उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव में, जहाँ खेतों की हरियाली और नदी की ठंडक माहौल को ताज़ा रखती थी, नेहा अपने नए ससुराल में रहती थी। नेहा, 24 साल की, गोरी, लंबे रेशमी बालों वाली, और कातिलाना फिगर वाली नई-नवेली बहू थी। उसकी टाइट साड़ी उसके भरे हुए बूब्स और गोल गांड को उभारती थी, और उसकी गहरी आँखों में एक मासूमियत के साथ-साथ कामुक चमक थी। नेहा का पति, राहुल, 28 साल का, शहर में नौकरी करता था और अक्सर घर से दूर रहता था। लेकिन नेहा के ससुर, रामलाल, 50 साल के, मज़बूत जिस्म और गहरी आवाज़ वाले मर्द थे, जिनका लंड नेहा की हॉटनेस देखकर अक्सर तन जाता था।
एक सर्द रात थी, जब राहुल शहर में था और गाँव में बिजली चली गई। नेहा अपने कमरे में लालटेन की मद्धम रोशनी में साड़ी पहन रही थी। उसकी टाइट ब्लाउज़ उसके बूब्स को और उभार रहा था, और साड़ी का पल्लू बार-बार सरक रहा था। रामलाल ने कमरे का दरवाज़ा खटखटाया और अंदर आ गए। “नेहा, बेटी, कुछ चाहिए तो बता दे,” उन्होंने कहा, लेकिन उनकी नज़रें नेहा की चूचियों पर टिक गईं। नेहा ने अपने होंठ चाटे और जवाब दिया, “ससुर जी, आपकी नज़रें तो कुछ और कह रही हैं। मेरी टाइट चूत बेकरार हो रही है।” उसकी बात ने रामलाल के लंड को तुरंत सख्त कर दिया।
रामलाल ने दरवाज़ा बंद किया और नेहा के पास आ गए। “तेरी चूचियाँ और गांड देखकर मेरा लंड काबू में नहीं है,” उन्होंने फुसफुसाया। नेहा ने एक सेक्सी मुस्कान दी और अपनी साड़ी का पल्लू गिरा दिया, जिससे उसके भारी बूब्स ब्लाउज़ में साफ़ दिखने लगे। रामलाल ने नेहा को दीवार से सटा लिया और उसके होंठों को चूमा, पहले धीरे, फिर गहराई से, उसकी जीभ को चूसते हुए। नेहा की टाइट चूत में एक सिहरन दौड़ गई, और उसने रामलाल की कुर्ते में उंगलियाँ डालकर उन्हें और करीब खींच लिया।
“ससुर जी, तेरे होंठ कितने गर्म हैं,” नेहा ने कहा, और रामलाल ने जवाब दिया, “तो तेरी टाइट चूत का स्वाद भी ले लूँ।” उसकी बात ने नेहा की चूत को और गीला कर दिया। रामलाल ने नेहा की साड़ी उतारी, और उसकी काली ब्रा में कैद चूचियाँ देखकर उनका लंड धोती में उछलने लगा। उन्होंने ब्रा का हुक खोला, और नेहा के भारी बूब्स आज़ाद हो गए। रामलाल ने उन्हें कस के दबाया, उनके निप्पल्स को चूसा, और हल्के से काटा। “तेरी चूचियाँ कितनी मस्त हैं,” रामलाल ने कराहते हुए कहा, और नेहा की सिसकियाँ कमरे में गूंजने लगीं।
नेहा ने रामलाल की धोती खोली, और उनका सख्त लंड बाहर आया। “वाह, ससुर जी, तेरा लंड तो मोटा है,” नेहा ने सेक्सी अंदाज़ में कहा, और उसे अपने हाथों में लेकर सहलाया। उसने रामलाल के लंड को अपने होंठों से चूमा, फिर धीरे-धीरे चूसना शुरू किया। रामलाल की सिसकियाँ निकलने लगीं, और उन्होंने नेहा के बाल पकड़कर उसे और गहरे तक चूसने को कहा। नेहा की जीभ उनके लंड पर नाच रही थी, और उसकी टाइट चूत में चुदाई की प्यास बढ़ रही थी।
रामलाल ने नेहा को बिस्तर पर लिटाया और उसका पेटीकोट उतारा। उसकी गीली पैंटी देखकर उनका लंड और बेकरार हो गया। उन्होंने पैंटी उतारी और अपनी उंगलियाँ नेहा की टाइट चूत में डालीं, उसे धीरे-धीरे रगड़ते हुए। “तेरी चूत कितनी गर्म और टाइट है,” रामलाल ने फुसफुसाया, और नेहा ने कराहते हुए कहा, “तो अपने मोटे लंड से इसे चोद दे, ससुर जी।” रामलाल ने अपने लंड को नेहा की चूत पर रगड़ा और धीरे से अंदर डाल दिया। नेहा की एक हल्की सी चीख निकली, क्योंकि रामलाल का लंड उसकी टाइट चूत को पूरा भर रहा था।
