मेरी हॉट भाभी की चूत की गर्मी

Hot Bhabhi Sex Story : मैं रवि, 22 साल का जवान, तगड़ा, और गाँव का दिलकश नौजवान, जिसका मोटा लंड और सांवली मांसल देह गाँव की औरतों की नजरों को बेकरार कर देती थी। मेरा बड़ा भाई, राकेश, शहर में नौकरी करता था, और उसकी बीवी, मेरी भाभी रानी, 28 साल की थी। रानी एक ऐसी औरत थी, जिसकी जवानी आग की तरह जलती थी। उसकी गोरी चमकती त्वचा, भारी-भरकम चूचियां, मटकती गांड, और काजल वाली आँखें किसी का भी लंड तनवा देती थीं। रानी की टाइट साड़ी में उभरी चूचियां और गहरी नाभि मुझे हर रात तड़पाती थी।

हमारी हवेली में मैं, रानी, और कभी-कभी भाई रहते थे। भाई ज्यादातर शहर में रहता, और हवेली में मैं और रानी अकेले होते। रानी मेरे साथ खुलकर हंसती-बोलती, मेरी जांघ पर चिकोटी काटती, और उसकी शरारती नजरें मेरे लंड को ललचाती थीं। मैं उसकी चूचियों को निहारता, और मेरी चूत उसकी जवानी की भूखी थी। मगर मैं अपनी वासना को दबाता, क्योंकि वो मेरी भाभी थी। एक रात, भाई शहर गया था, और बिजली गुल थी। चांदनी छत पर बिछी थी। रानी ने एक पतली, पारदर्शी नाइटी पहनी, जो उसकी चूचियों और मोटी गांड को उभार रही थी।

“रवि, गर्मी में नींद नहीं आ रही?” रानी ने रसीली आवाज में कहा, और मेरे पास चारपाई पर बैठ गई। उसकी नाइटी का गला ढीला था, और उसकी गहरी दरार चांदनी में चमक रही थी। “भाभी, आपकी जवानी मुझे तड़पा रही है,” मैंने हिम्मत करके कहा, और उसकी जांघ पर हाथ रख दिया। रानी की सांसें तेज हो गईं। “रवि, तू शरारती है, मगर मेरी चूत की गर्मी भी तुझसे बेकरार है,” उसने सिसकते हुए कहा, और मेरे लंड को पायजामे के ऊपर से सहलाया। मेरा लंड फटने को तैयार था।

“भाभी, ये गलत है, आप मेरी भाभी हैं,” मैंने सिसकते हुए कहा, मगर मेरी नजरें उसकी चूचियों पर थीं। “रवि, भाभी भी औरत है, और मेरी चूत की गर्मी तुझे बुला रही है,” उसने कामुक लहजे में कहा, और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसका चूमन एक आग था, जिसमें मैं जल गया। उसकी जीभ मेरी जीभ से उलझी, और उसने मेरे होंठों को चूस लिया। “उफ्फ, रवि, तेरे होंठ मेरी चूत में तूफान ला रहे हैं,” रानी ने सिसकिया, और मेरी कमर को जकड़ लिया।

मैंने रानी की नाइटी को एक झटके में फाड़ दिया। उसकी गोरी चूचियां नंगी हो गईं, उनके गुलाबी निप्पल्स तनकर खड़े थे। “भाभी, तेरी चूचियां तो रस की कटोरी हैं,” मैंने कामुक लहजे में कहा, और उसकी चूचियों को अपने मजबूत हाथों में भरा। मैंने उन्हें जोर-जोर से मसला, और रानी की सिसकियां चीखों में बदल गईं। “हाय, रवि, मेरी चूचियां तेरे हाथों में पिघल रही हैं,” उसने सिसकिया, और मेरी पीठ को नाखूनों से खरोंचा।

मैंने रानी के निप्पल्स को अपनी जीभ से चाटा, और उन्हें चूसने लगा। उसकी सिसकियां अब चीखों में बदल गईं। “रवि, मेरी चूचियां चूस, और जोर से!” रानी ने चिल्लाया, और मेरे बालों में उंगलियां फंसाईं। मैंने उसकी पैंटी को फाड़कर फेंक दिया। उसकी सांवली, गीली चूत चांदनी में चमक रही थी। “भाभी, तेरी चूत तो आग का गोला है,” मैंने कहा, और अपनी उंगलियां उसकी चूत में डाल दीं। उसकी चूत इतनी गर्म थी कि मैं चीख पड़ा।

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“हाय, रवि, मेरी चूत तेरे लिए तड़प रही है!” रानी ने चिल्लाया, और उसकी मोटी गांड उछलने लगी। मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटा, मेरी जीभ उसके चूत के दाने को सहला रही थी। उसकी चीखें हवेली में गूंज रही थीं। “रवि, मेरी चूत चाट, इसे अपने प्यार से भिगो दे!” रानी चिल्ला रही थी, और उसकी चूत रस से लबालब हो गई। मैंने दो उंगलियां उसकी चूत में डालीं, और उसे जोर-जोर से चोदा। उसकी सिसकियां चरम सुख में बदल गईं।

