े के बीच झूलते हुए। पहले अजनबी ने अनन्या के होंठों को फिर से चूमा, उसकी जीभ को चूसते हुए, जबकि दूसरे ने उसकी चूचियाँ दबाईं और उन्हें चूसा। अनन्या का जिस्म पसीने और चुदाई की गर्मी से गीला हो चुका था।
तभी एक तीसरा मर्द, करीब 35 साल का, अनुभवी और मज़बूत, कोहरे से निकला। उसने अनन्या की चुदाई देखकर अपना मोटा लंड पकड़ लिया। “हसीना, मुझे भी बुला ले,” उसने गहरी आवाज़ में कहा। अनन्या ने उसे एक सेक्सी नज़र दी और बोली, “आ जा, मेरे मुँह में जगह है।” तीसरे अजनबी ने अपनी पैंट उतारी और अपना मोटा लंड अनन्या के मुँह में डाल दिया। अनन्या ने उसे चूसना शुरू किया, उसकी जीभ से उसके मोटे लंड को सहलाते हुए। उसकी सिसकियाँ निकलने लगीं, और उसने अनन्या के बाल पकड़कर उसे और गहरे तक चूसने को कहा। “रंडी, तू तो मेरे लंड की दीवानी है,” उसने गाली देते हुए कहा।
पहला अजनबी अब अनन्या की चूत को ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था, उसका लंड हर धक्के में उसकी चूत की गहराई को छू रहा था। दूसरा अजनबी उसकी गांड में अपने लंड को और गहरे तक धकेल रहा था, और अनन्या की सिसकियाँ चीखों में बदल गईं। तीसरा अजनबी ने अनन्या के मुँह में अपने मोटे लंड को और तेज़ी से चलाया, और अनन्या ने उसे चूसते हुए सिसकियाँ भरीं। “तेरे मुँह में मेरा लंड कितना अच्छा लग रहा है,” उसने कराहते हुए कहा। अनन्या का जिस्म तीन मर्दों की भूख का शिकार बन चुका था, और रात का अंधेरा उनके इस खेल का गवाह था।
चुदाई का ये खेल घंटों चला। अनन्या की चूत, गांड, और मुँह तीनों अजनबियों के लंड से भरे थे। पहले अजनबी ने अनन्या की चूत में अपने लंड को और तेज़ी से चलाया, और आखिरकार उसकी चूत में अपनी गर्मी छोड़ दी। दूसरे ने उसकी गांड को चोदते हुए अपने लंड का रस उसकी गांड में छोड़ा। तीसरे ने अनन्या के मुँह से अपना मोटा लंड निकाला और उसकी चूचियों पर अपनी गर्मी बिखेर दी। अनन्या का जिस्म पसीने, दर्द, और तृप्ति से गीला था, और उसकी वासना की आग रात के अंधेरे में पूरी तरह बुझ चुकी थी।
रात के आखिरी पहर में अनन्या ने तीनों अजनबियों को एक सेक्सी मुस्कान दी और फुसफुसाया, “तुमने रात के अंधेरे में मेरी चूत और गांड को तृप्त कर दिया।” तीनों ने उसे अपनी बाहों में लिया, और कोहरे की ठंडी हवा में उनकी चुदाई की गर्मी सुबह तक बाकी थी। अनन्या ने हँसते हुए कहा, “अजनबी, तुमने मुझे चोद कर यादगार बना दिया।” तीनों ने उसकी चूचियाँ दबाकर जवाब दिया, “हसीना, तेरी चूत और गांड हमारी गुलाम बन चुकी हैं।” फिर, कोहरे में वो तीनों गायब हो गए, जैसे कभी थे ही नहीं।
सुबह होने पर अनन्या ने अपने जिस्म पर चुदाई के निशान देखे—हल्के लाल निशान उसकी चूचियों और चूतड़ पर थे, जो रात के अंधेरे की उस चुदाई की कहानी कह रहे थे। वह होटल वापस लौटी, और उसकी आँखों में एक शरारती चमक थी। उसने अपने दोस्तों से कुछ नहीं कहा, लेकिन उसकी चूत और गांड उस अजनबी की चुदाई को हमेशा याद रखने वाली थी।