रामलाल ने नेहा की चूत में अपने लंड को धीरे-धीरे अंदर-बाहर करना शुरू किया। हर धक्के के साथ नेहा की चूचियाँ उछल रही थीं, और उसकी सिसकियाँ रात की खामोशी में गूंज रही थीं। “हाँ, ससुर जी, मेरी टाइट चूत को चोद,” नेहा ने फुसफुसाया, और रामलाल ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी। उनका लंड नेहा की चूत की गहराई को छू रहा था, और उसकी गांड हर धक्के के साथ बिस्तर पर रगड़ रही थी। नेहा ने अपनी जांघें और चौड़ी कीं, जैसे रामलाल के लंड को और गहरे तक बुला रही हो।
तभी दरवाज़ा खुला, और रामलाल का दोस्त, श्याम, 52 साल का, मज़बूत जिस्म और गहरी आवाज़ वाला मर्द, अंदर आया। उसने नेहा की नंगी चूचियाँ और चुदाई देखकर अपना लंड पकड़ लिया। “नेहा, मुझे भी मज़ा चाहिए,” श्याम ने हँसते हुए कहा, और नेहा ने एक सेक्सी मुस्कान के साथ जवाब दिया, “आ जा, मेरी चूत और गांड दोनों तैयार हैं।” रामलाल ने हँसते हुए श्याम को पास बुलाया, और दोनों ने नेहा को अपनी भूख का शिकार बनाया।
श्याम ने नेहा की गांड को कस के पकड़ा और उसे थप्पड़ मारा। “तेरी गांड कितनी मस्त है,” उसने कहा, और अपनी उंगलियाँ नेहा की गांड के छेद पर फेरी। उसने धीरे से अपनी उंगली अंदर डाली, और नेहा की सिसकी और तेज़ हो गई। “मेरी गांड भी चोद,” उसने कराहते हुए कहा। रामलाल ने नेहा की चूत में अपने लंड को और तेज़ी से चलाया, जबकि श्याम ने अपने लंड को नेहा की गांड पर रगड़ा और धीरे से अंदर डाला। नेहा की चीख अब एक कामुक संगीत बन चुकी थी।
नेहा के जिस्म में दो लंड एक साथ थे—रामलाल का लंड उसकी टाइट चूत चोद रहा था, और श्याम का लंड उसकी गांड। उसकी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं, और उसने दोनों को कस के पकड़ लिया। “हाँ, मेरी चूत और गांड को चोदो,” उसने सिसकते हुए कहा। रामलाल ने नेहा के होंठों को फिर से चूमा, उसकी जीभ को चूसते हुए, जबकि श्याम ने उसकी चूचियाँ दबाईं और उन्हें चूसा। नेहा का जिस्म पसीने और चुदाई की गर्मी से गीला हो चुका था।
तभी गाँव का एक और मर्द, बलराम, 55 साल का, अनुभवी और मज़बूत, कमरे में आया। उसने नेहा की चुदाई देखकर अपना मोटा लंड पकड़ लिया। “नेहा, मुझे भी बुला ले,” उसने गहरी आवाज़ में कहा, और नेहा ने उसे एक सेक्सी नज़र दी। “बलराम जी, मेरे बूब्स और मुँह बाकी हैं,” उसने कहा। बलराम ने अपनी धोती उतारी और अपना मोटा लंड नेहा के मुँह में डाल दिया। नेहा ने उसे चूसना शुरू किया, उसकी जीभ से उसके मोटे लंड को सहलाते हुए।
रामलाल अब नेहा की टाइट चूत को ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था, उसका लंड हर धक्के में उसकी चूत की गहराई को छू रहा था। श्याम ने उसकी गांड में अपने लंड को और गहरे तक धकेला, और नेहा की सिसकियाँ चीखों में बदल गईं। बलराम ने नेहा के बाल पकड़कर अपने मोटे लंड को उसके मुँह में और गहरे तक डाला, और नेहा ने उसे चूसते हुए सिसकियाँ भरीं। “तेरे मुँह में मेरा मोटा लंड कितना अच्छा लग रहा है,” बलराम ने कराहते हुए कहा।
चुदाई का ये खेल घंटों चला। नेहा की टाइट चूत, गांड, और मुँह तीनों मर्दों के लंड से भरे थे। रामलाल ने नेहा की चूत में अपने लंड को और तेज़ी से चलाया, और आखिरकार उसकी टाइट चूत में अपनी गर्मी छोड़ दी। श्याम ने उसकी गांड को चोदते हुए अपने लंड का रस उसकी गांड में छोड़ा। बलराम ने नेहा के मुँह से अपना मोटा लंड निकाला और उसकी चूचियों पर अपनी गर्मी बिखेर दी। नेहा का जिस्म पसीने, चुदाई, और तृप्ति से गीला था।
उस रात नेहा ने तीनों को एक सेक्सी मुस्कान दी और फुसफुसाया, “ससुर जी, तुमने मेरी टाइट चूत को यादगार बना दिया।” रामलाल, श्याम, और बलराम ने उसे अपनी बाहों में लिया, और गाँव की सर्द रात में उनकी चुदाई की गर्मी सुबह तक बाकी थी।