मैंने अपना पायजामा उतार दिया। मेरा मोटा, 9 इंच का लंड चांदनी में चमक उठा, उसकी नसें फूल रही थीं। रानी ने मेरे लंड को देखा, और उसकी आँखें चमक उठीं। “उफ्फ, रवि, तेरा मोटा लंड तो मेरी चूत का राजा है,” उसने कहा, और मेरे लंड को अपने नाजुक हाथों में लिया। उसने मेरे लंड को प्यार से सहलाया, और फिर अपने होंठों से उसे चूसने लगी। उसकी जीभ मेरे लंड के टिप पर घूम रही थी, और मेरी सांसें रुक रही थीं। “रानी, तू मेरे लंड को जन्नत दिखा रही है,” मैंने गुर्राया, और उसके बालों को जकड़ लिया।

रानी ने मेरे लंड को चूसकर गीला कर दिया, और फिर चारपाई पर लेट गई। उसकी चूत रस टपका रही थी, और उसकी मोटी गांड मेरे सामने थी। “रवि, मेरी प्यासी चूत में अपना मोटा लंड डाल, और मुझे जमकर चोद!” उसने चिल्लाया, और अपनी गांड को ऊपर उठाया। मैंने रानी की चूतड़ों पर थप्पड़ मारे, और अपनी उंगलियां उसकी चूत में डालकर उसे और गीला किया। “भाभी, तेरी चूत मेरे मोटे लंड की रानी है,” मैंने कहा, और अपना मोटा लंड उसकी चूत में एक झटके में डाल दिया।

रानी की चीख रात को चीर गई। “हाय मर गई! तेरा मोटा लंड मेरी चूत फाड़ देगा!” उसने चिल्लाया, मगर उसकी चूत अब मेरे लंड को लय में ले रही थी। मैंने रानी की चूचियों को पकड़ा, और उसकी चूत को जोर-जोर से चोदने लगा। हर धक्के के साथ उसकी चूत रस छोड़ रही थी, और उसकी चीखें छत पर गूंज रही थीं। “चोद मुझे, रवि! मेरी चूत को अपने मोटे लंड का गुलाम बना दे!” रानी चिल्ला रही थी, और मेरा लंड उसकी चूत में तूफान मचा रहा था।

मैंने रानी को चारपाई से उठाया, और छत की रेलिंग के सहारे खड़ा किया। मैंने उसकी एक टांग उठाई, और उसकी चूत में फिर से अपना लंड डाला। उसकी चूचियां उछल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। “रवि, तेरा मोटा लंड मेरी चूत की जिंदगी है!” उसने चीखा, और मेरे होंठों को चूसने लगी। मैंने उसकी चूत में गहरे धक्के मारे, और उसकी चूतड़ों को जोर-जोर से दबाया। “रानी, तेरी चूत मेरे मोटे लंड की जन्नत है,” मैंने गुर्राया, और उसकी चूत में और गहरा धक्का मारा।

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अब मेरी नजर रानी की मोटी गांड पर थी। मैंने उसे चारपाई पर उल्टा लिटाया, और उसकी गांड को अपने सामने देखकर पागल हो गया। “भाभी, तेरी गांड तो जन्नत का दरवाजा है,” मैंने रूमानी लहजे में कहा, और उसकी गांड पर थप्पड़ मारे। मैंने उसकी चूत का रस अपनी उंगलियों से लिया, और उसकी टाइट गांड के छेद को गीला किया। “रवि, मेरी गांड में मत डाल, मैं टूट जाऊंगी!” रानी ने सिसकते हुए कहा, मगर उसकी गांड अब मेरे लंड की प्यासी थी।

मैंने अपने लंड को रानी की चूत के रस से गीला किया, और धीरे से उसकी टाइट गांड में डाला। रानी की चीख रात को चीर गई। “हाय राम! तेरा मोटा लंड मेरी गांड चीर देगा!” उसने चिल्लाया, मगर उसकी गांड अब मेरे लंड को लय में ले रही थी। मैंने रानी की चूचियों को पीछे से पकड़ा, और उसकी गांड को जोर-जोर से चोदा। हर धक्के के साथ उसकी चूत रस टपका रही थी, और उसकी गांड मेरे लंड को निगल रही थी। “चोद मेरी गांड, रवि! मेरी चूत और गांड दोनों तेरे मोटे लंड की गुलाम हैं!” रानी चिल्ला रही थी।

