Sasur Bahu Hindi Hot Sex Story – हाय दोस्तों, मेरा नाम अनिता है। उम्र 28 साल, गोरा रंग, भरी हुई चूचियाँ जो मेरी साड़ी में मुश्किल से समाती थीं, और एक मटकती गांड जो मेरे ससुर, रामलाल, की नजरों का शिकार बन गई थी। मैं अपने पति, विकास, से बहुत प्यार करती थी। हमारी शादी को दो साल ही हुए थे, जब एक हादसे में उसकी मौत हो गई। उसकी मौत ने मुझे अंदर से तोड़ दिया था। मेरी चूत की प्यास अधूरी रह गई थी, और मैं अकेली पड़ गई थी। ससुर जी 50 साल के थे—लंबे, मजबूत, और एक ऐसा मोटा, काला लंड जो मेरे जिस्म को देखते ही तन जाता था। उनकी बीवी, यानी मेरी सास, कई साल पहले गुजर चुकी थीं। पति की मौत के बाद मैं ससुर जी के साथ उनके गाँव के घर में रहने लगी थी। लेकिन मुझे क्या पता था कि ससुर जी मेरी इस हालत का फायदा उठाकर मुझे प्रेग्नेंट कर देंगे। अब मैं परेशान हूँ, और ये मेरी कहानी है।
उस दिन दोपहर का वक्त था। गर्मी अपने चरम पर थी, और गाँव में सन्नाटा छाया था। मैं ससुर जी के साथ घर में अकेली थी। पति की मौत को छह महीने हो चुके थे, और मेरा मन उदास रहता था। मैंने एक पतली सफेद साड़ी पहनी थी, जो पसीने से भीगकर मेरे जिस्म से चिपक रही थी। मेरा ब्लाउज गीला था, और मेरी चूचियाँ साफ उभर रही थीं। मेरे निप्पल बाहर झाँक रहे थे, और मेरी गोरी जांघें साड़ी से बार-बार नजर आ रही थीं। मैं अपने कमरे में लेटी थी, जब ससुर जी चुपके से अंदर आए। “अनिता, उदास क्यों है?” उनकी आवाज में एक अजीब-सी नरमी थी। मैंने उनकी ओर देखा, “ससुर जी, बस यूँ ही। विकास की याद आ रही है।” लेकिन उनकी नजरें मेरी चूचियों पर टिकी थीं। वो मेरे पास बिस्तर पर बैठ गए और मेरी जांघ पर हाथ रख दिया। “अनिता, तू अभी जवान है। तेरे जिस्म की ये आग बुझानी पड़ेगी,” उन्होंने मेरे कान में फुसफुसाते हुए कहा। उनकी साँसें मेरे गले पर गर्म लहरें छोड़ रही थीं।
मैं चौंक गई, “ससुर जी, ये क्या कह रहे हैं? मैं आपकी बहू हूँ।” लेकिन वो मेरे और करीब आए, और उनका हाथ मेरी चूचियों पर सरक गया। “बहू हो तो क्या, अनिता। तू अकेली है, और मैं भी। तेरी चूचियाँ और चूत मुझे तड़पा रही हैं,” उन्होंने कहा और मेरे ब्लाउज के ऊपर से मेरी चूचियों को दबाने लगे। “उफ्फ… ससुर जी… मत करो… ये गलत है…” मैं सिसकार उठी। लेकिन सच कहूँ, उनकी छुअन से मेरी चूत में एक हल्की-सी गुदगुदी होने लगी थी। पति की मौत के बाद मेरे जिस्म ने कभी ऐसा कुछ महसूस नहीं किया था। उन्होंने मेरी साड़ी का पल्लू नीचे खींचा और मेरा ब्लाउज फाड़ दिया। मेरी गोरी, मोटी चूचियाँ उनके सामने थीं, और मेरे निप्पल सख्त होकर उन्हें बुला रहे थे। “आह्ह्ह… ससुर जी… छोड़ दो… उफ्फ…” मैं कराह रही थी। लेकिन वो मेरी एक चूची को मुँह में भरकर चूसने लगे। “उफ्फ… अनिता… तेरे दूध कितने रसीले हैं… आह्ह्ह…” वो मेरे निप्पल को चूस रहे थे, और उनकी उंगलियाँ मेरी दूसरी चूची को मसल रही थीं।
