दामाद ने रसोई में चोद दिया चौड़ी गांड देखकर

सर्दियों की दोपहर थी, घर में सन्नाटा पसरा था। सास-ससुर गाँव गए थे, और पति ऑफिस में था। मैं, रेखा, रसोई में खड़ी थी, आटा गूँथ रही थी। मेरी उम्र 28 साल, गोरा जिस्म, भरे हुए चूचे जो ब्लाउज़ में फटने को तैयार थे, रसीली चूत जो साड़ी में गीली हो रही थी, और चौड़ी गांड जो हर कदम पर मटकती थी। मैंने लाल साड़ी पहनी थी, पतली और चिकनी, जो मेरे जिस्म को चाट रही थी। साड़ी का पल्लू मेरी कमर से सरक रहा था, और मेरी गहरी नाभि और मोटी गांड साफ झलक रही थी। मेरे होंठ गीले थे, और चूचे साँसों के साथ ऊपर-नीचे हो रहे थे।

तभी दामाद—रोहन—रसोई में आया। उसकी उम्र 25 साल, मज़बूत बदन, चौड़ा सीना, और पैंट में उसका मोटा लंड उभर रहा था। वो मेरी छोटी ननद का पति था, और उसकी आँखें हमेशा मेरे जिस्म को चोदती थीं। “भाभी, क्या मस्त खाना बना रही हो?” उसकी आवाज़ में भूख थी, और उसकी नज़रें मेरी चौड़ी गांड पर जम गईं। मैंने गांड मटकाई और हँसकर कहा, “रोहन, खाना तो बन रहा है, पर मेरी गांड देखकर क्या खाना चाहते हो?” मेरी साड़ी नीचे सरकी, और मेरी चूत की शेप पेटीकोट में उभर आई।

रोहन मेरे पास आया, उसका लंड पैंट में तन गया। “भाभी, तेरी चौड़ी गांड चोदने को बुला रही है, चूत भी चूसने लायक है,” उसने कहा, और उसकी गरम साँसें मेरे होंठों को जलाने लगीं। मैंने चूतड़ उसकी ओर ठेले और चिल्लाया, “तो चोद दो न, मेरी चूत गीली हो रही है, लंड पेलो!” वो मेरे पीछे आया, और उसका मोटा लंड मेरी गांड से रगड़ने लगा। “भाभी, तेरी गांड फाड़ दूँगा, चूत का भोसड़ा बना दूँगा,” उसने गरजते हुए कहा, और उसका हाथ मेरी साड़ी में घुस गया। उसकी उंगलियाँ मेरी चूत को मसल रही थीं, और मैं सिसक उठी, “रोहन, मेरी चूत चूसो, लंड डालो, चोदो मुझे!”

रोहन ने मेरी साड़ी खींचकर फेंक दी। मेरा ब्लाउज़ फट गया, और मेरे गोरे चूचे नंगे हो गए—टाइट, गोल, और निप्पल सख्त होकर चूसने को तरस रहे थे। “भाभी, तेरे चूचे चूस-चूसकर लाल कर दूँगा, फिर चूत में लंड पेलूँगा,” उसने कहा, और मेरे एक चूचे को मुँह में लेकर चूसने लगा। उसकी जीभ मेरे निप्पल को चाट रही थी, और मैं चीखी, “चूसो ज़ोर से, मेरी चूत में आग लग रही है!” उसका दूसरा हाथ मेरा पेटीकोट उतार रहा था, और मेरी रसीली चूत उसके सामने नंगी हो गई। “तेरी चूत चाटूँगा, फिर लंड से फाड़ूँगा,” रोहन ने कहा, और मेरी जाँघें चौड़ी कर मेरी चूत पर मुँह रख दिया। उसकी गरम जीभ मेरी चूत को चूस रही थी, और मैं तड़प उठी, “रोहन, चाटो, मेरी चूत का पानी निकाल दो!”

