ससुर जी के लंड की दीवानी हो गई हूँ मैं

Sasur Bahu Sex Story – हाय दोस्तों, मेरा नाम रिया है। उम्र 27 साल, गोरा रंग, मोटी चूचियाँ जो मेरी साड़ी में ठूंसी हुई रहती थीं, और एक गोल, रसीली गांड जो मेरे ससुर जी, रामलाल, की नजरों का शिकार बन गई थी। मेरी शादी को तीन साल हो चुके थे। मेरा पति, अजय, 32 साल का था—प्यारा, मेहनती, लेकिन बिस्तर पर उसका लंड कमजोर था। उसकी चुदाई से मेरी चूत की प्यास कभी पूरी नहीं होती थी, और मैं अकेलेपन में तड़प रही थी। ससुर जी 55 साल के थे—लंबे, तगड़े, और एक ऐसा मोटा, काला लंड जो मेरे जिस्म को देखते ही सख्त हो जाता था। उनकी बीवी, यानी मेरी सास, कई साल पहले गुजर चुकी थीं। शुरू में मैं उनकी नजरों को नजरअंदाज करती थी, लेकिन एक दिन उनकी मर्दानगी ने मुझे उनके लंड का दीवाना बना दिया। ये मेरी कहानी है, जो आपको गर्म रखेगी।

उस दिन सुबह का वक्त था। गाँव का हमारा बड़ा घर शांत था। अजय खेतों में गया था, और मैं घर में अकेली थी। गर्मी की वजह से मैंने एक पतली हरी साड़ी पहनी थी, जो मेरे जिस्म से चिपक रही थी। मेरा ब्लाउज पसीने से भीगा था, और मेरी चूचियाँ साफ उभर रही थीं। मेरे निप्पल बाहर झाँक रहे थे, और मेरी गोरी जांघें साड़ी से बार-बार नजर आ रही थीं। मैं किचन में चाय बना रही थी, जब ससुर जी अंदर आए। उन्होंने कुर्ता-पायजामा पहना था, और उनकी मजबूत कलाइयाँ मुझे हमेशा ललचाती थीं। “रिया, चाय बन रही है क्या?” उनकी आवाज भारी थी। मैंने मुस्कुराकर कहा, “हाँ, ससुर जी। अभी लाती हूँ।” लेकिन उनकी नजर मेरी चूचियों पर टिकी थी। वो मेरे पास आए और मेरी कमर पर हाथ रख दिया। “उफ्फ… ससुर जी… ये क्या कर रहे हैं…” मैं सिहर उठी।

उनकी साँसें मेरे गले पर गर्म लहरें छोड़ रही थीं। “रिया, तू बहुत मस्त है। अजय का लंड तो बेकार है, तेरी चूत की प्यास मैं बुझाऊंगा,” उन्होंने मेरे कान में फुसफुसाया। मैं डर गई, “ससुर जी… ये गलत है… उफ्फ…” लेकिन उनका हाथ मेरी चूचियों पर सरक गया, और मेरे ब्लाउज के ऊपर से उन्हें दबाने लगा। “आह्ह्ह… ससुर जी… मत करो…” मैं सिसकार उठी। लेकिन सच कहूँ, उनकी छुअन से मेरी चूत में गीलापन छा गया। उन्होंने मेरा पल्लू नीचे खींचा और मेरा ब्लाउज फाड़ दिया। मेरी गोरी, मोटी चूचियाँ उनके सामने थीं—निप्पल सख्त और गुलाबी। “उफ्फ… रिया… तेरी चूचियाँ कितनी मस्त हैं… आह्ह्ह…” उन्होंने मेरी एक चूची को मुँह में भर लिया और चूसने लगे। “आह्ह्ह… ससुर जी… धीरे चूसो… मेरी चूचियाँ दुख रही हैं… ओहhh…” मैं सिसकार रही थी। उनकी जीभ मेरे निप्पल पर घूम रही थी, और मेरी चूत में आग लग रही थी।

उन्होंने मेरी साड़ी पूरी उतार दी। मेरा नंगा बदन उनके सामने था—मेरी गोरी जांघें, मेरी गहरी नाभि, और मेरी चूत उनके सामने नंगी थी। “रिया, तेरा जिस्म मेरे लंड को बुला रहा है,” उन्होंने कहा और मुझे किचन के स्लैब पर बिठा दिया। उन्होंने मेरी टाँगें चौड़ी कीं। मेरी चूत उनके सामने थी—चिकनी, गोरी, और गीली। “ससुर जी… ये क्या करने जा रहे हैं… उफ्फ…” मैं डर रही थी। लेकिन उन्होंने मेरी चूत पर अपनी जीभ फिराई और चाटना शुरू कर दिया। “आह्ह्ह… ससुर जी… क्या कर रहे हैं… मेरी चूत में आग लग रही है… ओहhh…” मैं सिसकार रही थी। उनकी जीभ मेरी चूत के होंठों को चूस रही थी, और मैं पागल हो रही थी। “उफ्फ… ससुर जी… चाट लो… मेरी चूत को चूस डालो… आह्ह्ह…” मैं चिल्ला रही थी। उन्होंने मेरी चूत में अपनी उंगलियाँ डाल दीं, और मैं दर्द से कराह उठी, “उफ्फ… ससुर जी… धीरे… मेरी चूत फट रही है… आह्ह्ह…” मेरी चूत से रस टपक रहा था।

