Jija Saali Najayaj riste ki sex story : जी हाँ दोस्तों ये सच है, जीजा जी के पास आई हूँ दिल्ली चुदवा कर माँ बनूँगी पति न कहा है ऐसा करने और उन्होंने मुझे भेजा है चुदने के लिए जीजा जी से। आज मैं भी आपको अपनी कहानी मेरी सेक्स कहानी डॉट कॉम पर सुनाने जा रही हूँ। ये मेरी पहली कहानी है, क्यों की पहली बार ऐसा हुआ है की पति के अलावा किसी और से चुद रही हूँ।
ये सब कैसे हुआ और मुझे कैसा लगा। और कैसे चोदा मुझे मेरे जीजा ने वो सभी बातों आपको सच सच और हुवहु सुनाने जा रही है। आशा करती हूँ मेरी ये असली सेक्स कहानी पसंद आएगी।
मेरा नाम ज्योति है और मैं अठाईस साल की हूँ। मेरी शादी के आठ साल हो गए पर अभी तक मैं माँ नहीं बन पाई हूँ। और अब आशा करती हूँ जल्द ही मेरी गोद में मेरा बच्चा जो की पति का नहीं होकर मेरे जीजाजी का होगा। ऐसा लाखों में ही एक पति होता होगा जो अपनी बीवी को किसी और से चुदने को बोलता होगा। मैं भी उसमे से एक हूँ।
असल में मेरा पति एक ही भाई है। मेरे सास ससुर काफी बूढ़े हैं। घर में कोई बच्चा नहीं होने की वजह से वो दोनों काफी ज्यादा उदास रहते हैं। और अपार धन दौलत है। मेरे सास ससुर इसी चिंता में दिन रात रहते है और ये मेरे पति को अच्छा नहीं लगता है। हम दोनों काफी इलाज कराये हैं पर कुछ नहीं हुआ क्यों की कमी मेरे पति में ही। पति का शुक्राणु निल है इसलिए मैं माँ नहीं बन पा रही हूँ।
तो और कोई उपाय नहीं था शिवाय किसी और के वीर्य के द्वारा मैं माँ बनूँ। एक दिन मेरे पति ने ही मुझे सुझाया की अगर हम दोनों माँ बाप का सुख लेना चाहते हैं तो एक ही आदमी ये सुख दे सकता है। तुम्हारे जीजा की और मेरे साढ़ू जी। मुझे भी लगा ये तो हो सकता है। क्यों की मैं पहले से ही अपने जीजा जी को चाहती थी। यहाँ तक की शादी के पहले एक दो बार मैं उनसे चुद भी चुकी हूँ। वो भी मुझे बहुत प्यार करते है। ये बात मेरे पति को भी पता है।
तो मेरे पति ने ही कहा देख अभी तेरे जीजा जी नोएडा में रहते है और और तुम्हारी बहन एक साल के लिए बंगलोर गयी है ट्रेनिंग के लिए। तो वो अकेले है तुम इसका फायदा उठा सकती हो। पर ऐसे कोई कैसे चला जाये तो हम दोनों ने एक बहाना बनाया की एक साल का कोचिंग लेना चाह रही हूँ। और इसके लिए नॉएडा में रहना होगा. पति ने वहां के एक नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन करवा दिया। और फिर हम दोनों ने जीजाजी के यहाँ जाकर उनको बोले की एक साल का कोर्स है। और मुझे एक फ्लैट किराये पर दिलवाने के लिए। उस दिन शनिवार था तो दीदी आई हुई थी दो दिन के लिए।
