हॉट हिंदी सेक्स स्टोरी: मैं अपने दामाद से प्रेग्नेंट हो गई हूँ

मेरा नाम ममता है। मैं 42 साल की हूँ और अपनी बेटी के ससुराल में रहती हूँ। मेरी बेटी, रीना, 22 साल की है, और मेरा दामाद, विशाल, 28 साल का है। मेरा शरीर अभी भी बहुत आकर्षक है—मेरे चूचे बड़े और गोल हैं, मेरी कमर पतली और लचकदार है, मेरी गांड रसीली है, और मेरी चूत हमेशा कामवासना से भरी रहती है। मेरा पति पिछले कई सालों से मुझे सुख नहीं दे पाया, और मेरी चूत में एक आग सी जल रही थी। मेरा दामाद, विशाल, मुझे बहुत हैंडसम और ताकतवर लगता था। उसकी बॉडी, उसकी हँसी, और उसकी आँखों की चमक मुझे पागल कर देती थी। मैंने कई बार सोचा कि उससे चोदाई करना कैसा होगा, लेकिन मौका नहीं मिला। एक दिन मैं उसे हमारे गाँव के तालाब पर ले गई, और वहाँ उसने मुझे चोदा, जिसके बाद मैं प्रेग्नेंट हो गई।

एक दिन मेरी बेटी रीना अपनी सहेली की शादी में दो दिन के लिए बाहर गई। घर में मैं और विशाल अकेले थे। मैंने सोचा कि ये वही मौका है जहाँ मैं अपनी कामवासना की आग बुझा सकती हूँ। मैंने विशाल से कहा, “विशाल, हम तालाब पर चलें क्या? वहाँ बहुत शांति है, और हम थोड़ा वक्त साथ बिता सकते हैं।” विशाल ने हँसकर हाँ कह दिया। हम दोपहर में तालाब पर पहुँच गए। मैंने एक पतली सफेद साड़ी पहनी थी, जो मेरे चूचों और गांड को साफ दिखा रही थी। साड़ी इतनी पतली थी कि मेरे चूचों के निप्पल और मेरी चूत की शेप साफ नजर आ रही थी। मुझे पता था कि ये विशाल को पागल कर देगा।

तालाब के किनारे हम एक पेड़ के नीचे बैठ गए। हवा में एक रोमांटिक माहौल था, और मेरी चूत सिहर रही थी। “ममता माँ, आप बहुत सुंदर लग रही हो,” विशाल ने हिंदी में कहा। मेरी चूत गीली हो गई, और मैंने शरमाते हुए कहा, “विशाल, ऐसी बात मत करो, मैं तुम्हारी सास हूँ।” लेकिन मेरे मन में कामवासना की आग भड़क रही थी। मैं उसके और करीब गई और उसके बगल में बैठ गई। “विशाल, मैं कई दिनों से सुख की भूखी हूँ,” मैंने फुसफुसाते हुए हिंदी में कहा। उसकी आँखों में कामवासना की चमक दिखी, और उसने मेरी कमर पर हाथ रख दिया।

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“माँ, मैंने भी आपको देखकर कई बार कामुक महसूस किया है,” उसने हिंदी में कहा, और मेरे होंठों पर एक चुंबन दे दिया। उसके होंठ मेरे होंठों को चूस रहे थे, और मेरे शरीर में आग लग गई। मैंने उसे गले लगाया और उसकी छाती पर सिर रख दिया। “विशाल, मुझे तुम्हारे साथ चाहिए,” मैंने सिसकारी भरते हुए हिंदी में कहा। हम तालाब के किनारे एक छोटे से कमरे में गए, जो गाँव के लोग आराम करने के लिए इस्तेमाल करते थे। विशाल ने दरवाजा बंद किया, और मैंने अपनी साड़ी उतार दी। मेरा नंगा शरीर उसके सामने था। मेरे चूचे गोल और भरे हुए, मेरी चूत गीली, और मेरी गांड रसीली थी।

“ममता माँ, आपका शरीर बहुत सेक्सी है,” उसने सिसकारी भरते हुए हिंदी में कहा, और मेरे चूचों को हाथ में लेकर हल्के से दबाया। “आह… विशाल, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है,” मैंने सिसकारी भरते हुए हिंदी में कहा। उसने मेरे चूचों को मुँह में लिया और चूसने लगा। उसकी जीभ मेरे निप्पल पर नाच रही थी, और मैं कामवासना से काँपने लगी। “विशाल, और चूसो, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है,” मैंने सिसकारी भरते हुए हिंदी में कहा। उसने मेरी टाँगों के बीच सिर रखा और मेरी चूत पर जीभ रख दी।

“माँ, आपकी चूत बहुत मीठी है,” उसने सिसकारी भरते हुए हिंदी में कहा, और मेरी चूत को चाटने लगा। उसकी जीभ मेरी चूत के अंदर-बाहर हो रही थी, और मेरा रस उसके मुँह में आ रहा था। “आह… विशाल, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है,” मैंने सिसकारी भरते हुए हिंदी में कहा। मेरी चूत झड़ गई, और मेरा शरीर काँपने लगा। “विशाल, अब मेरी चूत में अपना लंड डाल दो,” मैंने सिसकारी भरते हुए हिंदी में अनुरोध किया।

