मैं, प्रिया, 23 साल की एक जवान और सेक्सी लड़की, मुंबई के एक कॉलेज में पढ़ती थी। मेरा गोरा रंग, लंबे काले बाल, टाइट चूचे, और कसी हुई कमर कॉलेज के लड़कों को पागल कर देती थी। मेरा बॉयफ्रेंड, रोहन, 25 साल का एक हैंडसम और मज़बूत लड़का था, जिसके साथ मैं पिछले एक साल से रिलेशनशिप में थी। उसकी गहरी आवाज़ और मस्कुलर शरीर मुझे हमेशा उत्तेजित करता था। लेकिन मुझे क्या पता था कि ये प्यार का नाटक करने वाला कमीना मेरी चूत को अपने दोस्तों के हवाले कर देगा। ये कहानी उस रात की है, जब रोहन ने मेरी वासना को एक नया और जंगली मोड़ दिया।
उस रात रोहन ने मुझे अपने फ्लैट पर बुलाया। उसने कहा कि वो मेरे साथ कुछ खास समय बिताना चाहता है। मैंने एक टाइट लाल ड्रेस पहनी, जो मेरी क्लीवेज और जांघों को उभार रही थी। जब मैं उसके फ्लैट पर पहुंची, तो वहां पहले से ही उसके दो दोस्त, विक्की और अजय, बैठे थे। दोनों ही मज़बूत और आकर्षक थे, लेकिन उनकी नजरों में एक अजीब सी भूख थी। “प्रिया, आज हम सब मिलकर मस्ती करेंगे,” रोहन ने शरारती अंदाज में कहा। मैंने हंसते हुए पूछा, “कैसी मस्ती, रोहन?” उसने मेरी कमर पकड़ ली और फुसफुसाया, “तेरी चूत की मस्ती, बेबी।”
मैं थोड़ा चौंकी, लेकिन उसकी बात सुनकर मेरी चूत में सनसनाहट होने लगी। रोहन ने मुझे अपनी गोद में खींच लिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। हमारा चुम्बन इतना गहरा और जुनूनी था कि मैं सब कुछ भूल गई। उसकी जीभ मेरी जीभ से उलझी, और मेरे हाथ उसकी छाती पर चले गए। विक्की और अजय हमें देख रहे थे, और उनकी सांसें भारी हो रही थीं। “रोहन, ये क्या हो रहा है?” मैंने धीरे से पूछा। उसने हंसते हुए कहा, “प्रिया, आज तुझे तीन-तीन लंड का मज़ा दूंगा।”
मैं हैरान थी, लेकिन मेरी चूत की गर्मी ने मुझे रोकने नहीं दिया। रोहन ने मेरी ड्रेस को एक झटके में उतार दिया। मेरी काली ब्रा और पैंटी में मेरी गोरी देह चमक रही थी। उसने मेरी ब्रा खींचकर फेंक दी, और मेरे चूचे उसके सामने थे। उसने मेरे निप्पल को अपने मुंह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा। “आह… रोहन, मेरी चूत को छू,” मैं सिसकते हुए बोली। तभी विक्की और अजय भी पास आए। विक्की ने मेरी पैंटी उतारी, और मेरी चिकनी, गीली चूत उनके सामने थी।
विक्की ने अपनी उंगलियां मेरी चूत पर फिसलानी शुरू कीं, और मेरा रस उसके हाथों पर चिपक गया। “प्रिया, तेरी चूत तो पहले से ही टपक रही है,” उसने कहा और अपनी जीभ मेरी चूत के दाने पर रख दी। मैं चीख पड़ी, “आह… चाट ले मेरी चूत को!” उसकी जीभ मेरी चूत की गहराइयों में थी, और मेरा शरीर कांप रहा था। उसी वक्त अजय ने अपना लंड मेरे मुंह के सामने लाकर रख दिया। “चूस इसे, प्रिया,” उसने कहा। मैंने उसका मोटा लंड अपने मुंह में लिया और चूसने लगी।
रोहन ने मुझे सोफे पर लिटाया और मेरी टांगें फैलाकर अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा। “तेरी चूत मेरे लंड की दीवानी है,” उसने कहा और एक जोरदार धक्का मारा। उसका लंड मेरी चूत में गहराई तक उतर गया। “आह… रोहन, तेरा लंड मेरी चूत को फाड़ रहा है!” मैं चीखी। वो मुझे जोर-जोर से चोदने लगा, और विक्की मेरे चूचों को दबा रहा था। अजय का लंड मेरे मुंह में था, और मैं उसे गहराई तक चूस रही थी। कमरे में सिर्फ हमारी सिसकारियां और चुदाई की आवाजें गूंज रही थीं।