जैसे ही हमदोनो ने किराये के फ्लैट के लिए बोले तो तुरंत ही वो दोनों बोल दिए फ्लैट की क्या जरुरत है ज्योति को दिक्कत नहीं हो तो यही रह जाये। दीदी बोली की ज्योति तुम यही क्यों नहीं रह जाती हो ऐसे भी मैं अभी बंगलोर में हूँ और तुम्हारे जीजा जी को भी खाना पीना में काफी दिक्कत हो रहा है। बाहर का खाना खाते हैं तो उनका तबियत भी ठीक नहीं रहता है इसलिए तुम बेहिचक रह सकती हो।
मन ही मन हम दोनों ही खुश हो गए यही तो चाहते थे। तीसरे दिन दीदी और मेरे पति अपने घर को निकल पड़े और रह गए मैं और जीजा जी।
ओह्ह्ह्हह मैं दिन भर ख्वाब में थी। की आज रात चुदाई होगी और मुझे ये भी लग रहा था की दिन में आज फिर से हम दोनों एक दूसरे को चुम सकते है पर जीजा जी ऐसा नहीं किया। उन्होंने अपने काम में ही लगे रहे कंप्यूटर पर। मैं कई बार उनके इर्द गिर्द गयी फिर भी मुझे ऐसा नहीं लगा।
मुझे लगा की मैं कैसे इजहार करु. दिन बीत गया शाम हो गयी। शाम को जीजा बोले की आज हम आपके हाथों से खाना खाना चाहते है तो मैं उनके लिए स्वादिष्ट भोजन बनाई और हम दोनों मिलकर खाये। खाना खाकर जीजा जी बाथरूम गए और वही पर गिर गए और उनके कमर में मोच हल्का सा आ गया।
मैं पकड़ कर लाई और उनको बेड पर लिटाई। मैं अपने कपडे चेंज कर के आई। मैं अंदर ब्रा नहीं पहनी मेरी बड़ी बड़ी चुच्यां साफ़ साफ़ दिख रही थी मेरी निप्पल भी ऊपर से ही दिखाई दे रहा था। मैं बाल खोल ली और फिर मूव लगाने के लिए जीजा के पास गयी वो भी अपने कपडे उतार दिए और मूव लगवाने लगे।
मेरी नरम नरम हथेली उनके बदन पर पड़ा तो उनका लंड खुद ही खुद बड़ा होने लगा। शायद वो मेरी जिस्म को देखकर कामुक होने लगे थे। मैं भी उनको रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जैसे ही उनका लंड बड़ा होने लगा वो अपनी लंड को छुपाने लगे। मैं समझ गयी तो मुस्कुरा कर बोली उसका कोई दोष नहीं है उसको क्यों छुपा रहेहो। वो हसने लगे।
मैं बोली की जिसको जो चाहिए उसे वो मिलना चाहिए। वो जीजाजी बोले ये तो आपके दीदी का है। तो मैं बोली फिर वो मुझे देखकर क्यों खड़ा हो रहा है। तो जीजाजी बोले बड़े बड़े ऋषि मुनि तो अपने आप को रोक ही नहीं पाए अप्सराओं को देखकर तो मैं कौंन सी खेत की मूली हूँ। और उसपर भी आज आप हॉट सेक्सी लग रही हो।
तो मैं बोली जीजाजी आपकी बहुत याद आती थी। तो वो बोले आपकी भी बहुत ही ज्यादा याद आती थी और है और आप याद आती रहेंगे। और उन्होंने मुझे अपनी तरफ खींच लिया। और मुझे बाहों में भर लिए। मेरी बड़ी बड़ी चूचियां उनके छाती पर लोटने लगी। मेरे गुलाबी होठ तुरंत ही उनके होठ पर पहुंच गए।
उनके हाथ तुरंत ही मेरी बालों को चीरने लगे उँगलियाँ बाहों को सहलाने लगे। ओह्ह्ह्हह्ह मैं पागल होने लगी मेरी साँसे तेज चलने लगी। उनका दर्द ही गायब हो गया। और हम दोनों एक दूसरे के जिस्म को सहलाने लगाई।