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उसने अपनी पैंट उतारी, और उसका लंड मेरे सामने था—लंबा, मोटा, और सख्त। “माँ, मेरा लंड लो,” उसने हिंदी में कहा। मैं नीचे बैठी और उसका लंड मुँह में ले लिया। मैंने धीरे-धीरे चूसना शुरू किया, और उसका लंड मेरे मुँह में अंदर-बाहर होने लगा। “ममता माँ, आप बहुत अच्छा चूसती हो,” उसने सिसकारी भरते हुए हिंदी में कहा। मैंने उसके लंड के टोपे पर जीभ नचाई, और उसका शरीर काँपने लगा। मैंने उसके लंड को जड़ से लेकर टोपे तक चाटा, और वो सिसकारियाँ भरने लगा।

“माँ, अब मैं आपकी चूत में अपना लंड डालूँगा,” उसने हिंदी में कहा। उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरी टाँगें फैला दीं। उसने अपना लंड मेरी चूत के मुँह पर रगड़ा, और मैं सिहर उठी। “विशाल, अंदर डाल दो, मैं और सहन नहीं कर सकती,” मैंने सिसकारी भरते हुए हिंदी में कहा। उसने अपना लंड मेरी चूत में धीरे-धीरे डाला, और मैं सिसकारी भरने लगी। मेरी चूत उसके लंड से भर गई, और मैं सुख से सिसकारियाँ भरने लगी।

“आह… विशाल, बहुत मज़ा आ रहा है,” मैंने सिसकारी भरते हुए हिंदी में कहा। उसने धीरे-धीरे चोदना शुरू किया, और मेरे चूचे उसके हर धक्के के साथ हिलने लगे। मेरी गांड बिस्तर पर रगड़ने लगी, और मेरी चूत उसके लंड के हर धक्के से काँपने लगी। “माँ, आपकी चूत बहुत गर्म है,” उसने सिसकारी भरते हुए हिंदी में कहा, और उसने रफ्तार बढ़ा दी। “विशाल, और जोर से चोदो, मुझे पागल कर दो,” मैंने चीखते हुए कहा। उसका लंड मेरी चूत की गहराई में जा रहा था, और मुझे जन्नत में पहुँचने का एहसास हो रहा था।

कुछ देर बाद उसने मुझे उल्टा किया, और मेरी गांड उसके सामने थी—रसीली और गोल। उसने मेरी गांड पर हल्का सा थप्पड़ मारा, और मैं सिहर उठी। “आह… विशाल, ये क्या कर रहे हो?” मैंने सिसकारी भरते हुए हिंदी में कहा। “माँ, आपकी गांड बहुत सेक्सी है,” उसने हिंदी में कहा, और फिर से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया। उसने पीछे से जोर-जोर से चोदना शुरू किया, और मेरी गांड उसके हर धक्के के साथ हिलने लगी। मैं सिसकारियाँ भरने लगी, और मेरी चूत फिर से झड़ गई।

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हमने सारी दोपहर और शाम तक चोदाई की। कभी उसने मुझे बिस्तर पर लिटाकर चोदा, तो कभी मुझे खड़ा करके। मेरी चूत बार-बार झड़ रही थी, और उसका लंड हर बार मेरी चूत में नया सुख दे रहा था। “विशाल, मैं झड़ने वाली हूँ,” मैंने सिसकारी भरते हुए हिंदी में कहा। “माँ, मैं भी झड़ने वाला हूँ,” उसने सिसकारी भरते हुए कहा। उसने और जोर से चोदा, और उसका लंड मेरी चूत में झड़ गया। मेरी चूत भी झड़ गई, और मेरा रस बिस्तर पर टपकने लगा। हम दोनों हाँफते हुए बिस्तर पर लेट गए।

“ममता माँ, आपने मुझे बहुत सुख दिया,” उसने हँसते हुए हिंदी में कहा। “विशाल, तुमने मुझे जन्नत दिखा दी,” मैंने सिसकारी भरते हुए हिंदी में कहा। हमने एक-दूसरे को गले लगाया, और सारी रात हमने कई बार चोदाई की। हर बार उसने मुझे नए तरीके से चोदा, और मैं हर बार सुख की चरम सीमा पर पहुँच गई।

कुछ हफ्तों बाद मुझे पता चला कि मैं प्रेग्नेंट हूँ। मैं बहुत खुश हुई, क्योंकि मुझे पता था कि ये विशाल का बच्चा है। मैंने और विशाल ने तय किया कि हम इसे सीक्रेट रखेंगे, और मेरे पति को कहेंगे कि ये उसका बच्चा है। लेकिन मुझे पता था कि तालाब के किनारे विशाल ने मुझे जो सुख दिया, वो मैं कभी नहीं भूलूँगी। वो मेरी जिंदगी का सबसे कामुक दिन था, और मैं हमेशा उस दिन को याद करके कामवासना से भर जाती हूँ।