एक रात मैंने जिगोलो को बुलाया क्योंकि पति चोद नहीं सकता

Gigolo sex story : मेरा नाम अनन्या है, और मैं 30 साल की एक हॉट, चुदास भरी औरत हूँ। मेरा गोरा, भरा हुआ बदन, बड़ी-बड़ी चूचियाँ, गोल गांड, और पतली कमर किसी भी मर्द के लंड में आग लगा देता है। मेरे रसीले होंठ, गुलाबी निप्पल, और गीली चूत चुदाई का खुला न्योता देते हैं। मेरी मादक आँखें और मटकती चाल मर्दों को पागल कर देती है। मेरा पति, रोहित, 38 साल का है, लेकिन उसकी शारीरिक कमजोरी और तनाव के कारण उसका लंड मेरी चुदास को शांत नहीं कर पाता। हमारी शादी को पाँच साल हो चुके हैं, लेकिन मेरी चूत की भूख हर रात मुझे तड़पाती थी। मैंने आखिरकार फैसला किया कि मुझे अपनी चुदास मिटाने के लिए एक जिगोलो की जरूरत है। ये कहानी उस रात की है, जब मैंने जिगोलो करण को बुलाया, और उसने अपने 9 इंच के मोटे, काले लंड से मेरी चूत और गांड को चोदकर मुझे चरम सुख की आग में झोंक दिया।

रोहित का बिजनेस उसे हर समय व्यस्त रखता था, और रात को वह थककर सो जाता था। मेरी चूत की गर्मी मुझे रात-रात भर जगा रखती थी। मैंने कई बार अपनी उंगलियों से अपनी चूत को सहलाया, लेकिन मेरी चुदास को सिर्फ एक मोटा, काला लंड ही ठंडा कर सकता था। एक दिन, मैंने अपनी सहेली से एक जिगोलो की वेबसाइट के बारे में सुना। मैंने रात को चुपके से वेबसाइट खोली और करण की प्रोफाइल देखी। करण, 28 साल का एक गठीला, हैंडसम जिगोलो था, जिसके 9 इंच के मोटे, काले लंड की तस्वीर ने मेरी चूत को गीला कर दिया। उसकी प्रोफाइल में लिखा था, “मैं हर औरत की चूत को चरम सुख दूँगा।” मैंने तुरंत उसे मैसेज किया और अगली रात के लिए बुक कर लिया। मेरी चूत चुदाई के लिए तड़प रही थी, और मैं करण के लंड का इंतजार नहीं कर पा रही थी।

अगली रात, रोहित एक बिजनेस मीटिंग के लिए मुंबई गए थे। मैंने घर को सजाया और एक टाइट, काली ड्रेस पहनी, जो मेरी चूचियों और गांड के उभारों को पूरी तरह उजागर कर रही थी। ड्रेस का गहरा गला मेरे चूचों की गहरी रेखा को दिखा रहा था, और मेरी नंगी जाँघें चमक रही थीं। मैंने जानबूझकर ब्रा और पैंटी नहीं पहनी थी, ताकि मेरे सख्त निप्पल और गीली चूत का आकार साफ दिखे। मेरी चूत में पहले से ही चुदास की आग सुलग रही थी। रात के 9 बजे, दरवाजे की घंटी बजी। मैंने दरवाजा खोला, और करण सामने खड़ा था। उसने एक टाइट शर्ट और जींस पहनी थी, और उसकी जींस में उसके मोटे लंड का उभार साफ दिख रहा था। उसकी मादक मुस्कान और भूखी नजरें मेरी चूत को और गीला कर रही थीं।

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“अनन्या, तुम तो किसी की चूत में आग लगा दो,” करण ने मादक आवाज में कहा, और मेरी कमर पकड़कर मुझे अपनी ओर खींच लिया। मैंने उसके सीने पर हाथ रखा और बोली, “करण, मेरी चूत तेरे मोटे लंड की भूखी है। इसे आज चोदकर फाड़ दे।” मेरी बात ने उसके लंड को तना दिया, और उसने मेरे रसीले होंठों पर एक गहरा, अश्लील चुंबन छोड़ दिया। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और उसका मोटा लंड मेरी जाँघों से टकरा रहा था। मैंने उसकी शर्ट फाड़ दी, और उसका गठीला सीना मेरे सामने था। उसने मेरी ड्रेस को फाड़कर उतार दिया, और मेरी बड़ी, नंगी चूचियाँ उसके सामने उछल पड़ीं। मेरे निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और मेरी चिकनी, गीली चूत और गोल गांड उसके सामने नंगी थी। मेरा चूत का रस मेरी जाँघों पर टपक रहा था।

करण ने मेरे एक चूचे को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा, जैसे कोई भूखा शेर अपनी शिकार को चबा रहा हो। उसकी जीभ मेरे निप्पल को चाट रही थी, और मेरी सिसकारी कमरे में गूँज रही थी। उसने मेरे दूसरे चूचे को अपनी उंगलियों से मसला, और मेरे गुलाबी निप्पल को खींचकर मेरी चीखें निकाल दीं। मैंने उसकी जींस उतार दी, और उसका 9 इंच का मोटा, काला लंड मेरे सामने तन गया। उसकी नसें फूली हुई थीं, और मेरी चूत ने उसे देखकर और रस छोड़ा। “करण, तेरा लंड मेरी चूत को चोदने के लिए बना है,” मैंने मादहोश होकर कहा, और उसके लंड को अपने रसीले होंठों में लिया। मैं उसके लंड को गहराई तक चूस रही थी, और उसकी सिसकारियाँ निकल रही थीं। करण ने मेरे बाल पकड़कर मेरा मुँह अपने लंड पर और जोर से दबाया, और मैं उसके लंड को चाट रही थी।