मैं रसोई की स्लैब से चिपकी थी, मेरे चूचे हवा में उछल रहे थे। रोहन ने पैंट उतारी, और उसका मोटा लंड बाहर आया—लंबा, सख्त, और चुदाई की आग से भरा। “भाभी, मेरा लंड चूसो, फिर तेरी चूत और गांड चोदूँगा,” उसने हुक्म दिया। मैं घुटनों पर बैठी, और उसके लंड को होंठों में लिया। “रोहन, तेरा लंड चूसकर चूत गीली कर रही हूँ, चोदो मुझे!” मैं सिसक रही थी। उसने मेरे बाल पकड़े और बोला, “चूस रंडी, पूरा लंड गले में ले, फिर चूत में पेलूँगा!” उसका लंड मेरे मुँह में नाच रहा था, और मेरी चूत चुदाई के लिए तड़प रही थी।

रोहन ने मुझे उठाया और स्लैब पर पटक दिया। मेरी चौड़ी गांड हवा में थी, और चूत गीली होकर लंड माँग रही थी। “भाभी, तेरी गांड चोदूँगा, चूत फाड़ूँगा,” उसने कहा, और मेरी चूत पर लंड रगड़ा। मैं चीखी, “चोदो! मेरी चूत में लंड पेलो, फाड़ दो!” उसका मोटा लंड मेरी चूत में घुसा, और एक ज़ोरदार धक्के से पूरा अंदर चला गया। “आह्ह! रोहन, चोदो ज़ोर से, मेरी चूत फट रही है!” मैं चिल्लाई। उसने मेरे चूचे पकड़े और धक्के मारने लगा। “तेरी चूत चोदकर भोसड़ा बना दूँगा, रंडी की तरह चिल्ला!” उसका लंड मेरी चूत को फाड़ रहा था, और मेरे निप्पल सख्त होकर दर्द कर रहे थे।

रोहन ने मुझे पलटा, और मेरी चौड़ी गांड उसके सामने थी। “अब तेरी गांड फाड़ूँगा,” उसने कहा, और मेरी गांड पर थूक लगाया। उसका लंड मेरी गांड के छेद पर रगड़ा, और एक धक्के में अंदर पेल दिया। “आह्ह! रोहन, मेरी गांड फट गई, चोदो ज़ोर से!” मैं चीख रही थी। उसने मेरे बाल खींचे और बोला, “चिल्ला रंडी, तेरी गांड चोदकर ढीली कर दूँगा!” उसका लंड मेरी गांड में अंदर-बाहर हो रहा था, और मैं दर्द और मज़े में सिसक रही थी। “रोहन, मेरे चूचे चूसो, चूत में उंगली डालो!” मैंने चिल्लाया। उसने मेरे निप्पल चूसे, और उंगलियाँ मेरी चूत में नचाईं।

रसोई में चुदाई की आग लगी थी—मेरी सिसकारियाँ, रोहन की गरज, और लंड की थप-थप। “भाभी, तेरी चूत और गांड चोदकर मज़ा आ रहा है,” उसने कहा। मैं चीखी, “मुझे रंडी बना दो, चोदो, चूसो, फाड़ दो!” उसने मुझे घोड़ी बनाया, और उसका लंड मेरी चूत में फिर घुसा। “तेरी चूत फाड़ूँगा, गांड भोसड़ा बना दूँगा,” वो गरज रहा था। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था, और मैं चिल्लाई, “रोहन, मेरा पानी निकाल दो, चोदो ज़ोर से!” उसने धक्के तेज़ किए, और उसका गरम माल मेरी चूत में छूट गया। “आह्ह! रोहन, मस्त चुदाई!” मैं चीखी, और मेरा पानी भी बह निकला।

हम दोनों स्लैब पर ढेर हो गए। मेरी चूत और गांड जल रही थीं, चूचे लाल थे, और होंठ सूख गए थे। रोहन ने मेरे निप्पल चूमे और कहा, “भाभी, तेरी गांड और चूत चोदकर मज़ा आ गया। फिर चोदूँगा।” मैंने सिसकते हुए कहा, “रोहन, मुझे रंडी बनाकर चोदते रहो, मस्त लगता है।” हम हँसे, और रसोई की आग शांत हुई।