रोहन ने मुझे पलटकर डॉगी स्टाइल में लिटाया। उसने मेरी गांड पर चपत मारी और बोला, “तेरी गांड भी चोदूंगा, प्रिया।” मैंने सिसकते हुए कहा, “चोद दे, रोहन… मेरी गांड तेरी है।” उसने अपनी उंगलियां मेरी चूत के रस से गीली कीं और मेरी टाइट गांड में डालीं। मैं सिसकारी, लेकिन अपनी गांड को और पीछे धकेला। तभी विक्की ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया, और अजय मेरे मुंह में अपना लंड ठूंस रहा था।
विक्की की रफ्तार इतनी तेज थी कि मेरी चूत उसके लंड को निगल रही थी। “प्रिया, तेरी चूत तो जन्नत है,” उसने कराहते हुए कहा। रोहन ने अब अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया। “आह… रोहन, मेरी गांड फट जाएगी!” मैं चीखी, लेकिन उस दर्द में सुख था। तीनों लंड मेरे शरीर में एक साथ थे—विक्की मेरी चूत में, रोहन मेरी गांड में, और अजय मेरे मुंह में। मैं चुदाई की उस आग में पूरी तरह जल रही थी।
उनकी रफ्तार बढ़ती गई। मेरी चूत और गांड दोनों रगड़ खा रही थीं। “प्रिया, तू असली रंडी है,” रोहन ने सिसकते हुए कहा। मैंने अपनी चूत को और सिकोड़ा और बोली, “हां, रोहन… मुझे अपनी रंडी बना ले!” अजय ने मेरे मुंह में अपना रस छोड़ दिया, और मैंने उसे निगल लिया। विक्की ने मेरी चूत में और रोहन ने मेरी गांड में अपने रस छोड़े। मैं भी उसी पल झड़ गई, और मेरी चूत का रस सोफे पर बहने लगा।
हम चारों हांफते हुए सोफे पर गिर पड़े। मेरी देह पसीने और रस से चिपचिपी थी। रोहन ने मेरी कमर पर हाथ फेरा और बोला, “प्रिया, तूने आज तीन-तीन लंड का मज़ा लिया।” मैंने गुस्से से उसकी तरफ देखा और बोली, “कमीने, तूने मुझे अपने दोस्तों से चुदवाया!” लेकिन मेरे शरीर में अभी भी वो सुख की लहर थी। विक्की और अजय हंसते हुए बोले, “प्रिया, तू जब चाहे हमारे पास आ जाना।”
उस रात के बाद, रोहन का कमीनेपन मुझे साफ दिख गया। लेकिन उस चुदाई ने मेरे अंदर की वासना को और भड़का दिया। रोहन अब भी मेरा बॉयफ्रेंड था, लेकिन उसकी हरकतें मुझे बार-बार उसके दोस्तों के बिस्तर पर ले जाती थीं। एक बार तो रोहन ने मुझे एक पार्टी में बुलाया, जहां उसके चार दोस्तों ने मिलकर मेरी चूत और गांड की प्यास बुझाई। उनकी चुदाई की आवाजें पूरी रात गूंजती रहीं।
मेरी चूत अब रोहन और उसके दोस्तों की गुलाम बन चुकी थी। हर बार जब मैं रोहन के फ्लैट पर जाती, वो अपने किसी ना किसी दोस्त को बुला लेता। मेरी चूत और गांड उनकी चुदाई से रगड़ खा चुकी थी, लेकिन मुझे उस जुनून में मज़ा आने लगा था। रोहन का कमीनेपन मुझे हैरान करता था, लेकिन उसकी वजह से मेरी वासना की आग और भड़क रही थी।
एक रात, जब मैं रोहन के फ्लैट पर थी, उसने फिर से विक्की और अजय को बुलाया। “प्रिया, आज तुझे फिर से जन्नत दिखाएंगे,” उसने कहा। मैंने उसकी आंखों में देखा और बोली, “रोहन, तू कमीना है, लेकिन तेरे लंड और तेरे दोस्तों ने मेरी चूत को दीवाना बना दिया।” उस रात फिर से मेरी चूत और गांड की चुदाई हुई, और मैं उस आग में पूरी तरह जल उठी।
रोहन का ये कमीनेपन अब मेरे लिए एक नशा बन चुका था। उसकी हर हरकत मुझे और गहरे जुनून में धकेल रही थी। मेरी चूत और गांड अब उसके और उसके दोस्तों के लंड की आदी हो चुकी थी। हर रात, जब मैं बिस्तर पर लेटती, उनकी चुदाई की यादें मेरे शरीर को फिर से गीला कर देती थीं।
अगली सुबह, जब मैं कॉलेज जा रही थी, रोहन ने मुझे मैसेज किया, “आज रात फिर आना, प्रिया। एक नया दोस्त तुझे चोदना चाहता है।” मैंने गुस्से में उसका मैसेज पढ़ा, लेकिन मेरी चूत में फिर से वही सनसनाहट होने लगी। मैं जानती थी कि मैं फिर से उस कमीने के जाल में फंस जाऊंगी।