मैं तड़प रही थी। मेरी चूत में आग लग रही थी, और मैंने उनकी कमर पकड़ ली। “आह्ह्ह… ससुर जी… धीरे चूसो… मेरी चूचियाँ दुख रही हैं… ओहhh…” मेरी सिसकारियाँ तेज हो गईं। उन्होंने मेरी साड़ी पूरी उतार दी, और मेरा नंगा बदन उनके सामने था। मेरी गोरी जांघें चमक रही थीं, मेरी नाभि गहरी और सेक्सी थी, और मेरी चूत पेटीकोट से बाहर झाँक रही थी। “अनिता, तेरा ये बदन मुझे पागल कर रहा है। तेरी चूत को चोदकर तुझे माँ बनाऊंगा,” उन्होंने कहा और मुझे बिस्तर पर लिटा दिया। मैं डर गई, “ससुर जी… ये क्या कह रहे हैं… उफ्फ…” लेकिन वो मेरी टाँगें चौड़ी करने लगे। उन्होंने मेरा पेटीकोट ऊपर उठाया, और मेरी चूत उनके सामने थी—चिकनी, गोरी, और गीली। वो मेरी चूत को घूरते रहे, और मेरे जिस्म में बेचैनी बढ़ने लगी। “आह्ह्ह… ससुर जी… मत देखो… उफ्फ…” मैं कराह रही थी। लेकिन वो मेरी चूत पर अपनी जीभ फिराने लगे। “उफ्फ… अनिता… तेरी चूत का रस मुझे बुला रहा है…” वो मेरी चूत को चाटने लगे, धीरे-धीरे मेरे रस को चूसते हुए। “आह्ह्ह… ससुर जी… क्या कर रहे हैं… मेरी चूत में आग लग रही है… ओहhh…” मैं चिल्ला रही थी।
उन्होंने मेरी चूत में अपनी उंगलियाँ डाल दीं, पहले एक, फिर दो, और धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगे। “उफ्फ… ससुर जी… दर्द हो रहा है… मेरी चूत फट रही है… आह्ह्ह…” मैं तड़प रही थी। मेरी चूत गीली हो चुकी थी, और मेरा रस उनकी उंगलियों पर चमक रहा था। “अनिता, तेरी चूत को चोदकर तुझे प्रेग्नेंट कर दूँगा,” वो गुर्राए और अपना पजामा नीचा कर दिया। उनका मोटा, काला लंड बाहर आ गया—लंबा, सख्त, और नसों से भरा हुआ। मैं उसे देखकर डर गई। “ससुर जी… ये बहुत बड़ा है… मेरी चूत फट जाएगी… उफ्फ…” मैं काँप रही थी। लेकिन वो मेरे पास आए और अपना लंड मेरे होंठों पर रगड़ने लगे। “चूस इसे, अनिता। अपने बच्चे का बीज तैयार कर,” उन्होंने कहा। मैंने डरते-डरते उनका लंड मुँह में लिया। “उम्म… ससुर जी… कितना मोटा है… उफ्फ…” मैं चूस रही थी, और उनका लंड मेरे गले तक जा रहा था। वो मेरे बाल पकड़कर मेरे मुँह को चोदने लगे, “चूस, बहू… मुझे तड़पाओ मत… आह्ह्ह…”
फिर उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरी टाँगें अपने कंधों पर रख लीं। मेरी चूत उनके सामने थी, गीली और तैयार। “ससुर जी… धीरे करना… उफ्फ…” मैंने कहा। उन्होंने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा और एक जोरदार झटके में अंदर पेल दिया। “आह्ह्ह्ह… मर गई… ससुर जी… निकाल दो… मेरी चूत फट गई… उफ्फ…” मैं दर्द से चीख पड़ी। उनका लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर तक घुस गया था। वो जोर-जोर से धक्के मारने लगे, और “थप-थप-थप” की आवाज कमरे में गूँज उठी। “अनिता, तेरी चूत को चोदकर तुझे माँ बनाऊंगा,” वो गंदी बात करते हुए मेरी चूचियाँ मसल रहे थे। मैं कराह रही थी, “आह्ह्ह… ससुर जी… धीरे… मेरी चूत जल रही है… ओहhh…”
