बारिश में भाई की दुल्हन बनी मैं

मैं राधिका हूँ। लखनऊ के पास एक छोटे से गाँव में रहती हूँ, जहाँ बारिश की फुहारें और हरे-भरे खेत ज़िंदगी को एक अलग रंग दे देते हैं। ये कहानी मेरे देवर अर्जुन के साथ उस बारिश की शाम की है, जब मैंने एक अनोखा प्यार अनुभव किया। अर्जुन मुझसे दो साल छोटा है, लेकिन उसकी मासूम मुस्कान और मज़बूत शरीर में एक अजीब सा आकर्षण है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे मन में उसके लिए ऐसी भावनाएँ जागेंगी।

मेरे पति रवि एक ट्रक ड्राइवर हैं। वो अक्सर हफ्तों तक घर से बाहर रहते हैं। उनकी अनुपस्थिति ने मेरे मन में एक खालीपन भर दिया था। अर्जुन गाँव में ही खेती करता है और मेरे साथ हमेशा हँसी-मज़ाक करता रहता है। उसकी बातें मुझे हँसाती थीं, लेकिन पिछले कुछ महीनों से उसकी नज़रें बदल गई थीं। जब मैं साड़ी पहनकर खेतों में पानी लेने जाती, तो वो मुझे ऐसे देखता जैसे मैं कोई अनमोल खजाना हूँ। उसकी नज़रें मेरी कमर और गहरे गले वाले ब्लाउज़ पर टिक जातीं, और मेरा दिल तेज़ी से धड़कने लगता।

उस शाम आसमान में काले बादल छाए थे। हल्की-हल्की बूँदें गिर रही थीं, और हवा में एक ठंडक थी। रवि दिल्ली गए थे, और घर में सिर्फ मैं और अर्जुन थे। मैं रसोई में रोटी बना रही थी, जब अर्जुन खेतों से लौटा। उसकी कमीज़ बारिश में भीग चुकी थी, और उसकी मज़बूत भुजाएँ साफ़ दिख रही थीं। उसने मुस्कुराते हुए कहा, “भाभी, आज बारिश बहुत सुंदर है, है ना?” मैंने उसकी तरफ देखा और हँसकर जवाब दिया, “हाँ, लेकिन तू भीग गया है। कपड़े बदल ले, वरना बीमार पड़ जाएगा।” वो हँसा और बोला, “अगर आप मेरे साथ बारिश में नाचोगी, तो मैं बीमार नहीं पड़ूँगा।” उसकी बात सुनकर मेरा चेहरा लाल हो गया।

खाना खाने के बाद अर्जुन ने कहा, “भाभी, चलो ना, बाहर बारिश देखते हैं।” मैंने थोड़ा हिचकिचाते हुए हामी भर दी। हम दोनों आँगन में गए, जहाँ बारिश की बूँदें धीरे-धीरे गिर रही थीं। मैंने अपनी हरी साड़ी को कसकर पकड़ा, लेकिन बूँदें मेरे चेहरे और गले को भिगो रही थीं। अर्जुन मेरे पास खड़ा था, और उसकी नज़रें मेरे चेहरे पर टिकी थीं। उसने धीरे से कहा, “भाभी, आप बारिश में और भी सुंदर लगती हो।” उसकी बात सुनकर मेरा दिल तेज़ी से धड़कने लगा। मैंने लजाते हुए कहा, “अर्जुन, ऐसी बातें मत कर।” वो हल्के से मुस्कुराया और बोला, “भाभी, सच कहूँ, मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ।”

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उसके शब्द मेरे कानों में गूँज गए। मैंने उसकी आँखों में देखा, और उसकी नज़रों में एक सच्चाई थी। “अर्जुन, ये गलत है,” मैंने धीरे से कहा, लेकिन मेरा मन उसकी बातों में बह रहा था। उसने मेरा हाथ पकड़ा और कहा, “भाभी, बस एक बार मुझे अपने करीब आने दो।” उसका स्पर्श इतना गर्म था कि मैं खुद को रोक न सकी। मैंने उसकी तरफ देखा, और उसने धीरे से मेरे गाल पर एक चुम्बन दे दिया। उसकी साँसें मेरे चेहरे को छू रही थीं, और मैं काँपने लगी।

हम दोनों घर के अंदर गए। मेरा दिल तेज़ी से धड़क रहा था। अर्जुन मेरे करीब आया और उसने मेरे होंठों पर एक नरम चुम्बन दिया। उसका चुम्बन बारिश की बूँदों की तरह ठंडा और मधुर था। मैंने उसे रोकने की कोशिश नहीं की। हम एक-दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे, और मैंने अपनी साड़ी का पल्लू गिरा दिया। मेरी गोरी कमर और गहरा ब्लाउज़ उसके सामने था। उसने मेरी कमर पर चुम्बन दिए, और मेरे मुँह से एक हल्की सिसकारी निकल गई। “भाभी, आप बहुत सुंदर हो…” उसने फुसफुसाते हुए कहा।