रात के 3 बज चुके थे, और चांदनी हमारी चुदाई का गवाह थी। मैंने रानी को अपनी गोद में उठाया, और चारपाई के किनारे चोदने लगा। उसकी चूचियां उछल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। “रवि, तू मेरी चूत और गांड का राजा है,” रानी ने सिसकते हुए कहा, और मेरे होंठों को चूसने लगी। मेरा लंड अब फटने को था। मैंने उसकी चूत में आखिरी धक्का मारा, और अपना गर्म माल उसकी चूत में उड़ेल दिया। रानी की चूत रस और माल से लबालब हो गई, और उसकी सिसकियां चरम सुख में बदल गईं।

हम दोनों पसीने से तर-बतर चारपाई पर गिर पड़े, हमारी सांसें एक-दूसरे में उलझी हुई थीं। मैंने रानी की चूचियों को फिर से सहलाया, और बोला, “भाभी, तेरी चूत की गर्मी ने मुझे जन्नत दिखा दी।” रानी ने मेरे लंड को चूमा, और कहा, “रवि, तू मेरा असली मर्द है। जब तक तू है, मेरी चूत और गांड की प्यास बुझाएगा।”

एक नया मोड़

कुछ दिन बाद, भाई हवेली लौटा। एक रात, जब मैं और रानी चुदाई कर रहे थे, भाई ने हमें देख लिया। मैं डर गया, मगर भाई ने मुस्कुराते हुए कहा, “रवि, अगर तू रानी को सुख दे सकता है, तो मैं भी कोशिश करूंगा।” उसने अपना लंड निकाला, और रानी की चूत में डाल दिया। मैंने रानी की गांड में अपना मोटा लंड डाला, और दोनों ने उसे एक साथ चोदा। रानी की चीखें रात में गूंज रही थीं। “चोदो मुझे, तुम दोनों! मेरी चूत और गांड दोनों ले लो!” रानी चिल्ला रही थी। उस रात, रानी ने वो सुख पाया जो उसने कभी नहीं सोचा था।

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रानी की गर्मी का नया खेल

अगली बार जब भाई फिर शहर गया, रानी ने मुझे अपने कमरे में बुलाया। उसने एक काली साड़ी पहनी थी, जो उसके जिस्म से चिपककर उसकी चूचियों और गांड को और उभार रही थी। “रवि, आज मैं तुझे और गहरा सुख दूंगी,” उसने शरारती लहजे में कहा, और मुझे बिस्तर पर खींच लिया। उसने मेरी कमीज़ उतारी, और मेरी छाती को चूमने लगी। “रानी, तेरी जवानी मुझे पागल कर देती है,” मैंने गुर्राया, और उसकी साड़ी को खींचकर फेंक दिया।

उसकी चूचियां अब और रसीली लग रही थीं, जैसे मेरी चुदाई ने उन्हें और भारी कर दिया हो। मैंने उसकी चूचियों को चूसा, और उसकी सिसकियां फिर से हवेली में गूंज उठीं। “रवि, मेरी चूचियां तेरे लिए तरस रही थीं,” उसने चिल्लाया, और मेरे लंड को पकड़ लिया। उसने मेरे लंड को चूसकर इतना गीला किया कि वो चमकने लगा। “रानी, तू सच्ची आग है,” मैंने कहा, और उसे बिस्तर पर लिटा दिया।

मैंने उसकी चूत में अपना लंड डाला, और इस बार और गहरे धक्के मारे। उसकी चूत मेरे लंड को निगल रही थी, और उसकी चीखें कमरे में गूंज रही थीं। “चोद मुझे, रवि! मेरी चूत को फाड़ दे!” रानी चिल्ला रही थी। मैंने उसकी गांड को फिर से चोदा, और उसकी टाइट गांड ने मेरे लंड को और सुख दिया। “रानी, तेरी गांड मेरे लंड की गुलाम है,” मैंने गुर्राया, और उसकी गांड में अपना माल उड़ेल दिया।

रानी की प्यास का अंत

रानी की चूत की गर्मी अब मेरे और भाई के लिए एक खजाना बन गई थी। हर बार जब भाई शहर जाता, मैं रानी की चूत और गांड की प्यास बुझाता। एक बार, गाँव की एक और औरत, शीला, जो रानी की सहेली थी, ने हमारी चुदाई देख ली। रानी ने उसे भी शामिल कर लिया, और उस रात हम तीनों ने मिलकर रानी और शीला की चूत और गांड को चोदा। उनकी चीखें और सिसकियां हवेली में गूंज रही थीं। “चोदो हमें, रवि! हमारी चूत और गांड तेरे मोटे लंड की भूखी हैं!” वे चिल्ला रही थीं।

रानी की चूत की गर्मी ने मुझे और भाई को हर रात जन्नत दिखाई। मैं दिन में रानी का देवर था, और रात में उसका मालिक। उसकी चूत और गांड की प्यास हर रात बुझती थी, और मैं अपनी जवानी का पूरा मजा ले रहा था।