धीरे-धीरे दर्द मज़े में बदल गया। मैंने उनकी कमर पकड़ ली और चिल्लाई, “चोद दो… अपनी बहू की चूत को भर दो… आह्ह्ह…” वो मेरी चूत को जमकर चोद रहे थे। फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बना दिया। मेरी गांड हवा में थी, और वो मेरी गांड को थप्पड़ मारते हुए बोले, “अनिता, तेरी गांड भी चोदूँगा। तेरा पूरा जिस्म मेरा है।” उन्होंने मेरी गांड पर थूक लगाया और अपना लंड उसकी दरार में रगड़ने लगे। मैं डर गई, “ससुर जी… गांड मत मारो… उफ्फ… फट जाएगी…” लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी। उन्होंने अपना लंड मेरी गांड में धीरे-धीरे सरकाना शुरू किया। “आह्ह्ह्ह… मादरचोद… मर गई… निकाल दो… ओहhh…” मैं दर्द से चिल्ला रही थी। उनका लंड मेरी गांड को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया। वो मेरी गांड को चोदने लगे, और मेरी सिसकारियाँ तेज हो गईं, “उफ्फ… ससुर जी… धीरे… मेरी गांड फट रही है… आह्ह्ह…” धीरे-धीरे दर्द मज़े में बदल गया, और मैं चिल्लाई, “चोद दो… मेरी गांड को भी भर दो… ओहhh…”
रात गहराने लगी थी। ससुर जी ने मुझे फिर से लिटाया और मेरी चूत में लंड पेल दिया। “अनिता, तेरी चूत में मेरा बीज डालूँगा,” वो गुर्रा रहे थे। मैं चिल्ला रही थी, “आह्ह्ह… ससुर जी… चोदो… मेरी चूत को प्रेग्नेंट कर दो… उफ्फ…” उनका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था, और मेरी चूचियाँ हर धक्के के साथ उछल रही थीं। वो मेरी चूचियों को चूस रहे थे, और उनकी उंगलियाँ मेरी गांड में घुस रही थीं। मैं चिल्ला रही थी, “उफ्फ… ससुर जी… मेरे दोनों छेद भर दो… आह्ह्ह…” वो मुझे पूरी रात चोदते रहे। कभी धीरे, कभी तेज, और आखिर में उनका गर्म रस मेरी चूत में छूट गया। “आह्ह्ह… अनिता… ले मेरा बीज… प्रेग्नेंट हो जा…” वो चिल्लाए। मैं भी उसी वक्त झड़ गई, और हमारा रस बिस्तर पर फैल गया।
मैं थककर लेट गई। मेरी चूत सूज गई थी, और मेरा जिस्म पसीने से तर था। कुछ हफ्तों बाद मुझे पता चला कि मैं प्रेग्नेंट हूँ। ससुर जी ने मुझे सचमुच माँ बना दिया था। मैं परेशान थी, सोच रही थी कि अब क्या करूँ। “ससुर जी, ये क्या हो गया? लोग क्या कहेंगे?” मैंने रोते हुए पूछा। वो मुस्कुराए, “अनिता, चिंता मत कर। ये हमारा राज रहेगा। तू मेरी बहू है, और अब मेरे बच्चे की माँ भी।” मैं कराहते हुए बोली, “आह्ह्ह… ससुर जी… आपने मुझे चोदकर प्रेग्नेंट कर दिया… अब क्या करूँ…” वो मेरे पास आए और मेरी चूचियाँ सहलाते हुए बोले, “अब तुझे हर रात चोदूँगा, ताकि तू संतुष्ट रहे।” उस दिन के बाद ससुर जी मेरे जिस्म के मालिक बन गए। मेरी चूत और मेरा पेट अब उनके थे। दोस्तों, मेरी ये कहानी सुनकर आप क्या कहते हैं? मेरे पास अब कोई रास्ता नहीं, सिवाय इसके कि ससुर जी की गुलाम बनकर रहूँ।