करण ने मुझे सोफे पर लिटाया और मेरी जाँघें चौड़ी कीं। उसने अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटना शुरू किया, और उसकी जीभ मेरी चूत के दाने को चूस रही थी। मैं अपनी गांड को हिलाकर उसका मुँह अपनी चूत में और गहरा दबा रही थी। उसने मेरी गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाया, और मेरी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और मैं चुदास में चीख रही थी। “करण… मेरी चूत को चोद… मेरी भूख मिटा,” मैंने सिसकारी के साथ कहा। करण ने अपना मोटा, काला लंड मेरी गीली चूत में डाल दिया, और मैं चीख पड़ी। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था, लेकिन दर्द जल्दी ही मादक सुख में बदल गया। वह जोर-जोर से धक्के मारने लगा, और मेरे चूचे हर धक्के के साथ उछल रहे थे।

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मैं अपनी गांड को हिलाकर उसका लंड और गहरा ले रही थी, और मेरी सिसकारियाँ पूरे घर में गूँज रही थीं। करण ने मेरे चूचियों को मसला, मेरे निप्पलों को चूसा, और मेरी चूत को अपने लंड से रगड़ने लगा। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। “करण… मेरी चूत को और जोर से चोद… इसे फाड़ दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। करण ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गोल गांड को थप्पड़ मारते हुए अपना लंड मेरी चूत में फिर से डाल दिया। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था, और मैं चुदास में चीख रही थी। उसने मेरी गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाया, और फिर धीरे-धीरे अपना मोटा लंड मेरी गांड में डाल दिया। मैं दर्द और सुख में चीख पड़ी, लेकिन मेरी गांड ने जल्दी ही उसके लंड को गले लगा लिया।

करण मेरी गांड को जमकर चोद रहा था, और मेरे चूचे हवा में उछल रहे थे। “करण… मेरी गांड को चोद… मेरी चूत को सुजा दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उसने मेरे चूचियों को मसला, मेरी गांड को थप्पड़ मारे, और मेरी चूत और गांड को बारी-बारी चोदा। मेरी चूत बार-बार झड़ रही थी, और मेरा रस उसकी जाँघों पर टपक रहा था। चुदाई का दौर घंटों चला। करण ने मुझे अलग-अलग पोजीशन में चोदा। एक बार उसने मुझे अपनी गोद में बिठाया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से उछाला। मेरे चूचे उसके चेहरे पर उछल रहे थे, और वह मेरे निप्पलों को चूस रहा था। फिर उसने मुझे दीवार के सहारे खड़ा किया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से धक्के मारे। मेरी चीखें और सिसकारियाँ पूरे घर में गूँज रही थीं।

“अनन्या, मैं तेरी चूत में झड़ने वाला हूँ,” करण ने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, करण… मेरी चूत को अपने वीर्य से भर दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उसने अपने धक्के और तेज किए, और फिर अपने गर्म, गाढ़े वीर्य की पिचकारी मेरी चूत में मारी। मैं सुख से चीख पड़ी, और मेरी चूत उसके वीर्य से लबालब भर गई। उसने मेरे चूचियों, रसीले होंठों, और पूरे बदन पर अपना वीर्य छोड़ा, और मैंने उसे अपनी जीभ से चाट लिया। मेरा बदन उसके वीर्य से गीला और चिपचिपा हो गया था। हम दोनों हाँफ रहे थे, और मेरी चूत और गांड चुदाई से सुज गई थी।

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उस रात के बाद, करण मेरी चुदास का नियमित साथी बन गया। हर बार जब रोहित घर पर नहीं होता, मैं करण को बुलाती। एक बार मैंने उसे बाथरूम में बुलाया। उसने मुझे शावर के नीचे खड़ा किया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से चोदा। पानी मेरे चूचों पर टपक रहा था, और मेरी चीखें बाथरूम में गूँज रही थीं। उसने मेरी गांड में भी अपना लंड डाला, और मेरी गांड उसके वीर्य से भर गई। दूसरी बार, मैंने उसे रसोई में बुलाया। मैंने एक पारदर्शी नाइटी पहनी थी, और उसने मुझे काउंटर पर झुकाकर मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया। मैं चुदास में सिसकार रही थी, “करण… मेरी चूत को चोद… इसे हर रात चोद!” उसने मेरे चूचियों को मसला, मेरी गांड को थप्पड़ मारे, और मेरी चूत को अपने वीर्य से भर दिया।

रोहित को कभी शक नहीं हुआ, क्योंकि वह अपने बिजनेस में डूबा रहता था। एक रात, जब करण मेरी चूत को चोद रहा था, रोहित ने अचानक फोन किया। मैंने फोन उठाया, और करण ने मेरी चूत में अपना लंड और तेजी से डाला। मैं सिसकारियों को दबाते हुए रोहित से बात कर रही थी, और मेरी चूत करण के वीर्य से भर रही थी। “अनन्या, तुम ठीक हो ना?” रोहित ने पूछा। मैंने हाँफते हुए कहा, “हाँ, रोहित… मैं बहुत खुश हूँ।” फोन रखते ही करण ने मेरी गांड में अपना लंड डाला, और मेरी चीखें फिर से गूँज उठीं।

करण की चुदाई ने मेरी चुदास को चरम सुख दिया। हर रात, जब वह मेरी चूत और गांड को चोदता, मेरी सिसकारियाँ घर में गूँजती थीं। मैंने सोचा कि रोहित भले ही मुझे चोद नहीं सकता, लेकिन करण का मोटा, काला लंड मेरी चूत की हर भूख मिटा देता है। मेरी चूत अब करण के लंड की गुलाम बन चुकी थी, और उसका हर धक्का मुझे चरम सुख की दुनिया में ले जाता था।