उन्हों मेरी नाईट ड्रेस को ऊपर से खोल दिया। मेरी बड़ी बड़ी टाइट गोल गोल चूचियों को देखकर उन्होंने वाओ ओह्ह्ह्हह बोला और फिर मेरी चूचियों को दबाएच्ने लगे और मेरी निप्पल को तुरंत ही मुँह में लेकर चूसने लगे।
मैं पागल होने लगी मैं सुधबुद खो बैठी और मेरी मुँह से सिसकारियां निकलने लगी। मैं उनके लंड को पकड़ कर हिलाते हुए मुंह में ले ली। और फिर चूसने लगी। वो आआ आह आआह आआह करने लगे। उन्होंने फिर मुझे निचे लिटा दिया पहले होठ से चूमना शुरू किये फिर मेरी गर्दन फिर मेरी दोनों चूचियों को फिर मेरी बगल को चाटा मेरी दोनों हाथों को ऊपर करके।
फिर वो मेरी नाभि में अपना जीभ घुमाने लगे। पीर निचे पहुंच मेरी चूत को निहारने लगे मेरी पैरों को अलग अलग किया और बिच में बैठकर अपनी ऊँगली मेरी चूत में घुसा दिए फिर बाहर निकाला तो उनकी ऊँगली गीली हो गयी थी मेरी चूत की पानी से। उन्होंने अपने मुँह में ऊँगली डाली और चाटने लगे फिर बार बार वो मेरी चूत में ऊँगली डालते और बाहर निकाल कर चाटते।
फिर उनसे रहा नहीं गया और अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटने लगे जैसे की कुत्ते को दही मिल जाये। ओह्ह्ह्हह मैं पानी पानी हो गयी थी। मैं बार बार अंगड़ाईयाँ ले रही थी। मेरी साँसे तेज तेज चलने लगी। जिस्म आराम हो गया था। चूत से पानी निकलने लगा होठ सुख रहे थे बार बार मैं जीभ फिरा पर होठ को गीला करती।
उसके बाद जीजा ने अपना मोटा लंड मेरी चूत पर लगाया और फिर जोर से पेल दिया पूरा लंड मेरी चूत में समा गया। अब वो मेरी दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखकर जोर जोर से धक्के देने लगे। जोर जोर से लंड को चूत में घुसाने लगे। मेरी चूचियों को मसलते हुए जोर जोर से चोदने लगे।
मैं गांड उठा उठा पर उनके लंड को अपनी चूत में लेने लगी कभी गांड गोल गोल घुमाती तो कभी निचे से हौले हौले से धक्के देती। हम दोनों ही पागल हो गए कामुक हो गए। जोर जोर से चुदाई होने लगी। कमरे में सिर्फ आह आह ओह्ह्ह ओह्ह की आवाज आने लगी।
उन्होंने मुझे कुतिया बनाकर पीछे से चोदना शुरू किया जोर जोर से धक्के देने लगे मेरी चूचियां आगे पीछे होने लगी। ओह्ह्ह्ह फिर मैं उनके ऊपर चढ़ गयी और फिर लंड को चूत में ले लि और फिर जोर जोर से उछल उछल कर चुदवाने लगी।
फिर मैं तुरंत ही लेट गयी क्यों की मुझे पता था जीजा जी अब झड़ने वाले थे और मुझे उनका वीर्य अपनी चूत के अंदर लेना जरुरी थी तभी मैं माँ बन पाती। जीजा जी जोर जोर से धक्के देते हुए अपना पूरा माल मेरी चूत के अंदर डाल दिया और हम दोनों ऐसे ही सो गए। .
उस रात को उन्होंने मुझे दो बार चोदा फिर क्या था दोस्तों तीन महीने से चुदवा रही हूँ बीवी की तरह रहती हूँ और पीछे महीने में मेरा माहवारी आने वाला था अभी तक नहीं आया इसका मतलब ये भी है की मैं माँ बनने वाली हूँ अपने पति को जल्द ही खुशखबरी सुनाऊँगी।