मैंने उसकी कमीज़ उतार दी। उसकी मज़बूत छाती मेरे सामने थी। मैंने उसके सीने पर चुम्बन दिए, और उसकी साँसें तेज़ हो गईं। हम दोनों मेरे कमरे में गए। उसने मेरा ब्लाउज़ और पेटीकोट उतार दिया, और मेरा नरम शरीर उसके सामने नंगा था। उसने मेरे शरीर के हर हिस्से को चूमा, और मैं आनंद से सिसकने लगी। “अर्जुन, ये एहसास बहुत सुंदर है…” मैंने सिसकते हुए कहा। उसने मेरे नाज़ुक योनि पर हल्के से उंगलियाँ फिराईं, और मेरा शरीर उत्तेजना से काँपने लगा।

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“भाभी, मैं तुम्हें बहुत प्यार करना चाहता हूँ,” उसने कहा। मैंने उसकी पैंट उतार दी, और उसका मोटा लिंग मेरे सामने था। मैंने उसे हल्के से सहलाया, और उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूँजने लगीं। उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया और धीरे से मेरे योनि में प्रवेश किया। पहली बार में थोड़ा दर्द हुआ, लेकिन उसने मुझे शांत किया और धीरे-धीरे गति बढ़ाई। मेरी सिसकारियाँ अब चीखों में बदल गईं, “अर्जुन, और तेज़… मुझे और प्यार करो…” मैंने सिसकते हुए कहा।

उसने मुझे तेज़ी से चोदा, और मेरा शरीर उसके हर धक्के के साथ काँप रहा था। हमने अलग-अलग पोजीशन में एक-दूसरे को प्यार किया। कभी मैं उसके ऊपर थी, तो कभी उसने मुझे पीछे से पकड़कर प्यार किया। उसकी गर्म साँसें और मेरी सिसकारियाँ बारिश की आवाज़ के साथ मिल रही थीं। उसने मेरे गले पर चुम्बन दिए, और मैं आनंद से पागल हो रही थी। “भाभी, तुम मेरे लिए स्वर्ग हो,” उसने फुसफुसाते हुए कहा। मैंने उसकी आँखों में देखा और कहा, “अर्जुन, ये पल मेरे लिए अनमोल हैं।”

रात भर हमने एक-दूसरे को प्यार किया। जब हम थक गए, तो उसने मुझे अपनी बाहों में लिया और मेरे माथे पर एक चुम्बन दिया। “भाभी, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं तुम्हें इस तरह प्यार कर पाऊँगा,” उसने कहा। मैंने उसकी छाती पर सिर रखा और कहा, “अर्जुन, ये रात मेरे लिए सबसे खूबसूरत है।” हम दोनों एक-दूसरे की बाहों में सो गए, और बाहर बारिश की बूँदें हमारी प्रेम कहानी की गवाह बनीं।

अगली सुबह बारिश थम चुकी थी। हम दोनों अपने रोज़मर्रा के कामों में व्यस्त हो गए। अर्जुन खेतों में चला गया, और मैं घर के कामों में लग गई। लेकिन जब भी हम अकेले होते, उसकी नज़रें मुझे उस रात की याद दिलातीं। हमने फिर कभी उस रात जैसा करीब नहीं आए, लेकिन हमारी आँखों में वो गुप्त प्यार हमेशा रहता है।

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अर्जुन कभी-कभी फुसफुसाकर कहता, “भाभी, तुम मेरी सबसे प्यारी दुल्हन हो।” और मैं हँसकर कहती, “अर्जुन, तुम मेरे सबसे प्यारे देवर।” हमारी वो रात एक खूबसूरत गुप्त याद बनकर रह गई। जब बारिश होती है, तो उस रात की यादें मेरे मन में ताज़ा हो जाती हैं।

अर्जुन का वो प्यार भरा स्पर्श, उसकी गर्म साँसें, और मेरी सिसकारियाँ मुझे फिर से उत्तेजित कर देती हैं। हमारी वो रात मेरे दिल में एक अनमोल खजाना है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक बारिश की शाम मुझे इतना प्यार दे जाएगी।

मेरे गाँव की बारिश अब मेरे लिए सिर्फ़ पानी की बूँदें नहीं, बल्कि प्यार की एक कहानी है। अर्जुन और मैं अब भी वैसे ही हँसते-बोलते हैं, लेकिन हम दोनों जानते हैं कि हमारा रिश्ता अब पहले से कहीं ज़्यादा गहरा हो गया है।

ये कहानी मेरे दिल की गहराइयों से निकली है। बारिश की उस रात ने मुझे सिखाया कि प्यार कभी भी, कहीं भी, किसी भी रूप में आ सकता है। और जब वो आता है, तो वो ज़िंदगी को हमेशा के लिए बदल देता है।