उन्होंने अपना पायजामा नीचा किया, और उनका मोटा, काला लंड बाहर आ गया—लंबा, सख्त, और नसों से भरा हुआ। मैं उसे देखकर डर गई। “ससुर जी… ये बहुत बड़ा है… मेरी चूत फट जाएगी… उफ्फ…” मैं काँप रही थी। लेकिन वो मेरे पास आए और बोले, “रिया, मेरे लंड की दीवानी बन जा। अजय का लंड बेकार है।” उन्होंने मेरा मुँह पकड़ा और अपना लंड मेरे होंठों पर रगड़ा। “चूस इसे, रिया। मेरे लिए तैयार हो जा,” उन्होंने कहा। मैंने डरते-डरते उनका लंड मुँह में लिया। “उम्म… ससुर जी… कितना मोटा है… उफ्फ…” मैं चूस रही थी, और उनका लंड मेरे गले तक जा रहा था। वो मेरे बाल पकड़कर मेरे मुँह को चोदने लगे, “चूस, रिया… मेरे लंड को गीला कर… आह्ह्ह…”

फिर उन्होंने मुझे स्लैब से उतारा और बिस्तर पर लिटा दिया। मेरी टाँगें चौड़ी कीं, और मेरी चूत उनके सामने थी। “रिया, अब तुझे मेरे लंड की सैर कराऊंगा,” उन्होंने कहा। “ससुर जी… धीरे करना… उफ्फ…” मैंने कहा। उन्होंने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा और एक जोरदार झटका मारा। “आह्ह्ह्ह… मर गई… ससुर जी… निकाल दो… मेरी चूत फट गई… उफ्फ…” मैं दर्द से चीख पड़ी। उनका लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर तक घुस गया था। वो जोर-जोर से धक्के मारने लगे, और “थप-थप-थप” की आवाज कमरे में गूँज उठी। “रिया, तेरा पति लंड खड़ा नहीं कर सकता, मेरा लंड तेरी चूत को संतुष्ट करेगा,” वो गंदी बात करते हुए मेरी चूचियाँ मसल रहे थे। मैं कराह रही थी, “आह्ह्ह… ससुर जी… धीरे… मेरी चूत जल रही है… ओहhh…”

धीरे-धीरे दर्द मज़े में बदल गया। मैंने उनकी कमर पकड़ ली और चिल्लाई, “चोद दो… अपनी बहू की चूत को फाड़ दो… आह्ह्ह…” वो मेरी चूत को जमकर चोद रहे थे। फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया। मेरी गांड उनके सामने थी, और उन्होंने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा। “रिया, तेरी गांड भी चोदूँगा। मेरा लंड तेरा पूरा मज़ा लेगा,” उन्होंने कहा। उन्होंने मेरी गांड पर थूक लगाया और अपना लंड उसकी दरार में रगड़ा। “ससुर जी… गांड मत मारो… उफ्फ… फट जाएगी…” मैं डर गई। लेकिन उन्होंने मेरी कमर पकड़ी और अपना लंड मेरी गांड में सरकाना शुरू किया। “आह्ह्ह्ह… मादरचोद… मर गई… निकाल दो… ओहhh…” मैं दर्द से चिल्ला रही थी। उनका लंड मेरी गांड को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया। वो मेरी गांड को चोदने लगे, और मेरी सिसकारियाँ तेज हो गईं, “उफ्फ… ससुर जी… धीरे… मेरी गांड फट रही है… आह्ह्ह…” धीरे-धीरे मज़ा आने लगा, और मैं चिल्लाई, “चोद दो… मेरी गांड को भी फाड़ दो… ओहhh…”

दिन ढलने लगा था। उन्होंने मुझे फिर से लिटाया और मेरी चूत में लंड पेल दिया। “रिया, तू मेरे लंड की दीवानी बन गई है,” वो गुर्रा रहे थे। मैं चिल्ला रही थी, “आह्ह्ह… ससुर जी… चोदो… आपका लंड मुझे पागल कर रहा है… उफ्फ…” उनका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था, और मेरी चूचियाँ हर धक्के के साथ उछल रही थीं। वो मेरी चूचियों को चूस रहे थे, और उनकी उंगलियाँ मेरी गांड में घुस रही थीं। “उफ्फ… ससुर जी… मेरे दोनों छेद भर दो… आह्ह्ह…” मैं सिसकार रही थी। उन्होंने मुझे जमकर चोदा। आखिर में उनका रस मेरी चूत में छूट गया। “आह्ह्ह… रिया… ले मेरा रस…” वो चिल्लाए। मैं भी झड़ गई, और हमारा रस बिस्तर पर फैल गया।

मैं थककर लेट गई। मेरी चूत और गांड सूज गई थीं। “ससुर जी, आपका लंड मुझे दीवाना बना गया,” मैं हाँफते हुए बोली। वो हँसे, “रिया, अजय का लंड बेकार है। मेरा लंड अब तेरा है।” उस दिन के बाद मैं ससुर जी के लंड की दीवानी हो गई। जब भी अजय बाहर जाता, ससुर जी मेरी चूत और गांड चोदते। दोस्तों, मेरी ये हॉट कहानी आपको कैसी लगी?